12 जून 2025 को, अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया(Air India) की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ के मात्र 98 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई 2025 को 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें इस विनाशकारी घटना के क्रम, दोनों इंजनों के अचानक बंद होने, राम एयर टरबाइन (RAT) की तैनाती, और मेडे कॉल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यह लेख प्रमुख निष्कर्षों, जांच प्रक्रिया और अनुत्तरित सवालों पर प्रकाश डालता है।
98 सेकंड की त्रासदी: घटना का समय-क्रम
AAIB की रिपोर्ट में फ्लाइट AI171 के अंतिम क्षणों का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। यह विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 12 जून 2025 को दोपहर 1:38:39 बजे (08:08:39 UTC) उड़ान भरा था। विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। इसके बाद की घटनाएं इस प्रकार हैं:

1. 13:38:42 IST (08:08:42 UTC): दोनों इंजनों (इंजन 1 और इंजन 2) के फ्यूल कटऑफ स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ स्थिति में चले गए, जिससे इंजनों को फ्यूल सप्लाई बंद हो गई। इस अचानक बंद होने से विमान की गति तेजी से कम हुई और वह नीचे की ओर गिरने लगा। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “तुमने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया?” जिसका जवाब था, “मैंने नहीं किया,” जो कॉकपिट में भ्रम की स्थिति को दर्शाता है।
2. 13:38:47 IST (08:08:47 UTC): आपातकालीन बिजली प्रणाली, राम एयर टरबाइन (RAT), स्वचालित रूप से चालू हो गई ताकि आवश्यक सिस्टम को बिजली मिल सके।
3. 13:38:52 IST (08:08:52 UTC): इंजन 1 का फ्यूल कटऑफ स्विच पांच सेकंड बाद फिर से ‘RUN’ स्थिति में डाला गया, जिससे इंजन में रिकवरी के संकेत दिखे। दो सेकंड बाद, ऑक्सिलियरी पावर यूनिट (APU) का इनलेट डोर ऑटो-स्टार्ट लॉजिक से खुलने लगा। हालांकि, इंजन 2 पूरी तरह रिकवर नहीं हो सका।
4. 13:39:05 IST (08:09:05 UTC): एक पायलट ने “मेडे, मेडे, मेडे” कॉल की, जो आपात स्थिति का संकेत था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने कॉल साइन की पुष्टि मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
5. 13:39:11 IST (08:09:11 UTC): विस्तारित एयरफ्रेम फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) ने रिकॉर्डिंग बंद कर दी, जो उस समय को दर्शाता है जब विमान रनवे से लगभग 0.9 नॉटिकल मील दूर मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 241 लोग मारे गए, केवल एक यात्री, विश्वकुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच पाया, और जमीन पर 19 लोग भी हताहत हुए।
विमान सबसे पहले पेड़ों से टकराया, फिर सेना के मेडिकल कॉर्प्स परिसर की चिमनी से, और अंत में बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की उत्तर-पूर्वी दीवार से टकराया। मलबा शुरुआती टक्कर बिंदु से 293 फीट के दायरे में बिखर गया।
ब्लैक बॉक्स की बरामदगी और जांच

हादसे की जांच तुरंत शुरू हुई, और महत्वपूर्ण साक्ष्य निम्नलिखित समय पर बरामद किए गए:
1. 13 जून 2025: फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR), जो ब्लैक बॉक्स का एक हिस्सा है, संभवतः क्रैश साइट पर एक इमारत की छत से बरामद किया गया।
2. 16 जून 2025: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) मलबे से प्राप्त हुआ। दोनों ब्लैक बॉक्सों को 24 जून को भारतीय वायु सेना (IAF) के विमान से दिल्ली लाया गया।
3. 24-25 जून 2025: FDR दोपहर 2 बजे AAIB लैब, दिल्ली पहुंचा, और CVR शाम लगभग 5:15 बजे पहुंचा। 24 जून से डेटा निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई, और 25 जून को FDR से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) सुरक्षित निकाला गया, जिससे महत्वपूर्ण उड़ान डेटा प्राप्त हुआ।
ब्लैक बॉक्स डेटा से पता चला कि थ्रस्ट लीवर टेकऑफ स्थिति में थे, फ्लैप सेटिंग 5 डिग्री पर थी, और लैंडिंग गियर नीचे था, जो सामान्य टेकऑफ प्रक्रिया के अनुरूप था। हालांकि, फ्यूल कंट्रोल स्विच, जो क्रैश के बाद ‘RUN’ स्थिति में पाए गए, उड़ान के दौरान अस्पष्ट रूप से ‘CUTOFF’ स्थिति में चले गए थे।
कॉकपिट में भ्रम और तकनीकी खामियां

