भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने Blind Women’s T20 WC 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। रविवार को कोलंबो में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने नेपाल को 7 विकेट से हराकर पहला महिला T20 ब्लाइंड वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया। इस जीत ने भारत के महिला खेल की ताकत, हौसले और निरंतर उभरती प्रतिभा को एक बार फिर साबित कर दिया।
भारत की दमदार जीत – पूरे टूर्नामेंट में अजेय
फाइनल में भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारतीय गेंदबाजों ने शानदार और अनुशासित प्रदर्शन करते हुए नेपाल को 114/5 के स्कोर पर रोक दिया।
लक्ष्य का पीछा भारत ने केवल 12.1 ओवर में आसानी से हासिल कर लिया।
भारत की ओर से खुला शरिर ने 27 गेंदों पर नाबाद 44 रन की महत्वपूर्ण पारी खेलते हुए टीम को जीत की राह पर आगे बढ़ाया। तेज रन गति और शानदार स्ट्राइक रोटेशन ने मैच को भारत के पक्ष में एकतरफा बना दिया।
पूरे Blind Women’s T20 WC में भारतीय टीम अजेय रही।
लीग चरण में भारत ने:
- श्रीलंका
- अमेरिका
- पाकिस्तान
- ऑस्ट्रेलिया
को मात दी और सेमीफाइनल में भी टीम का प्रदर्शन दमदार रहा।
नेपाल का सफर – फाइनल तक बेहतरीन प्रदर्शन
नेपाल ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल में जगह बनाई। हालाँकि फाइनल में वे भारतीय टीम के सामने चुनौती पेश नहीं कर सके, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में नेपाल का प्रदर्शन सराहनीय रहा।
मेहरीन अली बनी टूर्नामेंट की टॉप स्कोरर
Blind Women’s T20 WC 2025 में पाकिस्तान की आंशिक रूप से दृष्टिबाधित खिलाड़ी मेहरीन अली टूर्नामेंट की सर्वोच्च स्कोरर रहीं।600+ रन, श्रीलंका के खिलाफ 78 गेंदों पर 230 रन की अविश्वसनीय पारी, उनका प्रदर्शन टूर्नामेंट की सबसे बड़ी आकर्षण में से एक रहा।
भारत–श्रीलंका ने संयुक्त रूप से किया आयोजन
पहला महिला ब्लाइंड T20 विश्व कप(Blind Women’s T20 WC) भारत और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से आयोजित किया।
मुकाबले तीन शहरों में खेले गए:
- दिल्ली
- बेंगलुरु
- कोलंबो
भारतीय टीम की जीत ने एक बार फिर महिला क्रिकेट को नई पहचान और सम्मान दिलाया।
भारत का स्वर्णिम दौर – लगातार दूसरी बड़ी उपलब्धि
इससे ठीक एक महीने पहले भारत की महिला टीम ने भी एक और विश्व कप जीता था।
दो बड़े खिताबों ने साबित कर दिया है कि:
- भारतीय महिला खेल लगातार मजबूत हो रहा है
- नई प्रतिभाएँ तेजी से उभर रही हैं
- दृढ़ता और जुनून से हर सीमा पार की जा सकती है
भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम की यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि साहस, मेहनत और सपनों को हकीकत में बदलने का प्रतीक है।
भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भले ही चुनौतियाँ शारीरिक हों, लेकिन प्रतिभा, उत्साह और हौसला असीमित है।


