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  • सरकार ने डीजल सहित पेट्रोलियम, एटीएफ पर अप्रत्याशित कर बढ़ाया, यह पेट्रोल और डीजल की दर को कैसे प्रभावित करेगा

    सरकार ने डीजल सहित पेट्रोलियम, एटीएफ पर अप्रत्याशित कर बढ़ाया, यह पेट्रोल और डीजल की दर को कैसे प्रभावित करेगा

    सरकार ने एक बार फिर अप्रत्याशित टैक्स बढ़ा दिया हैइसके क्रूड पर विंडफॉल टैक्स बढ़कर 2,100 रुपये प्रति टन हो गया। इसके साथ ही एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) और डीजल पर भी एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है।

    सरकार ने डीजल सहित पेट्रोलियम, एटीएफ पर अप्रत्याशित कर बढ़ाया

    सरकार द्वारा कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 1700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 2100 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। इस प्रकार, डीजल पर निर्यात शुल्क 5 रुपये से बढ़ाकर 7.50 रुपये और विमानन टरबाइन ईंधन पर 1.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 4.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।

     

    पेट्रोल पर निर्यात शुल्क नहीं तेल कंपनियों के लिए राहत की बात यह है कि सरकार ने पेट्रोल पर कोई निर्यात शुल्क नहीं लगाया है। इसे शून्य पर रखा गया है। सरकार ने जुलाई में पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया था, जिसे बाद में समीक्षा के बाद हटा दिया गया था।

     

    दिसंबर में घटाया टैक्स 15 दिसंबर को समीक्षा बैठक में सरकार ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित टैक्स को 4,900 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,700 रुपये प्रति टन कर दिया। एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी 5 रुपये से घटाकर 1.5 रुपये कर दी गई है। डीजल पर निर्यात शुल्क 8 रुपये से घटाकर 5 रुपये कर दिया गया है।

     

    बता दें कि जुलाई में पहली बार तेल की कीमतों में अचानक हुई बढ़ोतरी से मुनाफा कम करने के लिए तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन, एटीएफ और पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का अप्रत्याशित कर लगाया गया।

  • IND vs SL: इंडिया ने जीत के साथ किया साल 2023 का प्रारंभ पहले टी20 मैच में श्रीलंका को 2 रन से हराया

    IND vs SL: इंडिया ने जीत के साथ किया साल 2023 का प्रारंभ पहले टी20 मैच में श्रीलंका को 2 रन से हराया

    भारत के लिए दीपक हुड्डा और अक्षर पटेल ने जहां बैटिंग से मैच गेम पलटा. वहीं शिवम मावी और उमरान मलिक ने गेंदबाजी बहुत अच्छी कि।

     

    शिवम मावी और दीपक हुड्डा व अक्षर पटेल ने कैसे मैच पलटा?

    शिवम मावी की विनाशक गेंदबाजी और दीपक हुड्डा व अक्षर पटेल की विस्फोटक बल्लेबाज़ी कि कृपा से टीम इंडिया ने मुंबई के वानखेड़े में खेले गए सांसें रोक देने वाले पहले टी20 में श्रीलंका को 2 रनों से हरा दिया. इसके साथ ही भारत ने तीन मैचों की रेखा से 1-0 की बढ़त भी बना ली।

     

    भारतीय टीम को जवाब में श्रीलंकाई टीम ने कितने रन बनाए?

    भारतीय टीम ने इस मैच में पहले खेलने के बाद 20 ओवर में 5 विकेट पर 162 रन बनाए थे। इसके जवाब में श्रीलंकाई टीम सिमित ओवरों में 160 रन ही बना सकी. भारत के लिए डेब्यू मैन शिवम मावी ने सबसे ज्यादा चार विकेट गिराए. वहीं स्पीड स्टार उमरान मलिक ने दो विकेट झटके।

     

    ये भी पढ़े: एशिया कप 2022 : श्रीलंकाई शेरों ने खिताब पर कब्जा की

     

    टीम इंडिया को जीत कोनसी गेंद पर मिली?

    चमिका करुणारत्ने ने मैच तकरीबन श्रीलंका की झोली में डाल दिया था, लेकिन अक्षर पटेल ने आखिरी ओवर में बुद्धिमानी के साथ गेंदबाजी करते हुए आखिरी बॉल पर टीम इंडिया की जीत दिलाई। करुणारत्ने ने 16 गेंदों में दो छक्कों की कृपा से 23 रन बनाए, परंतु वह अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। आखिरी ओवर में श्रीलंका को जीत के लिए 13 रनों की ज़रूरत थी।

     

    कैसी रही श्रीलंका की शुरुआत?

    भारत से मिले 163 रनों के लक्ष्य उत्तर में श्रीलंका टीम की शुरुआत बहुत बुरी रही। ओपनर पथुम निसांका 01, तीन नंबर पर बैटिंग करने आए धनंजय डी सिल्वा 08 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद चरिथ असालंका भी सिर्फ 12 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. इसके बाद सेट हो चुके ओपनर कुसल मेंडिस भी 25 गेंदों में 28 रन बनाकर आउट हो गए. इस लिए उन्होंने पांच चौके जड़े।

     

    क्या उम्मीदो पर खरे उतरे भानुका राजपक्षे ?

