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महसा अमीनी की मौत ने ईरान में भड़काया प्रदर्शन

महसा अमीनी की मौत

महसा अमीनी की मौत ने जो ईरान की जनता के बीच आग लगाई हैं वो अभी थमने का नाम नही ले रही हैं। अब तक 85 से दंगाइयों की मौत हो चुकी हैं और असंख्य लोगो को जेल के भीतर पहुंचाया जा चुका हैं।

ईरान 22 वर्षीय महिला की मौत से भड़के हिंसक विरोधों से जूझ रहा है, जो अपनी ‘नैतिकता पुलिस’ द्वारा गिरफ्तारी के बाद कोमा में चली गई थी। पुलिस इकाई – महिलाओं के लिए ईरान के सख्त ड्रेस कोड को लागू करने के लिए जिम्मेदार, विशेष रूप से सार्वजनिक रूप से हेडस्कार्फ़ पहनना – हाल के महीनों में बल के अत्यधिक उपयोग को लेकर पहले से ही बढ़ती आलोचना का सामना करना पड़ा था।

अब 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत ने 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से, ड्रेस कोड के उल्लंघन के संदेह में महिलाओं के खिलाफ ‘नैतिक पुलिस’ की कार्रवाई पर लगाम लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी हैं।

कैसे हुई महसा अमीनी की मौत?

22 साल की महसा अमीनी ईरान की रहने वाली थी।13 सितंबर को महसा अमीनी अपने पूरे परिवार के साथ तेहरान से वापिस लौट रही थी। उसी समय ईरान की नैतिकता पुलिस ने महसा को कब्जे में ले लिया। नैतिकता पुलिस ईरान की पुलिस से थोड़ी अलग हैं। उनका काम सिर्फ ये देखना हैं कि ईरानी औरतों ने हिजाब ढंग से पहना हैं या नहीं अगर इसका उल्लंघन किया जाता हैं तो औरतों को पुलिस के द्वारा कब्जे में लेकर उन्हे फिर से सिख दी जाती हैं ताकि दोबारा ऐसी गलतियां ना दोहराई जाए।

महसा अमीनी ने हिजाब तो पहना था लेकिन उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि हिजाब पूरी तरह से सिर के बालों को नही ढक रहा था। बस इसी के चलते अमीनी को थाने ले जाया गया। थाने ले जाने के कुछ देर बाद ही अमीनी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां 16 सितंबर को अमीनी की मौत हो गई।

अमीनी की मौत को बताया गया हार्ट अटैक

ईरान की पुलिस ने मामले को छिपाने के लिए अमीनी की मौत को हार्ट अटैक बताया लेकिन बाद में इस मामले से जुड़े कई तथ्य सामने आए। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें आई जिसमे साफ हुआ की अमीनी के सर पर चोट लगी थी जिसमे उनके दिमाग की हड्डी टूटी और इसी वजह से अमीनी कोमा में गई जिसके 2 दिन बाद अमीनी की मौत हो गई। ईरान के डॉक्टर ने भी अमीनी के हॉस्पिटल की तस्वीरें सांझा करते हुए कहा कि ये हार्ट अटैक नही हो सकता क्योंकि अमीनी के शरीर पर काफी चोट के निशान हैं जिससे साफ पता चलता हैं कि थाने ले जाकर अमीनी को मारा गया हैं।

जोरो शोरों से चल रहा हैं प्रदर्शन

इस घटना के बाद ईरानी औरते सड़को पर उतर आई हैं जिनकी मांग हैं की इस हिजाब कानून को जल्द से जल्द वापिस लिया जाए। औरते अपने बाल काट रही हैं और हिजाब जला कर सरकार के इस कानून का विरोध कर रही हैं। सरकार प्रदर्शनकारियो को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैम अब तक 85 लोग इस हिंसा में अपनी जान खो चुके और कई लोगो को जेल में भेजा जा चुका हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दे दिए हैं।

अब देखना होगा कि क्या महसा अमीनी को न्याय मिल पाएगा और सरकार के द्वारा हिजाब कानून में कोई बदलाव होगा या फिर इस हिजाब कानून के चलते ईरानी औरतों के साथ बर्बरता यूंही जारी रहेगी।

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