Blog

  • Internet पर भूल कर भी न सर्च करें ये चीजें, घर से उठा ले जाएगी पुलिस, कोई नहीं करवा पाएगा जमानत!

    Internet पर भूल कर भी न सर्च करें ये चीजें, घर से उठा ले जाएगी पुलिस, कोई नहीं करवा पाएगा जमानत!

    Internet: गूगल लोगों का पसंदीदा सर्च इंजन है। इसका उपयोग दुनिया भर में करोड़ों लोग करते हैं। गूगल भी कुछ ही क्षणों में आपके प्रश्न का उत्तर दे देता है। लोग इस पर ऑनलाइन विभिन्न चीजें खोजते हैं। वह अपनी पसंदीदा फिल्म से लेकर विज्ञान के सवालों तक सब कुछ गूगल के जरिए खोजते हैं। यूजर्स गूगल बाबा की मदद से खुद को ताजा खबरों से भी अपडेट रखते हैं। हालाँकि, गूगल (Internet) सर्च से कभी-कभी लोगों को जेल में होने का आभास होता है। सर्च करते वक्त कुछ ऐसे शब्द भी हैं जिनके कारण आपको पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है। इस कारण से, ऐसे शब्दों की खोज से बचने की सलाह दी जाती है।

    ऐसे में खुद को अपडेट करते हुए गूगल सर्च के इन नियमों को समझ लें ताकि आपको किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। यहां हम आपको ऐसे गूगल सर्च टर्म्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आपको भूलकर भी गूगल(Internet) पर सर्च नहीं करना चाहिए।

    बाल पोर्न के संबंध में कानून सख्त है।

    इसमें बाल पोर्न सबसे पहले आता है। भारत में बाल पोर्न के संबंध में बहुत सख्त नियम हैं। जिसके कारण आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। बाल अपराध से संबंधित जानकारी खोजना भी अपराध है। इसमें लोगों को POCSO एक्ट के तहत जेल हो सकती है। इस कारण से आपको भूलकर भी इससे संबंधित शब्द नहीं खोजना चाहिए। इसके लिए लोगों को 7 साल की जेल की सजा भी हो सकती है।

     

    ये भी पढ़ें: Newly inaugurated Yashobhoomi (IICC Dwarka) to host Trescon’s DATE 2023 with Finance Minister Smt. Nirmala Sitharaman amongst the dignitaries

    Internet से बम बनाने की तकनीक

    यहां तक कि अगर आप बम बनाने से संबंधित कुछ भी सर्च करेंगे तो आप खुफिया एजेंसी की नजर में आ जाएंगे। भूलकर भी इसे बनाने की प्रक्रिया या इससे जुड़ी चीजों के बारे में गूगल (Internet) पर सर्च न करें। यदि आप दोषी साबित हुए तो आपको जेल जाना पड़ सकता है। यहां तक कि अगर आप प्रेशर कुकर बम के बारे में कुछ भी सर्च करेंगे तो आपको जेल हो सकती है। आपको इससे बचना चाहिए।

    पायरेटेड फिल्में डाउनलोड करना भी अपराध है

    गूगल (Internet) से पायरेटेड तरीके से फिल्में डाउनलोड करना भी अपराध है। इस अपराध के लिए 3 वर्ष तक की जेल की सज़ा हो सकती है। कई लोग पायरेटेड फिल्में डाउनलोड करने की कोशिश करते हैं लेकिन ऐसा करके वे एक अपराध कर रहे हैं और इस अपराध के लिए उन्हें जेल भेजा जा सकता है।

    गर्भपात से जुड़े शब्दांश

    गूगल (Internet) पर कभी भी गर्भपात के बारे में न खोजें। भारत में बिना उचित अनुमति के गर्भपात कराना अपराध है। ऐसी स्थिति में यह तलाशी आपको जेल भी पहुंचा सकती है। इसके अलावा दूसरा कारण यह है कि गूगल सर्च में कई ऐसे तरीके मिल सकते हैं जो जान को खतरे में डाल सकते हैं। इस कारण ऐसा करने से बचें।

  • Delhi Exit Poll: दिल्ली में तख्तापलट, जानें अलग-अलग एग्जिट पोल के नतीजे, किसकी बनेगी सरकार?

    Delhi Exit Poll: दिल्ली में तख्तापलट, जानें अलग-अलग एग्जिट पोल के नतीजे, किसकी बनेगी सरकार?

    Delhi Exit Poll: दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान हुआ। इसके बाद अब Exit Poll सामने आने लगे हैं। MATRIZE के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। लेकिन इसमें बीजेपी को मामूली बढ़त देखने को मिल रही है। देखने वाली बात अब ये होगी कि किसे मिलेगा दिल्ली के तख्त, किसकी बनेगी सरकार या फिर दौड़ेगा डबल इंजन।

    इन आंकड़ों के मुताबिक, AAP को 32-37 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि बीजेपी 35-40 सीटों के साथ दिल्ली में सरकार बनाती दिख रही है। वहीं कांग्रेस को भी एक सीट मिलती दिख रही है।

     

    ये भी पढ़े: 70 विधानसभा सीटों पर खत्म हुई वोटिंग, 8 फरवरी को निर्धारित होगी 699 प्रत्याशियों की किस्मत

     

    जानिए अलग अलग कंपनियों के पोल क्या कहते हैं

     

    चुनाव के बाद अब अलग अलग राजनीतिक विश्लेषण करने वाली संस्थानों ने अपने पाने एग्जिट पोल देने शुरू कर दिए हैं जिसमें अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के ऊपर विश्लेषण किया गया है, इन पोल्स के मुताबिक दिल्ली में अभी तक तो भाजपा की सरकार बनते दिख रही हैं, बाकी आने वाले समय ले कहानी काफी रोचक होगी

    • चाणक्य स्ट्रैटजी के एग्जिट पोल में क्या..

    चाणक्य स्ट्रैटजी के Delhi Exit Poll में भी बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है। इस सर्वे के अनुसार, दिल्ली में आप को 25-28 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी दिल्ली में 39-44 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि कांग्रेस 2-3 सीटें जीत सकती हैं।

    • पोल डायरी के एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार

    पोल डायरी के Delhi Exit Poll में भी दिल्ली में बदलाव होता दिख रहा है और बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है। इस पोल के मुताबिक, आप 18-25 सीटें हासिल कर सकती है, जबकि बीजेपी को 42-50 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, कांग्रेस को 0-2 सीटें मिल सकती हैं।

    • पीपुल्स इनसाइट के एग्जिट पोल में क्या

    पीपुल्स इनसाइट के Delhi Exit Poll के मुताबिक, दिल्ली में आप को 25-29 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी को 40-44 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस का भी खाता खुलता दिख रहा है।

    • क्या कहते हैं P-Marq के एग्जिट पोल

    P-Marq के Delhi Exit Poll के मुताबिक, आप को दिल्ली में 21-31 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा को 39-49 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस का खाता खुल सकता है।

    • अब जानें अन्य एग्जिट पोल का हाल

    जेवीसी पोल के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को 39-45 सीटें मिल सकती हैं, जबकि आप को 22-31 सीटें मिल सकती हैं। जबकि कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है।

    वहीं, पी-मार्क के Delhi Exit Poll में भी बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है। बीजेपी को 39-49 सीट मिलती दिख रही है, जबकि आप को 21-31 सीटें मिलती दिख रही हैं।

    70 सीटों पर हुई वोटिंग

     

    बता दें कि राजधानी की सभी 70 सीटों पर 699 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। वोटिंग खत्म होने के साथ ही कैंडिडेट्स की किस्मत EVM में कैद हो गई है। अब इंतजार है 8 फरवरी का, दिल्ली विधानसभा के नतीजे इसी दिन आएंगे।

  • Delhi Assembly Elections 2025: 70 विधानसभा सीटों पर खत्म हुई वोटिंग, 8 फरवरी को निर्धारित होगी 699 प्रत्याशियों की किस्मत

    Delhi Assembly Elections 2025: 70 विधानसभा सीटों पर खत्म हुई वोटिंग, 8 फरवरी को निर्धारित होगी 699 प्रत्याशियों की किस्मत

    दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों(Delhi Assembly Elections 2025) के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी है। इस बार चुनाव में लगभग 60 फीसदी वोटिंग हुई है। 11 एग्जिट पोल में से 7 में बीजेपी की सरकार बनने का पूर्वानुमान हैं। वहीं, एक एग्जिट पोल में आप और बीजेपी में कांटे की टक्कर की बात कही गई है। दो एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी का अनुमान व्यक्त कर रहे हैं.

     

    दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 36 है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें से 603 पुरुष और 96 महिला उम्मीदवार हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 672 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा है। दोनों ने सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। वहीं, भाजपा ने एक-एक सीट जेडीयू और लोजपा (रामविलास) को दी। दिल्ली में मुख्य रूप से भाजपा, ‘आप’ और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। (Delhi Assembly Elections 2025)

     

    वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स में सत्तारूढ़ आप पार्टी के लिए मायूसी वाली खबर है। वहीं अगर एग्जिट पोल्स का अनुमान सच साबित हुए तो 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली में सत्ता में वापसी करती दिख रही है। हालांकि, नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल के लिए अच्छी खबर नहीं हैं। एग्जिट पोल केजरीवाल के हारने का पूर्वानुमान है।

