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एमके स्टालिन ने अगले हफ्ते चेन्नई में महाविपक्ष की बैठक बुलाई

एमके स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सामाजिक न्याय सम्मेलन बैठक में शामिल होने वालों में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम अखिलेश यादव और फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं।

 

विपक्ष संगठनों को जोड़ने के लिए बुलाई गई हैं बैठक

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 3 अप्रैल को “सामाजिक न्याय, आगे की राह” पर बैठक बुलाई हैं जिसमे कम से कम 14 विपक्षी दल शामिल होने की संभावना हैं, जो विभिन्न राजनीतिक संयोजनों को जोड़ने के लिए चल रहे प्रयासों के बीच शक्ति प्रदर्शन में शामिल होंगे। आयोजकों को उम्मीद है कि बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बैठक में शामिल होंगे। 14 विपक्षी दल मौजूदा सरकार की मनमानी से परेशान होकर एक बैठक के लिए आगे आए हैं और शायद ये आगे होने वाले राज्यों में बैठक की कड़ी की शुरुआत हो। 

 

कई मुद्दों के लेकर विपक्षी दल सांझा करेंगे एक मंच

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम अखिलेश यादव और फारूक अब्दुल्ला, बीआरएस नेता के केशव राव, सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी और उनके सीपीआई समकक्ष डी राजा, ओ’ब्रायन और एनसीपी नेता छगन भुजबल हाइब्रिड मोड में होने वाली बैठक में मौजूद रहेंगे।यह भी तय किया गया है कि एमके स्टालिन आधे घंटे के लिए बोलेंगे और अन्य प्रतिभागी खुद को 7 मिनट तक सीमित रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी को अपने विचार व्यक्त करने के लिए उचित समय मिले।

 

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आप, एमडीएमके समेत कई विपक्षी दलों के जुड़ने की संभावना

कांग्रेस पार्टी, आईयूएमएल, और एमडी एमके स्टालिन भी एक ऐसे मुद्दे पर बैठक में भाग लेंगे जो प्रत्येक राजनीतिक संगठन के लिए महत्वपूर्ण है। विपक्षी नेताओं में से एक ने कहा कि आप ने संकेत दिया है कि उसके मंत्री संजय सिंह भी चेन्नई में शामिल हो सकते हैं। हालांकि शिवसेना ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन विपक्षी नेताओं का मानना ​​है कि अगर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी और वाईएसआरसीपी इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, तो यह व्यापक प्रभाव पैदा करेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि दोनों दल नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थक रहे हैं और कांग्रेस जैसे कई विपक्षी दलों से दूरी बनाए रखी है। 

 

आगे की रणनीतियों पर भी होगी चर्चा

यह आयोजन इस बात का भी संदेश देगा की विपक्ष के नाम पर सिर्फ एक या दो दल नही बल्कि विपक्ष में मौजूदा सरकार की खिलाफ लड़ रहे हर दल को महत्वपूर्ण समझना चाहिए। ये एक ऐसी विशेषता होगी जो अक्सर पहले के तीसरे मोर्चे के गठन में गायब रही हैं।इस बैठक में अहंकार के लिए कोई गुंजाइश नहीं होगी जिसकी वजह से सारे विपक्षी दल एक जुट होंगे और आगे की रणनीतियों पर चर्चा करेंगें एमके स्टालिन।