Day: August 13, 2022

  • 15 अगस्त को झंडा फहराने से पहले किन बातों का रखे ध्यान?

    15 अगस्त को झंडा फहराने से पहले किन बातों का रखे ध्यान?

    हर भारतीय नागरिक 15 अगस्त और 26 जनवरी राष्ट्रीय ध्वज यानी की तिरंगा फहराता ही हैं लेकिन भारत की जनता में से कुछ लोग ऐसे होंगे जिन्हें तिरंगा फहराने के सही नियम पता होंगे। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हर भारतीय नागरिक को तिरंगा फहराने के उचित नियमो की जानकारी होनी चाहिए जैसे की:-

     

    क्या हैं तिरंगा फहराने के नियम?

    बीच अपने घर पर तिरंगा फहराए। अब इसी मुहिम से जुड़ते हुए लोग अपने-अपने घरों में तिरंगा फहराते हुए अपने देशभारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं। इसी के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी ने ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम शुरू की जिसके अनुसार भारत सरकार ने अपील की सभी लोग 13 से 15 अगस्त के  के प्रति प्रेम और निष्ठा दिखा रहे हैं। लेकिन फ़्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 जिसमे 19 जुलाई 2022 को बदलाव किए गए। ये कोड तिरंगा फहराने के कुछ नियम बताता हैं जिनका ध्यान

     

    हर नागरिक को रखना चाहिए उनमें से कुछ नियम ये हैं:

    • भारत सरकार द्वारा हाल ही में किए गए बदलाव के बाद तिरंगे को दिन और रात दोनों समय फहराने की अनुमति दी, यदि इसे खुले में या जनता के किसी सदस्य के घर में प्रदर्शित किया जाता है। पहले राष्ट्रीय ध्वज केवल सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता था।
    • घर पर अगर तिरंगा लगाया गया हैं तो तिरंगा सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए।
    • क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त ध्वज को कभी भी प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज हमेशा सही स्थिति में होना चाहिए।
    • तिरंगे को कभी भी उल्टा नहीं दिखाना चाहिए मतलब भगवा पट्टी कभी भी नीचे नहीं होनी चाहिए।
    • राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी में नहीं झुकाना चाहिए।
    • राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी भी अन्य ध्वज को ऊपर या बगल में नही रखना चाहिए
    • ध्वज के मस्तूल पर या उसके ऊपर फूल, माला या प्रतीक सहित कोई भी वस्तु नहीं रखी जानी चाहिए।
    • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग उत्सव या किसी अन्य तरीके से सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
    • राष्ट्रीय ध्वज किसी भी परिस्थिति या स्थिति में पानी में जमीन या फर्श को नहीं छूना चाहिए।
    • झंडे पर कोई अक्षर नहीं होना चाहिए।

    झंडे को फहराने के बाद नष्ट कैसे करे?

    झंडा फहराने के बाद इसे अच्छे से तह लगाकर संभाल कर रख सकते हैं। यदि तिरंगे को अगर नष्ट करना हैं तो एकांत में जाकर पूरे सम्मान के साथ तिरंगे को तह बनाकर किसी डिब्बे में बंद करके जमीन के अंदर दबा सकते हैं। इसके अलावा एकांत स्थान पर ही तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ जला भी सकते हैं जिसके बाद बची राख को नदी में प्रवाहित भी कर सकते है। अब तिरंगे को तह करने की बात आई हैं तो तह करते वक्त केसरिया पट्टी और हरी पट्टी के बीच सफेद पट्टी आनी चाहिए और सफेद पट्टी में अशोक चक्र ऊपर रखना चाहिए।

  • सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला, निशाने पर लेखक

    सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला, निशाने पर लेखक

    सलमान रुश्दी

    लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला हुआ है, अभी वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। 75 वर्षीय सलमान रुश्दी एक कार्यक्रम में लेक्चर देने वाले थे जहाँ हमलावर ने आकर चाकू से उन पर अटैक किया और मुक्के भी मारे। हमलावर का नाम हादी मतर है और उसकी उम्र 24 साल है जो की जर्सी का रहने वाला है, उसके सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये माना जा रहा है कि ये एक ईरान समर्थक है।

