India – Russia Press Meet ने भारत-रूस संबंधों को एक नई गति दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में “पुरानी दोस्ती से आगे बढ़कर नई बहुआयामी साझेदारी” की दिशा को मजबूत किया।
यह सम्मेलन भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया, जिसने आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा, पर्यटन और वैश्विक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नए आयाम जोड़े।
2030 तक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर बड़ा ऐलान
India – Russia Press Meet के दौरान दोनों देशों ने 2030 तक का Economic Cooperation Roadmap तैयार करने पर सहमति दी। इसका उद्देश्य है;
- व्यापार और निवेश को कई गुना बढ़ाना
- कृषि, मेडिकल, हेल्थकेयर, फर्टिलाइज़र, शिपिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में सहयोग
- मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन को मज़बूत करना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह रोडमैप “दोनों अर्थव्यवस्थाओं को नई दिशा और गति देगा।
ऊर्जा सुरक्षा: रूस का भारत को ‘बिना रुकावट सप्लाई’ का वादा
रूस ने आश्वासन दिया कि तेल–गैस और ऊर्जा संसाधनों की Uninterrupted Supply जारी रहेगी।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि, “भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में रूस विश्वसनीय भागीदार रहेगा।”
भारत ने इसे ऊर्जा सुरक्षा के लिए रणनीतिक जीत माना।
30 दिनों का मुफ्त e-Tourist Visa: पर्यटन में नई शुरुआत
India – Russia Press Meet में भारत ने रूसी नागरिकों के लिए 30-दिन का फ्री e-Tourist Visa देने की घोषणा की।
इस फैसले से;
- पर्यटन
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान
- पीपल-टू-पीपल कनेक्ट
को नई मजबूती मिलेगी।
आतंकवाद पर भारत का कड़ा संदेश
मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हाल की आतंकवादी घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है।
उन्होंने कहा कि, “जो देश इसे समर्थन देते हैं, उनसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कड़ा रुख अपनाना चाहिए।”
दोनों देशों ने वैश्विक स्थिरता, शांति, स्वतंत्र विदेश नीति और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का समर्थन किया।
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्पष्ट बात
India – Russia Press Meet में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत न्यूट्रल नहीं है। भारत शांति के पक्ष में है।”
उन्होंने संघर्ष का हल संवाद और कूटनीति से निकालने पर जोर दिया। रूस ने भारत की “शांति पहल” की सराहना की।
स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, शिपिंग और वर्कफोर्स में सहयोग का विस्तार
दोनों देशों ने निम्न क्षेत्रों में नई पहलें घोषित कीं;
- मेडिकल एजुकेशन में संयुक्त प्रोग्राम
- स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और दवा निर्माण पर सहयोग
- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण पर कार्य
- शिपबिल्डिंग और समुद्री लॉजिस्टिक्स
- कृषि और फर्टिलाइज़र सप्लाई चेन
- भारतीय वर्कर्स के लिए रूस में अधिक अवसर
इसके साथ नागरिक स्तर पर सहयोग और मजबूत होगा।
व्यापार में विविधता लाने पर रणनीतिक जोर
अब तक व्यापार ऊर्जा और रक्षा तक सीमित था।
इस Meet में स्पष्ट कहा गया कि यह महागठबंधन, “Trade Relation को सिर्फ फ्यूल और डिफेंस पर निर्भर नहीं रहने देगा।”
नई रणनीति में प्रमुख सेक्टर होंगे;
- IT
- फार्मा
- मैन्युफैक्चरिंग
- कृषि
- शिक्षा
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
India – Russia Press Meet में दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज का संदेश
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी और पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद मजबूत रिश्तों का संदेश दिया।
पुतिन ने कहा, “भारत हमारा भरोसेमंद मित्र है।”
मोदी ने कहा, “भारत–रूस दोस्ती हर बदलते समय में अडिग रही है।”
2025 का India – Russia Press Meet ऐतिहासिक क्यों माना जा रहा है?
- 2030 तक का बड़ा आर्थिक खाका
- ऊर्जा सुरक्षा में दीर्घकालिक सहयोग
- फ्री e-Visa जैसे लोगों-केंद्रित कदम
- आतंकवाद और वैश्विक शांति पर संयुक्त आवाज
- शिक्षा, कृषि, शिपिंग जैसे नए क्षेत्रों में साझेदारी
- बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था पर समान सोच
विशेषज्ञों के अनुसार यह सम्मेलन
“भारत–रूस संबंधों को अगले दशक में आगे बढ़ाने वाला ऐतिहासिक मोड़” है।


