भू-धंसाव की चपेट में आए जोशीमठ में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आज शुरू होगी। शासन के आदेश के अपितु मंगलवार को घरों व होटलों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई थी। जिला प्रशासन की टीम लाव-लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो लोग मतभेद पर उतर आए। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बुधवार तक के लिए टाल दी गई। इसे लेकर दिनभर बदहवासी का वातावरण रहा।
जोशीमठ में मंगलवार को होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त क्यों नहीं कर पाए?
कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया, साथ ही कोई सूचना तक नहीं दी गई। मतभेद बढ़ने पर शासन को कदम पीछे खींचने पड़े। यहां तक कि अधिकारियों का कहना कुछ और ही है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा कि बडे-बडे घरों व होटलो को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है जो वहां नहीं मिल पाई। इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है, जो बुधवार को वहां पहुंच जाएगी।
ये भी पढ़े: जोशीमठ डूबने से 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, घरों में दरारें आ गईं, हेलीकॉप्टर तैयार
सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने क्या कहा?
सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीआरआई की टीम देरी से किसी अवसर पर पहुंची, इसलिए पहले दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। उधर, मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने मंगलवार को अधिकारियों की बैठक लेकर दुबारा: खौफनाक हालत में पहुंच चुके भवनों को प्रातिपद की जगह पर ढहाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक भी भवन ऐसा नहीं रहे, जिसमें रहने से जानमाल का नुकसान हो सकता है।
आखिर क्यों जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है?
जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को 45 भवन और चिन्हित किए गए। इस तरह से अब तक कुल 723 भवन चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी।
कितने परिवारों को विस्थापित किया जा चुका है?
जिला प्रशासन की ओर से अब तक 462 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है। मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया गया। जबकि इससे पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गया था। प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं-भवनों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है। इनमें 1425 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है।
किन-किन एजेंसियों की टीम ने जोशीमठ में डेरा जमाया हुआ है?
मंगलवार को गृह मंत्रालय की टीम सचिव सीमा प्रबंधन की अध्यक्षता में जोशीमठ पहुंची और स्थिति का आकलन किया। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियां एनजीआरआई, एनआईएच, सीबीआरआई, एनआईडीएम की टीम पहले से ही जोशीमठ में डेरा जमाए हुए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने बताया कि आईआईटी रुड़की की टीम को भी मौके पर भेजा रहा है।
होटलों को कब तक ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है?
आपदा नियम के तहत जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए होटलों को जल्द से जल्द ध्वस्त करने को तय किया गया है। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो आसपास के आवासीय भवनों और हाईवे को नष्ट किया जा सकता है। साथ ही बिजली और पेयजल की लाइनों को भी नुकसान पहुंच सकता है।