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दिल्ली में पहली बार होगा G-20 शिखर सम्मेलन 2023, क्यूं है ख़ास?

G-20

दिल्ली में होने वाले की G-20 शिखर सम्मेलन 2023 की तैयारियां जोरों पर है। जहां एक और शहर को सजाने पर बोल दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर ट्रेन हवाई उड़ान सेवाओं में व्यवधान, जैसी समस्या को देखने को मिल रही है।

 

देश की धड़कन कहे जाने वाली दिल्ली 9 और 10 सितंबर को होने वाले मेगा इवेंट के लिए तैयार है। राष्ट्रीय राजधानी की सड़के रोशनी, कोडिंग और पौधों की हरियाली से सजी हुई है तो दूसरी तरफ शहर की दिल कनॉट प्लेस और दक्षिणी दिल्ली के आसपास गाड़ियों की गतिविधि में हो गई है, जगह-जगह फव्वारे लगाए गए जो शहर के आकर्षण को बढ़ा रहे हैं। दिल्ली की रौनक अभी देखने लायक है हर गली इस समय जगमगा रही है और दिल खोलकर G-20 शिखर सम्मेलन 2023 का धन्यवाद ज्ञापन कर रही है।

 

यह इतिहास में पहली बार होगा जब भारत 20 देश के समूह जिसे G-20 के नाम जाना जाता है, की मेजबानी करेगा। बता दें कि भारत के अलावा G-20 समूह में शामिल देश – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली, इंडोनेशिया, भारत, इटली, जापान, कोरिया, गणराज्य, मेक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, तुर्की, यूके, यूएस और यूरोपीय संघ है। G-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी पूरी शिद्दत से चल रही है, जिसमें केंद्र और राज्य की आम आदमी पार्टी दोनों सरकारों ने दिल्ली के सौंदर्यीकरण का कार्यभार संभाला है।

 

आईए जानते हैं क्यों महत्वपूर्ण है G-20?

G-20
Importance of G-20

ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी यानी G-20 में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। जिसमें सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर, वैश्विक वास्तुकला सहित शासन को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

G-20 कब अस्तित्व में आया?

G-20
G-20 History

G-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी।

 

2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर G20 को राज्य/सरकार के प्रमुखों के स्तर तक उन्नत किया गया था, और 2009 में, इसे “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच” नामित किया गया था।

 

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G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक घूर्णनशील राष्ट्रपति पद के नेतृत्व में आयोजित किया जाता है। जी20 ने शुरू में बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन बाद में इसने अपने एजेंडे का विस्तार करते हुए अन्य बातों के साथ-साथ व्यापार, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार विरोधी को भी शामिल किया है।

 

G-20 सदस्य देश कौन से हैं?

G-20
G-20 Countries

G-20 में फिलहाल 19 देश जिसमें (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, कोरिया गणराज्य, जापान, इटली, इंडोनेशिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मेक्सिको, तुर्की, यूनाइटेड अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल है। G-20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो तिहाई भाग प्रतिनिधित्व करते हैं।

 

G-20 की कार्यप्रणाली/कार्य प्रक्रिया-

G-20 प्रेसीडेंसी 1 वर्ष के लिए G-20 एजेंडा का संचालन करती है और शिखर सम्मेलन की मेजबानी करती है। भारत को 1 दिसंबर 2022 में G-20 के अध्यक्षता मिली और अब उसने G-20 के अध्यक्षता ब्राजील को सऊदी है। बता दे कि भारत से पहले अध्यक्षता इंडोनेशिया के पास थी जिसे 2022 में G-20 प्रेसीडेंसी भी जीती थी।

 

G-20 में दो समानांतर ट्रक शामिल है: फाइनेंस ट्रैक और शेर पर ट्रैक। वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वित्तीय ट्रक का नेतृत्व करते हैं तो वहीं शहर का वित्त ट्रक के बाद शहर का नेतृत्व करते हैं।

 

भारत में G-20 शिखर सम्मेलन कार्यक्रम और स्थापना विवरण

 

दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 दिसंबर को दो-तीन दिन आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 20 सदस्य देशों सहित 40 देश के नेता और प्रतिनिधि शामिल होंगे। G20 शिखर सम्मेलन प्रगति मैदान के हत्या आधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा।