सलमान रुश्दी
लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला हुआ है, अभी वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। 75 वर्षीय सलमान रुश्दी एक कार्यक्रम में लेक्चर देने वाले थे जहाँ हमलावर ने आकर चाकू से उन पर अटैक किया और मुक्के भी मारे। हमलावर का नाम हादी मतर है और उसकी उम्र 24 साल है जो की जर्सी का रहने वाला है, उसके सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये माना जा रहा है कि ये एक ईरान समर्थक है।
सलमान रुश्दी का कब हुआ था
वो एक ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार हैं। उन्होंने अपने दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन से प्रसिद्धि हासिल की, जिसे 1981 में बुकर पुरस्कार मिला। उनका चौथा उपन्यास सेटेनिक वर्सेज़ जो कि 1988 में आया जो काफी विवादों से घिरा रहा और उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली। उनकी किताबें अक्सर समाज में धर्म की भूमिका, विभिन्न आस्थाओं के बीच और धार्मिक और बिना आस्था वालों के बीच टकराव का कारण बनती है।
सलमान रुश्दी पर अटेक का कारण
सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ने ऐसे विवादों को जन्म दिया और जिसके कारण आज वो जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। आजादी के दिन आधी रात को पैदा होने वाले बच्चों पर उन्होंने ‘मिडनाइट चिल्ड्रन’ जैसी कालजयी कहानी रची और इसी उपन्यास ने उन्हें 1981 में पहले बुकर अवार्ड दिलाया और बाद में वह ‘बुकर ऑफ द बुकर्स’ जैसा सम्मान पाने वाले लेखक भी बने।
उनकी इस किताब को इस्लाम विरोधी और ईश निंदा करने वाला माना गया। जिसके कारण साल 2012 में उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली थी और मारने वाले को 30 लाख डॉलर इनाम देने का ऐलान हुआ था। यह हमला तब हुआ जब वह न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में लेक्चर देने के लिए आए हुए थे। मौके पर ही पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया लेकिन हमले की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।
पिता ने बदला था उनका सरनेम।
सलमान रुश्दी का खानदानी सरनेम ‘देहलवी’ होता था उनके पिता का नाम अनीस अहमद था और उनके दादा का नाम ख्वाजा मोहम्मद दिन खालिकी देहलवी था लेकिन उनके पिता ने परिवार को ‘रुश्दी’ की पहचान दी। ब्रिटिश राज के दौरान उनके पिता ने कैंब्रिज से शिक्षा ली और इसी दौरान उन पर महान इस्लामिक दार्शनिक इब्न रुश्द का प्रभाव पड़ा और उन्होंने अपने सरनेम को बदलकर ‘रुश्दी’ कर दिया। इसलिए अहमद सलमान का नाम सलमान रुश्दी हो गया। फिलहाल सलमान रुश्दी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं और अभी तक उनके हमला का कारण सामने नहीं आया है।