भारतीय महिला क्रिकेट टीम अगली पीढ़ी के मैच-विनर्स की तलाश में Vaishnavi Sharma को मौका दे रही है। मध्य प्रदेश की इस लेफ्ट-आर्म स्पिनर ने 21 दिसंबर को विशाखापट्टनम में श्रीलंका के खिलाफ पहले T20I में भारत के लिए अपना पहला मैच खेला। यह सीरीज इंग्लैंड में जून में होने वाले T20 विश्व कप की तैयारी का हिस्सा है।
तेज़ी से हुआ उदय

वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) का उदय तेज़ रहा है लेकिन यह संयोग नहीं है। वह इस साल भारतीय अंडर-19 टीम की महत्वपूर्ण सदस्य थीं जिसने महिला T20 विश्व कप जीता था। टूर्नामेंट में 17 विकेट लेकर वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज़ रहीं। इस सफलता ने उनके लिए सीनियर क्रिकेट के दरवाज़े खोल दिए और उन्हें तथा साथी U-19 खिलाड़ी जी. कमलिनी को श्रीलंका सीरीज़ के लिए पहली बार सीनियर टीम में बुलाया गया।
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन

उनके घरेलू आंकड़े बताते हैं कि चयनकर्ताओं ने जल्दी क्यों फैसला लिया। वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) ने सीनियर महिला T20 ट्रॉफी में 21 विकेट लिए और उसके बाद सीनियर महिला इंटर-ज़ोनल T20 में पांच मैचों से 12 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज़ बनीं। निरंतरता, नियंत्रण और मध्य ओवरों में अटैक करने की क्षमता उनकी खासियत बन गई है।
चंबल क्षेत्र की पहली भारतीय खिलाड़ी

ग्वालियर में जन्मी वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपनी अनोखी जगह बना ली है क्योंकि वह चंबल क्षेत्र से देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली खिलाड़ी हैं। उन्होंने बेहद कम उम्र में खेल को अपनाया और महज़ पांच साल की उम्र में औपचारिक प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। 2022-23 के जूनियर घरेलू सीज़न में उनकी शुरुआती प्रतिभा को पहचाना गया, जब उन्होंने सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर के लिए जगमोहन डालमिया ट्रॉफी जीती।
परिवार का अटूट समर्थन
वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) की यात्रा के पीछे एक बेहद सहयोगी परिवार है, खासकर उनके पिता डॉ. नरेंद्र शर्मा, जो पेशे से ज्योतिषी हैं। उन्होंने अपनी बेटी के करियर पथ को “दो जी – ग्रह और गूगल” द्वारा निर्देशित बताया।

स्पोर्ट्सस्टार को दिए इंटरव्यू में अपनी मान्यता समझाते हुए उन्होंने कहा, “जब वैष्णवी(Vaishnavi Sharma) का जन्म हुआ, तो हमने उनकी कुंडली बनवाई और पाया कि उनके पास सफलता के दो रास्ते हैं – चिकित्सा और खेल। उस समय मैंने सोचा कि अगर वह डॉक्टर बनीं तो शहर उन्हें जानेगा, लेकिन अगर वह खेल में सफल हुईं तो दुनिया उन्हें जानेगी।”
प्रशिक्षण एक पारिवारिक प्रयास था। ग्वालियर की तानसेन क्रिकेट अकादमी में लंबे घंटे, ऑनलाइन रिसर्च के ज़रिए तैयार किए गए घरेलू रूटीन, और उनके माता-पिता और भाई का लगातार समर्थन – इन सबने उनके शुरुआती वर्षों को आकार दिया। आर्थिक कुर्बानियां भी देनी पड़ीं, लेकिन ध्यान कभी नहीं भटका।
सीनियर डेब्यू में संयमित प्रदर्शन
वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) के सीनियर डेब्यू में भले ही विकेट नहीं मिले, लेकिन इसने उनके धैर्य को प्रदर्शित किया। उन्होंने चार ओवरों में सिर्फ 16 रन दिए और उस रात भारत की सबसे किफायती गेंदबाज़ रहीं। मैच के बाद बात करते हुए वह शांत रहीं: “मैं बस बहुत खुश हूं कि मैं अपनी योजना को अमल में ला सकी, और चार और मैच बाकी हैं।”
भविष्य की संभावनाएं

अभी तक वूमेन्स प्रीमियर लीग का कोई कॉन्ट्रैक्ट न होने के बावजूद, वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) ने पहले ही कप्तान हरमनप्रीत कौर का ध्यान आकर्षित कर लिया है, जो T20 क्रिकेट में विकेट लेने वाली स्पिनरों को महत्व देती हैं। चल रही सीरीज में और मौके मिलने की उम्मीद के साथ, इस 20 वर्षीय खिलाड़ी के पास अब शुरुआती वादे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्थायी जगह में बदलने का अवसर है।
Vaishnavi Sharma का दूसरा मैच
वह आज दूसरे T20I में भी खेल रही हैं और एक बार फिर उनसे बहुत उम्मीदें हैं। वैष्णवी शर्मा(Vaishnavi Sharma) का सफर भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है और वह मध्य प्रदेश की गौरव हैं।


