राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई, 2022 को पूरा हो चुका है जिसके बाद बारी आती है उपराष्ट्रपति चुनाव की जिसका मतदान 5 अगस्त, 2022 को है। 2 राज्य के राज्पाल उमीदवार तौर पर खड़े है। पक्ष से है जगदीप धनखड़ और विपक्ष से है मार्ग्रेट आल्वा। तो चलिए जानते है दोनो उपराष्ट्रपति उमीदवारो के बारे में|
वकील से राज्यपाल और फिर उपराष्ट्रपति उम्मीदवार
वेस्ट बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। उनका जन्म राजस्थान के जिला झुंझुनू के गांव किठाना में गोकल चंद 18 मई 1951 को हुआ। यह राजस्थान हाईकोर्ट बार असोसीएशन के भी प्रेसिडेंट रह चुके है।
धनखड़ ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनता दल से की थी। धनखड़ 1989 में झुंझनुं से सांसद बने थे और उन्हें 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि जब 1991 में हुए लोकसभा चुनावों में जनता दल ने जगदीप धनखड़ का टिकट काट दिया तो वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और अजमेर के किशनगढ से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1993 में चुनाव लड़ा और विधायक बने। 2003 में उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ और वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 70 साल के जगदीप धनखड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया था।
कौन है मार्ग्रेट आल्वा ?
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के बेहद क़रीब रही आल्वा को विपक्ष उपराष्ट्रपति पद के लिए उतारा है। यह घोषणा बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए द्वारा बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपना उम्मीदवार घोषित करने के एक दिन बाद आई है। यह फैसला एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में लिया गया है। संसद की वर्तमान संख्या 780 में से अकेले भाजपा के पास 394 सांसद हैं, जो बहुमत के 390 से अधिक है। साल 1999 में पहली बार आल्वा सांसद चुनी गयी थी। इसके बाद 5 बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता।
6 अगस्त 2009 को मार्गरेट अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं थी । जिसके बाद वो राजस्थान, गुजरात और गोवा की राज्यपाल भी रहीं। मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मैंगलोर में एक रोमन कैथोलिक परिवार में हुआ था। उन्होंने माउंट कार्मेल कॉलेज, बैंगलोर से बीए की डिग्री और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बैंगलोर से कानून की डिग्री प्राप्त की थी।