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    Market Wrap: निफ्टी 20,000 ऊपर, एक दिन में ₹3 करोड़ से अधिक अमिर हुए निवेशकं

    Market Wrap: सोमवार, 11 सितम्बर को Intraday कारोबार में निफ्टी 20,008, 15 के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। निफ्टी का आखिरी सर्वकालिक उच्च तर 19,991.85 था जो इस साल 20 जुलाई को पहुंचा था।

     

    फ्रंटलाइन सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी इस सोमवार को महत्वपूर्ण बढ़त के साथ समाप्त हुए, सत्र के दौरान निफ्टी नई रिकॉर्ड’ के साथ ऊंचाई पर पहुंच गया साथ ही चौतरफा खरीदारी के कारण सेंसेक्स 67000 का आंकड़ा फिर से हासिल कर लिया।

     

    पहली बार 20,000 के अंक की पार करते हुए, निफ्ती सोमवार को Intraday ‘कारोबार में 20,008-15 के नए रिकॉर्ड पर पहुंचा। निफ्टी का आखिरी सर्वकालिक उच्च स्तर 19,991-85 था जो इस साल 20 जुलाई को 19,991-85 पर पहुंचा था।

     

    विशेषज्ञों का मानना है की G20 शिखर सम्मेलन बाद धारणा उत्साहित होने के कारण निफ्टी नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। G20 दिल्ली घोषणा और भारत की कूटनीतिक जीत बाजार का मूड साकारात्मक तथा गति को जारी रख सकती है वहीं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अफ्रीकी संघ को शामिल G20 में शामिल कर लिया गया है। विजयकुमार ने बताया कि G20 में अफ्रिकी संघ को शामिल करना भारतीय एयरटेल के लिए एक सकारात्मक खबर है क्योंकि अफ्रीका में इसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

    Market Wrap
    Nifty Crossed 20,000

    निफ्टी को लेकर तकनीकी विचार

    चौहान का कहना है की दैनिक चार्ट पूर निफ्टी तेजी से बढ़ रहा है साथ ही Intraday चार्ट पर यह लगातार उच्च और उच्च निम्न श्रृंखला का गठन कर रहा है, जो काफी सकारात्मक है। ट्रैंड का अनुसरण करने वाले व्यापारियों के लिए, 19,935, एक प्रमुख समर्थन स्तर के रूप में कार्य कर सकता है, जिसके ऊपर सूचकांक 20,100- 20,175 तक जा सकता है। दूसरी वही दूसरी ओर 19,935 से नीचे, व्यापारी लंबी स्थिती से बाहर निकलना पसंद कर सकते हैं और उससे नीचे, हम 19,850-19,825 तक एक त्वरित इंट्राडे सुधार देखने का मिल सकती है।

     

    बीएनपी परिबास (BNP Paribas) द्वारा शेयरखाना के तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक जातेन गडिया का कहना है की कि दैनिक और प्रति घंटा समय सीमा पर गति संकेतक मूल्य कार्रवाई के अनुरूप हैं। इस प्रकार हम सकारात्मक गति जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं।

     

    गेडिया का कहना है। ऊपर की ओर, हम उम्मीद करते हैं कि अल्पावधि परिक्षेक्ष्य से निफ्टी 21,000 के स्तर को लक्षित करेगा। स्तरों के संदर्भ में, 19, 865-19, 810 महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र है, जबकी 20,200-20,250 को तत्काल बाधा क्षेत्र के रूप में कार्य करना चाहिए।

     

    बाजारी पर क्या है विशेषज्ञों की राय

    G20 शिखर सम्मेलन में में हासिल की गई ऐतिहासिक सहमति से बल मिला है, जिससे निवेशकों में विश्वास देखने को मिला घरेलू बाजारी ने भी दिन की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की सब्जियों की कीमतों में साथ गिरावट के कारण मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीद ने आशावादी भावना को बढ़ावा दिया जिससे बाजार में तेजी देखने को मिली। नियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना कि “घरेलू बाजारों के नई सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंचने के लिए”। वैश्विक व्यापक आर्थिक बाधाओं की तुलना में भारत की लचीली वृद्धि ने निवेशकों को तेजी से दांव बनाए रखने का विश्वास दिया है।

  • G20 summit Delhi: शिखर G20 सम्मेलन का सफल आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में किया गया।

    G20 summit Delhi: शिखर G20 सम्मेलन का सफल आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में किया गया।

    G20 Summit 2023

    भारत की अध्यक्षता में G20 Summit शिखर सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में 9 और 10 सितंबर को बैठकें आयोजीत की गई। इस समिट में कई देशों के प्रमुख ने हिस्सा लिया, जिसमें इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी व अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल हुए, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैको समेत दुनिया भर के बड़े-बड़े नेता शामिल हुए।

     

    G20 Summit शिखर सम्मेलन को लेकर देश की राजधानी दिल्ली की खास सुंदर ढंग से सजाया गया था। स्कूल कॉलेज बंद होने के साथ ही दिल्ली के कई इलाकों की आवाजाही को भी सीमित कर दिया गया था, इसके साथ सुरक्षा की भी कूडी पाबंदी लगाई गई थी। मेहमानों के स्वागत की जिम्मेदारी केंद्रीय राज्यमंत्रियों को दी गई थी।

     

    देश के कई बड़े नेताओं के साथ हुई बैठक

    Narendra Modi Talk with Joe Biden

    अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत देश के कई राष्ट्रध्यक्ष शुक्रवार 8 सितंबर को ही दिल्ली पहुंच गए थे। 8 सितंबर को मॉरीशस के पीएम प्रविंद जगन्नाथ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी ने द्विपक्षीय बैठकें की थी। वही बता दे की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया।

     

    पीएम मोदी ने भारत मंडपम पर किया नेताओं का स्वागत

    सितंबर को शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई। विश्व के प्रमुख नेताओं का स्वमेलन स्थल भारत मंडपम पहुंचने पर पीएम मोदी द्वारा स्वागत किया गया। सम्मेलन का पहला प्रमुख सूत्र शनिवार सुबह 10.30 बजे के बाद शुरू हुआ था। इस समिट के तीन मुख्य सेशन ‘एक पृथ्वी’ एक परिवार और एक भविष्य’ के विषय पर आधारित था।

     

    ये भी पढ़ें: G20 Summit:- जी20 की अध्यक्षता, भारत को सौंपी गई, द्विपक्षीय बैठकों का सिलसिला समापन

     

