दिल्ली में एक बार फिर Delhi Pollution Protest चर्चा में है। राजधानी की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है, और कई इलाकों में AQI 400+ दर्ज किया गया, जिसे “गंभीर” श्रेणी में रखा जाता है।
इस स्तर पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है और धुंध की मोटी परत पूरे शहर को ढक लेती है। डॉक्टरों और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी हवा बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
Delhi Pollution Protest क्यों शुरू हुआ?

बिगड़ती वायु गुणवत्ता से नाराज सैकड़ों नागरिक रविवार शाम इंडिया गेट के आसपास इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों ने मांग उठाई कि:
- निर्माण से उठने वाली धूल को रोका जाए
- वाहन उत्सर्जन पर सख्त कार्रवाई हो
- GRAP के नियम सख्ती से लागू किए जाएँ
Delhi Pollution Protest में युवाओं, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने कहा कि हवा अब “सामान्य जीवन के लिए भी खतरा” बन चुकी है।
प्रदर्शन में हिंसा – पेपर स्प्रे, अफरा-तफरी और गिरफ्तारी
स्थिति तब खराब हुई जब कुछ लोगों ने पुलिस बैरिकेड हटाने की कोशिश की। पुलिस ने रोकना चाहा, लेकिन भीड़ के एक समूह ने पुलिसकर्मियों पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल कर दिया।
- कई पुलिसकर्मी प्रभावित हुए
- पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 15+ लोगों को हिरासत में लिया
प्रशासन का कहना है कि स्थिति को जल्द नियंत्रित कर लिया गया और अब प्रदर्शन के दौरान सक्रिय लोगों की पहचान की जा रही है।
विवादित नारे, सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विरोध के दौरान “मदवी हिड़मा अमर रहे” जैसे नारे सुनाई दिए, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियाँ सचेत हो गईं।
चूंकि यह नारा नक्सल पृष्ठभूमि से जुड़ा है, पुलिस अब यह जांच कर रही है कि:
- ये लोग कौन थे
- उनका इरादा क्या था
- क्या वे भीड़ में घुसकर वातावरण भड़काने आए थे
दो थानों में FIR, राजधानी में सुरक्षा कड़ी
पेपर स्प्रे, बैरिकेड तोड़ने जैसी घटनाओं के बाद:
- दो थानों में FIR दर्ज
- इंडिया गेट और आसपास सुरक्षा बढ़ाई गई
- अतिरिक्त पुलिस बल तैनात
पुलिस का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
नागरिकों की पीड़ा – “हवा सांस लेने लायक नहीं”

Delhi Pollution Protest में शामिल नागरिकों ने कहा:
- बच्चे बाहर नहीं जा पा रहे
- बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत
- AQI हर साल बिगड़ रहा
- सरकारी कदम कागज़ों से आगे नहीं बढ़ रहे
लोगों ने कहा कि अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए वे सड़क पर उतरने को मजबूर हुए।
सरकारी प्रतिक्रिया – GRAP लागू, कड़ी निगरानी
सरकार ने कहा है कि GRAP के तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं:
- निर्माण पर रोक
- धूल नियंत्रण उपाय
- डीज़ल वाहनों पर सख्त निगरानी
- औद्योगिक उत्सर्जन पर एक्शन
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रदूषण स्तर इतना अधिक है कि बदलाव के परिणाम तुरंत नजर नहीं आ सकते।
विशेषज्ञों की राय – यह सिर्फ दिल्ली की नहीं, बहुआयामी समस्या

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार:
- पराली जलना
- वाहन प्रदूषण
- निर्माण धूल
- ठंडा मौसम
- हवा का रुकना
ये सभी मिलकर प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। समाधान तभी संभव है जब:
- कई राज्यों के बीच समन्वय बढ़े
- दीर्घकालिक वैज्ञानिक नीतियाँ लागू हों
- उपाय सिर्फ कागज़ पर नहीं, जमीन पर दिखें
निष्कर्ष
Delhi Pollution Protest का हिंसक होना चिंता का विषय जरूर है, लेकिन इससे भी बड़ा मुद्दा यह है कि हर साल दिल्ली इसी संकट से गुजरती है।
जब तक प्रदूषण नियंत्रण के कदम अधिक प्रभावी, व्यापक और लंबे समय तक लागू नहीं होंगे, तब तक हवा साफ होने की उम्मीद सिर्फ कागज़ों में ही रह जाएगी।


