पहलगाम: आतंकियों ने हत्याओं के बाद चलाईं जश्न में गोलियां
NIA की पहलगाम जांच में स्टार विटनेस ने बताया कि हमलावरों ने 26 लोगों की हत्या करने के बाद हवा में चार राउंड गोलियां चलाकर जश्न मनाया। गवाह के अनुसार, आतंकियों ने उसे रोका और ‘कलमा’ पढ़ने को कहा। जब उसने स्थानीय लहजे में कलमा पढ़ा, तो उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद आतंकियों ने हवा में गोलियां चलाईं, जो उनके जश्न का हिस्सा थी। NIA ने घटनास्थल से चार खाली कारतूस भी बरामद किए, जो गवाह के बयान की पुष्टि करते हैं।
दो स्थानीय लोगों की गिरफ्तारी
NIA ने हमलावरों को पनाह देने के आरोप में दो स्थानीय लोगों, परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद, को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि ये दोनों हमलावरों के सामान की देखभाल कर रहे थे, जिसे आतंकियों ने हमले के बाद उनसे लिया। NIA के प्रवक्ता के अनुसार, हमलावर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन पाकिस्तानी नागरिक थे।
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आतंकियों ने मांगा खाना, दिए 500 रुपये
NIA के सूत्रों के मुताबिक, परवेज अहमद ने बताया कि हमले से एक दिन पहले तीनों हमलावर उसके घर आए। उनके पास हथियार थे, और उन्होंने खाना मांगा। परवेज की पत्नी ने उन्हें खाना परोसा, और वे चार घंटे तक वहां रुके। इस दौरान उन्होंने बैसरन की सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटक स्थलों, रास्तों और टाइमिंग्स के बारे में जानकारी ली। जाने से पहले, हमलावरों ने मसाले और कच्चा चावल पैक करने को कहा और परिवार को 500 रुपये दिए। इसके बाद वे बशीर अहमद से मिले और दोनों को 22 अप्रैल को बैसरन पहुंचने को कहा। फिर वे हिल पार्क में एक मौसमी ढोक की ओर चले गए।
हमलावरों में एक का पुराना रिकॉर्ड
पहलगाम जांच में खुलासा हुआ कि हमलावरों में से एक, सुलेमान शाह, पिछले साल श्रीनगर-सोनमर्ग राजमार्ग पर जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण में शामिल सात कर्मचारियों की हत्या में शामिल था। यह जानकारी इस हमले के सुनियोजित स्वरूप को दर्शाती है।
TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। TRF ने दावा किया कि यह हमला कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और गैर-स्थानीय लोगों के बसने के विरोध में किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि हमलावरों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाया।
NIA की जांच और कश्मीर में सुरक्षा
NIA इस मामले में गहन जांच कर रही है और स्टार विटनेस के बयानों व बरामद सबूतों के आधार पर आतंकी नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश में जुटी है। यह हमला कश्मीर के पहलगाम में आतंकी गतिविधियों की गंभीरता को उजागर करता है और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमला एक क्रूर और अमानवीय कृत्य है, जो आतंकियों की विकृत मानसिकता को दर्शाता है। पहलगाम में NIA की जांच से पता चलता है कि आतंकी संगठन सुनियोजित तरीके से अपनी साजिश को अंजाम देते हैं और स्थानीय समर्थन हासिल करने की कोशिश करते हैं। यह हमला समाज के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। कश्मीर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों।