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अंजना ओम कश्यप का बिहार में हुआ विरोध

अंजना ओम कश्यप

अंजना ओम कश्यप

आजतक की जानीमानी पत्रकार अंजना ओम कश्यप को कौन नहीं जानता। वो अपनी निर्भीक पत्रकारिता और किसी भी मुद्दे को ऊंची आवाज में उछालने के लिए काफी समय से जानी जाती हैं, लेकिन बिहार के पटना में जब वो रिपोर्टिंग करने के लिए गई तो आखिर ऐसा क्या हो गया जिसकी वजह से बिहार की जनता उनके सामने विरोध करने लगी?

 

क्या था पूरा मामला?

कल जब जेडीयू ने एनडीए से गठबंधन तोड़ा तो उसके बाद मीडिया में होड़ लग गई की कौन पहले जाकर बिहार से लाइव कवरेज करेगा। अब जब सारे पत्रकार बिहार पहुंचे तो अंजना जी कैसे पीछे रहती वो भी पहुंची लेकिन शायद जनता को ये रास नहीं आया। जैसे हीअंजना ओम कश्यप रिपोर्टिंग करने लगी। वैसे ही वहां खड़ी जनता ने गोदी मीडिया मुर्दाबाद, अंजना मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया। अंजना इस पर बड़े ही शांति से खड़ी रही एयर हंसते हुए दिखाई पड़ी।

 

जनता ने ऐसा किया क्यों?

अंजना ओम कश्यप जब बिहार के पटना में जनता को बिहार के संसद सदन से लाइव कवरेज दिखा रही थी। जिसके बाद  वो जनता के बीच से रिपोर्टिंग करने लगी। रिपोर्टिंग के बीच ही जनता गोदी मीडिया मुर्दाबाद के नारे लगाने लगी जिसपर अंजना ओम कश्यप काफी शांत नजर आई। ऐसा सिर्फ अंजना के साथ ही नहीं बल्कि अर्णव गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक भारत की एक रिपोर्टर के साथ भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ। जब रिपब्लिक भारत की रिपोर्टर भी पटना में जनता के बीच रिपोर्टिंग करने उतरी तो जनता ऐसी ही नारेबाजी करके रिपोर्टर का विरोध किया।

अंजना ओम कश्यप
अंजना ओम कश्यप

क्या ये अंदेशा हैं बिहार में फिर शुरू होने वाली गुंडागर्दी का?

बिहार की जनता को अभी तक शायद एनडीए और जेडीयू के गठबंधन में उतनी खुराफाती नही थी। लेकिन अब जब आरजेडी और जेडीयू मिलकर सरकार बनाने वाली हैं तो लग रहा हैं कि बिहार निवासियों को गुंडई दिखाने को मौका मिल ही जायेगी। जिस गुंडागर्दी के लिए बिहार बहुत प्रसिद्ध रहा हैं उसकी झलकियां अब साफ देखी जा सकती हैं। अब आने वाले समय में तस्वीर और साफ हो जाएगी कि बिहार किस दिशा की ओर अग्रसर हैं।

 

क्या हैं गोदी मीडिया?

आजकल ये शब्द गोदी मीडिया बहुत ही प्रचलित हैं। दिन में एक बार कही न कही किसी स्वतंत्र पत्रकार के मुंह से आप ये शब्द जरूर ही सुन लेते होंगे,लेकिन इसका मतलब शायद समझने में आपको थोड़ी से मुश्किल जरूर होती होगी। ये शब्द उन सभी पत्रकारों के लिए इस्तेमाल होते हैं जो केंद्रीय सरकार से सवाल जवाब करने की बजाय उनकी तारीफों के पूल बांधती हैं। आम जनता की इतनी सारी परेशानियां हैं जैसे की महंगाई,बेरोजगारी, बिजली, पानी और भी ना जाने क्या क्या। मीडिया चैनल इन सभी परेशानियों को छोड़ कर मीडिया चैनल सिर्फ सरकार की प्रशंसा में लगे रहते हैं इसलिए ही जनता इन मीडिया चैनलों को गोदी मीडिया कहकर तंज कसती हैं।

 

पत्रकारों के विरोध पर नेताओं को प्रतिक्रिया

जाने मानी पत्रकार के अपमान पर पूरा डिजिटल मीडिया अंजना के समर्थन में उतर आया हैं। ट्वीटर पर स्टैंड विद अंजना हैशटैग ट्रेंड करने लगा। हर कोई चाहे वो आम आदमी हो या कोई नेता हो यही कह रहा हैं की ये एक महिला का अपमान हैं। वही दूसरी और कुछ स्वतंत्र पत्रकार पटना में हुए जनता के विरोध को बिलकुल सही बता रहे हैं। लोगो का  भी यही कहना हैं की गोदी मीडिया जब तक स्टूडियो में बैठ कर सरकार की बढ़ाई कर रही हैं।

 

तब तक ही वो बच पाएंगे लेकिन अगर वो लोगो के बीच उतर कर भी सरकार की वाहवाही करेंगे तो जनता उनका बहिस्कार करेगी। अब ये गौर करने वाली बात हैं क्योंकि अंजना ओम कश्यप के 22 साल के पत्रकारिता के करियर में कभी उन्हे ऐसे विरोध का सामना नहीं करना पड़ा हैं तो एक दम से ऐसा क्या हुआ जिसके बाद जनता इतने आक्रोश में थी जो उनके साथ साथ दूसरे पत्रकारों का भी विरोध करने पर उतारू हो गई।