News DiggyNews DiggyNews Diggy
Font ResizerAa
  • National
  • World
  • Politics
  • Election
  • Sports
  • Entertainment
  • Economy
  • Finance
  • Crime
  • Technology
  • Weather
  • Health
  • Event
Reading: लद्दाख के 52 सीमावर्ती गांवों को मिला आरक्षण का लाभ, एक ऐतिहासिक कदम
Share
Font ResizerAa
News DiggyNews Diggy
Search
  • National
  • World
  • Politics
  • Election
  • Sports
  • Entertainment
  • Economy
  • Finance
  • Crime
  • Technology
  • Weather
  • Health
  • Event
Follow US
News Diggy > Blog > National > लद्दाख के 52 सीमावर्ती गांवों को मिला आरक्षण का लाभ, एक ऐतिहासिक कदम
National

लद्दाख के 52 सीमावर्ती गांवों को मिला आरक्षण का लाभ, एक ऐतिहासिक कदम

newsdiggy
Last updated: July 1, 2025 2:46 pm
newsdiggy
Published July 1, 2025
Share
लद्दाख
SHARE

लद्दाख, 30 जून 2025: लद्दाख प्रशासन ने एक ऐतिहासिक फैसले में भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान की सीमा से सटे 52 गांवों को आरक्षित क्षेत्र (Reserved Area) घोषित कर दिया है। इस फैसले के तहत अब इन गांवों के निवासियों को सरकारी नौकरियों, शिक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं में आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह निर्णय लद्दाख आरक्षण (संशोधन) विनियमन, 2025 के तहत लिया गया है, जो इन सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

Contents
कौन-कौन से गांव शामिल हैं?इस फैसले की जरूरत क्यों पड़ी?फैसले की प्रक्रियाLAC और LOC के पास बसे गांवों की पहचान करना।ये भी पढ़े: Lithium in J&K: जम्मू-कश्मीर में 5.9 मिला मिलियन टन लिथियमसमिति ने इन सिफारिशों को स्वीकार करने की सलाह दी।29 जून 2025 को लद्दाख प्रशासन ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर इन 52 गांवों को आरक्षित क्षेत्र घोषित किया। इस फैसले से लद्दाख में क्या बदलाव आएंगे? इस निर्णय से लद्दाख के सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को कई लाभ मिलेंगे:

कौन-कौन से गांव शामिल हैं?

इस फैसले के तहत कुल 52 गांवों को शामिल किया गया है, जिनमें:

लेह जिला: 18 गांव, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं।

कारगिल जिला: 34 गांव, जो नियंत्रण रेखा (LOC) के पास भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे हैं। इन गांवों के निवासियों को अब विशेष दर्जा प्राप्त होगा, जिससे उन्हें मुख्यधारा के अवसरों तक पहुंच मिल सकेगी।

इस फैसले की जरूरत क्यों पड़ी?

लद्दाख के ये सीमावर्ती गांव बेहद दुर्गम और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बसे हैं। यहाँ के लोग निम्नलिखित समस्याओं का सामना करते हैं:

दुर्गम भूगोल: ऊँचे पहाड़, ठंडा मौसम और कठिन परिवहन व्यवस्था।

विकास से वंचित: बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी।

सुरक्षा चुनौतियाँ: LAC और LOC पर तनाव के कारण अक्सर जोखिम और नुकसान।

आर्थिक पिछड़ापन: रोजगार और शिक्षा के अवसरों की कमी।

इन सभी कारणों से इन गांवों को विशेष दर्जा देने की आवश्यकता थी ताकि यहाँ के लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके और उनके जीवन स्तर में सुधार हो।

फैसले की प्रक्रिया

इस ऐतिहासिक कदम की नींव तब पड़ी जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बंसी लाल भट्ट की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया। इस आयोग का कार्य था।

LAC और LOC के पास बसे गांवों की पहचान करना।

यह निर्धारित करना कि इन गांवों को आरक्षण का लाभ देना उचित है या नहीं। आयोग ने दिसंबर 2024 में अपनी अंतिम रिपोर्ट लद्दाख प्रशासन को सौंपी। इसके बाद प्रशासन ने एक आंतरिक समिति गठित की, जिसने आयोग की सिफारिशों की गहन जांच की।

ये भी पढ़े: Lithium in J&K: जम्मू-कश्मीर में 5.9 मिला मिलियन टन लिथियम

समिति ने इन सिफारिशों को स्वीकार करने की सलाह दी।

29 जून 2025 को लद्दाख प्रशासन ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर इन 52 गांवों को आरक्षित क्षेत्र घोषित किया।

इस फैसले से लद्दाख में क्या बदलाव आएंगे?

