निशांक राठौर
24 जुलाई रविवार को भोपाल के नर्मदापुरम इलाके के रेलवे ट्रैक पर एक 20 वर्षीय युवक की लाश मिलने से सनसनी फ़ैल गई। मध्यप्रदेश पुलिस की जांच के बाद पता चला की मृतक भोपाल के ओरियंटल कॉलेज के बीटेक पांचवे सेमेस्टर के छात्र निशांक राठौर हैं। लाश के पास से एक मोबाइल फोन और स्कूटी भी बरामद हुई। पुलिस को शक हैं की निशांक ने आत्महत्या करी हैं लेकिन अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला हैं जिसकी वजह से किसी भी नतीजे पर पहुंचा जा सके। निशांक राठौर के पिता का कहना हैं कि उनके बेटे के फोन से उन्हे कुछ मेसेज भेजे गए जिसकी वजह से उन्हे लगता हैं निशांक की हत्या हुई हैं।
मौत से पहले आखिर हुआ क्या?
निशांक राठौर भोपाल के ओरियंटल कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई कर रहा था जिसके लिए वो हॉस्टल में रहता था लेकिन कुछ दिनों पहले ही उसने हॉस्टल छोड़ दिया था और अब वो वर्तमान में अपने दोस्तो के साथ फ्लैट पर रह रहा था। वो 24 जुलाई को करीबन 12 बजे अपने पापा से बात करके घर से बाहर किराए का स्कूटर लेकर निकला लेकिन उसके बाद उसकी घरवालों से कोई बात नहीं हो पाई। पुलिस को मिले सीसीटीवी क्लिप में पता चला कि निशांक ने करीबन 5 बजे एक पेट्रोल पंप से 400 रूपये का पेट्रोल भी स्कूटर में डलवाया था जो नर्मदापुरम रेलवे ट्रैक जहां निशांक राठौर की लाश मिली उससे 7 किलोमीटर की दूरी पर था।
निशांक के पापा ने बताया कि उसकी दोनो बहने 24 जुलाई को परीक्षा देने के लिए भोपाल गई थी तब उन्होंने निशांक से कहा की वो बहनों से मिल ले लेकिन उसने मना कर दिया।निशांक के फोन से उसी दिन करीबन 6 बजे उसके पापा को मेसेज भी किए गए जिसमे लिखा था “गुस्ताख ए नबी की एक सजा सर तन से जुदा”।
इसके बाद ऐसा ही स्क्रीनशॉट इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी शेयर किया गया। पुलिस उसे नुपुर शर्मा के बयान के बाद हुये उदयपुर और अमरावती जैसे हत्याकांडो से जोड़ने से इंकार कर रहे हैं।पुलिस ने जांच के लिए एक टीम भी गठित की हैं जो इस पूरे मामले की जांच करेगी और लगाएगी की ये एक की हैं हत्या या आत्महत्या।
कर्ज चुकाने का भी था दवाब
निशांक के दोस्तो ने बताया कि उसने क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाए हुए थे जिसके लिए उसने कई लोगो से पैसे उधार भी लिए थे। वो लोग भी निशांक पर अपनी उधर की वसूली के लिए दवाब बना रहे थे। निशांक के पिता जो कि सहकारिता विभाग में ऑडिटर हैं उनका कहना हैं की उनका बेटा बोहोत ही मस्तमौला लड़का था। वो काफी खुश रहता था और ऐसा कदम कभी नहीं उठा सकता।
मध्यप्रदेश पुलिस इस केस अभी तक आत्महत्या ही मान रही हैं क्योंकि मेसेज निशांक राठौर के फोन से करीबन 6 बजे से 15 मिनट पहले भेजे गए जबकि जिस ट्रेन से कटकर निशांक की मौत हुई वो 6:15 बजे नर्मदपुरम रेलवे ट्रैक से गुजरती हैं। अब ये तो आने वाले जांच में ही पता लग पाएगा कि इसके पीछे कोई हिंदू मुस्लिम वाला समर्थन हैं या ये एक आत्महत्या हैं।