    Delhi Assembly Elections 2025: एग्जिट पोल का पिछला इतिहास

     

    एग्जिट पोल के नतीजों के इतिहास की बात करें तो 2015 में एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों से बिल्कुल अलग थे। हालांकि, 2020 में एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक रिजल्ट के करीब थे। ऐसे में जानते हैं कि आखिर एग्जिट पोल में किसकी सरकार बन सकती है।(Delhi Assembly Elections 2025)

     

    ये भी पढ़ें : दिल्ली के दिल ? बनेगी दिल्ली सरकार

     

    Delhi Assembly Elections 2025: बड़ी बातें

     

    • एग्जिट पोल ही नहीं वास्तविक रिजल्ट भी ऐसे ही होगें : वीडी शर्मा

       

      Delhi Assembly Election 2025
      V. D. Sharma

      दिल्ली चुनाव के बाद एग्जिट पोल पर मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। वीडी शर्मा ने कहा किकेवल एग्जिट पोल ही नहीं, बल्कि वास्तविक पोल भी यही नतीजे लाएगा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को बदहाल स्थिति में ला दिया… दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजधानी में विकास सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी को आशीर्वाद दिया है… केवल एक दिन बचा है, सभी को वास्तविक परिणाम पता चल जाएगा। 

    • एग्जिट पोल रिजल्ट के बाद कांग्रेस को लेकर उठने लगे सवाल

    दिल्ली चुनाव 2025 के एग्जिट पोल पर टीएमसी सांसद कीर्ति आज़ाद ने कहा कि अगर वाकई बीजेपी सरकार बना रही है, तो कांग्रेस को कुछ विचार-विमर्श करना चाहिए। वे हरियाणा और महाराष्ट्र में हार गए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में हमें इतनी अच्छी बढ़त मिली, लेकिन कांग्रेस हर जगह (राज्य चुनावों में) क्यों हार रही है? इसलिए, इस पर विचार करना होगा कि क्या कांग्रेस को भारतीय गठबंधन का नेतृत्व जारी रखना चाहिए?

    • एग्जिट पोल में AAP को कम कर आंक रहे… कांग्रेस के संदीप दीक्षित ने कही बात

    अधिकांश एग्जिट पोल में राष्ट्रीय राजधानी में 27 साल बाद भाजपा की वापसी की भविष्यवाणी किए जाने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने गुरुवार को कहा कि पूर्वानुमान दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम की सही तस्वीर नहीं पेश करते हैं क्योंकि उन्होंने आम आदमी पार्टी को कम करके आंका है। एएनआई से बात करते हुए दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस को आसानी से 17-18 फीसदी वोट मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी सरकार बना सकती है, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने आप को कम आंका है। उन्होंने आप को बहुत कमजोर के रूप में पेश किया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनकी हालत इतनी खराब होगी।

  • Delhi Election 2025: दिल्ली के दिल में कौन? कितने लोग बदलना चाहते हैं सरकार? जाने!

    Delhi Election 2025: दिल्ली के दिल में कौन? कितने लोग बदलना चाहते हैं सरकार? जाने!

    Delhi Election 2025: दिल्ली के दिल में कौन? इस सवाल का जवाब महज कुछ दिन बाद मिलने जा रहा है। 8 फरवरी को यह पता चल जाएगा कि अगले 5 साल तक जनता किसे सत्ता का स्वाद चखने का मौका देगी और किसे विपक्ष में बैठने का जनादेश। 

    मुकाबला किसके बीच ? 

    सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच नजदीकी मुकाबले की संभावना है तो कांग्रेस भी पूरा दमखम लगाकर लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही है। इस बीच सी वोटर ने अपने ट्रैकर के जरिए दिल्ली की जनता का मूड भांपने की कोशिश की है।

     

    कौन चाहता है बदलाव ? 

    सी वोटर ने दिल्ली के लोगों से पूछा कि क्या वे सरकार बदलना चाहते हैं? 1 फरवरी तक के ट्रैकर के हिसाब से इसके जवाब में 43.9 फीसदी लोगों ने कहा कि वह मौजूदा सरकार के कामकाज से नाराज हैं और इस बार बदलाव चाहते हैं। वहीं, 10.9 फीसदी लोगों का कहना है कि वे नाराज तो हैं लेकिन बदलना नहीं चाहते हैं। वहीं, 38.3 फीसदी लोगों का कहना है कि वे नाराज नहीं है और इसलिए बदलाव भी नहीं चाहते। बदलाव चाहने और ना चाहने वाले लोगों में कोई खास अंतर नहीं है।

     

    ये भी पढ़ें: Delhi MCD Election: दिल्ली नगर निगम 2022 चुनावों के ज्यादातर प्रत्याशी पैसे से अमीर लेकिन शिक्षा में गरीब