     

    सलमान रुश्दी का कब हुआ था

    वो एक ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार हैं। उन्होंने अपने दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन से प्रसिद्धि हासिल की, जिसे 1981 में बुकर पुरस्कार मिला। उनका चौथा उपन्यास सेटेनिक वर्सेज़ जो कि 1988 में आया जो काफी विवादों से घिरा रहा और उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली। उनकी किताबें अक्सर समाज में धर्म की भूमिका, विभिन्न आस्थाओं के बीच और धार्मिक और बिना आस्था वालों के बीच टकराव का कारण बनती है।

     

    सलमान रुश्दी पर अटेक का कारण

    सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ने ऐसे विवादों को जन्म दिया और जिसके कारण आज वो जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। आजादी के दिन आधी रात को पैदा होने वाले बच्चों पर उन्होंने ‘मिडनाइट चिल्ड्रन’ जैसी कालजयी कहानी रची और इसी उपन्यास ने उन्हें 1981 में पहले बुकर अवार्ड दिलाया और बाद में वह ‘बुकर ऑफ द बुकर्स’ जैसा सम्मान पाने वाले लेखक भी बने।

     

    उनकी इस किताब को इस्लाम विरोधी और ईश निंदा करने वाला माना गया। जिसके कारण साल 2012 में उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली थी और मारने वाले को 30 लाख डॉलर इनाम देने का ऐलान हुआ था। यह हमला तब हुआ जब वह न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में लेक्चर देने के लिए आए हुए थे। मौके पर ही पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया लेकिन हमले की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।

     

    पिता ने बदला था उनका सरनेम।

    सलमान रुश्दी का खानदानी सरनेम ‘देहलवी’ होता था उनके पिता का नाम अनीस अहमद था और उनके दादा का नाम ख्वाजा मोहम्मद दिन खालिकी देहलवी था लेकिन उनके पिता ने परिवार को ‘रुश्दी’ की पहचान दी। ब्रिटिश राज के दौरान उनके पिता ने कैंब्रिज से शिक्षा ली और इसी दौरान उन पर महान इस्लामिक दार्शनिक इब्न रुश्द का प्रभाव पड़ा और उन्होंने अपने सरनेम को बदलकर ‘रुश्दी’ कर दिया। इसलिए अहमद सलमान का नाम सलमान रुश्दी हो गया। फिलहाल सलमान रुश्दी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं और अभी तक उनके हमला का कारण सामने नहीं आया है।

  • अंजना ओम कश्यप का बिहार में हुआ विरोध

    अंजना ओम कश्यप का बिहार में हुआ विरोध

    अंजना ओम कश्यप

    आजतक की जानीमानी पत्रकार अंजना ओम कश्यप को कौन नहीं जानता। वो अपनी निर्भीक पत्रकारिता और किसी भी मुद्दे को ऊंची आवाज में उछालने के लिए काफी समय से जानी जाती हैं, लेकिन बिहार के पटना में जब वो रिपोर्टिंग करने के लिए गई तो आखिर ऐसा क्या हो गया जिसकी वजह से बिहार की जनता उनके सामने विरोध करने लगी?

     

    क्या था पूरा मामला?

    कल जब जेडीयू ने एनडीए से गठबंधन तोड़ा तो उसके बाद मीडिया में होड़ लग गई की कौन पहले जाकर बिहार से लाइव कवरेज करेगा। अब जब सारे पत्रकार बिहार पहुंचे तो अंजना जी कैसे पीछे रहती वो भी पहुंची लेकिन शायद जनता को ये रास नहीं आया। जैसे हीअंजना ओम कश्यप रिपोर्टिंग करने लगी। वैसे ही वहां खड़ी जनता ने गोदी मीडिया मुर्दाबाद, अंजना मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया। अंजना इस पर बड़े ही शांति से खड़ी रही एयर हंसते हुए दिखाई पड़ी।

     

    जनता ने ऐसा किया क्यों?

