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नहीं रहे फुटबाल के ‘द एकिंग’ पेले, 82 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

पेले pele death news

आइए जानते हैं कैसा रहा पेले का प्रारंभ से लेकर अंतिम समय तक का सफर। ब्राज़ील के लीजेंड फुटबॉलर पेले की मृत्यु 82 साल की उम्र में हो गई। उन्हें निरन्तर दौर के प्रशंसनीय हस्ति माना जाता है। वे फुटबॉल के आत्म संबंधी घर कहे जाने वाले ब्राज़ील के आइकनिक खेल हस्ती रहे।

 

पेले की महानता का अंदाज़ा किस्से लगाया जा सकता है?

पेले की महानता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि उन्हें खेलते देखना अलौकिक था, वे गोल कर रहे होते तब भी और जब गोल करने से रह जाते थे तब भी वो पहले ऐसे फुटबॉलर थे, जिनकी प्रसिद्ध देश-विदेश, सब जगह थी। वे फुटबॉल के पहले ग्लोबल स्टार थे. उन्होंने 1363 मैचों में 1281 गोल किए थे।

 

सैंटोस क्लब के साथ 15 साल की उम्र में शुरुआत करने से लेकर न्यूयार्क कास्मोस के लिए खेलने तक, उनका करियर शानदार रहा। ऐसा शानदार कि फुटबॉल और पेले एक दूसरे के समानार्थक बन गए। पेले ने ब्राज़ील के पहले इंटरनेशनल खिलाड़ी वाल्देमर डि ब्रिटो के गाइडेंस में सबसे साओ पाओलो के बाऊरो फुटबॉल क्लब के लिए खेलना शुरू किया था।

 

ब्राज़ील की सबसे कामयाब टीम कैसे और किसकी वजह से बनी?

पेले की वजह से सैंटोस ना बल्कि ब्राज़ील की सबसे कामयाब और प्रसिद्ध टीम बन गई, इसके अलावा उन्होंने दक्षिण अमेरिका में चैंपियंस लीग का ओहदा रखने वाले कोपा लिबरेटाडोर्स में 1962 और 1963 में जीत दिलाई। ब्राज़ील की ओर से उन्होंने पहला मैच 9 जुलाई, 1957 को अर्जेंटीना के विरुद् मरकाना स्टेडियम में 16 साल और नौ महीने की आयु में खेला था। ब्राज़ील यह मैच 1-2 से हार गया था लेकिन टीम की ओर से एकमात्र गोल पेले ने किया था।

 

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पेले ने ब्राज़ील की ओर से 92 मैचों में 77 गोल किए थे। केवल 17 साल की आयु में 1958 वर्ल्ड कप के समय पेले का जलवा दुनिया ने देखा। आखिरी मुक़ाबले में स्वीडन को ब्राज़ील ने 5-2 से हराया और इसमें पेले ने दो गोल दागे थे। वहीं 1970 के वर्ल्ड कप फ़ाइनल में ब्राज़ील की इटली पर 4-1 की जीत में पहला गोल पेले का ही था। इन दोनों वर्ल्ड कप जीतने वाली ब्राज़ीली टीम में पेले का अहम रोल रहा है।

 

तो आइए जानते हैं पेले का नाम पेले कैसे पड़ा?

जैसा कि आप सभी जानते हैं हर इंसान के एक-दो निकनेम होते हैं। ब्राज़ील के छोटे से शहर मिनास गेराइस में 23 अक्टूबर, 1940 को पेले का जन्म हुआ था। पिता क्लब स्तर के फुटबॉलर थे और मां हाउसवाइफ़ थी। मां बाप ने अपने बेटे का नाम एडसन रखा था। इस नाम को रखने की वजह के बारे में पेले ने अपने संस्मरण ‘व्हाई सॉकर मैटर्स’ में बताया है, ‘’जिस समय मेरा जन्म हुआ था। ठीक उसी समय हमारे शहर में बिजली का बल्ब पहुंचा था। मेरे माता पिता बल्ब की रोशनी से मुग्ध थे।

 

तो उन्होंने इसे बनाने वाले थामस एल्वा एडिसन के अंदर में मेरा नाम रखा एडिसन पर ग़लती से वो स्पेलिंग में आई शब्द नहीं रख पाए’’। तो इस तरह से पेले का नाम हो गया एडसन. पूरा नाम एडसन एरेंटस डो नासिमेंटो।  ब्राज़ील में इसी तरह से नाम लंबे चौड़े रखे जाते हैं, इसलिए लोगों के निकनेम चलन भी में आ जाते हैं।

 

क्यों निराश रहे पेले वर्ल्डकप के समय?

वैसे पेले के अस्तित्व में मैराडोना जैसा स्याह पक्ष भी नहीं था। मैराडोना को 1994 के अमेरिका में हुए वर्ल्ड कप के समय ड्रग्स का उपयोग के चलते बाहर होना पड़ा था। वहीं दूसरी ओर मेसी ने 2022 में अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप दिलाकर, इस बहस को मजबूती दी है। पेले को वर्ल्ड कप के समय निराशा भी सहनी पड़ी। 1966 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।इस वर्ल्ड कप में ब्राज़ील, पुर्तगाल के हाथों 3-1 से हारकर बाहर हुई थी।

 

किसकी तरह बनना चाहते थे पेले?

पेले के फुटबॉलर पिता ने उन्हें वह सब कुछ सिखाया जो एक खिलाड़ी में होना चाहिए. पेले ने 2015 में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था। ‘मेरे पिता एक अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी थे, उन्होंने बहुत सारे गोल किए. उनका नाम डोनडिन्हो था। मैं उनके जैसा बनना चाहता था। वह ब्राजील में मिनास गेराइस में प्रसिद्ध थे। वह मेरे आदर्श थे, मैं हमेशा उनके जैसा बनना चाहता था, लेकिन मैं बन पाया या नहीं यह आज भगवान ही बता सकता है।

The one & only Pelé
️1279 goals
3 FIFA World Cups
6 Brazilian league titles
2 Copa Libertadores
️FIFA Player of the Century
️TIME 100 Most Important People of the Century

फुटबॉल का मतलब – पेले अब नहीं रहे पेले।

साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल के एक बयान के अनुसार, कोलन कैंसर के कारण गुरुवार को पेले के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। जिसके चलते उनका उनका निधन हो गया। पेले को पिछले महीने श्वसन संक्रमण और पेट के कैंसर से संबंधित जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।