     

    वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात यह हो सकती है कि सी वोटर के मौजूदा ट्रैकर के हिसाब से 38.3 फीसदी लोग ही उसके कामकाज से संतुष्ट दिखाई नहीं दे रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस की कोशिश है कि अंसतुष्ट लोगों को इस बार अपने पाले में किया जाए।

     

    एक महीने में क्या आया अंतर

    इससे पहले 6 जनवरी को जब एजेंसी ने ट्रैकर के नतीजे घोषित किए थे तो 46.2 फीसदी लोगों ने कहा था कि वे मौजूदाा सरकार से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं। वहीं, 2.7 फीसदी ने कहा था कि नाराज हैं, लेकिन एक मौका और देने के पक्ष में हैं। वहीं, 46.9 फीसदी ने कहा था कि वे नाराज नहीं है और बदलाव नहीं चाहते हैं। दिलचस्प यह है कि करीब एक महीने में नाराज और बदलाव चाहने वाले लोगों की संख्या में कुछ गिरावट आई है तो नाराज होते हुए भी बदलाव नहीं चाहने वालों में इजाफा हुआ है। वहीं बदलाव नहीं चाहने वाले लोगों में भी गिरावट आई है।

  • Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ कैसे मची जिसने 30 जिंदगियां छीन ली, जाने अब तक क्या-क्या हुआ?

    Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ कैसे मची जिसने 30 जिंदगियां छीन ली, जाने अब तक क्या-क्या हुआ?

    Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में जारी महाकुंभ में मंगलवार, यानि मौनी अमावस्या के दिन पावन स्नान के दौरान अचानक मची भगदड़ ने सबको सन्न कर दिया है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के इस विशेष दिन अमृत स्नान के लिए देशभर से करोड़ों लोग इस संगम पर जुटे थे। संगम नोज के पास देर रात भगदड़ मच गई। इस हादसे में 30 लोगों की जान चली गई और 90 श्रद्धालु घायल हो गए। आइए जानते हैं इस हादसे से जुड़ी घटनाक्रम की हर एक जानकारी…

    प्रयागराज इन दिनों दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर के रूप में सुर्खियों में है। मौनी अमावस्या के मौके पर लगभग आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपनी आस्था अर्पित की। इस दिन की तैयारी एक-दो दिन पहले से शुरू हो गई थी, जब भारी संख्या में लोग संगम पहुंचने लगे थे। अमावस्या के विशेष दिन होने के चलते हर कोई संगम स्नान करना चाह रहा था, और इस वजह से मंगलवार शाम से संगम नोज पर लोगों की भीड़ लगने लगी थी। कई श्रद्धालु तो मध्य रात्रि में ही संगम पहुंच कर वहां आराम करने लगे थे।

    इसी बीच रात करीब दो बजे संगम नोज के पास भगदड़ मचने की खबर आई। जिसमें 30 लोगों की जान चली गई, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए जिनका इलाज अभी भी जारी है। आइए, हम जानते हैं इस हादसे के पूरे घटनाक्रम को कैसे और कब ये हादसा हुआ और हादसे के बाद का पूरा रुख…

    Mahakumbh में कैसे हुआ हादसा?

    मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए संगम घाट पहुंचे थे। प्रशासन ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस दिन लगभग 8 से 10 करोड़ लोग महाकुंभ में शिरकत करेंगे। इसी दौरान घाट पर मौजूद बैरिकेडिंग अचानक टूट गई, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।

    डीआईजी महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने बताया कि, “अखाड़ा क्षेत्र में बैरिकेड्स लगे हुए थे, जिनमें से कुछ बैरिकेड्स भीड़ के दबाव में टूट गए। कई श्रद्धालु घाट पर ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार करते हुए लेटे हुए थे, जब अचानक बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाट की ओर बढ़े और नीचे सो रहे लोगों पर चढ़ गए, जिससे यह हादसा हुआ।”

    Mahakumbh Stampede के प्रमुख कारण:

    1. होल्डिंग एरिया से संगम की ओर भेजे गए लाखों श्रद्धालु: मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए थे, लेकिन पुलिस ने श्रद्धालुओं को रात में ही संगम की ओर भेजना शुरू कर दिया। इससे संगम पर भीड़ जमा हो गई।
    2. संगम पर निकासी-प्रवेश का वन-वे प्लान फेल हुआ: संगम पर वन-वे प्लान को सही से लागू नहीं किया गया। इससे लोगों का आना-जाना बना रहा और भीड़ नियंत्रण मुश्किल हो गया।
    3. पांटून पुलों को बंद रखना: 30 पांटून पुलों में से 12-13 बंद थे, जिससे श्रद्धालुओं को लंबी दूरी तय करनी पड़ी और संगम पर भीड़ जमा हो गई।
    4. प्रशासन की लापरवाही: सड़कों को चौड़ा किया गया था, लेकिन कई सड़कों को बंद रखा गया, जिससे श्रद्धालु थक गए और संगम किनारे ही सो गए। बैरिकेडिंग के कारण भी भीड़ नियंत्रण नहीं हो सका।
    5. सीआईएसएफ का देर से पहुंचना: राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात सीआईएसएफ कंपनी को सेक्टर 10 से सेक्टर 3 तक आने में समय लगा, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

     ये भी पढ़े: आज हुआ महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान, डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

    प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश

    घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने कहा, “30 मृतकों में से 25 की पहचान हो चुकी है और घायलों का इलाज मेडिकल अस्पताल में चल रहा है। कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।”

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया और कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है। इसकी न्यायिक जांच कराई जाएगी और एक न्यायिक आयोग गठित किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस स्तर पर भी जांच होगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है।”

    सीएम योगी और पीएम मोदी की सक्रियता

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की और राहत कार्यों में तेजी लाने की दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मदद देने की बात की। सीएम योगी ने भी खुद स्थिति पर निगरानी रखी और घायलों के इलाज, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

    घायलों और मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजा

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से हादसे की न्यायिक जांच की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

    जांच और सुधारात्मक कदम

    जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया गया, जिसने घटना स्थल का निरीक्षण किया और सुरक्षा उपायों में सुधार की दिशा में काम करना शुरू किया। इसके साथ ही संगम में भीड़ नियंत्रित करने के लिए नई व्यवस्था की जा रही है। बैरिकेडिंग को और मजबूत किया जा रहा है, और श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए नए मार्ग तैयार किए जा रहे हैं।

    भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े सुरक्षा उपाय

    हादसे के बाद प्रशासन ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। अब 4 फरवरी तक पूरे मेला क्षेत्र को “नो व्हीकल ज़ोन” घोषित कर दिया गया है।

    प्रशासन द्वारा उठाए गए 5 प्रमुख कदम:

    1. VVIP गाड़ियों और पास पर रोक: सभी VVIP पास 4 फरवरी तक रद्द कर दिए गए हैं। अब केवल एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम की गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी।
    2. वन-वे रास्ते लागू: सभी प्रवेश और निकास मार्गों को एकतरफा किया गया है ताकि भीड़ नियंत्रित हो सके।
    3. वाहनों की एंट्री पर रोक: प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
    4. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती: मेला क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल बढ़ा दिए गए हैं।
    5. बैरिकेडिंग और मार्ग परिवर्तन: भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और यातायात व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं।

    Mahakumbh Stampede के बाद अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का स्नान रद्द किया

    इस हादसे के बाद सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान को स्थगित कर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “जो कुछ भी हुआ, उसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं होगा। जनहित में यह फैसला लिया गया है।”

    चश्मदीदों ने बताई आपबीती

    हादसे के दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने प्रशासन की लापरवाही के आरोप लगाए। एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “हमने पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई हमारी मदद के लिए नहीं आया।”

    एक अन्य महिला ने कहा, “भगदड़ इतनी तेज़ी से मची कि लोगों को भागने का भी मौका नहीं मिला।”

    मेला क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश

    प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

    1. रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर अतिरिक्त बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
    2. सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात सुचारू रखने के लिए पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है।
    3. स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है ताकि रास्ते में अवरोध न हो।
    4. 3 फरवरी को बसंत पंचमी के ‘अमृत स्नान’ के लिए विशेष सुरक्षा तैयारियां की जा रही हैं।

    अब क्या हैं हालात?

    प्रयागराज महाकुंभ में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। प्रशासन ने संगम क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है। यहां की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रत्येक सेक्टर और जोन में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी न हो।

    पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार का ट्रैफिक जाम न हो और लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

  • Ola-Uber का गजब खेल! अलग अलग यूजर्स के लिए वसूला अलग किराया, अब सरकार ने भेजा नोटिस

    Ola-Uber का गजब खेल! अलग अलग यूजर्स के लिए वसूला अलग किराया, अब सरकार ने भेजा नोटिस

    ऑनलाइन टैक्सी सर्विस कंपनी Ola-Uber दोनों ही कंपनियां लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं लेकिन अब सरकार की तरफ से दोनों दी कंपनियों को नोटिस भेजा गया है। सरकार द्वारा ओला और उबर को भेजा गया ये नोटिस कंपनी द्वारा अपने एप्पल और एंड्रॉयड यूजर्स से अलग अलग किराया वसूले जाने के मामले में भेजा गया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

