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Jai Shankar and Annalena Baerbock talk: आज चीन से संबंध और रूस-यूक्रेन युद्ध पर होगी चर्चा!

जयशंकर और बेयरबॉक

Jai Shankar and Annalena Baerbock talk: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जर्मनी की विदेश एनालेना बेयरबॉक के बीच (सोमवार) होने वाली वार्ता में चीन के साथ भारत के संबंध और यूक्रेन पर रूस के युद्ध के नतीजों पर चर्चा होने की संभावना है. बेयरबॉक दो दिवसीय यात्रा पर आज सुबह दिल्ली पहुंचेंगी. जर्मनी के दूतावास द्वारा जारी एक बयान के अनुसार,

बेयरबॉक ऐसे वक्त में भारत की यात्रा कर रही हैं, जब यूक्रेन पर रूस के युद्ध के वैश्विक नतीजे सामने आ रहे हैं.बर्लिन में जर्मनी के संघीय विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि दो दिवसीय यात्रा के दौरान तेल, कोयला और गैस के अलावा ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भी बातचीत की जाएगी. दूतावास ने कहा, भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के साथ बेयरबॉक की वार्ता में चीन के साथ भारत के संबंधों के साथ ही यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और उसके नतीजों पर चर्चा किए जाने की संभावना है, उदाहरण के लिए ऊर्जा क्षेत्र में.

एनालेना बेयरबॉक से फोन पर कि बातचीत।

हालांकि इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 22 अक्टूबर को अपनी जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी. इसमें यूक्रेन संघर्ष सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी. जर्मनी की विदेश मंत्री की ओर से ही यह कॉल की गई थी.

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यूक्रेन संघर्ष पर  हुई चर्चा

एस. जयशंकर ने ट्वीट किया था, कि जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई. हमारे द्विपक्षीय संबंधों, सतत विकास और यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की. बात जारी रखने के लिए उन्होंने सहमति जतायी.

Dr. S. Jaishankar on Twitter: “A wide ranging conversation today with FM @ABaerbock of Germany. Took forward our frequent exchanges, this time in greater detail.Reviewed our bilateral ties and shared perspectives on a number of important regional and global issues.

जम्मू कश्मीर पर क्या दिया था बयान?

पाकिस्तानी विदेश मंत्री के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर पर बेयरबॉक की टिप्पणियों को लेकर भारत के कड़ा विरोध जताए जाने के करीब दो हफ्ते बाद यह बात हुई थी. जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा था कि उनका मानना है कि विवादों को सुलझाने में दुनिया के हर देश की अपनी भूमिका और जिम्मेदारी है.