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मानसून ने मचाई भारत के कई राज्यों में तबाही

मानसून ने मचाई भारत के कई राज्यों में तबाही

मानसून ने मचाई तबाही

मानसून हर किसी को पसंद होता हैं सबसे ज्यादा तो किसानों को क्योंकि इसी की वजह से बड़ी मेहनत के बाद उन्हे अच्छी फसल मिलती हैं। मानसून जब भी आता हैं तो अपने साथ कई सारी खुशियां लेकर आता हैं लेकिन भारत में जैसे ही मानसून दस्तक देता हैं। तो अपने साथ कई सारी आफत लेकर आता हैं जिसकी वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता हैं। आज हम उन्हीं आसमानी आफतों से आपको रूबरू करवाने वाले हैं।

 

असम से हुई शुरुआत

इस साल 2022 में मानसून ने मई में दस्तक दी। पिछले कई सालों की तरह इस बार भी असम में बारिश ने कोहराम  मचाया।जलस्तर बढ़ने की वजह से ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ आई जिसकी वजह से कई गांव इसकी चपेट में आए। लगभग 170 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई और कई लाख लोग बेघर भी हो गए। शुरुआत में सरकार की अनदेखी की वजह से आंकड़ों में इतनी बढ़ोतरी हुई। खैर काफी नुकसान होने के बाद प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया तो अब असम के हालात सामान्य हुए हैं।

 

कई अन्य राज्य हुए जून- जुलाई में प्रभावित

असम जब बाढ़ और आसमानी आफतों से लड़ रहा था इसी बीच भारत के दूसरे राज्यों से भी ऐसी ही खबरें सुनने को मिली। इस में महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,बिहार और गुजरात शामिल थे। चारों राज्यों को मिलाकर मारने वालों की संख्या सैकड़ों में पहुंची। बेघर होने वालों की गिनती भी लाखो में रिकार्ड हुई। पशु पक्षियों की तो इसमें गिनती ही नही हैं। गुजरात के सुरत में हालत अभी सामान्य नहीं हैं बाढ़ के कहर से सूरत के कई राज्य अभी भी जूझ रहे हैं।

 

अगस्त में हालात नही हैं सामान्य

अगस्त का महीना आधा बीत चुका हैं मानसून लगभग विदाई लेने ही वाला हैं लेकिन भारत के कई हिस्सों में हालात जस के तस ही हैं। मानसून अभी भी किसी भी रियायत के मूड में नहीं हैं। कल यानी 19 अगस्त को उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने से बढ़ जैसे हालात पैदा हुए। सड़को पर लबालब पानी भरने से गालियां नदियों के शकल लेती हुई नजर आई। टपकेश्वर महादेव,सारखेत,तेलपुरा समेत कई देहरादून के गांव इस बाढ़ से प्रभावित हुए। ऋषिकेश के ठाकुरपुर समेत कई गांव में जलभराव के समस्या उत्पन्न हुई। पुलिस और सीआरपीएफ के द्वारा राहत कार्य किए जाने की वजह से कोई जान माल का नुकसान अभी तक रिकॉर्ड नही हुआ हैं।

 

इसके बाद जम्मू कश्मीर के कतरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के अंदर भी पानी घुस गया जिसके बाद यात्रियों को ऊपर जाने से रोक दिया गया। पुलिस और सीआरपीएफ टीम को तैनात किया गया ।हालात सामान्य होने के बाद दोबारा से यात्रा की शुरुआत की गई। कल ही हिमाचल प्रदेश में भी बाढ़ का खौफनाक मंजर देखने को मिला।चक्की नदी में ऐसा सैलाब आया जिसकी वजह से कांगड़ा में बना रेलवे ब्रिज के एक हिस्सा ढह गया।

 

ये ब्रिज पंजाब और हिमाचल को जोड़ता हैं। इसी के बाद मंडी में भी बारिश और भू-शखलन की वजह से 2 लोगो की मौत हुई और लगभग 15 लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए टीमों को काम पर लगाया गया हैं। इसके बाद अगर बात की ओडिशा की तो इसके हालात से आप रूबरू होंगे ही। बाढ़ के कोहराम से अबतक 10 जिलों के लगभग 4.50 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

 

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने 21 अगस्त तक उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया हैं। इसमें प्रयागराज,वाराणसी,बिजनौर,रामपुर, लखनऊ,मुरादाबाद समेत कई बड़े शहर शामिल हैं। इससे साफ हैं की मानसून इस बार जल्दी विदाई लेने के मूड में नहीं हैं। मौसम विभाग के जारी किए अलर्ट के बाद अब प्रशासन को तगड़े चाक चौबंद कर लेने चाहिए। शायद इससे होने वाले जान माल के नुकसान में कुछ गिरावट आए।