सीएम रेखा गुप्ता : दिल्ली में इन दिनों कई इलाकों में झुग्गियों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शाहदरा के इंद्रा कॉलोनी में रेलवे ने झुग्गीवासियों को जमीन खाली करने का नोटिस भेजा है। यह इलाका सीएम रेखा गुप्ता, जो दिल्ली की मुख्यमंत्री प्रतिनिधि भी हैं, के क्षेत्र में आता है।
नोटिस में गड़बड़ी: 2023 की तारीख, फिर 2025 में सुधार
न्यूज़ डिग्गी की टीम जब इंद्रा कॉलोनी पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने बताया कि 24 जुलाई 2025 को रेलवे ने एक नोटिस चिपकाया, जिसमें 15 दिन में झुग्गियाँ हटाने का निर्देश था। लेकिन नोटिस में तारीख 2023 की थी, जो पुराना नोटिस होने की गलती को दर्शाता है।
इस गड़बड़ी के बाद अगले दिन रेलवे ने 2025 की तारीख वाला नया नोटिस चिपका दिया। इस घटना ने झुग्गीवासियों में भ्रम और असमंजस पैदा कर दिया। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह प्रक्रिया पारदर्शी है या सिर्फ दबाव बनाने का तरीका है?
सीएम रेखा गुप्ता का वादा: बिना पुनर्वास नहीं हटाएंगे
सीएम रेखा गुप्ता ने हाल ही में कॉलोनी का दौरा कर झुग्गीवासियों को आश्वासन दिया था कि जब तक पुनर्वास की व्यवस्था नहीं होती, तब तक किसी को बेघर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं आपके साथ हूँ, कोई पक्का समाधान निकलेगा।”
हालांकि, एक हफ्ते से ज्यादा समय बीतने के बाद भी न तो पुनर्वास की कोई सूचना मिली है और न ही कोई अधिकारी संपर्क में आया है। इससे इंद्रा कॉलोनी के निवासियों में भय और अनिश्चितता बढ़ रही है।
कुछ झुग्गीवासियों को नहीं थी रेलवे जमीन की जानकारी
कॉलोनी के कई निवासियों ने बताया कि उन्होंने झुग्गियाँ खरीदी थीं, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह रेलवे की जमीन है। उनके पास बिजली कनेक्शन, पानी की टंकी, राशन कार्ड, और अन्य दस्तावेज़ हैं, जिसके आधार पर वे इसे वैध मान रहे थे।
झुग्गीवासी आंदोलन की तैयारी में, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
कई निवासियों ने साफ कहा कि जब तक वैकल्पिक आवास की व्यवस्था नहीं होगी, वे अपनी झुग्गियाँ नहीं छोड़ेंगे। कुछ ने विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उनका कहना है, “हम इंसान हैं, कोई बोझ नहीं। बुलडोजर चलाने से पहले रहने का इंतजाम करें।”
नजरें विधायक रेखा गुप्ता पर
इंद्रा कॉलोनी के झुग्गीवासियों की उम्मीदें अब सीएम रेखा गुप्ता पर टिकी हैं। लोग उनके वादे के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। उनकी मांग साफ है: बुलडोजर से पहले पुनर्वास और इंसानियत दिखाई जाए, ताकि कोई बेघर न हो।