Day: November 23, 2022

  • चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर संवैधानिक आंबेडकर ने क्या कहा था कैसा साबित होगा अनुच्छेद 324 ?

    चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर संवैधानिक आंबेडकर ने क्या कहा था कैसा साबित होगा अनुच्छेद 324 ?

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान को अंगीकार हुए 72 साल हो गए लेकिन चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कोई कानून नहीं है जबकि संविधान में इसका उल्लेख है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के बारे में संविधान सभा चाहती थी कि संसद कानून बनाए। जो भी पार्टी सत्ता में आती है वह हमेशा सत्ता में बने रहना चाहती है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम लोकतांत्रिक राजनीति में हैं। लोकतंत्र में चुनाव के जरिये समयबद्ध रूप से सरकारों को बदलने की जरूरत होती है। इसलिए पवित्रता और पारदर्शिता इससे विस्तारपूर्वक जुड़ी हुई है और यह संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।

    पीठ के अध्यक्ष जस्टिस केएम जोसफ ने कहा, यदि यह संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है तो कोर्ट के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह इसका विश्लेषण करे।  उन्होंने कहा, संविधान सभा में बहस के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर ने कहा था कि अनुच्छेद 324 भावी पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होगा। उन्होंने स्थिति को पहले देख लिया था और दुर्भाग्य से हम इस कोर्ट में वही देख रहे हैं। सरकारें ईसी और सीईसी को इतना संक्षिप्त कार्यकाल देती हैं नो इसकी बोली लगा रहे हों। हमें इस या उस राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है।

    अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने क्या कहा?

    यह रिसाव लोगों के मौलिक अधिकार तक पहुंच रहा है। इस पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा, यदि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और लोगों के मौलिक अधिकार के बीच संबंध स्पष्ट रूप से दिखाया जाता है तब कोर्ट निश्चित रूप से दखल दे सकती है लेकिन यदि यह संबंध स्पष्ट नहीं है और इतना गंभीर नहीं है तो कोर्ट के दखल की आवश्यकता नहीं है।

    केंद्र सरकार ने सीईसी और ईसी की नियुक्ति के लिए कोर्ट में कड़ा विरोध क्यों करा?

    17 नवंबर को केंद्र सरकार ने सीईसी और ईसी की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी किसी भी व्यवस्था का कोर्ट में कड़ा विरोध किया था क्योंकि सरकार ने कहा था कि ऐसा कोई भी प्रयास संविधान संशोधन करने जैसा होगा।

    अनुच्छेद 19 की तरह अन्य मौलिक अधिकारों का होगा कत्ल?

    पीठ ने अटॉर्नी जनरल के इस तर्क को माना कि यहां कोई खालीपन नहीं है और कहा कि कोर्ट ने वोट के अधिकार को मौलिक अधिकार नहीं माना है लेकिन यह अनुच्छेद 19 के तहत अन्य मौलिक अधिकारों से जुड़ा हुआ है।

    ईसी-सीईसी को मिली बड़ी जिम्मेदारी शेषन जैसे अधिकारियों की जरूरत ।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा, संविधान ने मुख्य चुनाव आयुक्त व दो चुनाव आयुक्तों के कमजोर कंधों पर बड़ी शक्ति दी है और वह दिवंगत टीएन शेषन जैसे व्यक्तित्व का मुख्य चुनाव आयुक्त चाहता है।

    टेंडर्स) की जांच किस तरीके से की गई है प्रक्रिया में कयो नहीं  नहीं करेंगी दस्तंदाज़ी, अदालतें?

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, यदि  (टेंडर्स) की जांच सही तरीके से की गई है तो आमतौर पर अदालतें टेंडर्स प्रक्रिया में दस्तंदाज़ी नहीं करेंगी। यह टिप्पणी करते हुए शीर्ष अदालत ने रियल एस्टेट और निर्माण फर्म शापूरजी पलोंजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की अंतरिम याचिका खारिज कर दी।

    जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने निगम की दलीलों पर ध्यान देते हुए क्या कहा?

    जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने निगम की दलीलों पर ध्यान दिया कि सीवेज संयंत्र स्थापित करने के लिए दिए गए टेंडर में कोई कमी नहीं है और कंपनी के लगाए गए दुर्भावनापूर्ण के आरोप में सच्चाई नहीं थी। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि बोलियों की जांच प्रामाणिक तरीके से की गई थी। रियल एस्टेट कंपनी ने मुंबई में अपशिष्ट जल उपचार सुविधाओं की स्थापना के लिए दूसरे फर्म को टेंडर देने के खिलाफ याचिका दायर की थी। कंपनी ने आरोप लगाया था कि नगर निकाय ने जिस फर्म को टेंडर दिया, वह कई मामलों में अयोग्य थी।

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  • उत्तराखंड सरकार का 33 करोड़ का वेब पोर्टल थाईलैंड की कंपनी ने किया था तैयार नाम दिया सफेद हाथी।

    आइए जानते हैं विस्तार से।

    उत्तराखंड सरकार का करीब 33.50 करोड़ की लागत से बना वेब पोर्टल ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ (डीएसएस) दो साल से सफेद हाथी साबित हो रहा है। आपदा की स्थिति में यह वेब पोर्टल बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। दो साल पहले तैयार हो चुका यह पोर्टल अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है।

    इस पोर्टल के संचालन के लिए अभी तक अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रेनिंग ही नहीं हो पाई है। वर्ष 2019 में आपदा  प्रबंधन विभाग  ने विश्व बैंक की सहायता से यह वेब पोर्टल विकसित किया था। इस वेब पोर्टल पर हर वह जानकारी मौजूद है जो आपदा प्रबंधन के समय तुरंत कार्रवाई के लिए काम आ सकती है। इसका इस्तेमाल केवल आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन और लाइन विभागों से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी ही कर सकते हैं। यह तभी संभव है, जब इसे चलाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी गई हो।

    क्या है एआईटी ?

    (एआईटी) एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी । यही है थाईलैंड की कंपनी जिसने  वेब पोर्टल को तैयार किया था।

    उत्तराखंड सरकार को वेब पोर्टल कौनसे साल में हैंडओवर की थी और कंपनी ने किसकी ट्रेनिंग नहीं दी ?

    वर्ष 2019 में वेब पोर्टल उत्तराखंड सरकार को हैंडओवर करने के बाद कंपनी ने इसके संचालन की ट्रेनिंग 2019 से नहीं दी।

    2022 में किन मुश्किलों के बाद ट्रेनिंग शुरू हुई ?

    कई बार के पत्राचार के बाद अब जाकर मार्च 2022 में ट्रेनिंग शुरू हो पाई। प्रदेश में 15 लाइन विभागों के सैकड़ों अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जानी है और इस काम में केवल सात ट्रेनरों को लगाया गया है। एक-एक ट्रेनर को दो-दो जिले बांटे गए हैं। अभी भी यह कहना मुश्किल है ट्रेनिंग का ही काम कब तक पूरा हो पाएगा।

     क्या प्रोसेस है वेब पोर्टल का? और ये कैसे काम करता है?

    वेब पोर्टल कुछ इस तरह से काम करता है यह पोर्टल आपदा की स्थिति में निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाने के साथ ही एक जगह पर बैठकर उसके प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है। इसमें स्कूल, कॉलेज, थाने, चौकियां, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अस्पताल, एंबुलेंस, हेलीपैड, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हर उस चीज की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध रहती है जो आपदा प्रबंधन में काम आ सकती है। किसी भी जिले में बैठा अधिकारी अपने लैपटॉप की सहायता से एक जगह पर बैठकर पूरे प्रबंधन को कंट्रोल कर सकता है।

    किस वजह से पिछड़ता गया वेब पोर्टल का काम?

    वेब पोर्टल तैयार होने के बाद ट्रेनिंग के लिए कुछ लोगों को रखा गया था। इसके बाद कोविड शुरू हो गया। तब पहली प्राथमिकता कोविड से निपटना था। तब से यह काम लगातार पिछड़ता चला गया लेकिन अब ट्रेनिंग शुरू हो गई है। बहुत जल्दी वेब पोर्टल को शुरू कर दिया जाएगा।

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  • मसाज देने के मामले में नया मोड़, मालिश करने वाला निकला रेप का आरोपित अफसर बोले- वो फीजियोथेरेपिस्ट नहीं

    मसाज देने के मामले में नया मोड़, मालिश करने वाला निकला रेप का आरोपित अफसर बोले- वो फीजियोथेरेपिस्ट नहीं

    दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन, दिल्ली के तिहाड़ जेल में सजा काट रहे। जैन की मसाज करने वाला कैदी रिंकू है। वह एक रेप केस में आरोपी है। वह फिजियोथेरेपिस्ट नहीं है।उस पर POCSO अधिनियम की धारा 6 और IPC की धारा 376,506 और 509 का आरोप है। जेल से मसाज के वीडियो सामने आरहा है, वहीं आप (AAP) और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भाजपा ने सवाल उठाया था। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि जैन की तबीयत खराब है

    केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद किया गया था। वहीं अब मसाज देने के मामले में नया खुलासा हुआ है। सत्येंद्र जैन को मसाज देने वाला पर भाजपा ने दावा किया है कि वह एक मसाज और चंपी देने वाला शख्स असल में रेपिस्ट था।

    भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ट्वीट कर आप पर हमला

    वहीं, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने यह खबर सामने आने के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि अच्छा तो ये फीजियोथेरेपिस्ट नहीं बल्कि रेपिस्ट था। शॉकिंग। ट्वीट किया। सत्येंद्र जैन को मसाज देने वाला रेपिस्ट था। इस पर केजरीवाल को जरूर जवाब देना चाहिए कि आप ने इसका बचाव क्यों किया,उन्होंने सत्येंद्र जैन का बचाव और क्यों की फीजियोथेरेपिस्ट की बेइज्जती। उन्होंने तिहाड़ को थाईलैंड में सही मायने में बदल दिया है। भ्रष्टाचार चिकित्सा का बचाव करना बंद करें, और सत्येंद्र जैन को अब बर्खास्त करो।

    शहजाद पूनावाला ने सत्येंद्र जैन का तीन दिन पहले ही कुछ वीडियो शेयर किए थे, जिनमें वे ममसाज करवाते दिखाई दे रहे थे।

    आप पर हमला कांग्रेस का

    वहीं, मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा कहते हैं कि सिसोदिया ने दावा किया है कि सत्येंद्र जैन बीमार हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि ये पूरी पार्टी ही बीमार है। ये खुलासा हुआ है कि जेल के मसाज का वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें मसाज करने वाला कैदी जिस पर अपनी बेटी का रेप करने का भी आरोपी है. पार्टी ही एकदम सड़ी हुई है. आज हम पूछना चाहते हैं कि कहा हैं अन्ना हज़ारे, जिसने पूरी दुनिया को स्वच्छ राजनीति करने वाले लोगों का असली चहरा देख रही है।

    वहीं, उसके बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी ट्वीट पर लिखते हुए आदमी पार्टी पर हमला बोला है। जिसमें ये कहा है कि बच्चियों के बलात्कारियों से जेल में बंद अपने नेताओं की मालिश करवाओगे, फिर बड़ी बेशर्मी से उनके बचाव में तुम उतर आओगे। डूब मरो केजरीवाल,अलका लांबा ने लिखते हुए कहा है।

    ईडी ने 30 मई को जैन को किया था गिरफ्तार

    आपको बता दें कि सत्येंद्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद 30 मई को सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। इससे पहले, 2002 के तहत अप्रैल महीने में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम में प्रवर्तन निदेशालय के अधिनियम, मैं जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं। जिसमें इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थीं।

    जैन पर कई आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था। और उन्होंने 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से भी सफेद किया था। उसके अलावा जैन के पास इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे।

    2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर रिपोर्ट्स के अनुसार, अपनी पत्नी के नाम कर दिए गए थे। जिसके बाद जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामला सामने आने पर गिरफ्तारी करने के बाद कागजात दिखाकर जैन से सवाल पूछे तो उन्होंने कहा की कोरोना के कारण याददाश्त चले जाने का दावा कर दिया था।

    पूरा विवाद किस बात पर

    अब जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन का कुछ दिन पहले एक वीडियो वायरल हो गया था. सत्येंद्र जैन वायरल हुए CCTV वीडियो में अपनी सेल में मसाज कराते दिखाई दे रहे थे. वे आराम से एक बिस्तर पर लेटे हुए हैं, और एक शख्स उनके हाथों और पैरों में मसाज दे रहा है. वे कोई दस्तावेज देख रहे हैं वीडियो में साफ दिख रहा था

    उसके बाद बीजेपी ने सीएम अरविंद केजरीवाल तक का इस्तीफा मांगा है क्योंकि वीडियो के वायरल होने के बाद इसे बड़ा मुद्दा बीजेपी ने बनाया है। मसाज करने वाला आरोपी दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, 2021 में गिरफ्तार हुआ था. उसका ट्रायल चल रहा है.आरोपी पर उसी की नाबालिग बेटी ने रेप का आरोप लगाया था. आरोपी रिंकू जेल में है. वह मजदूरी करता था.

