हर भारतीय नागरिक 15 अगस्त और 26 जनवरी राष्ट्रीय ध्वज यानी की तिरंगा फहराता ही हैं लेकिन भारत की जनता में से कुछ लोग ऐसे होंगे जिन्हें तिरंगा फहराने के सही नियम पता होंगे। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हर भारतीय नागरिक को तिरंगा फहराने के उचित नियमो की जानकारी होनी चाहिए जैसे की:-
क्या हैं तिरंगा फहराने के नियम?
बीच अपने घर पर तिरंगा फहराए। अब इसी मुहिम से जुड़ते हुए लोग अपने-अपने घरों में तिरंगा फहराते हुए अपने देशभारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं। इसी के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी ने ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम शुरू की जिसके अनुसार भारत सरकार ने अपील की सभी लोग 13 से 15 अगस्त के के प्रति प्रेम और निष्ठा दिखा रहे हैं। लेकिन फ़्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 जिसमे 19 जुलाई 2022 को बदलाव किए गए। ये कोड तिरंगा फहराने के कुछ नियम बताता हैं जिनका ध्यान
हर नागरिक को रखना चाहिए उनमें से कुछ नियम ये हैं:
- भारत सरकार द्वारा हाल ही में किए गए बदलाव के बाद तिरंगे को दिन और रात दोनों समय फहराने की अनुमति दी, यदि इसे खुले में या जनता के किसी सदस्य के घर में प्रदर्शित किया जाता है। पहले राष्ट्रीय ध्वज केवल सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता था।
- घर पर अगर तिरंगा लगाया गया हैं तो तिरंगा सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए।
- क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त ध्वज को कभी भी प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज हमेशा सही स्थिति में होना चाहिए।
- तिरंगे को कभी भी उल्टा नहीं दिखाना चाहिए मतलब भगवा पट्टी कभी भी नीचे नहीं होनी चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी में नहीं झुकाना चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी भी अन्य ध्वज को ऊपर या बगल में नही रखना चाहिए
- ध्वज के मस्तूल पर या उसके ऊपर फूल, माला या प्रतीक सहित कोई भी वस्तु नहीं रखी जानी चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग उत्सव या किसी अन्य तरीके से सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज किसी भी परिस्थिति या स्थिति में पानी में जमीन या फर्श को नहीं छूना चाहिए।
- झंडे पर कोई अक्षर नहीं होना चाहिए।
झंडे को फहराने के बाद नष्ट कैसे करे?
झंडा फहराने के बाद इसे अच्छे से तह लगाकर संभाल कर रख सकते हैं। यदि तिरंगे को अगर नष्ट करना हैं तो एकांत में जाकर पूरे सम्मान के साथ तिरंगे को तह बनाकर किसी डिब्बे में बंद करके जमीन के अंदर दबा सकते हैं। इसके अलावा एकांत स्थान पर ही तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ जला भी सकते हैं जिसके बाद बची राख को नदी में प्रवाहित भी कर सकते है। अब तिरंगे को तह करने की बात आई हैं तो तह करते वक्त केसरिया पट्टी और हरी पट्टी के बीच सफेद पट्टी आनी चाहिए और सफेद पट्टी में अशोक चक्र ऊपर रखना चाहिए।