6 दिसंबर की रात जो हादसा पूरे देश को हिला गया। उत्तर गोवा के अरपोरा में स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में 6 दिसंबर की रात एक भीषण अग्निकांड ने 25 निर्दोष लोगों की जान ले ली।

इस हादसे में 21 कर्मचारी और 4 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। यह दुर्घटना फायर सेफ्टी नॉर्म्स की अनदेखी और लापरवाही का एक जीता-जागता उदाहरण बन गई है।
Luthra Brothers कौन हैं और क्या है उनका रोल?

गौरव लूथरा (44 वर्ष) और सौरभ लूथरा (40 वर्ष) इस नाइटक्लब के सह-स्वामी हैं। पुलिस के अनुसार, Luthra Brothers के पास नाइटक्लब के संचालन, सुरक्षा व्यवस्था, परमिशन और इवेंट्स पर पूर्ण नियंत्रण था। इस त्रासदी के लिए उन्हें प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है।
फरार होने की चौंकाने वाली कहानी
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि Luthra Brothers ने आग लगने के महज एक घंटे बाद ही थाईलैंड के लिए फ्लाइट टिकट बुक कर लिया था। जांच में सामने आया कि जब नाइटक्लब में आग लगी हुई थी और बचाव कार्य जारी था, तभी रात 1:30 बजे दोनों भाइयों ने मेकमाईट्रिप के जरिए फुकेट के लिए टिकट बुक किए।
वे मुंबई कार से पहुंचे और वहां से 7 दिसंबर की सुबह 5:30 बजे इंडिगो की फ्लाइट से थाईलैंड के फुकेट भाग निकले। दिल्ली कोर्ट ने इसे “कानूनी प्रक्रिया से बचने का स्पष्ट प्रयास” करार दिया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई

Luthra Brothers के भारत छोड़ने के बाद गोवा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की:
- 8 दिसंबर: लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया
- 9 दिसंबर: इंटरपोल ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया
- 11 दिसंबर: थाई अधिकारियों ने फुकेट में दोनों भाइयों को हिरासत में लिया
पासपोर्ट निलंबित किए गए और भारत सरकार ने विदेश मंत्रालय से पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया
भारत वापसी और गिरफ्तारी
16 दिसंबर को Luthra Brothers को थाईलैंड से डिपोर्ट करके दिल्ली लाया गया। दोपहर 2:30 बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरते ही गोवा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें द्वारका के इंदिरा गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया।
पटियाला हाउस कोर्ट में भावुक दृश्य
कोर्ट में जब Luthra Brothers को पेश किया गया, तो परिवार के सदस्यों को देखकर दोनों भाई फूट-फूटकर रोने लगे। यह दृश्य सभी के लिए भावुक था। हालांकि, दिल्ली कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोपों को ‘गंभीर और संगीन’ करार देते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

पटियाला हाउस कोर्ट ने गोवा पुलिस को दो दिन का ट्रांजिट रिमांड दिया, जबकि पुलिस ने तीन दिन की मांग की थी। कोर्ट के आदेश के अनुसार, 48 घंटे के भीतर Luthra Brothers को गोवा की स्थानीय अदालत में पेश करना जरूरी है।
गोवा में पूछताछ शुरू

17 दिसंबर की सुबह Luthra Brothers को फ्लाइट से गोवा लाया गया। सुबह 10:45 बजे वे मनोहर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मोपा पहुंचे। गोवा पुलिस ने उन्हें अंजुना पुलिस स्टेशन ले जाकर गहन पूछताछ शुरू की। इसके बाद उन्हें मापुसा अदालत में पेश किया जाएगा जहां नियमित रिमांड की मांग की जाएगी।
क्या हैं गंभीर आरोप?
गोवा पुलिस ने Luthra Brothers के खिलाफ 7 दिसंबर को अरपोरा-अंजुना पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया है। भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105, 125, 125(a), 125(b), और 287 के साथ धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज है।
मुख्य आरोप हैं:
- गैर-इरादतन हत्या (Culpable Homicide Not Amounting to Murder) – इस धारा में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है
- बिना सुरक्षा उपायों के फायर शो का आयोजन
- आपातकालीन निकास दरवाजे की व्यवस्था नहीं होना
- अनिवार्य फायर सेफ्टी उपकरणों का अभाव
- अनिवार्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन
FIR के अनुसार, Luthra Brothers को पता था कि रेस्तरां में ग्राउंड फ्लोर या डेक फ्लोर पर आपातकालीन निकास दरवाजे नहीं हैं, फिर भी उन्होंने फायर शो का आयोजन किया।
कैसे हुआ यह भीषण हादसा?