    अफ्रीकी संघ को बना G20 का नया सदस्य देश

    G20
    African Union add G21 Summit

    शिखर सम्मेलन के पहले सेशन में पीएम मोदी द्वारा अफ्रीकी संघ का G20 के सदस्य बनाने के प्रस्ताव को सभी सदस्यो ने स्वीकार किया। पीएम मोदी को ग्रुप के सभी सदस्य की कि सबके साथ की भावना को ध्यान में रखकर, भारत ने अफ़्रीकी संघ को G20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करने का प्रस्ताव पेश किया है। मेरा विश्वास है कि आपकी सहमति से हम सब सहमत हैं। इस प्रस्ताव पर सहमत हैं।

     

    गांधी को श्रद्धांजलि देते समय भावुक क्‍यों हुए ब्राजीली राष्‍ट्रपति

    ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो ने कहा, ‘जब हम महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए गए उस समय मैं बहुत भावुक हो उठा था। मेरे राजनीतिक जीवन में महात्मा गांधी का बहुत महत्व है क्योंकि अहिंसा का मैंने कई दशकों तक अनुसरण किया है, जब मैं श्रमिक आंदोलन के लिए लड़ा था। यही कारण है कि जब मैंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की तो मैं भावुक हो उठा।’

     

    क्या कहा पीएम मोदी ने?

    G20
    Narendra Modi in G20

    शनिवार को G20 Summit के नेताओं से पीएम मोदी ने वैश्विक विश्वास की कमी को खत्म करने का आग्रह किया।

    18 वें G20 शिखर सम्मेलन के सूत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये हम सभी तथा नैतिक भलाई के लिए एकसाथ चलने का समय है। कोरोना महामारी वायरस जैसी वैश्विक महामारी के बाद पुरे विश्व को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा और यूक्रेन के युद्ध के कारण ये और बढ़ गई । इसलिए हमे यह याद रखना चाहिए कि हम कोविड जैसी महामारी को हरा सकते हैं तो हम इस विश्वास की कमी की चुनौती पर भी जीत हासिल कर सकते।

     

    पीएम मोदी ने ब्राजील को सौंपी G20 की अध्यक्षता

    G20
    G20 Summit Presidency Brazil

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को G20 की अध्यक्षता सौंप दी है। उन्होंने इसके लिए ब्राजील के राष्ट्रपति को बधाई भी दी। बता दें कि भारत को बीते साल इंडोनेशिया से G20 की अध्यक्षता मिली थी। फिलहाल G20 सम्मेलन का तीसरा सत्र चल रहा है। इस सत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी चर्चा हुई।

  • Gujrat High Court: तीन साल से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल जाने के लिए मजबूर करना गैरकानूनी है।

    Gujrat High Court: तीन साल से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल जाने के लिए मजबूर करना गैरकानूनी है।

    पश्चिमी भारत में, गुजरात उच्च न्यायालय ने, माता पिता द्वारा तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों को, प्री-स्कूल भेजने के लिए मजबूर करने को, “अवैध कृत्य” घोषित किया है।

     

    नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, बच्चों को नर्सरी के लिए तीन साल, लोअर किंडरगार्टन (एलकेजी) के लिए चार साल और अपर किंडरगार्टन (यूकेजी) के लिए पांच साल की उम्र में प्रवेश दिया जाना निश्चित किया गया है।

     

    बता दें कि, अदालत ने यह बयान उन याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया, जिनमें 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में पहली कक्षा में, प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष तय करने के, राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।

     

    माता-पिता का एक समूह, जिनके बच्चे 1 जून, 2023 तक छह साल के नहीं हुए थे, ने राज्य सरकार की 31 जनवरी, 2020 की अधिसूचना का विरोध करने का लक्ष्य रखा, जिसमें 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा निश्चित की गई थी।

     

    जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ताओं ने अदालत से उन बच्चों को वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश देने की अनुमति देने का अनुरोध किया, जिन्होंने प्री-स्कूल में तीन साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन 1 जून, 2023 तक छह साल की उम्र तक नहीं पहुंचे हैं। जिसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि प्रवेश से इनकार करना उनके शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन होगा।

     

    कोर्ट मामले में क्या विचार रखता है?

    गुजरात उच्च न्यायालय
    Gujrat High Court

    गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को तीन साल से कम उम्र के प्री-स्कूल में जाने के लिए मजबूर करना गैरकानूनी है। अदालत ने कहा, “तीन साल से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल जाने के लिए मजबूर करना उन माता-पिता की ओर से एक गैरकानूनी कृत्य है जो हमारे सामने याचिकाकर्ता हैं।”

     

    ये भी पढ़ें: Aditya L1 मिशन ने सफलतापूर्वक बदली दूसरी कक्षा (ग्रहपथ): इसरो

     

    गुजरात उच्च न्यायालय के अदालत का मानना है कि याचिकाकर्ता “किसी भी तरह की नरमी की मांग नहीं कर सकते क्योंकि वे शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के शिक्षा के अधिकार नियम (आरटीई), 2012 के जनादेश के उल्लंघन के दोषी हैं”, उस कानून का जिक्र करते हुए जो सभी भारतीयों को शिक्षा का अधिकार देता है। छह वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को पढ़ने का अधिकार।

     

    अदालत ने कहा, “अनुच्छेद 21ए के संवैधानिक प्रावधान और आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 3 द्वारा एक बच्चे को प्रदत्त अधिकार छह वर्ष की आयु पूरी करने के बाद शुरू होता है।”

     

    नियम क्या कहता है?

    गुजरात उच्च न्यायालय
    Rules of Education Policy

    नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार – जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन द्वारा भारतीय शिक्षा प्रणाली में सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है। बच्चों को नर्सरी के लिए तीन साल, लोअर किंडरगार्टन (एलकेजी) के लिए चार साल में, और अपर किंडरगार्टन (यूकेजी) के लिए पांच वर्ष में प्रवेश दिया जाना चाहिए।

     

    इसका मतलब यह है कि बच्चों को छह साल की उम्र में कक्षा पहली में प्रवेश करने से पहले तीन साल की नींव पूरी करनी होगी।

     

    हालाँकि, रिपोर्टों में दावा किया गया है कि गुजरात और उसके बाहर कई प्री-स्कूल अभी भी पुराने मानदंडों का पालन करते हैं, जहां नर्सरी कक्षा में प्रवेश मानदंड 2.5 वर्ष था।

     

    गुजरात उच्च न्यायालय के अदालत ने मामले में कहा, “अनुच्छेद 21ए के संवैधानिक प्रावधान और आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 3 के अनुसार एक बच्चे की प्रदत्त शिक्षा अधिकार छह वर्ष की आयु पूरी होने के बाद शुरू होती है।

     

    जानकारी के लिए बता दें कि आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 2 (सी), 3, 4, 14 और 15 को संयुक्त रूप से पढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि छह वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को औपचारिक स्कूल में शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार छह साल से कम उम्र के बच्चों को ‘प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा’ की आवश्यकता है।

     

    गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में क्या कहा?

    गुजरात उच्च न्यायालय
    Gujrat High Court

    एनईपी, 2020 के अनुसार, एक बच्चे के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत से अधिक संचयी विकास छह साल की उम्र से पहले होता है, जो स्वस्थ मस्तिष्क के विकास और विकास को सुनिश्चित करने के लिए शुरुआती वर्षों में मस्तिष्क की उचित देखभाल और उत्तेजना के महत्वपूर्ण महत्व को दर्शाता है।

  • अडानी हिंडनबर्ग मामला: सेबी द्वारा दायर नई रिपोर्ट पर 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

    अडानी हिंडनबर्ग मामला: सेबी द्वारा दायर नई रिपोर्ट पर 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

    अडानी हिंडनबर्ग मामला: भारतीय प्रतिभूती विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा ताजा स्थिति रिपोर्ट पर 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा।

     

    हिंडनबर्ग द्वारा 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई थी। जिसके आने के बाद से ही निवेशकों मे हड़कंप मच गया ,नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली इस रिपोर्ट मे अडानी ग्रुप पर कर्ज और साथ ही गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरो मे हेर-फेर समेत 88 गंभीर आरोप लगाए गए थे।

     

    रिपोर्ट मे आरोप थे कि अडानी के कंपनीयों के शेयर अंडर-वैल्यूड हैं। जिसके रिपोर्ट आने के साथ ही निवेशकों के सेंटीमेंट पर बुरा असर पड़ा। इसके साथ ही शेयर बाजार मे लिस्टेड अडानी कंपनियों के शेयरों मे भारी गिरावट देखने को मिला।

     

    हिंडनबर्ग द्वारा अपनी रिपोर्ट मे यह दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप के शेयर, बाजार मे लिस्टेड प्रमुख कंपनियां 85 फीसदी से अधिक अधिक मुल्यांकित हैं। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पब्लिश होने के अगले दिन से ही अडानी की प्रमुख कंपनियाँ अडानी एंटरप्राइजेज से लेकर अडानी ग्रीन तक के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिले।

     

    अडानी कंपनियों पर हिंडनबर्ग के रिपोर्ट का प्रभाव

    अडानी हिंडनबर्ग
    Effect of Hindenburg Report on Adani

    हिंडनबर्ग के रिपोर्ट जारी करने के बाद गौतम अडानी के नेटवर्थ पर नज़र डाली जाए। तो पता चलेगा की सितंबर 2022 मे गौतम अडानी की नेटवर्थ 150 अरब डॉलर थी और वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों मे से दूसरे नंबर पे थे। 

     

    ये भी पढ़ें: Adani & Hindenburg: अब तक अडानी और हिंडनबर्ग मे क्या हुआ?

     

    2023 मे अडानी के संपति मे 60 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिला। इसके साथ ही अडानी ग्रुप की मार्केट कैप भी घट कर 100 अरब डॉलर के नीचे पहुँच गया।

     

    हिंडनबर्ग के रिपोर्ट का असर अडानी ग्रुप के दूसरी कंपनियों के साथ हुए डील पर भी देखने को मिली जो उनके हाथों से निकल गयी, जिसमे अडानी पावर और डीबी पावर के बीच हुए 7000 करोड़ रुपए की डील भी शामिल है।

     

    क्या है हिंडनबर्ग?

    अडानी हिंडनबर्ग
    Hindenburg

    हिंडनबर्ग एक इंवेस्टमेंट फर्म होने के साथ ही शॉर्ट सेलिंग कंपनी है। अगर कंपनी की प्रॉफाइल पर एक नज़र डाली जाए तो यह एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर है। शॉर्ट सेलिंग के जरिये ये अरबो रुपए की कमाई करता है इसका मुख्य काम शेयर मार्केट, क्रेडिट, और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना है। इस रिसर्च के जरिए कंपनी ये पता लगाती है कि क्या स्टॉक मार्केट मे कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा फेरी तो नहीं हों रही? कहीं बड़ी- बडी कंपनियां अपने फायदे के लिए मिस-मैनेजमेंट तो नहीं कर रही है? कोई कंपनी अपने फायदे के लिए गलत तरह से शेयर मार्केट में गलत तरह से बेट लगाकर नुकसान तो नही पहुंचा रही? सब बिंदुओं पर गहन रिसर्च के बाद कंपनी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उसे पब्लिश करती हैं।

     

    शॉर्ट सैलिंग एक ट्रेंडिंग या इंवेस्टमेंट रणनीति हैं, इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटीज खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है, जिससे उसे काफी फायदा होता है।

     

    अडानी हिंडनबर्ग मामले की नई जानकरी

    अडानी हिंडनबर्ग
    Information of Adani

    अडानी हिंडनबर्ग मामले मे सुप्रीम कोर्ट 15 सितंबर को भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा दायर नई रिपोर्ट पर विचार करेगा। 15 सितंबर को सीजेआई डिवाई चंद्रचुड की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर सकती है 25 अगस्त को बाजार नियामक ने एक नई स्थिति रिपोर्ट मे कहा है की उसने शीर्ष अदालत के आदेशों के अनुपालन मे 24 मामलो की जांच की जिसमे बताया गया की सेबी अडानी हिंडनबर्ग मे जांच के आधार पर उचित कारवाई करेगा। युक्त 24 जांचों मे से 22 अंतिम प्रकृति की है और 2 अंतरीम प्रकृति की है।

  • Aditya L1 मिशन ने सफलतापूर्वक बदली दूसरी कक्षा (ग्रहपथ): इसरो

    Aditya L1 मिशन ने सफलतापूर्वक बदली दूसरी कक्षा (ग्रहपथ): इसरो

    इसरो ने जानकारी दी है कि आदित्य एल 1 की नई कक्षा 282 किमी × 4225 किमी है। सुचना के मुताबिक कक्षा बदलने का अगला अभ्यास (EVN#3) 10 सितंबर 2023 को लगभग 2:30 बजे किया जाएगा।

     

