मंगलवार, 16 दिसंबर 2025 की सुबह मथुरा(Mathura) जिले में यमुना एक्सप्रेसवे(Yamuna Expressway Accident) पर एक भयानक सड़क हादसा हुआ। इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए। कई वाहनों की श्रृंखलाबद्ध टक्कर के बाद आग लगने से यह त्रासदी और भी विनाशकारी हो गई।
माइलस्टोन 127 पर क्या हुआ?
यह दर्दनाक घटना सुबह करीब 4:30 बजे एक्सप्रेसवे के आगरा-नोएडा कैरिजवे पर माइलस्टोन 127 के पास घटी। घना कोहरा और शून्य के बराबर दृश्यता ने इस भयावह दुर्घटना की नींव रखी। यह इलाका बलदेव पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सबसे पहले तीन यात्री कारें अत्यधिक कम दृश्यता के कारण आपस में टकरा गईं। कुछ ही क्षणों में, सात बसें। जिनमें एक राज्य रोडवेज की बस और छह निजी स्लीपर कोच शामिल थे। पहले से क्षतिग्रस्त वाहनों से जा टकराईं।
आग की भयावहता और आपातकालीन प्रतिक्रिया
जोरदार टक्कर के कारण तुरंत आग लग गई जो तेजी से सभी दस वाहनों में फैल गई। लपटों ने बसों और कारों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे फंसे यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

आपातकालीन सेवाओं ने तुरंत घटनास्थल पर कार्रवाई की:
- 11 फायर टेंडर मौके पर भेजे गए
- अग्निशमन दलों ने आग बुझाने में कड़ी मेहनत की
- एंबुलेंस ने घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया
- पुलिस कर्मियों ने यातायात प्रबंधन और बचाव अभियान का समन्वय किया
मथुरा(Mathura) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने पुष्टि की कि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और कोई भी गंभीर स्थिति में नहीं है।
मृतकों और घायलों की संख्या
यमुना एक्सप्रेसवे दुर्घटना(Yamuna Expressway Accident) में चार लोगों की जान चली गई जबकि 25 बचे हुए लोगों को विभिन्न प्रकार की चोटें आईं। चिकित्सा दलों ने सभी घायल यात्रियों को तत्काल उपचार प्रदान किया। अधिकारियों ने पुष्टि की कि बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो गया।
प्रभावित बसों में यात्रा कर रहे यात्रियों ने डरावने पलों का वर्णन किया जब टक्कर हुई। एक यात्री ने याद करते हुए बताया कि टक्कर से उनकी नींद खुल गई और बस में हर सीट पर यात्री मौजूद थे।
घना कोहरा: मुख्य कारण
मौसम की स्थिति ने इस त्रासदी में निर्णायक भूमिका निभाई। मथुरा(Mathura) जिले सहित उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों में सोमवार की रात से मंगलवार सुबह तक असामान्य रूप से घने कोहरे की चादर छाई रही। इस वायुमंडलीय स्थिति ने एक्सप्रेसवे पर दृश्यता को गंभीर रूप से कम कर दिया, जिससे चालकों के लिए सड़क की बाधाओं या आगे के वाहनों को देखना अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गया।

