वाराणसी में भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह की हत्या में वांछित 307 गैंग के मास्टरमाइंड समेत दो बदमाशों को सिगरा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ में रविवार की सुबह गिरफ्तार किया। लहरतारा स्थित डीआरएम भवन के पीछे हुए मुठभेड़ में दोनों बदमाशों के पैर में पुलिस की गोली लगी। घायल बदमाशों को पुलिस ने मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में भर्ती कराया। मौके पर पहुंचे पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने मुठभेड़ टीम से जानकारी ली।
सिगरा पुलिस और क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि पशुपति नाथ सिंह की हत्या और बेटे राजन पर जानलेवा हमले में वांछित मुख्य आरोपित चंदुआ छित्तूपुर निवासी राहुल, सरोज और पवन दोनों जय प्रकाश नगर कॉलोनी से होकर लहरतारा की ओर भागने वाले हैं।
क्राइम ब्रांच कॉस्टेबल को लगी गोली।
वाराणसी पुलिस और बदमाशों के बीच आज तड़के मुठभेड़ हो गई। वारणसी के रिंग रोड पर ये एनकाउंटर हुआ है। बताया गया है कि वाराणसी कमिश्नरेट के थाना बड़ागांव क्षेत्र में ये मुठभेड़ हुई। शातिर बदमाशों के मूवमेंट को इंटरसेप्ट करने के लिए वाराणसी कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच और बड़ागांव पुलिस की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत घेराबंदी की। अपने को घिरता देख क्राइम ब्रांच और बड़ागांव पुलिस टीम पर बदमाशों ने कई राउंड फायर किए। इस फायरिंग में क्राइम ब्रांच के कॉस्टेबल शिव बाबू को गोली लग गई।
क्या बदमाशों को डॉक्टर ने किया मृत घोषित?
पुलिस की जवाबी कार्यवाही में दो बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए और तीसरा बदमाश मौके से फरार हो गया। मुठभेड़ में घायल दोनों बदमाशों को जब अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनो की डेड बॉडी मोर्चरी में रखवा दी गई है। दोनो की शिनाख्त के कोशिश जारी है। प्रथम दृष्टया दोनों बाहरी राज्य के लग रहे हैं। पुलिस को इन बदमाशों के पास से एक 9 mm ब्राउनिंग पिस्टल और एक 32 बोर की पिस्टल बरामद हुई है। इसके अलावा एक काले रंग की बाइक, मोबाइल फोन और कुछ कागजात भी बरामद हुए हैं।
बदमाशों ने कब शुरू कि फायरिंग?
इस पर सर्विलांस सेल प्रभारी अंजनी पांडेय और सिगरा इंस्पेक्टर राजू सिंह की टीम ने घेराबंदी की तो दोनों बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाशों के पैर में गोली लगी और वह लहूलुहान होकर सड़क पर अचेत हो गए। पुलिस ने दोनों घायलों को तुरंत मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में भर्ती कराया।
307 नंबर गैंग का मास्टरमाइंड कौन आया सामने?
307 नंबर गैंग का मास्टरमाइंड राहुल आया सामने जबकि पवन उसकी संगत में आकर लोगों को धमकाने और मारपीट करता था। खुद को 307 गैंग का बताकर छात्रों और दुकानदारों पर रंगबाजी जमाते थे। मुठभेड़ में नदेसर चौकी इंचार्ज राजकुमार पांडेय, विवेकमणि आदि पुलिसकर्मी शामिल रहे।
अब तक कितने आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार?
अब तक हत्या और हत्या के प्रयास में नामजद 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अन्य सात नामजद और अज्ञात हमलावरों की तलाश में पुलिस की पांच टीमें दबिश दे रही हैं। शनिवार की रात डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी पशुपतिनाथ सिंह के घर सांत्वना देने पहुंचे थे और रविवार की सुबह में बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार किया।
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