Day: July 28, 2022

  • पश्चिम बंगाल में मंत्री का 51 करोड़ का घोटाला आया सामने

    पश्चिम बंगाल में मंत्री का 51 करोड़ का घोटाला आया सामने

    पश्चिम बंगाल में मंत्री का घोटाला

    पश्चिम बंगाल में मंत्री का घोटाला, 23 जुलाई को  पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने अर्पिता मुखर्जी के आवासीय परिसर से 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद करने के एक दिन बाद यह कदम उठाया था और टीएमसी नेता से पूछताछ की थी जो अब राज्य में उद्योग, वाणिज्य और उद्यम मंत्री हैं।

     

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को स्कूल भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के एक अन्य फ्लैट पर फिर से छापेमारी की और 20 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी बरामद की। तीन किलो सोने की छड़ें। नकदी के अलावा, अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान कुछ “महत्वपूर्ण” दस्तावेज भी बरामद किए।

     

    जांच एजेंसी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती अनियमितता घोटाले के सिलसिले में चटर्जी और उनके सहयोगी के खिलाफ कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। इससे पहले, उन्होंने मुखर्जी के आवास से 21 करोड़ रुपये नकद और कुछ ‘कोडित’ डायरी बरामद की थी।

     

    पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला क्या है?

    पश्चिम बंगाल सरकार ने 2014 में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) आयोजित की और सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक अधिसूचना जारी की। भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी।

     

    हालांकि, भर्ती प्रक्रिया में संदिग्ध विसंगतियों को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गईं। तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी 2014 से 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री थे, उस समय के आसपास घोटाला भी हुआ था।

     

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    आरोप

    कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बहुत कम अंक लाने वाले छात्रों को मेरिट सूची में उच्च स्थान दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जो छात्र मेरिट सूची में नहीं थे, उन्हें भी नियुक्ति पत्र प्राप्त हुए।

    इसके अलावा 2016 में, पश्चिम बंगाल सरकार ने एसएससी को सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 13,000 ग्रुप-डी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए कहा था। यह आरोप लगाया गया था कि 2019 में कम से कम 25 लोगों को काम पर रखा गया था, जब नियुक्तियां करने वाले पैनल की समय सीमा पहले ही समाप्त हो चुकी थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि एसएससी पैनल की अवधि समाप्त होने के बाद 500 से अधिक लोगों को नियुक्त किया गया था और अब वे राज्य सरकार के वेतनभोगी कर्मचारी हैं।

     

    कलकत्ता उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप

    न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। इसके बाद जांच एजेंसी ने जांच शुरू की और करीब 269 कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार दिया। आरोप था कि इन लोगों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) तक क्वालिफाई नहीं किया था।ईडी घोटाले में मनी ट्रेल पर नज़र रख रही है, जबकि सीबीआई आपराधिक कोण से जांच कर रही है।

     

    सीबीआई के आरोप

    केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वर्ष 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा की चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई ताकि योग्य उम्मीदवारों को वंचित किया जा सके. इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और नौ अन्य के घरों में एक साथ छापे मारे।कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित सीबीआई, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह-सी और डी कर्मचारियों के साथ-साथ शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है। ईडी घोटाले में मनी ट्रेल पर नजर रख रही है।

     

    पार्थ चैटर्जी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस का इससे कोई लेना देना नही हैं।मुखर्जी के बारे में कहा, “इस महिला का तृणमूल कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है।“ मुखर्जी को बंगाली फिल्मों में अभिनय करने के लिए भी जाना जाता है।अब टीएमसी में पार्थ को उनके पद से हटाने के लिए कई आवाजें उठ रही हैं।पार्ट महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने गिरफ्तार पार्थ को तुरंत पार्टी से निलंबित करने की मांग की हैं।

  • रणवीर सिंह का न्यूड फोटोशूट वायरल, भावनाएँ हुई आहत

    रणवीर सिंह का न्यूड फोटोशूट वायरल, भावनाएँ हुई आहत

    रणवीर सिंह का न्यूड फोटोशूट

    भारत के जाने माने अभिनेता रणवीर सिंह आजकल सुर्खियों में है। इस बार वह किसी रास लीला या स्पेशल ड्रेसिंग सेंस की वजह से नजरों में नहीं आए बल्कि एक प्रिंट न्यूड फोटोशूट की वजह से छा गए है, अब चर्चा का विषय ये बना हुआ है कि कुछ लोग इसको बोल्ड मानकर इसका समर्थन कर रहे हैं और कुछ लोग इसकी भारी मात्रा में आलोचना कर रहे हैं क्योंकि ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालना सीधे रूप से महिलाओं की भावना को आहत करता है। वैसे तो इस तरह की फोटोशूट बॉलीवुड सितारों के लिए आम बात है लेकिन रणवीर सिंह की मुश्किलें अब और बढ़ती दिखाई देती है।

    क्या थी एफआईआर दर्ज कराने के पीछे की वजह?

    दरअसल मुंबई शहर के चेंबूर थाने में इसके खिलाफ़ एक रिकॉर्ड पर कंप्लेंट दर्ज कराई गई है यह अर्ज़ी सोमवार को सुबह मुंबई पुलिस के पास यह कहकर आयी कि इस तरह की तस्वीरें सही नहीं है और सोशल मीडिया पर ये भारी रूप से नेगेटिव इम्पैक्ट बनाती है और महिलाओं की भावनाएँ आहत करती है तो इसे हटाने के लिए और अभिनेता को दंड देने के लिए एक आधिकारिक एफआइआर कराई जाए , यह कम्प्लेंट भारतीय जनता पार्टी के जाने माने नेता अखिलेश चौबे ने दर्ज करवाई है।

    आखिर क्या थी स्पेशल प्रिंट शूट के पीछे की वजह?

    आपको बता दे कि दरअसल ये फोटो शूट 70 के दशक के पॉप आइकन बर्ट रेनॉल्ड्स को एक श्रद्धांजलि था क्योंकि 1972 के स्पेशल कॉस्मोपोलिटन एडिशन के लिए उन्होंने भी कुछ ऐसा ही प्रिंट न्यूड फोटोशूट करवाया था और इसका मकसद किसी की भावनाएँ आहत करना बिलकुल भी नहीं था।

    क्या भारी सजा की चपेट में आ सकते है रणवीर सिंह ?

    इस कंप्लेंट के चलते रणवीर सिंह पर तीन आईपीसी की धारा 292, 293 और 509 दर्ज कराई गई है और इस के साथ रणवीर पर आईटी की धारा 67(A) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दे के इन सभी मामलों के तहत रणवीर को कम से कम 7 साल तक की कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है और इनमे से 67(A) की धारा के तहत उन्हें जमानत भी प्राप्त होने का  नहीं है‌।

    मीडिया पर इन तस्वीरों के साथ साथ अभिनेता को खूब ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इसी के साथ साथ उनकी पत्नी दीपिका पादुकोण का कहना है की इस शूट में कुछ भी गलत नहीं है और ना था और वे इस पूरे प्रक्रिया के दौरान रणवीर के साथ थी फैन्स का भी यही मानना है की ये बहुत बोल्ड कदम है पर सोशल मीडिया और ऐसी विभिन्न कंप्लेंट्स इस फोटो शूट कैम्पेन को एक अलग ही मोड़ दे देती है।