    केंद्र सरकार ने नोटिस भेजते हुए Ola और Uber से जवाब मांगा है। केंद्र की ओर से पूछा गया कि अलग-अलग फोन यूजर्स के लिए किराया अलग क्यों दिखाए जा रहे हैं? केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है।

    न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मताबिक उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार (23 जनवरी 2025) को कहा कि उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कैब सेवा प्रदाता ओला और उबर को उपयोगकर्ता के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड या आईओएस के आधार पर एक ही जगह की यात्रा के लिए कथित रूप से अलग-अलग मूल्य निर्धारण के लिए को नोटिस जारी किया है।

    ये भी पढ़ें: Air Taxi: इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी ने न्यूयॉर्क में अपनी पहली सफल उड़ान भरी

    आईफोन और एंड्रायड में अलग-अलग किराया

    जोशी ने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, ‘‘उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सीसीपीए के माध्यम से प्रमुख कैब चालकों Ola-Uber को नोटिस जारी कर अलग-अलग मोबाइल (आईफोन और एंड्रायड) के जरिये एक ही जगह की बुकिंग के लिए अलग-अलग भुगतान लेने पर उनसे जवाब मांगा है।

    केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पिछले महीने उपभोक्ता शोषण को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात कही थी और सीसीपीए से इन आरोपों की गहन जांच करने को कहा था। उन्होंने ऐसी गतिविधियों को उपभोक्ताओं के पारदर्शिता के अधिकार की अवहेलना बताया था।

    सोशल मीडिया वायरल हुआ था पोस्ट

    दिसंबर 2024 में यह मामला तब तूल पकड़ लिया था जब एक एक्स यूजर ने दो फोन की तस्वीर शेयर की थी, जिसमें उबर ऐप पर एक विशेष स्थान के लिए कथित तौर पर अलग-अलग किराए दिखाए गए थे। जैसे ही उनका पोस्ट वायरल हुआ, तब उबर ने आरोपों का जवाब देते हुए इस बात से इनकार किया कि फोन की वजह से अलग-अलग किराए दिखाए गए।

  • महाराष्ट्र की ऑर्डिनेंस फैक्टरी में धमाका, 8 की जान गई, 7 घायल

    महाराष्ट्र की ऑर्डिनेंस फैक्टरी में धमाका, 8 की जान गई, 7 घायल

    महाराष्ट्र के भंडारा में शुक्रवार (24 जनवरी) को एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बड़ा विस्फोट हुआ है। इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई अन्य कर्मचारियों के हताहत होने की भी सूचना है। फैक्ट्री के आरके ब्रांच सेक्शन में यह ब्लास्ट हुआ है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 8 लोगों के मौत की जानकारी दी है।

    फैक्ट्री में ब्लास्ट की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि हथियार बनाने वाले भारी सामान के टुकड़े आसपास बिखरे पड़े हैं। ब्लास्ट के बाद काला धुआं आसमान में दूर तक उठता हुआ देखा जा सकता है. वहीं, बताया जा रहा है कि धमाके के बाद फैक्ट्री में आग लग गई, जिसकी चपेट में कई लोगों के आने की आशंका है।

    घटनास्थल पर पुलिस की टीमें मौजूद हैं और राहत-बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। एंबुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि इलाके में हड़कंप मच गया और लोग इधर-उधर भागने लगे। मौके पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा है, जो लोगों को बचाने में मदद कर रही है।

    महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र ने दिया हर संभव मदद का आश्वासन

    भंडारा जिले में एक आयुध फैक्ट्री में हुए विस्फोट में छत गिरने से 13 से 14 कर्मचारी फंस गए। उनमें से पांच को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर हैं और सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है। बचाव कार्य के लिए SDRF और नागपुर नगर निगम की टीमों को भी बुलाया गया है और वे जल्द ही पहुंच जाएंगी। जिला प्रशासन रक्षा बलों के साथ समन्वय में बचाव कार्यों में शामिल है। चिकित्सा सहायता के लिए टीमों को भी तैयार रखा गया है।

    नाना पटोले ने बताया मोदी सरकार का फेलियर

    भंडारा की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ब्लास्ट की घटना पर कांग्रेस ने बीजेपी नीत एनडीए सरकार पर हमला बोला है। नाना पटोले ने कहा कि यह धमाका मोदी सरकार का फेलियर बताता है।

    14 कर्मचारी फैक्ट्री में थे मौजूद

    धमाका शुक्रवार (24 जनवरी) की सुबह 10:30 से 10:45 के बीच हुई। इस समय फैक्ट्री में 14 कर्मचारी काम कर रहे थे। चार से पांच लोगों को गंभीर जख्मी अवस्था में बाहर निकाला गया है। मौके पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अधिकारियों के अलावा, फायर ब्रिगेड और पुलिस अधिकारी भी मौजूद हैं और बचाव कार्य जारी है।

    क्या होती है ऑर्डिनेंस फैक्ट्री?

