Day: August 3, 2022

  • देश में अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में तिरंगा उत्सव

    देश में अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में तिरंगा उत्सव

    पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जनता को देशप्रेम से अवगत कराने के लिए एक नई मुहिम की शुरुआत कर दी हैं।

     

    तिरंगा उत्सव में संस्कृति मंत्रालय ने किया कार्यक्रम का आयोजन

    अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए संस्कृति मंत्रालय ने कल (2 अगस्त) नई दिल्ली में तिरंगा उत्सव का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को आयोजित तिरंगे का डिजाइन तैयार करने वाले पिंगली वैंकैया की 146वी जयंती पर श्रद्धांजलि के रूप में किया। इस अवसर पर पिंगली के परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे। देश को पिंगली वेंकैया के राष्ट्रप्रेम से अवगत कराने के लिए एक सांस्कृतिक और संगीतमय कार्यक्रमों से भरी शाम को आयोजित किया गया।

     

    कौन थे पिंगली वैंकैया?

    पिंगली वैंकिया एक स्वतंत्रता सेनानी थे जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बहुत बड़े अनुयायी थे। पिंगली गांधी के सिद्धांतो पर ही चला करते थे। महात्मा गांधी के काफी अनुरोध करने के बाद पिंगली ने राष्ट्रध्वज का डिजाइन तैयार करने का फैसला किया। उन्होंने ही बड़े मेहनत और देशप्रेम का उदाहरण देते हुए राष्ट्र ध्वज को तैयार किया। पिंगली ने राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगों के साथ प्रस्तुत किया जिसमे केसरिया,सफेद और हरा रंग था जिनके बीच एक चक्र भी था। तीन रंगों का समावेश होने के कारण इसे तिरंगा नाम दिया गया।

     

    तिरंगा उत्सव का मुख्य आकर्षण

    तिरंगा उत्सव में  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिंगली वेंकैया के सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया।तिरंगा उत्सव में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी जनजातीय सेनानियों की स्मृति में ‘अमर चित्र कथा’ का विमोचन भी हुआ। गृह मंत्री अमित शाह ने पिंगली वेंकैया के परिवार वालों को बधाई दी. वहीं, ‘तिरंगा गान’ भी लॉन्च किया गया।

     

    इस अवसर पर संबोधित करते हुए, अमित शाह ने नागरिकों से राष्ट्रीय ध्वज के प्रति प्यार और सम्मान दिखाने के लिए अपने सोशल मीडिया खातों की डीपी को तिरंगा में बदलने का आग्रह किया। गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और प्रधानमंत्री ने 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आह्वान किया है। हर घर तिरंगे में भाग लेकर हम अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उन लोगों के लिए जिन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

     

    तिरंगा रैली का आयोजन

    उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ पहल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दिल्ली में संसद सदस्यों के लिए एक तिरंगा बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई।

     

    संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसकी सूचना मंगलवार को दी थी कि संस्कृति मंत्रालय बुधवार को लाल किले से संसद तक सभी दलों के सांसदों के लिए ‘तिरंगा बाइक रैली’ का आयोजन करेगा। जोशी ने कहा था कि यह संस्कृति मंत्रालय का कार्यक्रम है न कि पार्टी का।

     

    भाजपा अध्यक्ष ने युवा के जागरूकता लिए की तैयारियां

    इससे पहले, बैठक में, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 9 अगस्त से शुरू होने वाली भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान पार्टी के सदस्यों के लिए कई अभ्यासों की रूपरेखा तैयार की।

     

    नड्डा ने पार्टी सदस्यों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को प्रचारित करने के लिए सुबह नौ से 11 बजे के बीच ‘प्रभात फेरी’ (सुबह जुलूस) निकालने के लिए कहा, जबकि देश भर में इसकी युवा शाखा बाइक पर ‘तिरंगा यात्रा’ करेगी।

     

    विपक्ष ने नही लिया रैली में भाग

    केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि देश 75वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा हैं इसे  आजादी का अमृत महोत्सव भी कहा जा रहा हैं।इसी के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए विपक्षी दलों के सांसदों को दिल्ली में एक बाइक रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन विपक्ष ने इस रैली में भाग नहीं लिया।