    51 रनों पर चार विकेट गिरने के बाद श्रीलंकाई फैंस को भानुका राजपक्षे से बड़ी उम्मीदें रही होंगी, लेकिन वह भी भारतीय गेंदबाजों के आगे ज्यादा देर नहीं टिक सके और सिर्फ 12 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

     

    किसने मैच का रूख बदला?

    जहां एक तरफ नियमित रूप से विकेट गिर रहे थे. वहीं दूसरे और कप्तान दसुन शनाका बड़े बड़े शॉट्स लगाते रहे. एक समय उन्होंने और वानिंदु हसारंगा ने मैच में श्रीलंकाई टीम की वापसी करा दी थी, परंतु उमरान मलिक ने शनाका को मैच से बाहर कर मैच का रूख बदल दिया।

     

    अक्षर पटेल और दीपक हुड्डा ने एक के बाद पारी।

    इससे पहले टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बहुत अच्छी रही। ओपनर शुभमन गिल और ईशान किशन ने केवल 2.3 ओवर में 27 रन बना डाले, परंतु मिडिल ओवर में एक के बाद विकेट गिरते रहे। वक्त टीम इंडिया 14.1 ओवर में 94 रनों पर 5 विकेट खोकर परिश्रम कर रही थी, लेकिन अक्षर पटेल और दीपक हुड्डा की निरंतर पारियों ने टीम का स्कोर 20 ओवर में 162 रनों तक पहुंचाया। दीपक हुड्डा और शब्दों पटेल ने छठे विकेट के लिए 35 गेंदों पर नाबाद 68 रनों की निरंतर साझेदारी की। हु्ड्डा ने 23 गेंदों में नाबाद 41 और पटेल ने 20 गेंदों में नाबाद 31 रन बनाए‌।

  • Weather forecast: पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठंड, अगले दो दिनों तक रहेगा घना कोहरा; येलो अलर्ट जारी किया गया है।

    Weather forecast: पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठंड, अगले दो दिनों तक रहेगा घना कोहरा; येलो अलर्ट जारी किया गया है।

     पहाड़ों पर बर्फबारी ने ठंड बढ़ा दी। दिल्ली में मंगलवार का दिन इस मौसम का दूसरा सबसे ठंडा दिन रहा। मौसम विभाग ने सप्ताह के अंत तक शीतलहर चलने का अनुमान जताया है। विभाग ने लगातार चार दिनों तक येलो अलर्ट जारी किया है।

     

    उत्तर भारत के पहाड़ों में बर्फबारी शुरू होने से सर्दी फिर से बढ़ने लगी है। इसका असर दिल्ली एनसीआर समेत पंजाब, हरियाणा और पूरे मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। इसके चलते मंगलवार को दिल्ली में दिन का दूसरा सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। दिल्ली में अधिकतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले 26 दिसंबर को तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

     

    दो दिनों तक घना कोहरा छाया रहेगा।

    मौसम विभाग के अनुसार, कई दिनों तक कड़ाके की ठंड पड़ेगी। पहाड़ों से आ रही तेज हवाओं के कारण सप्ताहांत में शीत लहरें भी चलने की संभावना है। अगले दो दिनों में घना कोहरा छाए रहने का भी अनुमान है। इसलिए मौसम विभाग ने लगातार चार दिनों तक येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, बर्फीली हवाओं के बीच पंजाब स्मॉग की सफेद परत में ढका रहा।

     

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    मौसम विभाग ने बुधवार को आसमान साफ रहने और न्यूनतम तापमान क्रमश: आठ और 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है। मंगलवार को हल्के से घने कोहरे के कारण दृश्यता का स्तर भी प्रभावित होने की आशंका है।

     

    क्या है वजह

    मौसम विभाग का कहना है कि हल्का पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। इससे पहाड़ी इलाकों में फिर बर्फबारी हो सकती है। इससे मैदानी इलाकों पर भी मौसम में बदलाव आएगा और ठंडी हवा शीतलहर का कारण बनेगी। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में चार से पांच दिनों तक शीतलहर चलने की संभावना है। निजी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाने की संभावना है।

     

    उत्तराखंड में बर्फबारी

    उत्तराखंड में पहाड़ों में ऊंची चोटियों पर कुछ स्थानों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में कोहरे के साथ बर्फ से भरी हवाएं चलने से मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री नीचे चला गया।

    हालांकि, राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन में धूप खिली रही, जिससे कुछ राहत मिली। हालांकि, सूरज ढलने के बाद लोगों को घर के अंदर छिपना पड़ा।

    मौसम विभाग के अनुसार, भारी पाले और ठंड की स्थिति कई और दिनों तक जारी रहेगी। इससे ठंड के दिन की स्थिति पैदा होती है। इसके चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है। मंगलवार शाम उत्तरकाशी, गंगोत्री धाम और हर्षिल में बर्फबारी हुई, जबकि यमुनोत्री और जानकी चट्टी सहित जिले के अन्य हिस्सों में बादल छाए रहे।

     

    छह साल बाद, भारी बर्फ गिरती है, लेकिन सर्दी जारी है:

    हिमाचल प्रदेश में 7 और 8 जनवरी को भारी बर्फबारी और बारिश के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। 6 दिसंबर तक मौसम साफ रहने की संभावना है। तीन जिलों बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना में शीतलहर की चेतावनी जारी की गई है और दो जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है। .

    मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि 7 और 8 जनवरी को बिजली और पानी के साथ परिवहन व्यवस्था बाधित हो सकती है। हालांकि, राज्य के छह स्थानों पर न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से नीचे है। वहीं, मनाली घाटी में रोहतांग और अंजनी महादेव, गुलाबा, माधी, रहलाफाल, ब्यासनल सहित लाहुल के ऊंचे पहाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों में मंगलवार दोपहर बर्फबारी हुई।

     

    बर्फीली हवाओं के बीच धुंध से घिरा पंजाब

    पंजाब में मंगलवार को बर्फीली हवाओं के बीच धुंध की सफेद चादर छाई रही। अमृतसर, पठानकोट, लुधियाना, पटियाला, आदमपुर, हलवारा और बठिंडा में दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रही। दोपहर तीन बजे तक सूरज नहीं चमका। शीतलहर ने लोगों को मजबूर किया दिन भर कांपता रहा। इसने एक ठंडा दिन और गंभीर ठंड की स्थिति छोड़ दी। सर्द हवाओं के कारण कई शहरों में दैनिक तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

     

    उत्तर प्रदेश में कानपुर सबसे ठंडा रहा।

    पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा तापमान को नीचे रखती है। कड़ाके की ठंड के साथ ही मंगलवार को पूरे प्रदेश में कोहरा छाया रहा। दृश्यता शून्य रही। कानपुर राज्य में सबसे ठंडा रहा। पिछले दो दिनों में पारा 7.2 डिग्री सेल्सियस गिरने के बाद न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, नजीबाबाद में 4.0 डिग्री सेल्सियस और बरेली में 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

     

    कानपुर में दिन का सबसे कम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि लखनऊ और बरेली में 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के 47 जिलों में घने कोहरे और शीतलहर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। आठ जनवरी तक बेहद घना कोहरा और शीतलहर की चेतावनी जारी की गई है।

  • उत्तर भारत में बढ़ी ठंड, दिल्ली संयुक्त कई क्षेत्रों में तीन से चार दिन तक छाया रहेगा घना कोहरा

    उत्तर भारत में बढ़ी ठंड, दिल्ली संयुक्त कई क्षेत्रों में तीन से चार दिन तक छाया रहेगा घना कोहरा

    मौसम विभाग ने दिल्ली में मंगलवार को टैमपरेचर में कुछ और गिरावट कि आशंका जताई है। सोमवार को न्यूनतम टेंपेरेचर 7.6 डिग्री सेल्सियस उल्लिखित किया गया।

     

    किन-किन क्षेत्रों में ठंड ज्यादा बढ़ गई?

    पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राष्ट्रीय राजधानी संयुक्त उत्तर भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में पारा लुढ़कने से ठंड बढ़ गई है। इन इलाकों में अगले तीन-चार दिनों तक सुबह के समय ज्यादा कोहरा भी छाया रहेगा। दिल्ली-एनसीआर में तो सिकुड़न महसूस की गई।

     

    उत्तर भारत, पंजाब के  कौनसे इलाके में गिरावट आई है?

    उत्तर भारत, पंजाब के बठिंडा में फिर टैम्प्रेचर में गिरावट आई है और यह 0.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। हरियाणा के मंडकोला में सबसे कम माइन 1.3 डिग्री तापमान बताया गया। फतेहाबाद में भी 3.2 डिग्री टैम्प्रेचर के साथ जबरदस्त ठंड पड़ी।

     

    श्रीनगर में कहा -कहा पारा बढ़ा?

    श्रीनगर के ज्यादातर क्षेत्रों में ठंड फिर बढ़ गई है। श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम में पांच डिग्री से ज्यादा पारा लुढ़का है। श्रीनगर में रविवार की रात न्यूनतम तापमान माइनस 5.4 डिग्री पर चला गया, एक दिन पहले यह 0.5 डिग्री सेल्सियस था। पहलगाम में माइनस 9.6 और गुलमर्ग में माइनस 10 डिग्री टैम्प्रेचर रहा। केंद्र शासित प्रदेश में गुलमर्ग सबसे ज्यादा ठंडी जगह रही।

     

    किन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया?

    मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार से न्यूनतम टेंपेरेचर में गिरावट होगी। विभाग ने मंगलवार और बुधवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। 6 जनवरी तक तापमान 4 डिग्री तक पहुंचने की आशंका है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 3 से 4दिन प्रातः काल के समय दिल्ली, चंडीगढ़ व हरियाणा में ज्यादा कोहरा छाए रहने का अनुमान है।

  • तमिलनाडु बस, लॉरी और कार कि आपस में हुई टक्कर,एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत

    तमिलनाडु बस, लॉरी और कार कि आपस में हुई टक्कर,एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत

    तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में मंगलवार सुबह दर्दनाक दुर्घटना हो गई। यहां त्रिची-चेन्नई राष्ट्रीय राजमार्ग पर छह सवारी‌ आपस में टकरा गए, जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मृत्यु हो गई। पुलिस ने बताया, हाईवे पर दो बस, दो लॉरी और दो कारें आपस में टकरा गईं, जिससे यह डरावना हादसा हो गया।

     

    तमिलनाडु , अधिकारियों का क्या कहना है?

    अधिकारियों का कहना है कि मृतक एक ही परिवार के हैं। यहां तक कि, अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है। मरने वाले एक ही कार में सवार थे, जिन्हेंफायरमैन वेप्पूर टीम के साथ कार से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।  उधर, पुलिस ने बताया, कार से मिली आरसी से पता चला है कि यह परिवार चेन्नई के नंगनल्लूर का रहने वाला था। यहां तक कि, उनका परिचय  किया जाना बाकी है।

     

    कैसे हुई श्रद्धालु की मौत?

    कर्नाटक के अयप्पन मंदिर के 20 क्षद्धालुओ को ले जा रही एक मिनी बस के तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के वेदसंदूर के पास हादसा हो जाने से एक आदमी की मौत हो गई और दो अलग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए डिंडीगुल सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया गया।

  • दिल्ली के रेड लाइट इलाके में सेक्स वर्कर्स और उनके परिवारों के लिए खुला पहला क्लिनिक।

    दिल्ली के रेड लाइट इलाके में सेक्स वर्कर्स और उनके परिवारों के लिए खुला पहला क्लिनिक।

    भारत में सेक्स वर्कर्स  यौनकर्मियों के साथ भेदभाव जारी है, भले ही वे स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे बुनियादी अधिकार की मांग करते हों। इस प्रणाली में बदलाव लाते हुए, एक एनजीओ ने अब सेक्स वर्कर्स यौनकर्मियों और उनके परिवारों के लिए सम्मान और सम्मान के साथ इलाज सुनिश्चित करने के लिए समर्पित एक क्लिनिक की स्थापना की है।

    कई सारी रिपोर्ट्स की माने तो भारत में आज भी सेक्स वर्कर्स  यौनकर्मी अस्पताल जाने से क्यों डरते हैं? यह जनता के लिए एक वेक-अप कॉल हैं कि कैसे देश की बुनियादी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली देश में सेक्स वर्कर्स यौनकर्मियों के साथ भेदभाव करती है। विभिन्न राज्यों के यौनकर्मियों ने बताया कि जब वे स्वास्थ्य सेवा की तलाश करते हैं तो उन्हें कैसे अनदेखा किया जाता है, अधिक शुल्क लिया जाता है और उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है।

     

    सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सेक्स वर्कर्स को सम्मान देने और सेक्स वर्क को एक पेशे के रूप में वर्गीकृत करने के फैसलों के बावजूद, समुदाय को मुख्य धारा से काफी हद तक दूर रखा गया है। नतीजतन, कई यौनकर्मी अधिक पैसा खर्च करना जारी रखती हैं और सम्मान और सम्मान के साथ इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जाती हैं।

     

    स्वास्थ्य का मूल अधिकार प्रदान करना

    दिल्ली के जीबी रोड के रेड-लाइट एरिया में यौनकर्मियों और उनके परिवारों को समर्पित एक पहला स्वास्थ्य क्लिनिक खोला गया है। उत्कर्ष पहल के सहयोग से गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सेवा भारती द्वारा शुरू किया गया क्लिनिक नियमित जांच और अन्य उपचार की सुविधाओं से सुसज्जित है। यह एक गैर-कार्यात्मक स्कूल के एक हिस्से में स्थापित किया गया है।

     

    इसमें मरीजों के इलाज के लिए सात डॉक्टर नियुक्त होंगे। 1 जनवरी को इसके उद्घाटन के दौरान, सेवा भारती दिल्ली प्रांत के महासचिव, सुशील गुप्ता ने कहा, “हमने इस साल के पहले दिन इस पहल की शुरुआत की है, इस साल की शुरुआत एकांत और शोषित तबके के लिए सही पहल के साथ की है। 

     

    गारस्टिन बैस्टियन रोड, जिसे जीबी रोड के नाम से जाना जाता है, अजमेरी गेट से लाहौरी गेट तक चलने वाले क्षेत्र का एक हिस्सा है और इसमें सैकड़ों वेश्यालय हैं जिनमें हजारों यौनकर्मी रहते हैं। उनमें से कई लोग इस तरह के कलंक के कारण देश में स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने से डरते हैं। लोगो ने कहा कि क्षेत्र में इस तरह की पहली पहल का उद्देश्य इस मुद्दे को हल करना है और यौनकर्मियों और उनके परिवारों को उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने और सम्मान और सम्मान के साथ व्यवहार करने में सहायता करना है।

     

    सम्मान के साथ व्यवहार किया जा रहा है।

    बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में एक सेक्स वर्कर के हवाले से कहा गया है, “जब डॉक्टर को पता चलता है कि हम सेक्स वर्कर हैं तो वे अलग तरह से व्यवहार करना शुरू कर देते हैं।“ वे अक्सर रोगी को छूने से भी मना कर देती हैं और उनकी स्थितियों को समझती हैं, और परिणामस्वरूप, सेक्स वर्कर का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाता है। कार्यकर्ता ने कहा कि उनके समुदाय को समर्पित नए क्लिनिक के खुलने से स्थिति अच्छी तरह से बदल जाएगी और क्लीनिक का दौरा करते समय उन्हें जिस कलंक का सामना करना पड़ता है, उससे लड़ने में मदद मिलेगी।

     

    तथ्य यह है कि भारत में सेक्स वर्कर्स यौनकर्मियों को अपने जीवन के सभी चरणों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, यह एक ज्ञात वास्तविकता है और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच कई अध्ययनों में एक ऐसा ही उल्लेखनीय पहलू है। महाराष्ट्र में 300 से अधिक यौनकर्मियों के बीच 2012 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि उनमें से 66 प्रतिशत को उनके पेशे के कारण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा भेदभाव किया गया था। इनमें से 61.4 प्रतिशत ने किसी न किसी रूप में उपहास या पेशेवरों की अपमानजनक टिप्पणियों का सामना किया है। उनमें से कई, जब वे बीमार पड़ गए, तो उन्हें कई यौन-संचारित बीमारियों (एसटीआई) परीक्षणों से गुजरना पड़ा।

     

    इनमें से कई मामलों ने टिप्पणी की कि सरकारी अस्पतालों में इस तरह का भेदभावपूर्ण व्यवहार प्रचलित था। इस कारण से,सेक्स वर्कर्स यौनकर्मियों का एक बड़ा हिस्सा निजी तौर पर या गैर-सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करना जारी रखता है ताकि उनकी स्थिति का सम्मान किया जा सके।

     

    ऐसे समय और स्थान में, पूरी तरह से सेक्स वर्कर्स यौनकर्मियों और उनके परिवारों को समर्पित एक स्वास्थ्य सुविधा इस पेशे से जुड़े हजारों लोगों को आशा की किरण प्रदान करती है।जहां ऐसे कदम सरकार की तरफ से आने चाहिए भी एनजीओ द्वारा ऐसे कदम उठाना एक नई पहल की ओर इशारा करती हैं।

  • Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के फैसले पर लगाई मुहर, जस्टिस नागरत्ना की सलाह अलग

    Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के फैसले पर लगाई मुहर, जस्टिस नागरत्ना की सलाह अलग

    सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के 2016 में नोटबंदी के निर्णय को सही माना है। केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को एक दम देश में नोटबंदी हो गई की थी। इसके दोराना 1000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। नोटबंदी के निर्णय के विरुद्ध 58 गुहार अवगाहन किया गया था। जिस पर 2 जनवरी यानी आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया।

     

    कौन से दिन फैसला सुरक्षित किया गया?

    जस्टिस अब्दुल नजीर की उत्तराधिकार वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने पांच दिन की बहस के बाद 7 दिसंबर को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। निर्णय सुनाने वाली बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी। रामासुब्रमण्यन, और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना जूडे रहे।

     

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में क्या क्या कहा?

    सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 की राय से केंद्र सरकार के 2016 में नोटबंदी के निर्णय को बिल्कुल सही ठहराया। कोर्ट ने माना कि केंद्र की 8 नवंबर, 2016 की घोषणा वैध है।

     

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच बातचीत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि नोटबंदी का निर्णय लेते समय अपनाया गया तरीका में कोई कमी नहीं थी। इसलिए, उस घोषणा को रद्द करने की कोई जरूरत नहीं।

     

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार को कानून और आरबीआई एक्ट ने हक़ दिए हैं। उसका प्रयोग करने से कोई बाधा नहीं कर सकता। अब तक दो बार नोटबंदी यानी विमुद्रीकरण के इस अधिकार का उपयोग अब तक हुआ है। ये तीसरा अवसर था। रिजर्व बैंक अकेले विमुद्रीकरण का फैसला नहीं कर सकता।

     

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    जस्टिस बीवी नागरत्ना ने क्या राय दी?

    जिस तरह से नोटबंदी की गई, उस पर जस्टिस बीवी नागरत्ना अलग रहे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी कानून के साधन से होना चाहिए था। जस्टिस नागरत्ना ने कहा, विमुद्रीकरण (नोटबंदी) की पुनः कानून के उलटी और गैरकानूनी शक्ति का उपयोग था। इतना ही नहीं यह नियम और अध्यादेश भी अनुचित थे। इसके होते हुए भारत के लोगों को से गुजरना पड़ा। यहा तक कि, इसे ध्यान में रखते हुए कि ये निर्णय 2016 में हुआ था, ऐसे में इसे बदला नहीं जा सकता।

     

    सरकार के निर्णय के विरुद्ध कितनी याचिका भर्ती?