    ये मामला कोर्ट तक पहुंचा

    आम आदमी पार्टी का कहना है कि इन आरोपों पर सिर्फ इतना कहना है कि अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने की साजिश हो रही है.क्योंकि बीजेपी के पास दिखाने के लिए कोई काम नहीं है, और कुछ नहीं है, एमसीडी चुनाव के दौरान इसलिए इस प्रकार के वीडियो शेयर किए जा रहे हैं. कोर्ट में भी अभी के लिए ये मामला पहुंच चुका है.सत्येंद्र जैन के वकील सवाल कर रहे हैं कि आखिर कार सीसीटीवी फुटेज लीक कैसे और क्यूँ हो गया? वहीं ईडी ने साफ कहना है कि उनकी जांच होगी और बिना कोई भेदभाई के की जाती है.

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  • Elon Musk: एलोन मस्क ने ट्विटर ब्लू वेरिफिकेशन बैज को फिर से लॉन्च किया।

    Elon Musk: एलोन मस्क ने ट्विटर ब्लू वेरिफिकेशन बैज को फिर से लॉन्च किया।

    एलोन मस्क – ट्विटर ने अपनी हाल ही में घोषित $8 ब्लू चेक सब्सक्रिप्शन सेवा को रोक दिया था, क्योंकि नकली खाते तेजी से बढ़ रहे थे और कहा था कि ट्विटर की ब्लू चेक सब्सक्रिप्शन सेवा 29 नवंबर को फिर से शुरू की जाएगी।

     

    एलोन मस्क ने सोमवार को कहा कि –

    ट्विटर ‘अपनी ब्लू चेक सब्सक्रिप्शन सेवा को फिर से शुरू करने से रोक रहा है, प्लेटफॉर्म पर सेवा को वापस लाने के लिए उनकी प्रारंभिक अस्थायी समयरेखा को रोक दिया गया हैं।

     

    एलोन मस्क ने एक ट्वीट में कहा था, जब तक प्रतिरूपण रोकने का उच्च विश्वास नहीं हो जाता, तब तक ब्लू वेरिफाइड को फिर से लॉन्च करना बंद होगा।

     

    “शायद व्यक्तियों की तुलना में संगठनों के लिए अलग-अलग रंग की जांच का उपयोग करेंगे,” ऐसा एलोन मस्क ने बताया। जिसका साफ मतलब हैं कि अलग अलग रंग अलग अलग हस्तियों के लिए। ट्विटर ने अपनी हाल ही में घोषित $8 ब्लू चेक सब्सक्रिप्शन सेवा को रोक दिया था, क्योंकि नकली खाते तेजी से बढ़ रहे थे और कहा था कि ट्विटर की ब्लू चेक सब्सक्रिप्शन सेवा 29 नवंबर को फिर से शुरू की जाएगी।

     

    प्रतिष्ठित नीला चेक मार्क पहले राजनेताओं, प्रसिद्ध हस्तियों, पत्रकारों और अन्य सार्वजनिक हस्तियों के सत्यापित खातों के लिए आरक्षित था। लेकिन भुगतान करने के लिए तैयार किसी भी व्यक्ति के लिए खुला सब्सक्रिप्शन विकल्प ट्विटर को राजस्व बढ़ाने में मदद करने के लिए इस सप्ताह के शुरू में शुरू किया गया था क्योंकि मस्क विज्ञापनदाताओं को बनाए रखने के लिए लड़ता है।

     

    ट्विटर ने अपनी हाल ही में घोषित $8 ब्लू चेक सब्सक्रिप्शन सेवा को नकली खातों के रूप में रोक दिया था। मस्क द्वारा 44 बिलियन डॉलर के सौदे में सोशल मीडिया कंपनी को संभालने के एक हफ्ते बाद यह बदलाव आया है। ट्विटर ने शुक्रवार को अपनी हाल ही में घोषित $8 ब्लू चेक सब्सक्रिप्शन सेवा को नकली खातों के रूप में रोक दिया था। 44 अरब डॉलर के सौदे में मस्क द्वारा सोशल मीडिया कंपनी को संभालने के एक हफ्ते बाद यह बदलाव आया है।

     

    एलोन मस्क अब निलंबित खातों को बहाल करने के बारे में सोच विचार किया जाएगा।इस लिस्ट में डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी शामिल हैं।  इस तरह के हजारों खातों को निलंबित कर दिया गया था, जिसमें कॉमेडियन कैथी ग्रिफिन भी शामिल थे, जिनके मंच पर दो मिलियन अनुयायी थे।

     

    मस्क ने हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निलंबित खाते को बहाल करने के लिए एक सर्वेक्षण किया था। मोटे तौर पर 15 मिलियन लोगों ने ट्विटर पर मतदान किया, जिसने इस कदम का समर्थन करने वालों के लिए एक संकीर्ण जीत देखी। अब देखना होगा कि इस पूरी प्रक्रिया में कितना समय और जायेगा।