जांच में सामने आया है कि 6 दिसंबर की रात एक डांस परफॉर्मेंस के दौरान इनडोर पायरोटेक्निक्स (आतिशबाजी) का इस्तेमाल किया गया, जिससे आग लग गई। खराब फायर सेफ्टी व्यवस्था और अनिवार्य क्लीयरेंस की कमी के कारण आग तेजी से पूरे क्लब में फैल गई और निकास मार्ग अवरुद्ध हो गए, जिससे कई लोग अंदर फंस गए।
अब तक कितनी गिरफ्तारियां?
अब तक इस मामले में कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है:
- Luthra Brothers (गौरव और सौरभ लूथरा)
- नाइटक्लब के जनरल मैनेजर
- तीसरे पार्टनर अजय गुप्ता
- तीन अन्य स्टाफ सदस्य
- अरपोरा-नवा पंचायत के सरपंच (बाद में अंतरिम संरक्षण मिला)
गोवा डीजीपी अलोक कुमार ने पुष्टि की है कि गहन जांच जारी है और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी स्तर पर कार्रवाई
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने तुरंत कार्रवाई करते हुए:
- मजिस्ट्रेरियल जांच का आदेश दिया
- रात 2 बजे खुद घटनास्थल का दौरा किया
- वागाटोर में रोमियो लेन बीच शैक को ध्वस्त करने का आदेश दिया (यह अवैध रूप से बनाया गया था)
- चेतावनी दी कि फायर सेफ्टी नॉर्म्स का पालन न करने वाले सभी पर्यटन प्रतिष्ठानों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे
केंद्र सरकार ने पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की।
हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण कदम
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को बर्च बाय रोमियो लेन के खिलाफ सिविल मुकदमे को जनहित याचिका (PIL) में बदल दिया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि “इस त्रासदी के लिए किसी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
Luthra Brothers का पक्ष
Luthra Brothers ने अपने बचाव में कहा था कि:
- वे फरार नहीं हो रहे थे बल्कि थाईलैंड में बिजनेस के सिलसिले में गए थे
- फुकेट में रेस्तरां खोलने की योजना थी
- सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं
- गोवा लौटने पर भीड़ द्वारा मार दिए जाने का डर था
हालांकि, कोर्ट और पुलिस ने इन तर्कों को खारिज कर दिया और उनकी सीधी जिम्मेदारी पर फोकस किया।
आगे क्या होगा?
अब Luthra Brothers को गोवा की मापुसा अदालत में पेश किया जाएगा जहां पुलिस पूछताछ के लिए नियमित रिमांड की मांग करेगी। जांच एजेंसियों का कहना है कि वे हर उस प्रक्रियागत चूक के लिए जवाबदेही तय करेंगे जिसने इस त्रासदी में योगदान दिया।
गोवा सरकार ने इस मामले को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष कानूनी टीम का गठन किया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और अधिक गिरफ्तारियों की संभावना है।
सबक और सवाल
यह त्रासदी कई महत्वपूर्ण सवाल उठाती है:
- नाइटक्लब को ट्रेड लाइसेंस महज चार दिन में कैसे मिल गया?
- फायर सेफ्टी नॉर्म्स की अनदेखी क्यों की गई?
- क्या स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत थी?
- नियमों को लागू करने में कहां चूक हुई?
इन सवालों के जवाब मिलना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और पर्यटकों व कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