    भारत के पहले सूर्य मिशन Aditya L1 उपग्रह, ने पृथ्वी की कक्षा बदलने का दूसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह जानकारी इसरो ने सोशल मीडिया पोस्ट से सांझा की है, जिसमें उन्होंने बताया कि बेंगलुरू स्थित इस्ट्रैक (ISTRAC) केंद्र से Aditya L1 के, पृथ्वी की कक्षा बदलने का दूसरा चरण पूरा किया गया।

     

    बता दे कि इस ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में ISTRAC/ISRO ग्राउंड स्टेशनों ने उपग्रह को ट्रैक किया। इसरो की जानकारी के मुताबिक अब Aditya L1 की नई कक्षा 282 किमी × 4225 किमी है। साथी बताया गया जा रहा है कि तीसरी कक्षा बदलने का अगला अभ्यास (EVN#3) 10 सितंबर 2023 को लगभग 2:30 बजे किया जाएगा।

     

    इससे पहले 3 सितंबर को Aditya L1 ने सफलता पूर्वक कक्षा बदली थी और उसे पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया था। इसरो ने रविवार को सुबह करीब 11:45 बजे आदित्य एल 1 की पहली अर्थ बाउंड फायरिंग की थी जिसकी मदद से आदित्य एल 1 ने ग्रहपथ बदला।

     

    इसरो ने शनिवार को पीएसएलवी सी 57 लॉन्च व्हीकल से Aditya L1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से हुई। सूचना अनुसार यह मिशन भी Chandrayaan-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और फिर यह तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।

     

    पृथ्वी के ग्रहपथ (कक्षा)में 10 दिनों तक रहेगा Aditya L1

    Aditya L1
    Earth Bound Maneuvers

    इसरो की जानकारी के अनुसार Aditya L1 ने अपनी कक्षा बदलकर अगली कक्षा में प्रवेश किया। आदित्य एल 1 पृथ्वी की कक्षा में 10 दिनों तक रहेगा। इस दौरान पांच बार इसकी कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी।

     

    लैग्रेजियन पॉइंट पहुंचेगा Aditya L1

    Aditya L1
    Lagrangian point

    110 दिनों की यात्रा के बाद Aditya L1 लैग्रेजियन 1 पॉइंट पर पहुंचेगा। लैग्रेजियन 1 पॉइंट पहुंचने के बाद Aditya L1 में एक और मैनुवर किया जाएगा। जिसकी मदद से Aditya L1 लैग्रेजियन 1 बिंदु को हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। यहीं से आदित्य एल 1 सूरज का अध्ययन करेगा। यह लैग्रेजियन पॉइंट सूरज की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। आदित्य एल 1 के साथ 7 पेलोड भेजे गए हैं। जो सूरज का विस्तृत अध्ययन करेंगे। इनमें से चार पेलोड सूरज की रोशनी का अध्ययन करेंगे तो वही बाकी तीन सूरज के प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।

     

    ये भी पढ़ें: दिल्ली में पहली बार होगा G-20 शिखर सम्मेलन 2023, क्यूं है ख़ास?

     

    इसरो के आगामी मिशन 2023 -24 और आने वाले वर्षों की सूची

    Aditya L1
    ISRO Next Mission

    ISRO, 2023 में कई आगामी मिशन लॉन्च करेगा। इसरो के अगले मिशन, Chandrayaan-3 के बाद, इसरो भारत की सूर्य की पहली यात्रा के साथ दुनिया को आश्चर्यचकित करने के लिए तैयार है। Aditya-L1 नाम का सौर मिशन आज श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने 124 अंतरिक्ष यान मिशनों को अंजाम दिया है। 93 मिशन भी लॉन्च किए गए हैं और विभिन्न मिशनों की योजना बनाई गई है। 

     

    XPoSat (एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट) चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन है। XPoSat (एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट) चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन है।

     

    अंतरिक्ष यान पृथ्वी की निचली कक्षा में दो वैज्ञानिक पेलोड ले जाएगा। प्राथमिक पेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) खगोलीय मूल के 8-30 केवी फोटॉनों की मध्यम एक्स-रे ऊर्जा रेंज में पोलारिमेट्री मापदंडों (ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण) को मापेगा। इसरो के अनुसार, XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) पेलोड 0.8-15 केवी की ऊर्जा रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा।

     

    यहां मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा, “XPoSat प्रक्षेपण के लिए तैयार है।” इसरो के अनुसार, विभिन्न खगोलीय स्रोतों जैसे ब्लैकहोल, न्यूट्रॉन तारे, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, पल्सर पवन निहारिका से उत्सर्जन तंत्र जटिल भौतिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होता है और इसे समझना चुनौतीपूर्ण है।

     

    अंतरिक्ष एजेंसी ने आगामी मिशन पर कहा कि स्पेक्ट्रोस्कोपिक माप के साथ पोलारिमेट्रिक अवलोकनों से खगोलीय उत्सर्जन प्रक्रियाओं के विभिन्न सैद्धांतिक मॉडलों की विकृति को तोड़ने की उम्मीद है। यह भारतीय विज्ञान समुदाय द्वारा XPoSat से अनुसंधान की प्रमुख दिशा होगी।

     

    लगभग पांच वर्षों के XPoSat मिशन के नियोजित जीवनकाल के दौरान POLIX द्वारा विभिन्न श्रेणियों के लगभग 40 उज्ज्वल खगोलीय स्रोतों का निरीक्षण करने की उम्मीद है। यह पोलारिमेट्री माप के लिए समर्पित मध्यम एक्स-रे ऊर्जा बैंड में पहला पेलोड है।

     

    XPoSat पर एक एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग पेलोड है, जो सॉफ्ट एक्स-रे में तेज़ टाइमिंग और अच्छा स्पेक्ट्रोस्कोपिक रिज़ॉल्यूशन प्रदान कर सकता है। एक्स-रे ध्रुवीकरण को मापने के लिए POLIX द्वारा आवश्यक लंबी अवधि के अवलोकनों का लाभ उठाते हुए, XSPECT सातत्य उत्सर्जन में वर्णक्रमीय स्थिति परिवर्तनों की दीर्घकालिक निगरानी, उनकी रेखा प्रवाह और प्रोफ़ाइल में परिवर्तन, और साथ ही नरम एक्स की दीर्घकालिक अस्थायी निगरानी प्रदान कर सकता है। 

     

    XSPECT कई प्रकार के स्रोतों का निरीक्षण करेगा – एक्स-रे पल्सर, ब्लैकहोल बाइनरी, एलएमएक्सबी, एजीएन और मैग्नेटर्स में कम चुंबकीय क्षेत्र न्यूट्रॉन स्टार (एनएस)।