    याचिकाकर्ताओं का दावा था कि सरकार सहित अपनाई गई तरीका में भारी खराबी थीं और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए। इस तरीके ने इस देश के कानून के शासन का मजाक बना दिया। केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की खुशामद पर ही सरकार नोटबंदी कर सकती है। लेकिन यहां तरीके को ही उलट दिया गया। केंद्र ने निर्णय लेने के दौरान अहम दस्तावेजों को रोक दिया, जिसमें सरकार द्वारा आरबीआई को 7 नवंबर को लिखा गया पत्र और आरबीआई बोर्ड की बैठक के मिनट्स शामिल है।

     

    केंद्र सरकार ने क्या कहा था? 

    केंद्र ने याचिकाओं के उत्तर में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जाली नोटों, बेशुमार धन और टेररिस्ट जैसी हलचल से लड़ने के लिए नोटबंदी एक महत्वपूर्ण कदम था। नोटबंदी को अन्य सभी संबंधित वित्तीय नीतिगत उपायों से अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए या इसकी देख-रेख नहीं की जानी चाहिए। आर्थिक व्यवस्था को पहुंचे बहुत बड़े लाभ और लोगों को एक बार हुई वेदना का मुकाबला नहीं की जा सकती। नोटबंदी ने नकली पैसों को सिस्टम से ज्यादा हद तक बाहर कर दिया. नोटबंदी से डिजिटल अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा है।

     

    आरबीआई ने क्या क्या कहा था?

    केंद्र से खुशामद करने के लिए आरबीआई नियमित के तहत प्रक्रिया का पालन किया गया। आरबीआई की केंद्रीय बोर्ड की बैठक में तय कोरम पूरा किया गया था, जिसने खुशामद करने का निर्णय किया गया था. लोगों को कई मौके दिए गए, पैसों को बदलने के लिए बड़े स्तर पर इंतजाम की गई थी।

  • XBB 1.5 Covid Varrient: आ गया कोरोना वायरस का 120% भयानक वेरिएंट, व्यर्थ नतीजे वैक्सीनेशन को लेकर

    XBB 1.5 Covid Varrient: आ गया कोरोना वायरस का 120% भयानक वेरिएंट, व्यर्थ नतीजे वैक्सीनेशन को लेकर

    भारत पर बार बार आ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट से परेशानी बढ़ी हुई हैं। इस बीच ओमिक्रॉन (Omicron) के वेरिएंट XBB.1.5 का जिक्र खूब हो रहा है। जहां चीन (China) में एक तरफ सब वेरिएंट बीएफ। 7 (BF.7) ने लोगों की आफते बढ़ा रखी हैं तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में वेरिएंट XBB.1.5 की वजह से हंगामा मचा हुआ है।

     

    कितने फीसदी तेजी से फैलता है?

    बताया जा रहा है कि XBB.1.5 वेरिएंट बीक्यू 1 से 120 फीसदी तेजी से फैलता है.विद्वानो ने दावा किया है कि अमेरिका में 40 फीसदी से ज्यादा मामले ओमिक्रॉन के XBB.1.5 वेरिएंट के हैं। इससे अतिक्रमण लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती होने की सलाह दी गई है। आइए इसके लक्षणों के बारे में जानते हैं।

     

    डॉ. माइकल ओस्टरहोम ने क्या बताया?

    मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के स्पेशलिस्ट डॉ. माइकल ओस्टरहोम ने बताया कि अमेरिका में पाए गए कोरोना वायरस के 40 फीसदी से ज्यादा केस XBB.1.5 वेरिएंट के हैं। बता दें कि XBB की पहचान भारत में पहली बार अगस्त महीने में हुई थी। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वायरसविज्ञानी (Virologist) एंड्रयू पेकोज ने कहा कि वैरिएंट XBB.1.5 में म्यूटेशन एक अतिरिक्त है। इसकी वजह से यह बॉडी की कोशिकाओं से और अधिक अच्छे तरीके से जुड़ता है। इस कारण से इसका संक्रमण तेजी से ‌है।

     

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    क्यों खतरनाक है XBB.1.5 वेरिएंट?

    वहीं, एपिडेमियोलॉजिस्ट एरिक फेगल-डिंग ने कहा कि यह XBB.1.5 वेरिएंट एक्सबीबी और बीक्टक्के टक्कर में अच्छी तरह से बॉडी की इम्युनिटी से बचकर निकलने में क्षमताशाली है। XBB.1.5 वेरिएंट का संक्रमण मूल्य बहुत ज्यादा है।

     

    कैसे XBB.1.5 वेरिएंट शरीर की एंटीबॉडी को कमजोर करता है?

    पेकिंग यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर यूनलॉन्ग रिचर्ड काओ ने बताया कि XBB.1.5 वेरिएंट शरीर की एंटीबॉडी को कमजोर करता है। वहीं, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने कहा कि XBB के सब वैरिएंट्स कोविड वैक्सीनेशन के असर को कम कर सकती है।

     

    कैसे पता चलता है XBB.1.5 वेरिएंट के बारे में?

