Day: December 3, 2022

  • गुजरात में 1 से 5 दिसंबर को वोट; हिमाचल के साथ आएंगे 8 को परिणाम।

    गुजरात में 1 से 5 दिसंबर को वोट; हिमाचल के साथ आएंगे 8 को परिणाम।

    गुजरात में हाई-वोल्टेज विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को, चुनाव आयोग ने आज घोषणा की। हिमाचल प्रदेश चुनाव के साथ ही चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

    बहुप्रतीक्षित घोषणा मोरबी में हाल ही में हुए पुल के ढहने की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें 135 लोग मारे गए थे। दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भयावह त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ मीडिया से बातचीत की शुरुआत की।

    चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, राजपत्र अधिसूचना कब जारी की गई?

    चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, राजपत्र अधिसूचना परसों जारी की जाएगी और चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर है। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 17 नवंबर है। पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होगा जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा।

    पोल पैनल ने किन आरोपो को खारिज करा?

    पोल पैनल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि मतदान में देरी हुई, यह कहते हुए कि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है। श्री कुमार ने कहा कि तिथियों को अंतिम रूप देने से पहले मौसम सहित कई कारकों को ध्यान में रखा गया था।

    मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “शब्दों से ज्यादा काम और नतीजे बोलते हैं। कई बार आयोग की आलोचना करने वाली पार्टियों को चुनाव में चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं। कुछ ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं, लेकिन जब वे उसी ईवीएम से चुनाव जीतते हैं तो वे चुप रहते हैं।“

    गुजरात एक रोमांचक चुनावी मुकाबले के लिए तैयार है, जो अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के राजनीतिक परिदृश्य में प्रवेश के साथ त्रिकोणीय मुकाबला बन सकता है ।

    लगभग 25 वर्षों से राज्य में शासन कर रही भाजपा, मोरबी पुल के ढहने के बाद की भयावह खामियों को उजागर करने के बाद बैकफुट पर है, जिसने भूपेंद्र पटेल सरकार को मुश्किल में डाल दिया हइस साल की शुरुआत में पंजाब में अपनी प्रचंड जीत से उत्साहित आप इस बार गुजरात में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, क्योंकि इसके पहले के प्रयासों में थोड़ी सफलता मिली थी।

    2017 के राज्य चुनावों में कांग्रेस ने भिन्न भिन्न दशकों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

    2017 के राज्य चुनावों में कांग्रेस ने दशकों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके भाजपा के प्रदर्शन में सेंध लगाई थी। हालांकि, सत्ताधारी पार्टी फिर भी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही।

    इस बार, कांग्रेस को आप से भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसने श्री केजरीवाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एक व्यापक अभियान शुरू किया है। हालांकि, सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि उन्हें जीत का पूरा भरोसा है और इसके डोर-टू-डोर अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। पार्टी ने मतदाताओं को आप और असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के खिलाफ चेतावनी दी है, उन्हें भाजपा की “बी टीम” कहा है।

    हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के पास अभी भी एक मजबूत चुनाव तंत्र और व्यापक जनाधार का लाभ है। गुजरात चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई है और भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी कि वह राज्य में जीत हासिल

    एग्जिट पोल में गुजरात चुनाव में बीजेपी की जीत, हिमाचल में कि भविष्यवाणी।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने के बाद गुरुवार को सभी सात एग्जिट पोल ने दिखाया कि भाजपा गुजरात में जीत की ओर बढ़ रही है। अपराध ने पहली भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस इस बार  22 साल से सत्ता में आने से भाजपा को टक्कर दे सकती है।

    गुजरात में विकास, नोटबंदी और रजिस्ट्री को लेकर रोजगार और ग्रामीण संकट तक के मुद्दों पर दोनों तरफ से कटु और सख्त अभियान देखा गया है। अंतिम सप्ताह में व्यक्तिगत हमले हुए, कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर नरेंद्र मोदी को “नीच किसान का आदमी” कहा और प्रधान मंत्री ने ‘पाकिस्तान की मिलीभगत’ का आरोप लगाया।