एसपी मथुरा ग्रामीण सुरेश चंद्र रावत ने पुष्टि की कि घने कोहरे के कारण कम दृश्यता को बहु-वाहन टक्कर का प्राथमिक कारण पहचाना गया है।
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का तुरंत संज्ञान लिया और प्रत्येक परिवार के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की जिसने अपने प्रियजनों को खो दिया। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को सभी घायलों के लिए इष्टतम चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।
एक आधिकारिक बयान में, सीएम आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और इसे अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान वाहन चालकों द्वारा अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दुर्घटना के बाद सुरक्षा सिफारिशें
अधिकारियों ने यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं:
वाहन चालकों के लिए:
- कोहरे की स्थिति में गति काफी कम करें
- आगे के वाहनों से दूरी बढ़ाकर रखें
- फॉग लाइट्स और हैजर्ड इंडिकेटर्स का उचित उपयोग करें
- पीक फॉग घंटों (आमतौर पर देर रात से सुबह तक) में अनावश्यक यात्रा से बचें
बस संचालकों के लिए:
- सुनिश्चित करें कि चालकों को रात की यात्रा से पहले पर्याप्त आराम मिले
- चरम मौसम के दौरान प्रस्थान को पुनर्निर्धारित करने पर विचार करें
- वाहनों को उचित प्रकाश व्यवस्था से लैस करें
- चालकों के लिए नियमित सुरक्षा ब्रीफिंग आयोजित करें
एक्सप्रेसवे दुर्घटनाओं का ऐतिहासिक संदर्भ
नोएडा से आगरा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे(Yamuna Expressway Accident) पर सर्दियों के महीनों में कई दुर्घटनाएं हुई हैं जब उत्तर भारत में कोहरा एक नियमित घटना बन जाता है। 165 किलोमीटर लंबा यह खंड, हालांकि उच्च गति यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन जब दृश्यता नाटकीय रूप से गिर जाती है तो यह खतरनाक हो जाता है।

पिछली घटनाओं ने बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग को बढ़ावा दिया है जिनमें शामिल हैं:
- अतिरिक्त फॉग डिटेक्शन सिस्टम की स्थापना
- वेरिएबल स्पीड लिमिट डिस्प्ले की तैनाती
- अनिवार्य फॉग-विशिष्ट ड्राइविंग प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन
- यात्रियों के लिए नियमित मौसम-आधारित अलर्ट
यातायात और यात्रा पर प्रभाव
दुर्घटना ने एक्सप्रेसवे पर यातायात प्रवाह को काफी बाधित किया। अधिकारियों ने प्रभावित कैरिजवे पर आवाजाही को अस्थायी रूप से रोक दिया जबकि बचाव अभियान जारी रहा और मलबे को साफ किया गया। जली हुई बसों और क्षतिग्रस्त वाहनों के अवशेषों को हटाने के लिए क्रेन तैनात की गईं।
यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग सुझाव प्रदान किए गए, और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से नियमित अपडेट जारी किए गए ताकि यात्रियों को स्थिति के बारे में सूचित रखा जा सके।
Yamuna Expressway Accident से मुख्य सीख
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना राजमार्गों पर खराब दृश्यता स्थितियों से होने वाले खतरों की एक कठोर याद दिलाती है। घने कोहरे, तेज गति यातायात और देरी से प्रतिक्रिया समय के संयोजन ने आपदा के लिए एक आदर्श स्थिति बनाई।

आगे बढ़ते हुए, बेहतर बुनियादी ढांचे, सुरक्षा प्रोटोकॉल के सख्त प्रवर्तन और अधिक जन जागरूकता से जुड़ा बहुआयामी दृष्टिकोण यमुना एक्सप्रेसवे(Yamuna Expressway Accident) और भारत भर के अन्य प्रमुख रोडवेज पर इसी तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए आवश्यक होगा।
निष्कर्ष
मथुरा(Mathura) में यमुना एक्सप्रेसवे दुर्घटना(Yamuna Expressway Accident) मौसम-उपयुक्त ड्राइविंग व्यवहार के महत्व के लिए एक गंभीर प्रमाण के रूप में खड़ी है। जैसे ही परिवार अपने नुकसान का शोक मनाते हैं और घायल पीड़ित ठीक होते हैं, इस घटना को चुनौतीपूर्ण मौसम स्थितियों के दौरान भारत के राजमार्गों को सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कार्रवाई को प्रेरित करना चाहिए।
यात्रियों से आग्रह किया जाता है कि वे गति पर सुरक्षा को प्राथमिकता दें, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों में जब उत्तरी राज्यों में प्रमुख एक्सप्रेसवे पर कोहरा नियमित रूप से दृश्यता को प्रभावित करता है।


