साकेत कोर्ट ने बुधवार को अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की बेरहमी से हत्या करने वाले आफताब के नार्को टेस्ट को मंजूरी दे दी।
आइए जानते हैं कि आफताब के नार्को टेस्ट क्या होता है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 के अनुसार किसी भी अपराधी को खुद की गवाही के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। साथ ही किसी भी जांच एजेंसी द्वारा दबाव डालकर अथवा डरा-धमका कर किसी दोषी से उसके खिलाफ गवाही नहीं ली जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो कोर्ट में उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस हालत में नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और लाई डिटेक्टर जैसी तकनीकें कारगर हो सकती हैं। नार्को टेस्ट का इस्तेमाल सच्चाई का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसमें तकनीकों का इस्तेमाल कर आरोपी के दिमाग को संज्ञाशून्य बना दिया जाता है। साथ ही मस्तिष्क की तरंगों, पल्स रेट और ब्लड प्रेशर को रेकॉर्ड किया जाता है।
क्यों कराना चाहती हैं। पुलिस आरोपी आफताब के नार्को टेस्ट ?
पुलिस आरोपी आफताब के नार्को टेस्ट इसलिए कराना चाहते क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। पुलिस ने कहा कि आफताब श्रद्धा के मोबाइल और हत्या में इस्तेमाल हथियार के बारे में सही जानकारी नहीं दे रहा है. और उन्होंने कहा कि वह कभी कहता है कि उसने महाराष्ट्र में मोबाइल फेंक दिया और कभी कहता है कि उसने उसे दिल्ली में फेंक दिया इसलिए पुलिस ने कहा कि वह नार्को एनालिसिस टेस्ट के जरिए मामले की पूरी सच्चाई और हथियार और श्रद्धा के मोबाइल के बारे में जानकारी का पता लगाना चाहती है।
क्य हम आफताब के नार्को टेस्ट के रिजल्ट पर कर सकते हैं भरोसा।
बात जब इस तरह के टेस्ट की होती है तो पॉलिग्राफ, नार्को या ब्रेन मैपिंग टेस्ट के नतीजे 100% सही ही आएं हैं। कई ऐसे मामले भी हुए हैं जिसमें कुछ हार्डकोर क्रिमिनल इन टेस्ट को भी चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर इन टेस्ट को ठीक तरीके से किया जाए तो सही नतीजे निकलते हैं।
पुलिस के पूछताछ के दौरान आफताब ने श्रद्धा की हत्या की क्या और कैसे साजिश रची?
पुलिस के पूछताछ के दौरान आफताब ने खुलासा किया कि उसने ‘डेक्सटर’ सहित कई क्राइम वेब सीरीज और फिल्में देखकर श्रद्धा की हत्या की साजिश रची।
मीडिया में दी जानकारी किसके द्वारा?
दिल्ली पुलिस के हवाले ने मीडिया में आई जानकारी से श्रद्धा हत्याकांड में कई सनसनीखेज खुलासे हुए।आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) ने बताया कि, श्रद्धा के कत्ल से पहले उसने ‘डेक्सटर’ सहित कई क्राइम वेब सीरीज और फिल्में देखी थी।वहीं से आइडिया लेने के बाद आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। यहीं से आफताब को शव के टुकड़ों को अलग-अलग जगह फेंकने की भी सूझी।
दिल्ली पुलिस दो दिनों से आफ़ताब को मेहरौली के जंगल लेकर जा रही है और श्रद्धा के अवशेष तलाश रही है। तभी 13 टुकड़े बरामद भी किए गए।
सर्जन डॉ. अनिल सिंह ने क्या दावा किया।
सर्जन डॉ. अनिल सिंह ने कहा कि आफताब ने दावा किया कि फल काटते समय उन्हें चोट लग गई। एएनआई ने सिंह के हवाले से कहा, “वह मई में मुझसे मिलने आया था, जब उसके दाहिने हाथ में टांके लगाने की जरूरत थी। वह बेचैन था, बात करते समय आक्रामक था। वह नुस्खे लेने के बाद चला गया।“
आफताब ने किस ऐप् के जरिए महिला को डेट किया ।और महिला को कहा लेकर आया था?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आफताब ने उसी डेटिंग ऐप के जरिए दूसरी महिला को डेट किया, जिसके जरिए वह श्रद्धा से मिले थे। वह जून और जुलाई के बीच एक से दो बार मनोवैज्ञानिक महिला को अपने फ्लैट पर ले आया, जबकि उसके लिव-इन पार्टनर के कटे हुए शरीर को उसी जगह रेफ्रिजरेटर में ढेर कर दिया गया था।