अडानी हिंडनबर्ग मामला: भारतीय प्रतिभूती विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा ताजा स्थिति रिपोर्ट पर 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा।
हिंडनबर्ग द्वारा 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई थी। जिसके आने के बाद से ही निवेशकों मे हड़कंप मच गया ,नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली इस रिपोर्ट मे अडानी ग्रुप पर कर्ज और साथ ही गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरो मे हेर-फेर समेत 88 गंभीर आरोप लगाए गए थे।
रिपोर्ट मे आरोप थे कि अडानी के कंपनीयों के शेयर अंडर-वैल्यूड हैं। जिसके रिपोर्ट आने के साथ ही निवेशकों के सेंटीमेंट पर बुरा असर पड़ा। इसके साथ ही शेयर बाजार मे लिस्टेड अडानी कंपनियों के शेयरों मे भारी गिरावट देखने को मिला।
हिंडनबर्ग द्वारा अपनी रिपोर्ट मे यह दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप के शेयर, बाजार मे लिस्टेड प्रमुख कंपनियां 85 फीसदी से अधिक अधिक मुल्यांकित हैं। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पब्लिश होने के अगले दिन से ही अडानी की प्रमुख कंपनियाँ अडानी एंटरप्राइजेज से लेकर अडानी ग्रीन तक के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिले।
अडानी कंपनियों पर हिंडनबर्ग के रिपोर्ट का प्रभाव
हिंडनबर्ग के रिपोर्ट जारी करने के बाद गौतम अडानी के नेटवर्थ पर नज़र डाली जाए। तो पता चलेगा की सितंबर 2022 मे गौतम अडानी की नेटवर्थ 150 अरब डॉलर थी और वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों मे से दूसरे नंबर पे थे।
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2023 मे अडानी के संपति मे 60 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिला। इसके साथ ही अडानी ग्रुप की मार्केट कैप भी घट कर 100 अरब डॉलर के नीचे पहुँच गया।
हिंडनबर्ग के रिपोर्ट का असर अडानी ग्रुप के दूसरी कंपनियों के साथ हुए डील पर भी देखने को मिली जो उनके हाथों से निकल गयी, जिसमे अडानी पावर और डीबी पावर के बीच हुए 7000 करोड़ रुपए की डील भी शामिल है।
क्या है हिंडनबर्ग?
हिंडनबर्ग एक इंवेस्टमेंट फर्म होने के साथ ही शॉर्ट सेलिंग कंपनी है। अगर कंपनी की प्रॉफाइल पर एक नज़र डाली जाए तो यह एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर है। शॉर्ट सेलिंग के जरिये ये अरबो रुपए की कमाई करता है इसका मुख्य काम शेयर मार्केट, क्रेडिट, और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना है। इस रिसर्च के जरिए कंपनी ये पता लगाती है कि क्या स्टॉक मार्केट मे कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा फेरी तो नहीं हों रही? कहीं बड़ी- बडी कंपनियां अपने फायदे के लिए मिस-मैनेजमेंट तो नहीं कर रही है? कोई कंपनी अपने फायदे के लिए गलत तरह से शेयर मार्केट में गलत तरह से बेट लगाकर नुकसान तो नही पहुंचा रही? सब बिंदुओं पर गहन रिसर्च के बाद कंपनी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उसे पब्लिश करती हैं।
शॉर्ट सैलिंग एक ट्रेंडिंग या इंवेस्टमेंट रणनीति हैं, इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटीज खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है, जिससे उसे काफी फायदा होता है।
अडानी हिंडनबर्ग मामले की नई जानकरी
अडानी हिंडनबर्ग मामले मे सुप्रीम कोर्ट 15 सितंबर को भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा दायर नई रिपोर्ट पर विचार करेगा। 15 सितंबर को सीजेआई डिवाई चंद्रचुड की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर सकती है 25 अगस्त को बाजार नियामक ने एक नई स्थिति रिपोर्ट मे कहा है की उसने शीर्ष अदालत के आदेशों के अनुपालन मे 24 मामलो की जांच की जिसमे बताया गया की सेबी अडानी हिंडनबर्ग मे जांच के आधार पर उचित कारवाई करेगा। युक्त 24 जांचों मे से 22 अंतिम प्रकृति की है और 2 अंतरीम प्रकृति की है।