     

    मंगलयान 2

    मंगल ग्रह पर दूसरा मिशन, मंगलयान 2, जिसे मार्स ऑर्बिटर मिशन 2 भी कहा जाता है, 2024 में नियोजित लॉन्च तिथि के साथ इसरो द्वारा एक अंतर-ग्रहीय मिशन होगा। अंतरिक्ष यान “एक हाइपरस्पेक्ट्रल कैमरा, एक उच्च रिज़ॉल्यूशन पंचक्रोमैटिक कैमरा और एक ले जाएगा। प्रारंभिक मंगल ग्रह की परत, हाल के बेसाल्ट और बोल्डर गिरने को समझने के लिए रडार है।

     

    RISAT-1A: यह एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है. यह RISAT-1 कॉन्फ़िगरेशन से मेल खाता है। यह एक भूमि आधारित मिशन है। इस उपग्रह का प्राथमिक अनुप्रयोग भू-भाग मानचित्रण और भूमि, महासागर और जल सतहों का विश्लेषण करना है। 

     

    गगनयान-1: गगनयान एक भारतीय चालक दल वाला कक्षीय अंतरिक्ष यान है। इसका उद्देश्य भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का आधार बनना है। यह अंतरिक्ष यान केवल तीन लोगों के लिए बनाया जा रहा है। एक उन्नत संस्करण मिलन स्थल और डॉकिंग क्षमता से सुसज्जित होगा। इसे संभवतः 2024 में लॉन्च किया जाएगा।  

     

    गगनयान-2: यह एक मानव रहित अंतरिक्ष यान उड़ान परीक्षण होगा। यह उद्घाटन क्रू मिशन से पहले दो उड़ान परीक्षणों में से दूसरा होगा। 

     

    निसार: नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) नासा और इसरो के बीच एक संयुक्त परियोजना है। इसे दोहरे आवृत्ति वाले सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह के साथ सह-विकसित और लॉन्च किया जाएगा जिसका उपयोग रिमोट सेंसिंग के लिए किया जाएगा।

  • दिल्ली में पहली बार होगा G-20 शिखर सम्मेलन 2023, क्यूं है ख़ास?

    दिल्ली में पहली बार होगा G-20 शिखर सम्मेलन 2023, क्यूं है ख़ास?

    दिल्ली में होने वाले की G-20 शिखर सम्मेलन 2023 की तैयारियां जोरों पर है। जहां एक और शहर को सजाने पर बोल दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर ट्रेन हवाई उड़ान सेवाओं में व्यवधान, जैसी समस्या को देखने को मिल रही है।

     

    देश की धड़कन कहे जाने वाली दिल्ली 9 और 10 सितंबर को होने वाले मेगा इवेंट के लिए तैयार है। राष्ट्रीय राजधानी की सड़के रोशनी, कोडिंग और पौधों की हरियाली से सजी हुई है तो दूसरी तरफ शहर की दिल कनॉट प्लेस और दक्षिणी दिल्ली के आसपास गाड़ियों की गतिविधि में हो गई है, जगह-जगह फव्वारे लगाए गए जो शहर के आकर्षण को बढ़ा रहे हैं। दिल्ली की रौनक अभी देखने लायक है हर गली इस समय जगमगा रही है और दिल खोलकर G-20 शिखर सम्मेलन 2023 का धन्यवाद ज्ञापन कर रही है।

     

    यह इतिहास में पहली बार होगा जब भारत 20 देश के समूह जिसे G-20 के नाम जाना जाता है, की मेजबानी करेगा। बता दें कि भारत के अलावा G-20 समूह में शामिल देश – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली, इंडोनेशिया, भारत, इटली, जापान, कोरिया, गणराज्य, मेक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, तुर्की, यूके, यूएस और यूरोपीय संघ है। G-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी पूरी शिद्दत से चल रही है, जिसमें केंद्र और राज्य की आम आदमी पार्टी दोनों सरकारों ने दिल्ली के सौंदर्यीकरण का कार्यभार संभाला है।

     

    आईए जानते हैं क्यों महत्वपूर्ण है G-20?

    G-20
    Importance of G-20

    ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी यानी G-20 में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। जिसमें सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर, वैश्विक वास्तुकला सहित शासन को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

     

    G-20 कब अस्तित्व में आया?

    G-20
    G-20 History

    G-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी।

     

    2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर G20 को राज्य/सरकार के प्रमुखों के स्तर तक उन्नत किया गया था, और 2009 में, इसे “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच” नामित किया गया था।

     

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    G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक घूर्णनशील राष्ट्रपति पद के नेतृत्व में आयोजित किया जाता है। जी20 ने शुरू में बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन बाद में इसने अपने एजेंडे का विस्तार करते हुए अन्य बातों के साथ-साथ व्यापार, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार विरोधी को भी शामिल किया है।

     

    G-20 सदस्य देश कौन से हैं?

    G-20
    G-20 Countries

    G-20 में फिलहाल 19 देश जिसमें (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, कोरिया गणराज्य, जापान, इटली, इंडोनेशिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मेक्सिको, तुर्की, यूनाइटेड अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल है। G-20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो तिहाई भाग प्रतिनिधित्व करते हैं।

     

    G-20 की कार्यप्रणाली/कार्य प्रक्रिया-

    G-20 प्रेसीडेंसी 1 वर्ष के लिए G-20 एजेंडा का संचालन करती है और शिखर सम्मेलन की मेजबानी करती है। भारत को 1 दिसंबर 2022 में G-20 के अध्यक्षता मिली और अब उसने G-20 के अध्यक्षता ब्राजील को सऊदी है। बता दे कि भारत से पहले अध्यक्षता इंडोनेशिया के पास थी जिसे 2022 में G-20 प्रेसीडेंसी भी जीती थी।

     

    G-20 में दो समानांतर ट्रक शामिल है: फाइनेंस ट्रैक और शेर पर ट्रैक। वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वित्तीय ट्रक का नेतृत्व करते हैं तो वहीं शहर का वित्त ट्रक के बाद शहर का नेतृत्व करते हैं।

     

    भारत में G-20 शिखर सम्मेलन कार्यक्रम और स्थापना विवरण

     

    दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 दिसंबर को दो-तीन दिन आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 20 सदस्य देशों सहित 40 देश के नेता और प्रतिनिधि शामिल होंगे। G20 शिखर सम्मेलन प्रगति मैदान के हत्या आधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा।

  • स्पेंटा रूमी पटेल और डॉ. फरजाना लकड़ावाला ने जीता गृहलक्ष्मी मिसेज इंडिया 2023 का खिताब

    स्पेंटा रूमी पटेल और डॉ. फरजाना लकड़ावाला ने जीता गृहलक्ष्मी मिसेज इंडिया 2023 का खिताब

    भारत की सबसे लोकप्रिय हिंदी महिला पत्रिका ‘गृहलक्ष्मी’ द्वारा ब्यूटी पेजेंट ‘मिसेज इंडिया 2023’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में प्रतिष्ठित ‘मिसेज इंडिया 2023’ का खिताब स्पेंटा रूमी पटेल और डॉ. फरजाना लकड़ावाला  ने जीत लिया है। प्रतियोगिता का आयोजन रिलायंस ज्वेल्स और सिल्क मार्क के सहयोग से रविवार, 27 अगस्त को नई दिल्ली के मयूर विहार में क्राउन प्लाज़ा होटल में किया गया।

     

    गृहलक्ष्मी मिसेज इंडिया 2023 प्रतियोगिता ने देश भर की विवाहित महिलाओं की आकांक्षाओं और उपलब्धियों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा, खूबसूरती, बुद्धि और शिष्टता का प्रदर्शन करते हुए कई राउंड से गुजरना पड़ा। इस कार्यक्रम में फाइनलिस्ट्स की गोल्ड और सिल्वर दो श्रेणियां थीं।

    गृहलक्ष्मी मिसेज इंडिया

    मोनिका बंसल और करिश्मा कोठारी सिल्वर श्रेणी में उपविजेता रहीं जबकि डॉ. आशिमा अरोड़ा, रश्मी सैनी और सुनीता यादव गोल्ड श्रेणी में उपविजेता रहीं। श्रीमती मेघना दीवान गोपाल ने मिसेज कर्वी ताज को जीता और साबित किया कि सुंदरता की कोई सीमा नहीं है। सिल्कमार्क ब्रांड ने तीन भाग्यशाली विजेताओं को ‘श्रीमती सिल्कमार्क’ का प्रतिष्ठित खिताब भी दिया।

     

    प्रतियोगियों को पेजेंट ग्रूमर्स अंजना और कार्ल मस्कारेन्हस द्वारा विशेष प्रशिक्षण और ग्रूमिंग सत्र के साथ-साथ कोरियोग्राफर विशाल होटला द्वारा एक शानदार कोरियोग्राफी प्रदान की गई थी।

     

    कलर्स टीवी के लोकप्रिय टीवी शो ‘जुनूनियत’ की मुख्य अभिनेत्री नेहा राणा, बॉलीवुड अभिनेत्री रीवा अरोड़ा और यूनिवर्सल वुमन 2023 वेलेंटीना सांचेज़ त्रिवेला ने विजेताओं को ताज पहनाया।

     

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    प्रतियोगिता के जूरी पैनल में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने शिरकत की थी। अन्य सम्मानित जूरी सदस्यों में यूनिवर्सल वुमन सीईओ कैरोलिना कुआर्तास, मिसेज टूरिज्म इंडिया 2023 काकोली घोष, इन्फ्लुएंसर हरप्रीत सूरी, इन्फ्लुएंसर नूर अफशां शामिल थीं।

    गृहलक्ष्मी मिसेज इंडिया

    कार्यक्रम की मेजबानी एक्टर अमन यतिन वर्मा ने की थी।

    शो को लेकर गृहलक्ष्मी पत्रिका की प्रधान संपादक श्रीमती वंदना वर्मा ने कहा, “भारत में अग्रणी हिंदी महिला पत्रिका के रूप में स्थापित गृहलक्ष्मी पत्रिका महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी कहानियों, उपलब्धियों और आकांक्षाओं को एक मंच प्रदान करने के लिए समर्पित है। यह आयोजन, सौंदर्य के साथ-साथ महिलाओं द्वारा निभाई जाने वाली बहुमुखी भूमिकाओं को समर्थन देने और अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए गृहलक्ष्मी पत्रिका की प्रतिबद्धता को दोहराता है।“

     

    वहीं दिवा पेजेंट्स के संस्थापक और निदेशक अंजना और कार्ल मैस्करेनह्स ने कहा, “आपके घर की लक्ष्मी बनने से लेकर राष्टीय स्तर पर उपलब्धि पाना – गृहलक्ष्मी मिसेज इंडिया ने प्रत्येक फाइनलिस्ट को ऐसी आकांक्षा रखने का अवसर दिया। यह बिल्कुल वही है जो दिवा पेजेंट्स ने “गृहलक्ष्मी मिसेज इंडिया 2023” के प्रत्येक फाइनलिस्ट को सिखाया है। जीवन में असीम रूप से जीतना अधिक महत्वपूर्ण है सिर्फ ताज जीतना नहीं। हमारा उद्देश्य उन्हें हिम्मत देना, सपने देखना, और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित करना है। इस शो में हमें अपनी विशेषज्ञता को प्रत्येक प्रतियोगियों के साथ साझा करने का सौभाग्य मिला।”

  • Manipur Violence: मणिपुर जल रहा हैं, सरकार चुप हैं, क्यों?

    Manipur Violence: मणिपुर जल रहा हैं, सरकार चुप हैं, क्यों?

    Manipur Violence: पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर में हिंसा फैल गई है, क्योंकि जातीय समूहों के बीच अशांति में इमारतों में आग लगा दी गई और सड़कों पर जले हुए वाहन बिखर गए, जिससे कम से कम 58 लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए।

     

     

    अधिकारियों की बार-बार शांत रहने की दलीलें बेकार होती भी दिखाई पड़ी। भारतीय सेना को कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए सैनिकों को तैनात करने के लिए प्रेरित किया, और अधिकारियों ने राज्य की लगभग 3 मिलियन आबादी के लिए इंटरनेट की सेवाओं को भी रोक दिया हैं।

     

    मणिपुर के निवासियों का कहना है कि कानून व्यवस्था चरमरा गई है। भारत की हिंदू-राष्ट्रवादी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते “चरम” मामलों के लिए “शूट-ऑन-साइट” आदेश जारी किए, जबकि सेना ने रविवार को कहा कि उसने अपनी निगरानी में “उल्लेखनीय रूप से वृद्धि” की है।

     

    अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति को नियंत्रण में ला रहे हैं, लेकिन जैसा कि अशांति अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश करती है, एक जटिल, जातीय रूप से विविध और असमान क्षेत्र में स्थिति प्रतिकूल बनी हुई है, जो दशकों से उग्रवाद, हिंसा और हाशिए पर है।

     

    मणिपुर कहाँ है?