    XBB वेरिएंट के कुछ लक्षण अन्य वेरिएंट से मिलते-जुलते हैं। नाक बहना, बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, सर्दी, छींक और खांसी इसके मुख्य लक्षण बताए जा रहे हैं।

  • दिल वालों की दिल्ली की जगह ‘दिल दहलाने वाले कांडों की दिल्ली

    दिल वालों की दिल्ली की जगह ‘दिल दहलाने वाले कांडों की दिल्ली

    दिल्ली में एक्सीडेंट के बाद बॉडी को 13 किलोमीटर तक घसीटा, शरीर में नहीं बचा खून का एक भी कतरा

    दिल्ली को देश का केंद्र कहने के साथ-साथ अगर जुर्म का केंद्र भी कहा जाये तो गलत नहीं होगा, आये दिन आपको कोई न कोई रेप केस, मर्डर, शव के टुकड़े-टुकड़े आदि कुछ ना कुछ सुनने को या पढ़ने को मिल ही जायेगा l नए साल का दिन था मगर देश नए साल में भी दिल दहलाने वाली खबर से दूर नहीं रह सका।

     

    आपको बता दूँ कि जब देश और दुनिया नए साल के जश्न में डूबे थे तब दिल्ली के अमन विहार की रहने वाली एक लड़की अपनी ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहे थी, पीड़िता एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में काम करती थी जिसके चलते घर देरी से ही जा पाती थी मगर उसे क्या मालूम था कि नए साल का पहला दिन ही उसकी ज़िन्दगी का आखिरी दिन होगा।

     

    कोई जिम्मेदारी लेगा या सब भूल गए हैं?

    क्या देश का मर्द अपनी जिम्मेदारी भूल गया है? क्या देश की पुलिस अपनी जिम्मेदारी भूल गई है? क्या हमें इस तरह की घटनाओं को सुनने और सहने की आदत हो गई है? क्या हम एक ऐसा समाज पैदा कर रहे हैं जिसके नागरिक अंदर से नामर्द बन चुके हैं? आज हमें अपने आप से इस तरह के कई सवाल करने की जरुरत है।

     

    क्योकि दो महीने भी नहीं हुए जब हमें पता लगा था कि एक दरिंदे ने एक लड़की के शव को 35 टुकड़ों में काट कर फेंक दिया था। 15 दिन भी नहीं हुए जब हमें पता चला था कि स्कूल जाती एक लड़की पर कुछ हैवानों ने एसिड फेंक दिया था और नए साल पर हैवानों का नया तोहफा दिल्ली पुलिस और उसकी जनता के मुँह पर करारा थप्पड़ है।

     

    ऐसे मुद्दों पर भी राजनीती?

    दिल वालों की दिल्ली की जहग दिल दहलाने वाले कांडों की दिल्ली कहें तो किसी को बुरा नहीं लगना चाहिए। दिल्ली मॉडल का हवाला दिए आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जिस रफ़्तार से आगे बढ़ रहे हैं उनको पता नहीं क्यों ये दिल्ली में कोरोना वायरस की स्पीड से फैलता हैवानियत का वायरस दिखाई नहीं दे रहा?

     

    उधर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले देश के मुखिया नरेंद्र मोदी पता नहीं क्यों बेटियों को बचा नहीं पा रहे? सब बस अपनी राजनितिक रोटियाँ सेकने में लगे हैं। सिर्फ भारत माता की जय बोलने से भारत माता की जय नहीं होगी उसके लिए कानून व्यवस्था को दुरस्त करना होगा, नियमों का पालन सख्ती से करवाना होगा, दोषियों को शख्त से शख्त सजा-सजा समय रहते देने होगी अन्यथा हालत हाथ से निकल सकते हैं।

  • नहीं रहे फुटबाल के ‘द एकिंग’ पेले, 82 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

    नहीं रहे फुटबाल के ‘द एकिंग’ पेले, 82 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

    आइए जानते हैं कैसा रहा पेले का प्रारंभ से लेकर अंतिम समय तक का सफर। ब्राज़ील के लीजेंड फुटबॉलर पेले की मृत्यु 82 साल की उम्र में हो गई। उन्हें निरन्तर दौर के प्रशंसनीय हस्ति माना जाता है। वे फुटबॉल के आत्म संबंधी घर कहे जाने वाले ब्राज़ील के आइकनिक खेल हस्ती रहे।

     

    पेले की महानता का अंदाज़ा किस्से लगाया जा सकता है?

    पेले की महानता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि उन्हें खेलते देखना अलौकिक था, वे गोल कर रहे होते तब भी और जब गोल करने से रह जाते थे तब भी वो पहले ऐसे फुटबॉलर थे, जिनकी प्रसिद्ध देश-विदेश, सब जगह थी। वे फुटबॉल के पहले ग्लोबल स्टार थे. उन्होंने 1363 मैचों में 1281 गोल किए थे।

     

    सैंटोस क्लब के साथ 15 साल की उम्र में शुरुआत करने से लेकर न्यूयार्क कास्मोस के लिए खेलने तक, उनका करियर शानदार रहा। ऐसा शानदार कि फुटबॉल और पेले एक दूसरे के समानार्थक बन गए। पेले ने ब्राज़ील के पहले इंटरनेशनल खिलाड़ी वाल्देमर डि ब्रिटो के गाइडेंस में सबसे साओ पाओलो के बाऊरो फुटबॉल क्लब के लिए खेलना शुरू किया था।

     

    ब्राज़ील की सबसे कामयाब टीम कैसे और किसकी वजह से बनी?

    पेले की वजह से सैंटोस ना बल्कि ब्राज़ील की सबसे कामयाब और प्रसिद्ध टीम बन गई, इसके अलावा उन्होंने दक्षिण अमेरिका में चैंपियंस लीग का ओहदा रखने वाले कोपा लिबरेटाडोर्स में 1962 और 1963 में जीत दिलाई। ब्राज़ील की ओर से उन्होंने पहला मैच 9 जुलाई, 1957 को अर्जेंटीना के विरुद् मरकाना स्टेडियम में 16 साल और नौ महीने की आयु में खेला था। ब्राज़ील यह मैच 1-2 से हार गया था लेकिन टीम की ओर से एकमात्र गोल पेले ने किया था।

     

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    पेले ने ब्राज़ील की ओर से 92 मैचों में 77 गोल किए थे। केवल 17 साल की आयु में 1958 वर्ल्ड कप के समय पेले का जलवा दुनिया ने देखा। आखिरी मुक़ाबले में स्वीडन को ब्राज़ील ने 5-2 से हराया और इसमें पेले ने दो गोल दागे थे। वहीं 1970 के वर्ल्ड कप फ़ाइनल में ब्राज़ील की इटली पर 4-1 की जीत में पहला गोल पेले का ही था। इन दोनों वर्ल्ड कप जीतने वाली ब्राज़ीली टीम में पेले का अहम रोल रहा है।

     

    तो आइए जानते हैं पेले का नाम पेले कैसे पड़ा?

    जैसा कि आप सभी जानते हैं हर इंसान के एक-दो निकनेम होते हैं। ब्राज़ील के छोटे से शहर मिनास गेराइस में 23 अक्टूबर, 1940 को पेले का जन्म हुआ था। पिता क्लब स्तर के फुटबॉलर थे और मां हाउसवाइफ़ थी। मां बाप ने अपने बेटे का नाम एडसन रखा था। इस नाम को रखने की वजह के बारे में पेले ने अपने संस्मरण ‘व्हाई सॉकर मैटर्स’ में बताया है, ‘’जिस समय मेरा जन्म हुआ था। ठीक उसी समय हमारे शहर में बिजली का बल्ब पहुंचा था। मेरे माता पिता बल्ब की रोशनी से मुग्ध थे।

     

    तो उन्होंने इसे बनाने वाले थामस एल्वा एडिसन के अंदर में मेरा नाम रखा एडिसन पर ग़लती से वो स्पेलिंग में आई शब्द नहीं रख पाए’’। तो इस तरह से पेले का नाम हो गया एडसन. पूरा नाम एडसन एरेंटस डो नासिमेंटो।  ब्राज़ील में इसी तरह से नाम लंबे चौड़े रखे जाते हैं, इसलिए लोगों के निकनेम चलन भी में आ जाते हैं।

     

    क्यों निराश रहे पेले वर्ल्डकप के समय?

    वैसे पेले के अस्तित्व में मैराडोना जैसा स्याह पक्ष भी नहीं था। मैराडोना को 1994 के अमेरिका में हुए वर्ल्ड कप के समय ड्रग्स का उपयोग के चलते बाहर होना पड़ा था। वहीं दूसरी ओर मेसी ने 2022 में अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप दिलाकर, इस बहस को मजबूती दी है। पेले को वर्ल्ड कप के समय निराशा भी सहनी पड़ी। 1966 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।इस वर्ल्ड कप में ब्राज़ील, पुर्तगाल के हाथों 3-1 से हारकर बाहर हुई थी।

     

    किसकी तरह बनना चाहते थे पेले?

    पेले के फुटबॉलर पिता ने उन्हें वह सब कुछ सिखाया जो एक खिलाड़ी में होना चाहिए. पेले ने 2015 में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था। ‘मेरे पिता एक अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी थे, उन्होंने बहुत सारे गोल किए. उनका नाम डोनडिन्हो था। मैं उनके जैसा बनना चाहता था। वह ब्राजील में मिनास गेराइस में प्रसिद्ध थे। वह मेरे आदर्श थे, मैं हमेशा उनके जैसा बनना चाहता था, लेकिन मैं बन पाया या नहीं यह आज भगवान ही बता सकता है।

    The one & only Pelé
    ️1279 goals
    3 FIFA World Cups
    6 Brazilian league titles
    2 Copa Libertadores
    ️FIFA Player of the Century
    ️TIME 100 Most Important People of the Century

    फुटबॉल का मतलब – पेले अब नहीं रहे पेले।

    साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल के एक बयान के अनुसार, कोलन कैंसर के कारण गुरुवार को पेले के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। जिसके चलते उनका उनका निधन हो गया। पेले को पिछले महीने श्वसन संक्रमण और पेट के कैंसर से संबंधित जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।