Day: November 24, 2022

  • कमल हासन कि बिगड़ी तबीयत के कारण, अस्पताल में होना पड़ा भर्ती ।

    कमल हासन कि बिगड़ी तबीयत के कारण, अस्पताल में होना पड़ा भर्ती ।

    साउथ और हिंदी जगत के जाने-माने एक्टर हासन अस्पताल में भर्ती हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो कमल हासन हैदराबाद से जब वापस लौट रहे थे तो उन्होंने बेचैनी की शिकायत की थी, जिसके बाद एक प्राइवेट अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया. कहा जा रहा है कि अब कमल हासन स्टेबल हैं और उनका इलाज चल रहा है. हॉस्पिटल से अबतक कोई जानकारी उनके हेल्थ पर नहीं मिल पाई है.।

    कमल हासन हुए अस्पताल में भर्ती।

    खबरें हैं कि हासन को बुखार था, जिसका उन्हें ट्रीटमेंट दिया गया. हालांकि, अब वह अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं. हाल ही में  हासन को लेजेंड्री डायरेक्टर के. विश्वनाथ संग देखा गया था. सोशल मीडिया पर दोनों की कई फोटोज भी वायरल हुई थीं. आजकल हासन रियलिटी शो ‘बिग बॉस तमिल सीजन 6’ को होस्ट करने में व्यस्त चल रहे हैं. पिछले छह महीनों से वह इसके लिए शूट कर रहे हैं. यह रियलिटी शो तमिल टीवी पर हिट साबित हो रहा है.

    एक्टर ने कब की बुखार की शिकायत?

    23 नवंबर को  हासन ने हल्का बुखार होने की शिकायत की थी. वह थोड़ी बेचैनी भी महसूस कर रहे थे. हैदराबाद से लौटने के बाद चेन्नई के एक प्राइवेट अस्पताल में हासन को भर्ती कराया गया. डॉक्टर्स ने उनका इलाज किया और उन्हें कुछ दिन घर पर ही आराम करने के लिए कहा है. रिपोर्ट्स हैं कि कमल हासन डिस्चार्ज हो गए हैं. हालांकि, उनकी या उनकी टीम की ओर से इसपर अबतक कोई बयान सामने नहीं आया है. ।

    किस वजह से कमल हासन कि तबीयत बिगड़ी?

    वर्कफ्रंट की बात करें तो कमल हासन डायरेक्टर शंकर की फिल्म ‘इंडियन 2’ की भी शूटिंग में बिजी चल रहे हैं. इसके साथ ही वह ‘बिग बॉस तमिल सीजन 6’ की भी शूटिंग कर रहे हैं. ऐसे में एक्टर को थोड़ा स्ट्रेस और थकावट हो गई. जब कमल हासन ‘इंडियन 2’ की शूटिंग कर लेंगे तो वह डायरेक्टर मणिरत्नम के साथ काम शुरू करेंगे. फिल्म का नाम है ‘केएच 234’. इसके अलावा कमल हासन के पास डायरेक्टर पा रंजीथ की भी एक फिल्म है, जिसपर अबतक कोई अपडेट नहीं आया है. फिल्म का टाइटल तक रिवील नहीं किया गया है.

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  • चमत्कार हुआ दो दिन बाद मलबे से जिंदा निकला छह साल का बच्चा, माता-पिता की मौत।

    चमत्कार हुआ दो दिन बाद मलबे से जिंदा निकला छह साल का बच्चा, माता-पिता की मौत।

    आइए जानते हैं चमत्कार विस्तार से।

    इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा प्रांत के सियांजुर में बीते सोमवार को आए 5.6 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक इस तबाही में अब तक 271 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने बताया कि भूकंप के बाद 151 लोग लापता हैं, जबकि 1083 घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    अधिकारियों ने बताया कि 300 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। लेकिन इन सबके बीच एक अच्छी खबर भी आई है कि बुधवार देर शाम मलबे से छह साल के बच्चे को जिंदा निकाल लिया गया। फिलहाल बच्चा अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज किया जा रहा है। बच्चा लगभग तीन दिनों तक मलबे में जिंदा रहा। बच्चे को जिंदा देखकर लोगों को हैरानी हुई आखिर बिना खाए-पिए तीन दिन तक कैसे जिंदा रहा।

    ये सच है कि यह एक चमत्कार ही है।

    हां ये सच ‌ही है‌‌ ये एक चमत्कार ही है  बच्चा लगभग तीन दिनों तक मलबे में जिंदा रहा। बच्चे को जिंदा देखकर लोगों को हैरानी हुई आखिर बिना खाए-पिए तीन दिन तक कैसे जिंदा रहा।

    बच्चे के परिवार में माता, पिता और दादी की मृत्यू हो गई।

    इंडोनेशिया की नेशनल एजेंसी फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट (बीएनपीबी) ने कहा कि बचावकर्ताओं ने सियानजुर रीजेंसी के कुगेनांग उप जिले के नागरक गांव में अज्का मौलाना मलिक नाम के बच्चे को बचाया गया। फुटेज में वह पल दिखाया गया जब एक बचाव दल ने उसे ढूंढ निकाला। एजेंसी ने कहा कि लड़का अपनी दादी के शव के बगल में मिला था। स्थानीय मीडिया ने बताया कि अज्का का अब सियांजुर अस्पताल में इलाज चल रहा है। एजेंसी ने कहा कि बचावकर्मियों ने पहले उसके माता-पिता के शव निकाले थे।

     किस कस्बे में सबसे ज्यादा तबाही?

    सबसे ज्यादा तबाही हुई है सियांजुर कस्बे में, जहां भूकंप के दौरान तीन मिनट तक इमारतें हिलती रहीं। सबसे ज्यादा मौतें भी यहीं हुई हैं। हालांकि, मौतों की सरकारी आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। सियांजुर सबसे ज्यादा प्रभावित इसलिए हुआ, क्योंकि वहां आबादी काफी घनी है। यहां भूस्खलन आम बात है। घर ज्यादा मजबूती से नहीं बने हैं।

    ‌इस भूकंप में कितने घर हुए बर्बाद?

    इस भूकंप में 56,320 घर हुए बर्बाद हुए हैं,जिनमें से एक तिहाई से अधिक बुरी तरह से बर्बाद हुए हैं। अन्य बर्बाद इमारतों में 31 स्कूल, 124 पूजा स्थल और तीन स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं। सुहरयांतो ने कहा कि एजेंसी ने विस्थापित लोगों के लिए सुविधाओं के साथ 14 शरणार्थी आश्रय स्थल बनाए हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ितों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने अस्थायी तंबुओं को छोड़कर इन मुख्य आश्रय स्थलों में चले जाएं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सुहरयांतो के अनुसार, बीएनपीबी ने खोज और बचाव कार्यों के लिए 6,000 से अधिक बचावकर्मियों को तैनात किया है।

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