ईशान किशन(Ishan Kishan) की कप्तानी में झारखंड का शानदार प्रदर्शन से भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक नया इतिहास रच दिया गया जब झारखंड की टीम ने 18 दिसंबर 2025 को Syed Mushtaq Ali Trophy का खिताब पहली बार अपने नाम किया।
पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में झारखंड ने हरियाणा को 69 रनों से करारी शिकस्त दी। यह जीत झारखंड क्रिकेट के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय बन गई है।
कप्तान ईशान किशन(Ishan Kishan) की अगुवाई में झारखंड की टीम ने न केवल बल्लेबाजी में धमाकेदार प्रदर्शन किया बल्कि गेंदबाजी में भी शानदार अनुशासन दिखाया। Syed Mushtaq Ali Trophy के 18वें संस्करण में यह पहला मौका था जब झारखंड फाइनल में पहुंचा और उसने इसे यादगार जीत में बदल दिया।
टॉस और मैच का निर्णायक मोड़
फाइनल मुकाबले में हरियाणा के कप्तान अंकित कुमार ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। यह निर्णय उनकी टीम के लिए महंगा साबित हुआ। झारखंड के बल्लेबाजों ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया और हरियाणा के गेंदबाजों को पूरे मैच में परेशानी में रखा।
झारखंड की पारी की शुरुआत थोड़ी लड़खड़ाहट के साथ हुई जब विराट सिंह पहले ही ओवर में अंशुल कंबोज की गेंद पर महज 2 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के इतिहास में दर्ज हो गया।
ईशान किशन का तूफानी शतक
कप्तान ईशान किशन ने फाइनल में अपनी कप्तानी का सबसे बेहतरीन उदाहरण पेश किया। उन्होंने महज 49 गेंदों में 101 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 10 छक्के और 6 चौके शामिल थे। ईशान ने अपना अर्धशतक सिर्फ 24 गेंदों में पूरा किया और शतक के लिए उन्हें कुल 45 गेंदें लगीं।

यह Syed Mushtaq Ali Trophy के फाइनल में शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज बने ईशान। इससे पहले पंजाब के अनमोलप्रीत सिंह ने नवंबर 2023 में वडोदरा के खिलाफ फाइनल में 113 रन बनाए थे। इस शतक के साथ ईशान किशन ने Syed Mushtaq Ali Trophy में पांच शतक पूरे किए और अभिषेक शर्मा की बराबरी की, जिनके नाम भी इस टूर्नामेंट में पांच शतक दर्ज हैं।
कुमार कुशाग्र का शानदार योगदान
ईशान किशन को नंबर 3 पर आए कुमार कुशाग्र का शानदार साथ मिला। कुशाग्र ने 38 गेंदों में 81 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 5 छक्के शामिल थे। दोनों खिलाड़ियों के बीच दूसरे विकेट के लिए 177 रनों की साझेदारी हुई, जो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी फाइनल की सबसे बड़ी पार्टनरशिप थी।
सुमित कुमार ने ईशान को क्लीन बोल्ड करके इस खतरनाक साझेदारी को तोड़ा, लेकिन तब तक झारखंड की टीम मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी थी।
अंतिम ओवरों में तूफानी बल्लेबाजी

जब ईशान किशन और कुमार कुशाग्र पवेलियन लौटे, तो अनुकूल रॉय और रॉबिन मिंज ने मोर्चा संभाला। दोनों खिलाड़ियों ने अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए हरियाणा के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दीं।
अनुकूल रॉय ने 20 गेंदों में नाबाद 40 रन और रॉबिन मिंज ने 14 गेंदों में नाबाद 31 रन बनाए। चौथे विकेट के लिए दोनों के बीच 75 रनों की नाबाद साझेदारी हुई। इन धमाकेदार पारियों की बदौलत झारखंड ने 20 ओवरों में तीन विकेट पर 262 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया।
हरियाणा की बल्लेबाजी का पतन
263 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी हरियाणा की टीम शुरू से ही दबाव में नजर आई। विकास सिंह ने पहले ही ओवर में करारा प्रहार करते हुए कप्तान अंकित कुमार और आशीष सिवाच को अपना शिकार बनाया। दोनों बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके और डक पर आउट हो गए।

इसके बाद सुशांत मिश्रा ने अर्श रंगा को बोल्ड किया, जो केवल 17 रन बना सके। हरियाणा के बल्लेबाज नियमित अंतराल पर आउट होते रहे और टीम कभी भी मैच में वापसी नहीं कर सकी।
यशवर्धन दलाल ने हरियाणा के लिए सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 22 गेंदों में 53 रन बनाए। समंत जाखर ने 38 और निशांत सिंधु ने 31 रनों का योगदान दिया, लेकिन यह प्रयास काफी नहीं था। अंततः हरियाणा की पूरी टीम 18.3 ओवर में 193 रनों पर सिमट गई।
झारखंड के गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन
झारखंड की जीत में गेंदबाजों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। सुशांत मिश्रा और बाल कृष्णा ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि विकास सिंह और अनुकूल रॉय को दो-दो सफलताएं मिलीं। सामूहिक गेंदबाजी प्रदर्शन ने हरियाणा को लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंचने दिया।
Syed Mushtaq Ali Trophy का इतिहास

Syed Mushtaq Ali Trophy का यह 18वां संस्करण था और दोनों टीमें पहली बार फाइनल मुकाबला खेल रही थीं। तमिलनाडु की टीम सबसे ज्यादा तीन बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने में सफल रही है। इस टीम ने 2006-07 में आयोजित सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के पहले संस्करण का खिताब भी जीता था।
कर्नाटक, गुजरात, वडोदरा और मुंबई ने दो-दो बार खिताब जीता है। वहीं उत्तर प्रदेश, ईस्ट जोन, महाराष्ट्र, बंगाल, दिल्ली, पंजाब और अब झारखंड की टीमों ने एक-एक बार ट्रॉफी जीती है।
टूर्नामेंट में Ishan Kishan का शानदार प्रदर्शन

इस सीजन में ईशान किशन शानदार फॉर्म में रहे। उन्होंने पूरे Syed Mushtaq Ali Trophy टूर्नामेंट में 517 रन बनाए, जो सबसे अधिक थे। फाइनल में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। झारखंड की टीम ने ग्रुप स्टेज में सभी मैच जीते और केवल एक हार के बावजूद फाइनल तक का शानदार सफर तय किया।
निष्कर्ष
झारखंड की यह जीत राज्य के क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। ईशान किशन की कप्तानी, बल्लेबाजों की आक्रामकता और गेंदबाजों के अनुशासित प्रदर्शन ने मिलकर इस शानदार जीत को संभव बनाया। Syed Mushtaq Ali Trophy 2025 का यह फाइनल हमेशा याद रखा जाएगा – एक ऐसा मुकाबला जहां झारखंड ने एकतरफा शैली में अपना दबदबा कायम किया।
महेंद्र सिंह धोनी के राज्य झारखंड में यह जीत एक नया अध्याय जोड़ती है। फैंस को उम्मीद है कि ईशान किशन की यह शानदार फॉर्म उन्हें भारतीय टीम में वापसी दिलाएगी। Syed Mushtaq Ali Trophy जीतने के बाद मैदान पर झारखंड की टीम का जश्न देखते ही बनता था। कप्तान ईशान किशन ने स्टंप उखाड़कर इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया।


