Truck Driver Protest: नए साल की आपको शुभकामनाये और जहां हम लोग नए साल की शुरुआत में बहार घूमने गए है और बाहर पार्टी करे रहे थे। तो वही दूसरी तरफ अपनी समस्या लिए हज़ारो लोग सड़को पर प्रदर्शन कर धरना दे रहे थे।
हालात ऐसे हो हो गए है, कि उन्होंने पूरे देश में हड़ताल करके चक्का जाम करना पढ़ रहा है।हमारे देश के ट्रक व बस चालकों के इस प्रदर्शन की, हड़ताल का कारण बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमतें या वेतन से जुडी नहीं बल्कि इसका मुख्य कारण यह है। कि आज से कुछ दिनों पहले हम लोग गर्व महसूस कर रहे थे। आपको याद होगा की केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह ने अभी संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान देशभर के ट्रक ड्राइवर, हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए कानून के प्रावधानों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं।
नए कानूनों में IPC का नाम बदल के भारतीय न्याय संहिता किया गया था। जिसमे आतंकवाद, देशद्रोह और साइबर अपराध जैसे जुर्मो के लिए नए क़ानून बनाये गए है, उसी में Hit and Run के जुर्म के लिए नए क़ानून भी आये है।
Hit and Run के नए कानून की वजह से आज देशभर के करीब हज़ारो ट्रक चालकों, बस चालकों और टैक्सी चालकों ने देशभर में हड़ताल कर चक्का जाम करा है। दरअसल Hit and Run में पकड़े गए आरोपिओं पे नए क़ानून के तहत 7 लाख का जुर्माना और 10 साल की जेल की सजा सुनाई जाएगी।
बस अब इस कानून से चालकों में इतना आक्रोश है की करीब दर्जनों राज्यों में ट्रक व् बस चालाक हड़ताल पर बैठ गए है, अंतर्राज्य राजमार्ग को जाम कर दिया है जिसकी वजह से आम आदमी को यातायात, Import -Export से लेके पेट्रोल और डीजल की किल्लत का सामना करना पढ़ रहा है।
कानूनों से दिक्कत क्या है, ऐसी क्या मजबूरी आ गयी है। चालकों के लिए ये कानून असलियत में क्या है। आज हम इसके बारे में बात करेंगे। AIMPC ने इस पूरे प्रदर्शन और हड़ताल का नेतृत्व कर रहा है। उनकी कुछ मांगे है जैसे की :
1. 7000 से 15000 प्रति माह कमाने वाला एक लाचार व मजबूर चालक लाखो का जुर्माना कैसे दे पायेगा और इतनी लम्बी 10 साल की जेल की कैद से बहुत गहरा नकारात्मक असर पड़ेगा।
2. देश में वैसे ही 25 – 30% ड्राइवरों की कमी है। ऐसे में इतने गंभीर क़ानून की वजह से मौजूदा चालाक भी अपनी नौकरी छोड़ देंगे।
3. बिना संसद में और AIMPC जैसे संगठनों से विचार विमर्श कर के ये क़ानून पारित किया गया है। जोकि बिलकुल एक नाइंसाफी है।
पहले IPC के धारा 304 (A) के अंतर्गत रैश ड्राइविंग उससे हुई लापरवाही से मौत के अंदर जांच होती थी। अगर जान भुझ के किसी की जान ली गयी हो और जान लेने का इरादा था। तो 302 धारा के अंतर्गत हत्या का आरोप लगता था, वर्ना 304 (A) के अंदर दोषी को जुर्म के लिए मात्र दो साल की जेल होती थी। लेकिन नए क़ानून भारतीय न्याय संहिता के अनुसार इस बार HIT AND RUN को विशेष रूप से श्रेणियों में बता गया है और इससे धारा 104 (A) के अंदर डाला गया है।
ये क़ानून लापरवाही से गाड़ी चलाने के जुर्म के लिए बना है। जैसे अगर कोई आदमी अपनी गाडी से एक आदमी को मारके घटना स्थल से भाग जाता है तो उस पे 10 साल की जेल और 7 लाख रूपए का जुर्माना लगाया जायेगा। और अगर गाडी से किसी इंसान को ठोक के चालाक अगर गाडी से उतर के उस घायल पड़े व्यक्ति की मदद करने के लिए रुकता है, और उससे अस्पताल पहुंचाता है तो उसे 5 साल की जेल होगी।
आपको बतादे की Hit and Run का मतलब है। कि व्यक्ति को अपनी गाडी से ठोक के घायल या मृत करने वाला चालक अगर भागता है और उससे न ही पुलिस पकड़ पाती है और न ही ट्रैफिक कैमरे तभी वो पूरी स्थिति इस श्रेणी में आएगी। अब आप लोगो को लग रहा होगा, कि ये तो अच्छा काम है। आखिर समय पर इन्साफ मिलेगा, समय पर दोषी को पकड़ा जायेगा और जल्द से जल्द कार्रवाई होगी पर शायद ऐसा नहीं है।
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वाहन चालकों का पक्ष
1. मॉब लिंचिंग: अगर चालाक ख़ास तौर पर ट्रक चालाक अगर टक्कर मारने के बाद उसी स्थल पर उतरते है तो चाहे पीड़ित घायल हो या मर्डर हो गया हो आस पास की भीड़ उस चालाक को मार-मार के उसकी जान ले लेगी। उन्हें इस बात का डर होता है। जिसकी वजह से उन्हें उस घटना स्थल से भागने के लिए मजबूर होना पढ़ता है। सरकार ने भले ही इसके लिए भी इस बार कानून बनाया हो पर ये ज़मीनी स्टार पर लागू होगा या नहीं ये अभी भी जनता के परे है।
2. कई बार ट्रक चालकों की गलती नहीं होती है, कोई गाडी उनके ट्रक को ओवरटेक करता है या दो पहिया वाहन गलत तरीके से चलते है। तो उस समय भी किसी अन्य गाडी की वजह से ट्रक काबू के बहार हो जाती है और दुर्घटना हो जाती है, आखिर ट्रक चालकों की नौकरी और गाडी पे सवाल उठता है तो फिर ट्रक चालक ही क्यों लापरवाही से चलाएंगे?
इस समय सोमवार यानी 1 जनवरी को तीन दिन का सम्पूर्ण देश में प्रदर्शन किआ जा रहा है। ये प्रदर्शन महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब और छत्तीसगढ़ में हो रहा है। जिससे आगे अन्य देशो में भी करा जायेगा। अगर केंद्र सरकार इनकी मांगो को नहीं मानती तो। अभी ये प्रदर्शन शान्ति पूर्वक तरीके से किया जा रहा है और AIMPC ने अपनी सारी मांगो को एक चिट्ठी में लिखकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भिजवा दिया है।