    मणिपुर,भारत का एक पहाड़ी राज्य जो म्यांमार की सीमा से लगा हुआ है, यहां आधुनिक भारत के निर्माण के बाद से नागरिक संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। राज्य चीन-तिब्बती समुदायों के एक जातीय रूप से विविध समूह का घर है, प्रत्येक की अपनी अनूठी भाषा, संस्कृति और धर्म है। उत्तर में कश्मीर की तरह, यह एक बार ब्रिटिश शासन के अधीन एक रियासत थी, और केवल 1949 में भारत में शामिल हुई।

     

    राज्य के भीतर कई लोग उस कदम से असहमत थे, यह महसूस करते हुए कि यह जल्दबाजी में किया गया था और उचित सहमति के बिना पूरा किया गया था। तब से यह क्षेत्र हिंसक विद्रोहों के साथ-साथ जातीय संघर्षों से जूझ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप दशकों से सैकड़ों मौतें और चोटें आई हैं।हिंसा का मौजूदा प्रकोप हाल के दशकों में सबसे खराब है।

     

    किस वजह से झड़प शुरू हुईं?

    राज्य की राजधानी इंफाल में 3 मई को तब झड़पें हुईं, जब नागा और कुकी जनजातियों के हजारों लोगों ने भारत के “अनुसूचित जनजाति” समूह के तहत बहुसंख्यक मेइती जातीय समूह को विशेष दर्जा दिए जाने के खिलाफ एक रैली में भाग लिया।

     

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    मेइती समुदाय, एक बड़े पैमाने पर हिंदू जातीय समूह, जो राज्य की आबादी का लगभग 50% हिस्सा है, ने वर्षों से एक अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए अभियान चलाया है, जो उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा और सरकारी नौकरियों सहित व्यापक लाभों तक पहुंच प्रदान करेगा।

     

    अनुसूचित जनजाति भारत में सबसे अधिक सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों में से एक रही है और ऐतिहासिक रूप से शिक्षा और नौकरी के अवसरों तक पहुंच से वंचित रही है, जिससे सरकार को अन्याय के सही वर्षों में कुछ समूहों को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के लिए प्रेरित किया गया है। यदि मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाता है, तो अन्य जातीय समूहों – जिनमें से कई ईसाई हैं – का कहना है कि उन्हें डर है कि उनके पास नौकरियों और अन्य लाभों का उचित अवसर नहीं होगा।

     

    बीते वक्त के साथ साथ झड़पें हिंसक हो गईं, वीडियो और तस्वीरों में गुस्साई भीड़ को संपत्ति में आग लगाते हुए दिखाया गया। कई लोगो ने बताया कि उनके घर में तोड़फोड़ की गई और उन्हें सेना के शिविर में रहने के लिए मजबूर किया गया।

     

    झड़पों के कारण केंद्र में क्या चल रहा है?

    मेइती और अन्य जातीय समूहों के बीच विभाजन राजनीतिक और भौगोलिक रेखाओं में तेजी से कट गया है। जबकि पिछले हफ्ते के विरोध प्रदर्शन ने हाल की हिंसा को चिंगारी दिखाई है, दो समूहों के बीच भूमि अधिकारों और अल्पसंख्यक समूहों पर कार्रवाई सहित कई जटिल मुद्दों पर वर्षों से तनाव चल रहा है।

     

    मेइती राज्य सरकार के भीतर पदों पर हावी हैं, और अन्य जातीय समूहों की तुलना में अधिक आर्थिक और ढांचागत उन्नति के लिए गोपनीय रहे हैं। वे ज्यादातर अधिक विकसित लेकिन भौगोलिक रूप से छोटी इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी समूह मुख्य रूप से कृषि की दृष्टि से समृद्ध और भौगोलिक रूप से बड़े संरक्षित पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

     

    नगा और कूकी समूहों को डर है कि स्थिति में बदलाव के परिणामस्वरूप दशकों से उनके कब्जे वाले संरक्षित क्षेत्र से उन्हें लगातार हटाया जा सकता है और उन्हें शोषण के लिए असुरक्षित बना दिया जा सकता है। इसके अलावा, पड़ोसी म्यांमार में 2021 के खूनी तख्तापलट के बाद से मणिपुर में तनाव बढ़ गया है, क्योंकि हजारों जातीय चिन लोग बर्मी सेना द्वारा हिंसक कार्रवाई से भाग गए थे।

     

    कुकी, जो चिन के समान जातीय समूह से हैं, का कहना है कि सरकार ने उनके आगमन के बाद से समूह पर गलत तरीके से कार्रवाई की है, जिससे उत्पीड़न और परित्याग की भावना पैदा हुई है।

     

    Manipur Violence को ले कर अधिकारियों ने क्या कहा है?

    मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि वह स्थिति की निगरानी के लिए भारत के गृह मंत्री अमित शाह के साथ “लगातार संपर्क में” हैं, उन्होंने कहा कि स्थिति में “सुधार जारी है और सामान्य स्थिति लौट रही है। “शाह ने सोमवार को भारतीय समाचार आउटलेट इंडिया टुडे को बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, ‘किसी व्यक्ति या समूह को डरने की जरूरत नहीं है।”

     

    मोदी, जो राज्य के चुनावों के लिए प्रचार करने के लिए दक्षिणी भारतीय राज्य कर्नाटक में हैं, ने अभी तक अशांति के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है, जिससे मणिपुर के निवासियों में व्यापक गुस्सा फैल रहा है। विपक्षी राजनेताओं ने मोदी और उनकी भाजपा पर खराब शासन का आरोप लगाया है।

     

    विपक्षी कांग्रेस पार्टी के विधायक शशि थरूर ने ट्विटर पर लिखा, “जैसा कि मणिपुर में हिंसा जारी है, सभी सही सोच वाले भारतीयों को खुद से पूछना चाहिए कि जिस सुशासन का वादा किया गया था, उसका क्या हुआ।”

     

    अभी क्या स्थिति है?

