राष्ट्रपति- राष्ट्र सेवक
राष्ट्रपति एक देश की अहम कड़ी होती हैं। पूर्व राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा हो चुका हैं जिसके बाद बारी आती हैं अगले राष्ट्रपति चुनाव की।. आज देश के अगले राष्ट्रपति चुनाव के मतदान की प्रक्रिया पूरी हुई। यह प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चली जिसमे देश के लगभग 4800 निर्वाचित सांसद और विधायकों ने हिस्सा लिया। पीएम नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा कई सांसद और केंद्रीय मंत्री ने वोट डाला।
उम्मीदवारों के बीच युद्ध
राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला है। वोटों का गणित देखे तो द्रौपदी मुर्मू की जीत पक्की मानी जा रही है। अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनती हैं तो वह आदिवासी समुदाय की देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली शख्सियत होंगी। मतदान के बाद सभी राज्यों से मत पेटियां दिल्ली लाई जाएंगी और 21 जुलाई को वोटों की गिनती के बाद देश के नए राष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी को लेकर जिस तरह से विपक्ष ने शुरू में एकजुटता दिखाने की कोशिश की थी वह बिखरती हुई नजर आई। चुनाव से पहले विपक्ष खुद मान रहा था कि सत्ता पक्ष की जीत निश्चित है। दरअसल, बीजेपी ने मुर्मू के रूप में महिला और ट्राइबल दोनों ही कार्ड खेलकर कई राज्यों में विपक्ष को धर्मसंकट में डाल दिया।इसलिए कई विपक्षी दलों ने धीरे-धीरे खुद को इस मुहिम से दूर करना शुरू कर दिया। लेकिन अब चुनाव के बाद सबको मुर्मू का पलड़ा ही भारी दिख रहा हैं।
पद के लिए उम्मीदवारों के बीच वोटों की लड़ाई
मतदान के दौरान ऐसे खबरें आईं कि कांग्रेस, एनसीपी और समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं ने भी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है। बताया जा रहा है कि गुजरात में एनसीपी, यूपी में समाजवादी पार्टी और ओडिशा में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है। अगर ये खबरें सही हैं तो मूर्मू की जीत और भी एकतरफा हो सकती है।
हालांकि यशवंत सिन्हा ने भी मतदान से पहले बीजेपी समेत सभी दलों के सांसदों-विधायकों से अपील की थी कि वे दलीय आधार पर मतदान करने की बजाय उनके पक्ष में वोट डालें। अब 21 जुलाई को साफ हो ही जायेगा की मुर्मू या यशवंत दोनो में से किसने राष्ट्रपति पद पर अपनी धाक जमाई हैं।