    मोदी के गृह राज्य गुजरात में होने वाले मोदी की कुछ क्रांतिकारी आर्थिक पूर्वाग्रहों के प्रति प्रतिक्रिया की प्रतिक्रिया की भूमिकाओं पर ध्यान देंगे, जो व्यापार करना कहीं अधिक जटिल बना दिया गया और सहयोग की लागत बढ़ गई। कांग्रेस के लिए, शेयर कभी नहीं जुड़ा – गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की पहली परीक्षा होगी।

    Read – https://newsdiggy.com/indianairforce-transportfleetadvancement-%e0%a4%b8%e0%a5%80-295/

    भारत में ओपिनियन और एग्जिट पोल का इतिहास क्वॉलैक्शन है। जद (यू), राजद और कांग्रेस के महागठबंधन ने 2015 में सभी एक्जिट पोल को गलत साबित कर दिया था क्योंकि इसे बिहार विधानसभा चुनावों में एक तीखे और सीधे तौर पर विजेता घोषित किया गया था।

  • ट्रांसपोर्ट फ्लीट को आधुनिक बनाएगी वायुसेना, सोवियत काल के AN-32 एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे यूरोपीय सी-295

    ट्रांसपोर्ट फ्लीट को आधुनिक बनाएगी वायुसेना, सोवियत काल के AN-32 एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे यूरोपीय सी-295

    आइए विस्तार से जानते हैं।

    भारतीय वायु सेना (IAF) के सोवियत काल के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 की जगह अब यूरोपीय कंपनी एयरबस के सी-295 विमान लेंगे। हालांकि, इन विमानों का निर्माण भारत में ही किया जा रहा है। वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायु सेना अपने परिवहन बेड़े को आधुनिक बनाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत यह अहम बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है।

    वायु सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, सी-295 मध्यम परिवहन विमान को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और यूरोपीय फर्म एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा भारत में निर्मित किया जाएगा। बता दें, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के वडोदरा में सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्लांट की नींव रखी थी।  देश का पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट गुजरात के इसी प्लांट में बनकर तैयार है। 

    सी-295 पर बन रही आम सहमति

    वायुसेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, वायु सेना के इस कदम को 1960 में परिवहन बेडे में शामिल एवरो-748 विमानों के बदलाव के रूप में भी देखा जा रहा है। वहीं, अधिकारियों का यह भी कहना है कि एएन-32 की जगह सी-295 विमान पर आम सहमति बन रही है।

    90 AN-32 का संचालन कर रही वायु सेना

    भारतीय वायु सेना वर्तमान में 90 एएन-32 विमानों को संचालित कर रही है। ये विमान लद्दाख व पूर्वोत्तम समेत देश के कई हिस्सों में तैनात सैनिकों की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वायु सेना के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सी-295 विमान एएन-32 की भूमिकाओं को पूरा करने में सक्षम है और यह एक बेहतर बदलाव साबित हो सकता है।

    96 प्रतिशत होगी भारत की हिस्सेदारी

    बीते साल, सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना ने यूरोप की एयरबस के साथ करार किया था। इस करार के तहत 40 एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में ही टाटा कंपनी के साथ मिलकर निर्माण किया जाना तय हुआ था। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया, एयरक्राफ्ट के निर्माण में 96 हिस्सेदारी भारत की होगी।

    क्या 2026 से 31 तक होगी आपूर्ति?

    रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 के बीच होगी। वहीं पहले के 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे। यह डील पूरी होने के बाद भारतीय वायु सेना C-295 परिवहन विमान की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी।

  • कैलिफोर्निया से पकड़ा गया, सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड गैंगस्टर गिरफ्तार

    कैलिफोर्निया से पकड़ा गया, सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड गैंगस्टर गिरफ्तार

    बड़ी कामयाबी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड मामले में हाथ लगी है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ को भारत की खुफिया एजेंसियों के सूत्रों मुताबिक गिरफ्तार कर लिया गया है। कैलिफोर्निया से सूत्रों के अनुसार गोल्डी बराड़ को गिरफ्तार किया गया है। कैलिफोर्निया में 20 नवंबर को गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को सूत्रों की मानें तो उससे पहले डिटेन कर लिया गया है। हालांकि, भारत सरकार को कोई आधिकारिक जानकारी गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी के बारे में नहीं मिली है। लॉरेंस बिश्नोई का करीबी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ माना जाता है।

    सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर पंजाबी स‍िंगर शुभदीप सिंह सिद्धू को पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सिद्धू मूसेवाला के हत्या करने की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य के गोल्‍डी बराड़ ने ली थी।

    गोल्डी बराड़ पर क्या- क्या आरोप है

    पिछले दिनों इंटरपोल ने गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। बता दें कि सिद्धू मूसेवाला की कनाडा में बैठकर गोल्डी बराड़ ने हत्या की साजिश रची थी, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इस मामले में भी पूछताछ की जा रही है। गोल्डी बराड़ के करीबियों में से एक लॉरेंस बिश्नोई हैं। कॉलेज के समय से ही दोनों साथ में हैं। गोल्डी बराड़ पर कई आरोप है हत्या करना, हत्या की कोशिश करना, साजिश रचने में आपराधिक और हथियारों की तस्करी करने का आरोप है।

    दो करोड़ का इनाम रखे सरकार

    बलकौर सिंह ने बेटे के हत्यारों को न पकड़ पाने पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पिता ने पंजाब सरकार पर सवाल उठाए। बेटे की हत्या करने वाले को सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने गोल्डी बराड़ को सरकार से मांग की है कि उन्हें गिरफ्तार करें।दो करोड़ रुपये का गिरफ्तारी पर इनाम रखा जाए।वह खुद यह इनाम की राशि देने को तैयार हैं। अपनी जमीन ही क्यों ना इसके खातिर चाहे बेचनी पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार दो करोड़ रुपये शुभदीप से टैक्स के रूप में वसूलती थी। उसका टैक्स सरकार को मरने के बाद भी गया। उसके हत्यारों को पकड़ने के लिए अब सरकार को चाहिए कि दो करोड़ रुपये का ईनाम रखा जाए।

    न्याय की खातिर आवाज मेरा बुलंद रहेगा, सिद्धू मूसेवाला के पिता

    गुरुवार को अमृतसर के गांव गुमटाला के नजदीक स्थित सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने गुरुद्वारा साहिब मे एक अखंडपाठ साहिब में आयोजित के लिए शामिल होने पहुंचे थे। वहीं उन्होंने कहा कि खुलेआम उनके बेटे के अभी भी हत्यारे घूम रहे हैं। जब तक सजा नहीं मिलेगी हत्यारों को तब तक वह शांत नहीं बैठेंगे। न्याय की खातिर जबतक आवाज मेरा बुलंद रहेगा तबतक अपने बेटे के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए आवाज बुलंद करते रहेंगे।

    बलकौर सिंह ने कहा कि अपनी प्रत्येक कोशिश अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए वह अंतिम सांस तक जंग जारी रखेंगे। उन्हें चाहे सुरक्षा दे या ना दे सरकार लेकिन बेटे के हत्यारों को जरूर गिरफ्तार करे। पंजाब पुलिस पर बलकौर सिंह ने सवाल उठाया और पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर कहा कि अब हत्यारों को पकड़ने में ढीली हो रही है। इससे पहले भी कई बार सिद्धू मूसेवाला के पिता ने पंजाब पुलिस को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। वीआईपी ट्रीटमेंट देने पर भी लॉरेंस बिश्नोई पर उन्होंने सवाल उठाया था।

    गोल्डी बरार आखिर कौन है

    श्री मुक्तसर साहिब के यहा 1994 में पंजब में जन्मा सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार BA की डिग्री गोल्डी हासिल कर चुका है। छात्र वीजा पर साल 2017 में कनाडा गया था। गैंगस्टर की कैटगरी में गोल्डी A+ है, गोल्डी बरार पर आपराधिक के 16 से अधिक मामलों में तलाश है। और उसे भगोड़ा घोषित कोर्ट ने किया हुआ है। वह तब भारत से कनाडा भाग गया था।

    सिद्धू मूसेवाला की हत्या केसे और कहा हुई

    29 मई को मानसा के गांव जवाहरके में सिद्धू मूसेवाला की इसी साल हत्या कर दी गई थी। यह हत्याकांड जिस समय हुआ, अपनी थार जीप में मूसेवाला सवार होकर कहीं जा रहे थे। उनकी गाड़ी को इसी दौरान छह हमलावरों ने घेर लिया और फायरिंग शुरू कर दी। चार शूटर इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं, और वहीं एनकाउंटर में दो मारे जा चुके हैं।

