उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के नकहा क्षेत्र में एक गंभीर घटना घटित हुई है। यहाँ एक मादा तेंदुआ अपने दो बच्चों के साथ देखी गई है, जिसने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है।
पूर्व प्रधान पर तेंदुए का हमला
अशोगापुर के पूर्व प्रधान प्रकाश चंद्र (मोतीलाल) पर इस मादा तेंदुए ने हमला किया है। इस घटना के बाद वन विभाग की टीम तुरंत अलर्ट हो गई है और मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
वन विभाग के सुरक्षा उपाय
ग्रामीणों को दी गई चेतावनी
- वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को अलर्ट किया है
- उस क्षेत्र में जाने से मना किया गया है
- 7-8 दिनों तक सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है
- अकेले खेतों में न जाने की अपील की गई है
- झुंड बनाकर ही खेतों की तरफ जाने का निर्देश दिया गया है

लखीमपुर खीरी में बढ़ता वन्यजीव संघर्ष
मुख्य कारण
लखीमपुर खीरी जिला अधिकतर जंगलों से घिरा हुआ है। इस कारण:
- जीव-जंतुओं के घर तक पानी पहुंच गया है
- वन्यजीव खाना-पानी की तलाश में रिहायशी इलाकों में आते हैं
- इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है
पिछली घटनाएं
बीते रविवार को निघासन तहसील क्षेत्र के ग्रांट नंबर 12 गांव में भी एक तेंदुआ ग्रामीणों के घर में घुस गया था। ग्रामीणों ने लाठी-डंडे से तेंदुए को खदेड़ा था।


तराई क्षेत्र की समस्या
वन्यजीवों का निरंतर आतंक
- लखीमपुर खीरी को तराई का इलाका कहा जाता है
- यहाँ वन्यजीवों का आतंक लगातार जारी रहता है
- आए दिन वन्यजीवों की घटनाएं होती रहती हैं
वन विभाग की निगरानी
वन विभाग की टीम लगातार कड़ी निगरानी करती रहती है और वन्यजीवों को पकड़ने के लिए सक्रिय रहती है।
सुरक्षा सुझाव
ग्रामीणों के लिए जरूरी निर्देश
- अकेले न निकलें – विशेषकर सुबह-शाम के समय
- समूह में रहें – खेतों में जाते समय झुंड बनाकर जाएं
- सतर्क रहें – किसी भी अजीब आवाज या हरकत पर ध्यान दें
- तुरंत सूचना दें – वन्यजीव दिखने पर वन विभाग को जानकारी दें
निष्कर्ष
लखीमपुर खीरी में मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना होगा। तब तक ग्रामीणों को सतर्क रहना चाहिए और वन विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए।