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MD और CEO चंदा कोचर, पति दीपक कोचर समेत गिरफ्तार, वीडियोकॉन लोन मामले में CBI का बड़ा एक्शन

चंदा कोचर

वीडियोकॉन को लोन मामले में सीबीआई ने की जांच पड़ताल। जांच एजेंसी ने शुक्रवार शाम को ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक का काम संभाल रही थी, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था। बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी को नू रिन्यूएबल वीडियोकॉन से निवेश मिला था।

2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया या नहीं?

हां जानकारी के मुताबिक 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था। जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे “बैंक फ्रॉड” कहा गया. सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया और छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50% हिस्सेदारी है।

किसने किसके ऊपर लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया ?

ये भी बता दें कि ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ, एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। इसमें दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदलते धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की संदिग्ध बल से कंपनी ‘नूपावर’ में अपना पैसा निवेश किया।

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आरोप क्या है?

आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया। साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक को छोड़ना पड़ा था। सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में शुरू में जांच दर्ज की थी।

समिति कि जांच पड़ताल के बाद क्या रिपोर्ट आई?

साल 2019 में आईसीआईसीआई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओं) प्रबंध निदेशक चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही जस्टिस बी.एन। श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट आई। समिति ने अपनी जांच में पाया कि वीडियोकोन को कर्ज देने के मामले में कोचर ने बैंक की आचार संहिता का विरोध किया है। कोचर की स्वीकार पर इस उधारी का कुछ हिस्सा उनके पति दीपक की मालिकाना हक वाली कंपनी को दिया गया।