     

    मंत्री ने आगे कहा कि रैली युवाओं को यह संदेश देने में मदद करेगी। उन्होंने आगे ये भी बताया कि भाजपा राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने और भारत के गौरव को बढ़ाने के लिए काम करेगी।

     

    बाइक रैली में मंत्रियों सहित युवाओं ने लिया हिस्सा

    हर घर तिरंगा बाइक रैली संस्कृति मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में मंगलवार को एक मेगा ‘तिरंगा उत्सव’ कार्यक्रम की मेजबानी के बाद इस रैली का आयोजन किया गया।

     

    दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों और युवा सांसदों समेत कई सांसदों ने बाइक रैली में हिस्सा लिया। सड़कों पर तिरंगा और पहियों पर सांसद, इस आयोजन ने सामाजिक संदेश देते हुए नागरिकों में देशभक्ति की भावना को बढ़ाने की कोशिश की। सांसदों के लिए तिरंगा बाइक रैली को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और पीयूष गोयल के साथ लाल किले से हरी झंडी दिखाई। जिसका समापन विजय चौक पर हुआ।

     

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तिरंगा उत्सव के दौरान नागरिकों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में बड़े उत्साह के साथ भाग लेने की अपील की और दुनिया को यह बताने की अपील की कि भारत नींद से उठ गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

  • Mirabai Chanu: मीराबाई चानू बनी भारत की वेट्लिफ़्टिंग क्वीन

    Mirabai Chanu: मीराबाई चानू बनी भारत की वेट्लिफ़्टिंग क्वीन

    Mirabai Chanu: मीराबाई चानू बन गयी भारत की गोल्डन गर्ल। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने शनिवार को इतिहास रच दिया जब उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीताचानू ने महिलाओं की 49 किलो वेट्लिफ़्टिंग स्पर्धा में कुल 201 किलो भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। विशेष रूप से, संकेत सरगर (सिल्वर) और गुरुराजा (ब्रॉन्ज) के बाद, यह खेल से दिन का भारत का तीसरा पदक है।

     

    मीराबाई चानू – गोल्डन गर्ल

    क्लीन और जर्क के पहले प्रयास में चानू ने 109 किलो उठाया था फिर 197 किलो,यानी (109+88) उठाकर चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बना दिया उसके बाद दूसरी कोशिश में मीराबाई ने 113 किलो उठाया। ये कॉमनवेल्थ गेम्स का एक नया रिकॉर्ड है। तीसरे प्रयास में मीराबाई चानू ने 115 किलो का टार्गेट रखा पर वो फाउल लिफ्ट रहा। मीराबाई  ने कुल 201 किलो उठाकर इंडिया को पहला गोल्ड मेडल जिता दिया औरआपको बता दे की इससे पहले मीराबाई चानू ने 2018 ऑस्ट्रेलिया कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।

     

    क्या कहा पीएम नरेंद्र मोदी ने ?

    मीराबाई चानू को बधाई देते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, असाधारण मीराबाई चानू ने एक बार फिर भारत को गौरवान्वित किया है! हर भारतीय इस बात से खुश है कि उसने बर्मिंघम खेलों में एक स्वर्ण पदक जीता और एक नया राष्ट्रमंडल रिकॉर्ड बनाया। उनकी सफलता कई भारतीयों को प्रेरित करती है, विशेषकर नवोदित एथलीटों को। राष्ट्रमंडल खेलों के इस संस्करण में अब तक भारत ने 3 पदक जीते हैं एक स्वर्ण (गोल्ड), एक रजत (सिल्वर) और एक कांस्य(ब्रॉन्ज)।

     

