Donald Trump के रेसीप्रोकल टैरिफ प्लान का भारत और जापान समेत दुनिया के कई देशों पर असर पड़ने क संभावना है। रेसीप्रोकल टैरिफ का मतलब है कि जो देश अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाएगा अमेरिका भी बदले में उतना ही टैरिफ लगाएगा। बता दें कि भारत अमेरिकी आयातों पर 9.5 फीसदी का औसत चार्ज करता है जबकि अमेरिका भारतीय उत्पादों पर महज 3 फीसदी टैरिफ लगाता है।
Reciprocal टैरिफ का असर भारत सहित कई देशों पर पड़ेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने हाल ही में रेसीप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया है। ट्रंप द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य व्यापार संबंधों में लंबे समय से चले आ रहे असंतुलन को दूर करना है, जहां दूसरे देश अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं।
एक विश्लेषण के मुताबिक, अमेरिका भारतीय सामानों पर जितना शुल्क लगाता है, उसके मुकाबले भारत अमेरिकी सामानों पर करीब 10 फीसदी पॉइंट ज्यादा चार्ज लगाता है। Donald Trump ने अपने एलान के साथ ये भी कहा कि ‘अगर आप यहां (अमेरिका) में निर्माण करेंगे, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।’
भारत का टैरिफ अधिक क्यूं?
Donald Trump के रेसीप्रोकल टैरिफ का असर भारत सहित कई देशों पर पड़ेगा। यूएस एक्सपोर्ट पर भारत का हाई टैरिफ रेट औसतन 9.5 फीसदी है, जबकि अमेरिका भारतीय सामानों पर केवल 3 फीसदी टैरिफ लगाता है।
नोमुरा के विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी एक्सपोर्ट पर भारत का भारित औसत प्रभावी टैरिफ भारतीय निर्यात पर अमेरिका की टैरिफ दर से काफी अधिक है। पीएम मोदी से मुलाकात के पहले ट्रंप ने ये तक कह दिया था, कि हाई टैरिफ के कारण भारत में बिजनेस करना काफी कठिन है।
Donald Trump ने क्यों चुनी 1 अप्रैल की तारीख?
सवाल ये है कि ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के लिए 2 अप्रैल का ही दिन क्यों चुना? इसका जवाब खुद ट्रंप ने ही दिया। उन्होंने कहा कि वह 1 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लगाना चाहते थे, लेकिन “अप्रैल फूल डे” का आरोप नहीं लगाना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील और भारत जैसे देश अमेरिका पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ से कहीं ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। उन्होंने इस स्थिति को अनुचित बताया।
ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया कि जो देश अपने उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते हैं, उन्हें टैरिफ देना होगा और कुछ मामलों में तो हम बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाएंगे।
बता दें कि अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क मंगलवार से लगा दिया है। चीन की वस्तुओं पर भी 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया गया है।
किस पर कितना टैरिफ लगेगा
- कनाडा से आयात- अधिकतर सामानों पर 25% टैरिफ।
- तेल और बिजली जैसे ऊर्जा उत्पादों पर 10% टैरिफ।
- मेक्सिको से आयात- सभी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा।
- स्टील और एल्युनिनियम- पहले से लागू 25% टैरिफ आगे भी रहेगा जारी
रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभाव
Donald Trump के इस फैसले का प्रभाव दूरगामी होने की उम्मीद है, जिसमें भारत के फूड प्रोडक्ट, सब्जियां, टेक्सटाइल और क्लॉथिंग सेक्टर के सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है। इलेक्ट्रिकल मशीनरी, रत्न और आभूषण, फार्मा प्रोडक्ट, ऑटो, लोहा और स्टील जैसे उत्पाद भारत अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है। टैरिफ से इन पर भी असर पड़ेगा।
इन सभी बदलावों के बीच, भारत करीब 30 उत्पादों पर टैरिफ कम करने के बारे में सोच रहा है, साथ ही व्यापार संबंधी तनावों को कम करने के लिए अमेरिका से डिफेंस और एनर्जी उत्पादों का आयात बढ़ाएगा। हालांकि अमेरिका और भारत के ट्रेड रिलेशन काफी कॉम्प्लेक्स हैं।
कब सुलझेगा टैरिफ का मुद्दा?
Donald Trump टैरिफ वॉर का इस्तेमाल करके दूसरे देशों पर दबाव बनाना चाहते हैं। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होने की उम्मीद है। हालांकि, इससे महंगाई बढ़ने का जोखिम भी रहेगा। ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें महंगाई बढ़ने की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि आखिर में चीजें सस्ती होंगी और इसमें अमेरिका का ही फायदा है।