    अंजना ओम कश्यप जब बिहार के पटना में जनता को बिहार के संसद सदन से लाइव कवरेज दिखा रही थी। जिसके बाद  वो जनता के बीच से रिपोर्टिंग करने लगी। रिपोर्टिंग के बीच ही जनता गोदी मीडिया मुर्दाबाद के नारे लगाने लगी जिसपर अंजना ओम कश्यप काफी शांत नजर आई। ऐसा सिर्फ अंजना के साथ ही नहीं बल्कि अर्णव गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक भारत की एक रिपोर्टर के साथ भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ। जब रिपब्लिक भारत की रिपोर्टर भी पटना में जनता के बीच रिपोर्टिंग करने उतरी तो जनता ऐसी ही नारेबाजी करके रिपोर्टर का विरोध किया।

    अंजना ओम कश्यप
    अंजना ओम कश्यप

    क्या ये अंदेशा हैं बिहार में फिर शुरू होने वाली गुंडागर्दी का?

    बिहार की जनता को अभी तक शायद एनडीए और जेडीयू के गठबंधन में उतनी खुराफाती नही थी। लेकिन अब जब आरजेडी और जेडीयू मिलकर सरकार बनाने वाली हैं तो लग रहा हैं कि बिहार निवासियों को गुंडई दिखाने को मौका मिल ही जायेगी। जिस गुंडागर्दी के लिए बिहार बहुत प्रसिद्ध रहा हैं उसकी झलकियां अब साफ देखी जा सकती हैं। अब आने वाले समय में तस्वीर और साफ हो जाएगी कि बिहार किस दिशा की ओर अग्रसर हैं।

     

    क्या हैं गोदी मीडिया?

    आजकल ये शब्द गोदी मीडिया बहुत ही प्रचलित हैं। दिन में एक बार कही न कही किसी स्वतंत्र पत्रकार के मुंह से आप ये शब्द जरूर ही सुन लेते होंगे,लेकिन इसका मतलब शायद समझने में आपको थोड़ी से मुश्किल जरूर होती होगी। ये शब्द उन सभी पत्रकारों के लिए इस्तेमाल होते हैं जो केंद्रीय सरकार से सवाल जवाब करने की बजाय उनकी तारीफों के पूल बांधती हैं। आम जनता की इतनी सारी परेशानियां हैं जैसे की महंगाई,बेरोजगारी, बिजली, पानी और भी ना जाने क्या क्या। मीडिया चैनल इन सभी परेशानियों को छोड़ कर मीडिया चैनल सिर्फ सरकार की प्रशंसा में लगे रहते हैं इसलिए ही जनता इन मीडिया चैनलों को गोदी मीडिया कहकर तंज कसती हैं।

     

    पत्रकारों के विरोध पर नेताओं को प्रतिक्रिया

    जाने मानी पत्रकार के अपमान पर पूरा डिजिटल मीडिया अंजना के समर्थन में उतर आया हैं। ट्वीटर पर स्टैंड विद अंजना हैशटैग ट्रेंड करने लगा। हर कोई चाहे वो आम आदमी हो या कोई नेता हो यही कह रहा हैं की ये एक महिला का अपमान हैं। वही दूसरी और कुछ स्वतंत्र पत्रकार पटना में हुए जनता के विरोध को बिलकुल सही बता रहे हैं। लोगो का  भी यही कहना हैं की गोदी मीडिया जब तक स्टूडियो में बैठ कर सरकार की बढ़ाई कर रही हैं।

     

    तब तक ही वो बच पाएंगे लेकिन अगर वो लोगो के बीच उतर कर भी सरकार की वाहवाही करेंगे तो जनता उनका बहिस्कार करेगी। अब ये गौर करने वाली बात हैं क्योंकि अंजना ओम कश्यप के 22 साल के पत्रकारिता के करियर में कभी उन्हे ऐसे विरोध का सामना नहीं करना पड़ा हैं तो एक दम से ऐसा क्या हुआ जिसके बाद जनता इतने आक्रोश में थी जो उनके साथ साथ दूसरे पत्रकारों का भी विरोध करने पर उतारू हो गई।