    कैसे मीराबाई चानू ने की करियर की शुरुआत

    मीराबाई चानू ने करियर की शुरुआत ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स से शुरु हुई जहां उन्होंने 48 किलो वर्ग में रजत पदक जीता। मीरा ने रियो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया लेकिन किसी भी सफल लिफ्ट के साथ समाप्त नहीं कर सकी। 2017 में उन्होंने एनाहिम, सीए, यूएसए में विश्व वेट्लिफ़्टिंग चैंपियनशिप में महिला वर्ग वेट्लिफ़्टिंग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कुल 194 किलो वजन और 109 किलो क्लीन एंड जर्क वजन उठाकर एक रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक भी जीता।

     

    2019 विश्व वेट्लिफ़्टिंग चैंपियनशिप में, मीराबाई चानू ने कुल 201 किलो भार उठाया, लेकिन चौथे स्थान पर रही। 2021 में, उसने ताशकंद में 2020 एशियाई वेट्लिफ़्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और टोक्यो में 2020 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में चानू ने 49 किलो वर्ग में कुल 202 किलो भार उठाकर रजत पदक जीता।

     

    मीराबाई चानू
    मीराबाई चानू

    बड़ेबड़े गट्ठर उठाती थी मीराबाई

    मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को भारत के नार्थईस्ट राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फाल में जन्म हुआ था। मीराबाई चानू की माता जी का नाम साइकोहं ऊँगबी तोम्बी लीमा हैं जो दूकान पर काम करती हैं और मीरा के पिता का नाम साइकोहं कृति मैतेई जो लोक निर्माण विभाग में कर्मचारी हैं। ये छोटी उम्र में ही अपने भाई के साथ पहाड़ी क्षेत्रों से लकड़ियों के गट्ठर लाने में मदद करती थी। 12 वर्ष की आयु में यह लकड़ी के बड़े गट्ठर उठाने में सक्षम थी, एक तरह से यह अनौपचारिक रूप से वेट लिफ्टिंग की प्राकृतिक माहौल में प्रशिक्षण ले रही थी।

     

    क्या मिल चुका है खेल रत्न ?

    मीराबाई चानू को सम्मानित किया गया है: (i) राजीव गांधी खेल रत्न, भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान (2018) (ii) पद्म श्री, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (2018) ओलंपिक 2020 में रजत पदक जीतने के बाद उन्हें मणिपुर सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये का इनाम भी दिया गया। उन्हें मणिपुर राज्य पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के रूप में भी नियुक्ति दी गई है। उन्हें मणिपुर सरकार की ओर से 20 लाख रुपये और भारतीय रेलवे की ओर से 2 करोड़ रुपये से सम्मानित किया जा चुका है।

  • Achinta Sheuli: अचिंता शेउली ने भारत को दिलाया तीसरा गोल्ड

    Achinta Sheuli: अचिंता शेउली ने भारत को दिलाया तीसरा गोल्ड

    Achinta Sheuli: जीवन में अताह संघर्षों के बाद भी मुँह मैं अन्न रखने के बजाय गोल्ड रखने की भागदौड़ में शामिल हुए थे, अचिंता शेउली। मात्र 20 साल की उम्र मे रच डाला इतिहास।

     

    भारत को दिलाया उसका तीसरा गोल्ड

    आप सभी को बता दे कि अचिंता शेउली मात्र 20 साल के एक आम नौजवान थे लेकिन जीवन में इतनी कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बाद  ज़िंदगी ने उन्हें इस तरह लोहे का बनाया कि वह देश की सेवा में सोना जीतने में भी सफल रहे। 20 साल ये भारतीय वेटलिफ्टर ने कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐतिहासिक प्रदर्शन दिखाकर  सोना जीत लिया।

     

    313 किलो वजन उठाकर किया रिकॉर्ड कायम

    अचिंता शेउली ने मेन्स वेटलिफ्टिंग के मेन्स वेटलिफ्टिंग के 73 किलोग्राम के भार वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया। बात रही भार उठाने की तो 313 किलो भार उठाकर अचिंता शेउली ने कॉमनवेल्थ गेम्स मैं रिकॉर्ड ब्रेकिंग प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस तरह के प्रदर्शन के लिए केवल शारीरिक हिम्मत नहीं मानसिक हिम्मत बरकरार रखने की भी उन्हें उतनी ही जरूरत पड़ी।

