Red Fort Blast: 10 नवंबर 2025 की शाम दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास एक तेज़ और विनाशकारी कार धमाका हुआ। शुरुआती रिपोर्ट्स में यह हादसा सिर्फ दुर्घटना बताया गया था, लेकिन अब शुरुआती जांच खुलासा कर रही है कि यह संभवतः एक सुनियोजित आतंकवादी हमला था।
घड़ी-दिखाए गए CCTV फुटेज से हुआ खुलासा
जांच एजेंसियों को घटना के CCTV फुटेज मिले हैं, जिनमें यह देखा गया कि हुंडई i20 कार दोपहर लगभग 3:19 बजे ही सुनहरी मस्जिद (Sunehri Masjid) के पास पार्किंग में अंदर आई थी।
करीब तीन घंटे तक कार वहीं खड़ी रही, और शाम 6:48 बजे वह पार्किंग से बाहर निकली। चार मिनट बाद, 6:52 बजे, सुभाष मार्ग पर रेड लाइट के पास धमाका हुआ।
इस घटना ने यह संकेत दिया कि ड्राइवर धीमी गति से ट्रैफिक में था। यह “आत्मघाती हमले” (फिदायीन) का एक मुमकिन एंगल है।
DNA जांच से पहचान: डॉक्टर उमर नबी संदिग्ध ड्राइवर

प्रारंभिक जांच में यह शक किया गया था कि कार में विस्फोटक था और ड्राइवर जान बूझकर यह साजिश रचा रहा था।
बाद में अलग-अलग फॉरेंसिक सैंपल लिए गए और डीएनए मैचिंग की गई। जांच में यह पुष्टि हुई कि डॉ. उमर नबी (पुलवामा, जम्मू-कश्मीर) ही उस i20 का ड्राइवर था।
NDTV समेत अन्य रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी माँ और भाई के डीएनए सैंपल्स को विस्फोट स्थल पर मिले अवशेषों (हड्डियाँ, दांत, कपड़े के टुकड़े) से मैच किया गया।
उमर नबी का लिंक कथित “डॉक्टर मॉड्यूल” से भी जोड़ा गया है, जिसमें डॉक्टरों का एक नेटवर्क था, और कथित तौर पर यह मॉड्यूल Jaish-e-Mohammed (JeM) से जुड़ा था।
मस्जिद के पास तीन घंटे रहकर किया गया बम विस्फोट

जैसा कि CCTV फुटेज दिखाता है, धमाके से पहले कार Sunehri Masjid की पार्किंग में लगभग तीन घंटे तक खड़ी रही।
इसका संकेत है कि हमला सिर्फ तात्कालिक नहीं था। बल्कि ड्राइवर ने किसी संकेत या “आदेश” का इंतजार किया हो सकता है, या लक्ष्य हासिल करने की रणनीति बनाई गई हो। शुरुआती जांच में संकेत है कि यह IED (Improvised Explosive Device) ब्लास्ट हो सकता है।
Red Fort Blast: जांच में JeM लिंक और विस्फोटक मॉड्यूल

पुलिस और जांच एजेंसियों को उस नेटवर्क के सुराग मिले हैं जिसमें Faridabad, लखनऊ और दक्षिण कश्मीर से जुड़े लोग हैं। यह मॉड्यूल कथित रूप से डॉक्टरों का नेटवर्क था।
कुछ डॉक्टरों को JeM से जोड़कर देखा जा रहा है, और कहा जा रहा है कि उन्होंने रसायन, विस्फोटक सामग्री और अन्य संसाधन जुटाने में भूमिका निभाई हो। जाँच में लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक (जैसे अमोनियम नाइट्रेट) जब्त किए गए थे।
सरकार का रुख और हाई अलर्ट

घटना के बाद दिल्ली-एनसीआर, विशेषकर संवेदनशील इलाकों में, सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केन्द्रीय सरकार ने इसे एक आतंकवादी हमला (terror act) घोषित कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि “हर एक दोषी का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।” जाँच का अधिकार NIA (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) को सौंपा गया है, और उन्होंने कई टीमों का गठन किया है।
आगे की जांच और संभावित साजिश

एनआईए अब इस पूरे मॉड्यूल की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। न सिर्फ उमर नबी तक, बल्कि उनकी “हैंडलर्स” तक भी।
जांच एजेंसियां यह देख रही हैं कि क्या यह हमला एक विस्तृत आतंकी साजिश का हिस्सा था, जिसमें भविष्य में और हमले की योजना बनाई गई थी।
एक दिलचस्प (और चिंताजनक) बिंदु यह है कि पुलिस को ड्राइवर को हमले से पहले वित्त पोषण मिला था। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डॉ. उमर नबी और अन्य साथी डॉक्टरों के बीच 20 लाख रुपये की वित्तीय लड़ाई भी हुई थी।
साथ ही, जांच यह भी कर रही है कि क्या यह हमला विशिष्ट तारीख या संदेश के साथ जुड़ा था। कुछ शुरुआती दावों में कहा गया है कि संदिग्धों ने 6 दिसंबर की तारीख को अगले हमले के रूप में चिह्नित किया था।