इस निर्णय से लद्दाख के सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को कई लाभ मिलेंगे:

सरकारी नौकरियाँ: इन गांवों के लोग अब सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे।

शिक्षा में अवसर: उच्च शिक्षा और छात्रवृत्तियों में प्राथमिकता मिलेगी।

विकास योजनाएँ: सरकारी योजनाओं के तहत इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।

पलायन पर रोक: बेहतर अवसरों के कारण लोग अपने गाँव छोड़कर नहीं जाएंगे, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या स्थिर रहेगी।

पहली बार क्यों अहम?

भारत को आजादी मिले 78 साल बीत चुके हैं, लेकिन इन सीमावर्ती गांवों को अब तक कोई विशेष आरक्षण या लाभ नहीं मिला था। ये गांव हमेशा भौगोलिक, सामाजिक और सुरक्षा चुनौतियों के कारण उपेक्षित रहे। पहली बार इन गांवों को आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है, जो इनके विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा कदम है।

निष्कर्ष

लद्दाख के 52 सीमावर्ती गांवों को आरक्षित क्षेत्र घोषित करना एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम है। यह न केवल इन गांवों के लोगों के लिए आर्थिक और सामाजिक अवसर लाएगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा। इस फैसले से इन दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है, और यह भारत के समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

You Might Also Like

कांवड़ यात्रा 2025 का अंतिम दिन: सेवा, श्रद्धा और बदलती परंपराएं

President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 26-30 दिसंबर तक हैदराबाद के दौरे पर।

Bharat Jodo Yatra- 7 सितंबर को शुरू हुआ वॉकथॉन जोर पकड़ता जा रहा है

CM उमर अब्दुल्ला: 13 जुलाई की दीवार, एक श्रद्धांजलि, एक टकराव और लोकतंत्र का आईना

ट्रांसपोर्ट फ्लीट को आधुनिक बनाएगी वायुसेना, सोवियत काल के AN-32 एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे यूरोपीय सी-295

TAGGED:india and pakistankargillacladakhlehlocलद्दाख
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp
Share
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

- Advertisement -
Ad imageAd image

Follow US

Find US on Social Medias
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
TelegramFollow
WhatsAppFollow
LinkedInFollow
TwitchFollow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!
- Advertisement -
Ad imageAd image
Popular News
शालीमार बाग़
National

शालीमार बाग़ के जैन मंदिर में टूटा प्रवेश द्वार: सीएम रेखा गुप्ता के हस्तक्षेप से हुआ समाधान

newsdiggy
newsdiggy
July 22, 2025
Shraddha Murder Case: आफताब ने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा के शरीर के किए 35 टुकड़े, दिल्ली में जगह-जगह टुकड़े फेंके
मसाज देने के मामले में नया मोड़, मालिश करने वाला निकला रेप का आरोपित अफसर बोले- वो फीजियोथेरेपिस्ट नहीं
Indian Islands: The New Tourist Attraction
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर संवैधानिक आंबेडकर ने क्या कहा था कैसा साबित होगा अनुच्छेद 324 ?
- Advertisement -
Ad imageAd image

You Might Also Like

World Hindi Day is celebrated annually worldwide to play a tribute to the richness of Hindi language and it’s global influence

January 11, 2024
असम
National

जंतर मंतर पर असम के बंगाली मुस्लिमों का विरोध प्रदर्शन: पहचान, अधिकार और इंसाफ की लड़ाई

August 5, 2025
वंदे भारत
National

वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन ‘जय श्री राम’ के नारों से परेशान सीएम ममता बनर्जी मंच से रहीं दूर

December 30, 2022
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे
National

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे हादसे में 5 की मौत

November 19, 2022

Categories

  • Sports
  • National
  • Politics
  • Entertainment
  • World
  • Crime
  • Finance
  • Technology
  • Event
  • Economy
News Diggy deliver breaking news, in-depth ground reports, unbiased public reviews, engaging viral content, and insightful podcasts.

Quick Links

  • Home
  • About
  • Contact
  • Career
  • Privacy Policy
  • Terms & Condition

Shows/Campaign

  • POV
  • Anchor for a day
  • Fellowship

Subscribe US

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!
© 2020 News Diggy All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?