    मिजोरम, मेघालय और नागालैंड सहित कई लोग पड़ोसी राज्यों में भाग गए हैं। अन्य भारतीय राज्यों की सरकारें अपने निवासियों को सुरक्षा के लिए हवाई मार्ग से ले जाने के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था कर रही हैं। भारतीय सेना ने कहा कि लगभग 23,000 नागरिक लड़ाई से भाग गए हैं, विस्थापित लोगों को राज्य में सैन्य ठिकानों और चौकियों पर रखा गया है।

     

    7 मई को एक बयान में, इसने कहा कि 120-125 सेना और असम राइफल्स द्वारा किए गए बचाव कार्य के कारण “उम्मीद की किरण” और लड़ाई में एक खामोशी थी, जो “अथक रूप से काम कर रही थी।… सभी समुदायों के नागरिकों को बचाने, हिंसा पर अंकुश लगाने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए। “जबकि हिंसा का स्तर पिछले सप्ताह जितना व्यापक नहीं है, राज्य के कुछ हिस्सों में झड़पें जारी हैं।

     

    अभी भी हजारों लोग अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं, नहीं जानते कि वे कब घर लौट पाएंगे। उनकी सलामती को लेकर भय व्याप्त है। तनाव अधिक बना हुआ है और स्थिति अस्थिर बनी हुई है। यह स्पष्ट नहीं है कि अशांति कब या कैसे समाप्त होगी, लेकिन राज्य के निवासियों और उनके प्रियजनों ने शांति और कानून और व्यवस्था की बहाली का आग्रह किया है।

  • DC vs RCB IPL 2023: दिल्ली कैपिटल्स ने आरसीबी को आसानी से 7 विकेट से हरा दिया

    DC vs RCB IPL 2023: दिल्ली कैपिटल्स ने आरसीबी को आसानी से 7 विकेट से हरा दिया

    दिल्ली कैपिटल्स vs आरसीबी

    इंग्लैंड के क्रिकेटर फिल सॉल्ट की 45 गेंदों में 87 रन की ताबड़तोड़ पारी की मदद से दिल्ली कैपिटल्स ने इंडियन प्रीमियर लीग के एक मैच में शनिवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर को सात विकेट से हरा दिया।

     

    एक जीत के लिए 182 रनों का पीछा करते हुए, साल्ट ने आठ चौके और छह अधिकतम छक्के लगाए, क्योंकि दिल्ली कैपिटल्स 20 गेंद शेष रहते 187/3 पर पहुंच गया। सॉल्ट के अलावा, जो अपने पहले आईपीएल में खेल रहे हैं, डीसी के लिए अन्य उल्लेखनीय योगदान कप्तान डेविड वार्नर (22), मिशेल मार्श (26) और रिले रोसौव (नाबाद 35) थे।

     

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    आरसीबी के सलामी बल्लेबाज विराट कोहली और युवा मध्य क्रम के बल्लेबाज महिपाल लोमरोर ने पहले अर्धशतक बनाए थे और उनकी टीम ने 181/4 पोस्ट किया था। कोहली, जो आईपीएल में 7,000 रन के लैंडमार्क तक पहुंचने वाले पहले क्रिकेटर बने, उन्होंने 46 गेंदों में 55 रन बनाए, जबकि लोमरोर ने अपने नाबाद 54 रन के लिए सिर्फ 29 गेंदें लीं। कोहली ने कप्तान फाफ डु प्लेसिस के साथ 82 रन की शुरुआती साझेदारी भी की। जिन्होंने 32 गेंदों में 45 रन बनाए।

  • CSK vs MI IPL 2023: चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियंस को चेपॉक में 12 साल बाद हराया

    CSK vs MI IPL 2023: चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियंस को चेपॉक में 12 साल बाद हराया

    चेन्नई सुपर किंग्स vs मुंबई इंडियंस

    चेन्नई सुपर किंग्स पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से मुंबई इंडियंस को उसके घरेलू मैदान पर नहीं हरा पाई थी लेकिन शनिवार को ‘yellow Army’ ने उस झंझट को तोड़ दिया! महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने शनिवार को चेपॉक में रोहित शर्मा की अगुवाई वाली मुंबई इंडियंस को 6 विकेट से हरा दिया। 13 साल बाद चेन्नई में MI के खिलाफ CSK की यह पहली जीत थी। ‘थाला’ धोनी ने टॉस जीतकर मुंबई इंडियंस को पहले बल्लेबाजी के लिए भेजने का फैसला किया।

     

    पेसर से लेकर सीमर तक, चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा शानदार गेंदबाजी आक्रमण ने MI को बोर्ड पर सिर्फ 139 पर समेट दिया। मथीशा पथिराना, तुषार देशपांडे और विकेट लेने वाले दीपक चाहर पहली पारी में पूरी तरह से हावी रहे और मुंबई इंडियंस के बल्लेबाजों को बड़े शॉट लगाने का मौका नहीं दिया।

     

    कप्तान रोहित शर्मा डक के लिए गए। यह 16वीं बार था जब MI के कप्तान शून्य के स्कोर पर पवेलियन लौटे थे। यह आईपीएल में किसी भी बल्लेबाज के डक पर आउट होने की सबसे ज्यादा संख्या है। शर्मा के खराब फॉर्म का मतलब था कि MI के युवा बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करना था और उन्होंने निराश नहीं किया। नेहल वढेरा के 51 में से 64 रन ने MI को बोर्ड पर ट्रिपल-डिजिट स्कोर प्राप्त करने में मदद की। उनके अलावा, ट्रिस्टन स्टब्स और सूर्यकुमार यादव के कैमियो ने भी MI को टिक कर रखा था। लेकिन चेन्नई जैसी पिच पर 139 का स्कोर किसी भी मानक से कम था।

     

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    चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी पारी की शुरुआत सुपर सहज तरीके से की जिसमें डेवोन कॉनवे ने खूब रन बनाए। अंत में, धोनी के उस विजयी सिंगल ने सौदा पक्का कर लिया और चेपॉक खुशी के जश्न में डूब गया।

     

    इस बीच, चेन्नई सुपर किंग्स के सलामी बल्लेबाज़ रुतुराज गायकवाड़ ने शनिवार को कहा कि उनकी टीम को घरेलू फ़ायदे के कारण एम ए चिदंबरम स्टेडियम में किसी भी पट्टी पर खेलने में कोई समस्या नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह की पिच सीएसके खेलना चाहेगी, गायकवाड़ ने कहा, “यह हमारी ताकत के अनुरूप है, लेकिन मैं कहूंगा कि पिच हमारे नियंत्रण से थोड़ी बाहर है, मौसम थोड़ा उदास है, बारिश हो रही है। जाहिर है कि क्यूरेटर के लिए यह मुश्किल है कि हम जो चाहते हैं उसे बनाएं।