     

    अचिंता शेउली
    अचिंता शेउली

    मात्र 10 साल की उम्र में शुरू की थी ट्रेनिंग

    वेटलिफ्टिंग में इतिहास रचने वाले अचिंता का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। 24 नवंबर 2001 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा इलाके में जन्मे इस भारतीय वेटलिफ्टर ने महज 10 साल की छोटी उम्र में वेटलिफ्टिंग की कठिन तैयारी शुरू कर दी थी। इस दौरान उनका साथी बना उनका खुद का भाई आलोक। उनका बचपन किसी आम वेटलिफ्टर की तरह दूध दही के बीच नहीं बल्कि कड़ी गरीबी के बीच गुजरा और घर चलाने के लिए पिता को मजदूरी का काम करना पड़ता था। ऐसे में दोनों भाई जैसे तैसे स्थानीय जिम में ट्रेनिंग किया करते थे।

     

    पिता के बाद संघर्ष भरा रहा जीवन

    सब कुछ ठीक चल सब कुछ ठीक चल रहा था। जिम में ट्रेनिंग और गरीबी में जीवन के बीच जैसे तैसे जब गाड़ी चल ही रही थी तभी उन्हीं के ऊपर पिता की मौत का भार कि ऐसा टूटा जिन्होंने दोनों भाइयों को हिला कर रख दिया। साथ ही मौत के बाद बड़े भाई आलोक पर परिवार के पालन पोषण का भार आ गया और इसी के साथ साथ उन्होंने वेट लिफ्टिंग उन्होंने वेट लिफ्टिंग छोड़ दी। इसी दौरान माँ पूर्णिमा ने भी हिम्मत नहीं हारी और सिलाई बुनाई का काम करके घर का खर्च चलाने लगी। लेकिन इसी बीच अचिंता पूरे जुनून के साथ अपने खेल पर डटे रहे।

     

    गोल्ड और सिल्वर पदकों से की अचिंता शेउली ने दोस्ती

    यह अचिंता का पहला मेडल नहीं था बल्कि इससे पहले भी इस भारतीय वेटलिफ्टर ने अपने नाम कई पदक किए थे। अचिंता को आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट के ट्रायल में भी चुना गया। उन्होंने इसमें 2015 मैं दाखिला लिया था। उनके मजबूत हौसले और कठिन परिश्रम के बाद उन्हें उसी साल भारतीय राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ था। इसी के साथ साथ उन्होंने इसी साल  कॉमनवेल्थ यूथ चैंपियनशिप में सिल्वर पदक अपने नाम किया था।

     

    इसके बाद तो जैसे उन्होंने मेहनत की ऐसी ट्रेन पकड़ी जिसे आजतक कोई रोक नहीं पाया। 2016 और 2017 में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में उन्होंने ट्रेनिंग की इसी के साथ साथ 2018 में वे राष्ट्रीय शिविर में आ पहुँचे। 2018 में उन्होंने कॉमनवेल्थ यूथ चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता इसी के साथ साथ उनका हौसला और प्रदर्शन बेहतर होता ही चला गया।

     

    साल 2019 में उन्होंने जूनियर एवं सीनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। तो वही दूसरी तरफ उन्होंने साल 2021 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड और जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम किया।

     

    कॉमनवेल्थ गेम्स में किया चौंका देने वाला प्रदर्शन

    भारतीय दिग्गज अचिंता शेउली ने 2022 की कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कमाल का प्रदर्शन किया जब केवल 20 साल की उम्र में उन्होंने  143 किलो वजन उठाकर स्नैच के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड कायम किया। पहले ये खेलों की हिस्टरी मैं ऐसा रिकॉर्ड कोई भी खिलाड़ी कायम नहीं कर पाया पर ये भारत है इसकी मिट्टी से जन्में खिलाड़ी में जुनून की मात्रा उनके खून की मात्रा से ज्यादा ही देखने को मिलेंगी। उम्मीद है भारत के बाकी सारे खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी अचिंता के जीते पदक जैसा सुनहरा होगा।