  • JNU: जेएनयू फिर विवादों में, परिसर में दीवारों पर लिखे ब्राह्मण-बनिया विरोधी नारे, कई संगठनों ने की निंदा

    JNU: जेएनयू फिर विवादों में, परिसर में दीवारों पर लिखे ब्राह्मण-बनिया विरोधी नारे, कई संगठनों ने की निंदा

    देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया विरोधी नारे दीवारों पर लिखे होने की तस्वीरें वायरल हुई हैं। इसके बाद विभिन्न छात्र संगठनों में आक्रोश है। 

    आपको बता दें कि इससे पहले भी JNU कई बार विवादों में रहा है, JNU में 9 फरवरी, 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारे लगाए जाने की घटना ने पूरे देश में उबाल ला दिया था। दरअसल, यह अपने आपमें अनूठी और हैरान करने वाली घटना थी, जिसमें देश में पहली बार इस संस्थान में तथाकथित देश विरोधी नारे लगे।

    वहीं इस प्रकरण में मुख्य आरोपित कन्हैया कुमार, सैयद उमर खालिद व अनिर्बान को बनाया गया था, जबकि स्पेशल सेल ने कुल 90 लोगों को गवाह बनाया था। 

    वहीं 10 वीडियो क्लिप जो फोरेंसिक साइंस लैब में जांच करवाई गईं थी और उन वीडियो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन्हीं वीडियो में देशद्रोही नारे लगाते आरोपियों को देखा गया। कन्हैया कुमार के खिलाफ देश विरोधी नारे का वीडियो पुलिस को नहीं मिला। लेकिन, पुलिस के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारेबाजी की तसदीक कई लोगों ने अपनी गवाही में दी थी। इसके अलावा सबूत और गवाह के तौर पर कार्यक्रम के बैनर पोस्टर स्लोगन, प्रशासन के बयान, सुरक्षा गार्ड, एवीबीपी छात्रों के बयान शामिल किये गए थे।

    फ़िलहाल अब तक मामला अदालत में चल रहा है, और कन्हैया कुमार को छोड़कर बाकि अन्य मुख्य आरोपी अभी भी जेल में हैं।

    दूसरी तरफ इस प्रकरण पर छात्रों ने दावा किया कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-II की इमारत की दीवारें ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ नारेबाजी से भर दी गई हैं। जेएनयू की कुछ दीवारों पर ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो’, ‘खून होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’, ‘ब्राह्मणों, बनियों हम आएंगे। हम बदला लेंगे।’

    अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसके लिए वामपंथियों पर आरोप लगाया! 

    एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि एबीवीपी इसकी कड़ी निंदा करता है। कम्युनिस्टों ने जेएनयू की दीवारों पर ऐसी अभद्र बातें लिखीं। हमें विश्वास है कि शिक्षण संस्थानों को सिर्फ चर्चा और बहस के लिए उपयोग किया जाएगा ना कि समाज और छात्रों के समुदाय में जहर घोलने में। 

    जेएनयू के शिक्षकों के एक संघ ने भी इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया है। संगठन ने इसके लिए ‘लेफ्ट-लिबरल गैंग’ को जिम्मेदार ठहराया है।

    वहीं जेएनयू प्रशासन ने कहा कि कुलपति ने कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों में लिखे गये नारों को गंभीरता से लिया है। डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी को जल्द से जल्द पूछताछ करने और वीसी को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।

    JNU ने एक बयान जारी करते हुए कहा- “प्रशासन परिसर में इस तरह की हरकतों की निंदा करता है। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि JNU सबका है। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी के डीन को जल्द से जल्द जांच करने और वीसी को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। JNU समावेश और समानता के लिए खड़ा है। वीसी कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस को दोहराते हैं।”

    फिलहाल अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किसकी तरफ से दीवारों पर ये आपत्तिजनक नारे लिखे गए। आरोप जरूर लेफ्ट पर लग रहा है, लेकिन स्पष्टता से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

    Read – https://newsdiggy.com/indiancurrency-digital-%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%b8%e0%a5%80/