हरियाणा के ADG रैंक के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार(Puran Kumar) की कथित आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी और वरिष्ठ IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं। इस हाई-प्रोफाइल मामले में अमनीत ने FIR में खामियों का आरोप लगाते हुए इसे संशोधित करने और दो वरिष्ठ IPS अधिकारियों, शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजारणिया, के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यह मामला हरियाणा और देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
FIR में खामियां: अमनीत कुमारी का आरोप
अमनीत ने 10 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ के वरिष्ठ एसएसपी को पत्र लिखकर FIR नंबर 156 में सुधार की मांग की। उनके अनुसार, गुरुवार रात 10:22 बजे दी गई FIR की कॉपी बिना हस्ताक्षर और अधूरी थी। उन्होंने कहा, “एफआईआर में आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं हैं और निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक विवरणों की कमी है।”
अमनीत ने अपने पत्र में लिखा:
“मेरी शिकायत के अनुसार, आरोपियों शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजारणिया के नाम FIR में दर्ज नहीं किए गए, जबकि यही वह लोग थे जिनकी वजह से मेरे पति ने आत्महत्या की। FIR के कॉलम नंबर 7 में सभी आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज होने चाहिए।” उन्होंने मांग की कि FIR को संशोधित कर सही नाम और धाराएं शामिल की जाएं।
IAS-IPS अधिकारियों में रोष, कार्रवाई की मांग
वाई पूरन कुमार(Puran Kumar) की आत्महत्या के बाद IAS और IPS अधिकारियों में भारी गुस्सा है। शुक्रवार को चंडीगढ़ में DGP सागर प्रीत हूडा से मुलाकात के दौरान करीब 40 अधिकारियों ने हरियाणा DGP शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। अधिकारियों ने DGP के कामकाज पर सवाल उठाते हुए अमनीत कुमारी के समर्थन का ऐलान किया।
SC/ST एक्ट की धाराओं पर विवाद
अमनीत ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ पुलिस ने FIR में SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं को कमजोर किया है। FIR में धारा 3(1)(r) लगाई गई, जिसमें 6 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। लेकिन अमनीत का कहना है कि सही धारा 3(2)(v) लगनी चाहिए, जिसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है, क्योंकि अपराध जाति के आधार पर प्रेरित था। इसके अतिरिक्त, FIR में BNS की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) शामिल की गई, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है।
पूरन कुमार(Puran Kumar): ‘फाइनल नोट’ और सबूतों की मांग
अमनीत ने बताया कि 7 अक्टूबर 2025 को उनके पति की जेब और लैपटॉप बैग से बरामद ‘फाइनल नोट’ की प्रमाणित प्रतियां उन्हें अभी तक नहीं दी गई हैं। उन्होंने मांग की, “मुझे दोनों नोट्स की प्रमाणित कॉपी तुरंत दी जाए ताकि मैं उन्हें FIR में दर्ज वर्जन से मिलान कर सकूं।”
SIT का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए चंडीगढ़ DGP सागर प्रीत हूडा ने शुक्रवार को छह सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। इसकी अगुवाई IGP पुष्पेंद्र कुमार करेंगे, जो मामले की गहन जांच करेंगे।