    भारतीय आयुध फैक्ट्री भारत की एक इंडस्ट्री है, जो रक्षा मंत्रालय के लिए काम करती है. यहां रक्षा में इस्तेमाल किया जाने वाला सामान बनता है। ऑर्डिनेंस विभाग का मुख्यालय कोलकाता में है।

  • आज हुआ महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान, डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

    आज हुआ महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान, डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

    दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ का पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ आगाज हो गया है। सुबह 11 बजे तक ही करीब 80 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके थे, जो शाम चार बजे तक सवा करोड़ के पार कर गया था।

    कुंभ के लिए 3 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। कानपुर, वाराणसी से लेकर गोरखपुर तक स्पेशल बसें भी चल रही हैं।

    एनएसजी कमांडो ने संभाला मोर्चा

    प्रयागराज संगम तट पर कुंभ मेले में एनएसजी कमांडो भी गश्त करते दिखाई दिए। हथियारों से लैस इन कमांडो को देखने की लोगों में उत्सुकता रही। मेले में आतंकी हमले की धमकी को देखते हुए भारी सुरक्षा है।

     

    ये भी पढ़ें: कुंभ मेले का इतिहास और क्यों होता है यह महाकुंभ? जानिए कुंभ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी!

     

    सीएम योगी ने महाकुंभ के शुभारंभ पर दी बधाई 

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ के शुभारंभ पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन तीर्थराज प्रयागराज में हो रहा है, जो विश्व का सबसे विशाल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है। सभी संतों, श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का हार्दिक स्वागत है। मां गंगा आपकी मनोकामनाएं पूरी करें। महाकुंभ के पहले स्नान की शुभकामनाएं और सनातन गर्व का प्रतीक महाकुंभ पर्व समृद्धि लेकर आए।

    कुंभ मेले में सुरक्षा कर रहे करोड़ों रुपये कीमत के घोड़े

    प्रयागराज कुंभ में विदेशी नस्ल के घोड़ों की बहुत चर्चा है जिसका इस्तेमाल यूपी पुलिस कर रही है करोड़ों रुपए खर्च करके विदेश से मंगाए गए ताकतवर घोड़ों से पुलिस लगातार पूरे कुंभ क्षेत्र में गश्त कर रही है। अधिकारी इन घोड़ों पर सवार होकर सभी पुलिस बूथ पर पहुंचकर वहां तैनात पुलिस कर्मियों को निर्देशित करने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।

    कुंभ में नागा बाबाओं की फौज में होगा इजाफा 

    अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने महाकुंभ 2025 को लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि इस बार नागा बाबाओं की फौज में 6 हजार नए नागा जोड़े जाएंगे। इस कदम से नागा परंपरा को और मजबूती मिलेगी।

  • कुंभ मेले का इतिहास और क्यों होता है यह महाकुंभ? जानिए कुंभ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी!

    कुंभ मेले का इतिहास और क्यों होता है यह महाकुंभ? जानिए कुंभ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी!

    महाकुंभ मेले का नाम सुनते ही मन में भक्ति, आस्था और विशाल जनसमूह की छवि उभर आती है। लेकिन क्या आपने सोचा है। कुंभ मेला आखिर क्यों लगता है? इसका नाम कुंभ कैसे पड़ा? और किन तिथियों को होगा शाही स्नान? आज हम आपको बताएंगे इस भव्य आयोजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी – इसका इतिहास, महत्व, और आयोजन के पीछे पौराणिक कथा के बारे में।

    महाकुंभ 2025 का आयोजन इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहा है जो गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्थित है। इस मेले की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन होगी और समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के पवित्र पर्व पर होगा। 45 दिनों तक चलने वाले इस महायोग में देश – विदेश से करोड़ों श्रद्धालु स्नान करने के लिए जुटने वाले हैं।

    महाकुंभ 2025 में कुल 6 शाही स्नान होंगे। पहला शाही स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा और अंतिम स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इन स्नान पर्वों पर साधु-संतों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

    यह मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा वहीं आखिरी शाही स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। मान्यताओं के मुताबिक कुंभ में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करके मोक्ष की प्राप्ति का प्रयास करते हैं। मान्यता है कि यहां स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

    अब जानते हैं, महाकुंभ मेले का पौराणिक इतिहास। कुंभ मेले का नाम कुंभ क्यों पड़ा?

    आखिर क्या है इसका इतिहास? कुंभ का अर्थ होता है घड़ा। यह नाम समुद्र मंथन से जुड़ी पौराणिक कथा से आया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवताओं और दानवों ने मिलकर अमृत के लिए समुद्र मंथन किया, तब अमृत कलश के लिए भयंकर संघर्ष हुआ था। जिस दौरान, अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इसी कारण इन चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।

    Read More: National Youth Day: Birth Anniversary of Swami Vivekananda


    कुंभ मेले का उद्देश्य केवल स्नान नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, भक्ति, और धर्म का महासंगम है। साधु संतों, अखाड़ों, और भक्तों का मिलन इस मेले की विशेषता है। आपको बता दें कि कुंभ मेले के तीन प्रकार होते हैं- अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ। अर्धकुंभ हर 6 साल में हरिद्वार और प्रयागराज में होता है। पूर्णकुंभ हर 12 साल में चारों स्थानों पर आयोजित किया जाता है। और जब प्रयागराज में 12 पूर्णकुंभ पूरे हो जाते हैं, तब वहां महाकुंभ का आयोजन होता है, जो 144 साल में एक बार होता है।

    आखिर ये तिथियां निश्चित कैसे होती हैं?

    कुंभ मेले की तिथियां सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की स्थिति पर आधारित होती हैं। उदाहरण के लिए, जब सूर्य मेष राशि और बृहस्पति कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेला लगता है। महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आस्था, संस्कृति, और आध्यात्मिक परंपराओं का सबसे बड़ा उत्सव है। इस मेले में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, जो एकता और भक्ति की भावना को प्रकट करता है।

    तो ये था महाकुंभ मेला 2025 का संपूर्ण इतिहास। हमें कमेंट में बताएं, कुंभ मेले से जुड़ी कौन-सी परंपरा आपको सबसे दिलचस्प लगती है।

  • 18 साल की लड़की का हुआ 5 साल में 64 बार योन शोषण, केरल पुलिस भी रह गई सन्न!

    18 साल की लड़की का हुआ 5 साल में 64 बार योन शोषण, केरल पुलिस भी रह गई सन्न!

    केरल के पतनमतिट्टा जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। 18 साल की एक लड़की ने खुलासा किया कि 2019 से अब तक उसके साथ 64 बार यौन शोषण हुआ है। इस घिनौने अपराध में स्कूल के लड़के कोच पड़ोसी और यहां तक कि उसके रिश्तेदार भी शामिल थे और यह तब हुआ जब वह 13 साल की थी।

    केरल के 13 साल की उम्र में पड़ोसी ने बनाया अश्लील वीडियो

    पहली बार उसका यौन शोषण स्कूल के एक सहपाठी ने ही किया और फिर उसकी अश्लील वीडियो बना कर वायरल कर दी जिसके बाद यह वीडियो कई लोगों तक पहुंचा और हर एक ने लड़की को ब्लैकमेल कर हवस का शिकार बनाया।

    जानकारी के मुताबिक जब लड़की 8वीं कक्षा में थी तब से ही करीब 5 साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया जाता रहा। जिंदगी को एक नई दिशा देने के लिए उसने स्पोर्ट्स में हिस्सा लिया जिसमें वो काफी एक्टिव थी, लेकिन यहां भी उसे धोखा मिला। कोच जिसे वो अपना सहारा मानती थी, उसने भी उसे अपनी हवस का शिकार बनाया।

    पब्लिक प्लेस पर भी होता रहा दुर्व्यवहार

    आखिर में जब उसने रिश्तेदारों से मदद की उम्मीद जताई, लेकिन वहां भी उसका भरोसा तोड़ा गया। 5 साल से हो रहे इस दरिंदगी की घटनाओं ने उसे पूरी तरह से तोड़ दिया। लड़की ने बताया कि पब्लिक प्लेस में भी उसके साथ दुर्व्यवहार होता रहा जब वो स्पोर्ट्स ट्रेनिंग के लिए जाती थी वहां भी उसे परेशान किया जाता था। ये दरिंदगी की घटनाएं उसके स्कूल के दिनों से शुरू हुई और 5 साल तक चलती रही।

    आखिर मामला सामने कैसे आया?

    केरल के पतनमतिट्टा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव एन ने बताया कि 18 साल की उम्र में, स्कूल काउंसलिंग सत्र के दौरान लड़की ने अपनी आपबीती सुनाई। बाल कल्याण समिति के दखल के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। जिले के विभिन्न पुलिस थानों में पॉक्सो अधिनियम सहित अन्य मामलों में मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं मामले में अब तक 5 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है और छठा व्यक्ति पहले से ही जेल में है।

    फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और बाल कल्याण समिति ने लड़की की सुरक्षा और देखभाल का आश्वासन दिया है।

    अब सवाल ये है कि क्या इस लड़की को इंसाफ मिलेगा? आखिर इस समाज में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं? इस दिल दहला देने वाली घटना पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट कर ज़रूर बताएं