कॉकपिट ऑडियो से पायलटों के बीच तीखी बहस का खुलासा हुआ, जिसमें एक ने पूछा, “तुमने विमान को क्यों बंद किया?” और दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।” AAIB की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि स्विच किस पायलट ने छुआ या मेडे कॉल किसने की, जिससे क्रू समन्वय पर सवाल उठते हैं। सह-पायलट, जिसके पास बोइंग 787 पर 1,100 घंटे का अनुभव था, विमान उड़ा रहा था, जबकि कप्तान, जिसके पास 8,200 घंटे से अधिक अनुभव था, पर्यवेक्षक की भूमिका में था।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि विमान में पहले स्टेबलाइजर सेंसर में खराबी दर्ज की गई थी, जिसे पिछले क्रू ने नोट किया था और एयर इंडिया की मेंटेनेंस टीम ने उड़ान से पहले ठीक किया था। इससे संभावित तकनीकी खामियों पर सवाल उठते हैं। बोइंग 787 के फ्यूल कंट्रोल स्विच में स्प्रिंग-लोडेड लॉकिंग मैकेनिज्म होता है, जो आकस्मिक हस्तक्षेप को रोकता है, जिससे दोनों इंजनों का एक साथ बंद होना अत्यंत असामान्य है।
एयर इंडिया और बोइंग की प्रतिक्रिया
Air India stands in solidarity with the families and those affected by the AI171 accident. We continue to mourn the loss and are fully committed to providing support during this difficult time.
We acknowledge receipt of the preliminary report released by the Aircraft Accident…
— Air India (@airindia) July 11, 2025
We are in contact with Air India regarding Flight 171 and stand ready to support them. Our thoughts are with the passengers, crew, first responders and all affected. pic.twitter.com/kYrdKyvl7z
— Boeing Airplanes (@BoeingAirplanes) June 12, 2025
A statement from Boeing President and CEO Kelly Ortberg on Air India Flight 171.
Full statement: https://t.co/CtZuIKoa4T pic.twitter.com/9OEkC8RURx
— Boeing Airplanes (@BoeingAirplanes) June 12, 2025
एयर इंडिया ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई। एयरलाइन ने चल रही जांच का हवाला देते हुए रिपोर्ट के निष्कर्षों पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
विमान निर्माता बोइंग ने भी शोक व्यक्त किया और AAIB जांच में सहयोग का वादा किया, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के Annex 13 प्रोटोकॉल के तहत तकनीकी खुलासों को AAIB पर छोड़ दिया। अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) भी जांच में सहायता कर रहे हैं, लेकिन बोइंग 787-8 या GE GEnx-1B इंजनों के लिए तत्काल सुरक्षा सिफारिशें जारी नहीं की गई हैं।
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट के लहजे की आलोचना की, जिसमें पायलट की गलती की ओर झुकाव दिखता है। उन्होंने “निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच” की मांग की।
Air India: अनुत्तरित सवाल और चल रही जांच

AAIB की रिपोर्ट कई सवालों को अनुत्तरित छोड़ती है:
1. फ्यूल कटऑफ का कारण: लॉकिंग मैकेनिज्म के बावजूद फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘CUTOFF’ स्थिति में कैसे चले गए, यह स्पष्ट नहीं है।
2. पायलटों की कार्रवाई: स्विच किसने छुआ या मेडे कॉल किसने की, इस पर स्पष्टता की कमी मानवीय कारकों की जांच को जटिल बनाती है।
3. मेंटेनेंस समस्याएं: स्टेबलाइजर सेंसर की पूर्व खराबी और एयर इंडिया की मेंटेनेंस प्रक्रियाओं पर कुछ विश्लेषकों के आरोपों की गहन जांच जरूरी है।
4. आपात प्रतिक्रिया: क्रैश के पांच मिनट बाद 08:14:44 UTC पर फायर टेंडर भेजा गया, जबकि ICAO Annex 14 में तीन मिनट की प्रतिक्रिया समय की आवश्यकता है, जिससे अनुपालन पर सवाल उठते हैं।
AAIB अगले कुछ महीनों में अंतिम रिपोर्ट जारी करने की तैयारी कर रहा है, जो मूल कारण और सुरक्षा सिफारिशों को स्पष्ट करेगी।
निष्कर्ष
एयर इंडिया फ्लाइट AI171 का हादसा विमानन की जटिलताओं और जोखिमों की कठोर याद दिलाता है। AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट दोनों इंजनों के अचानक बंद होने, कॉकपिट में भ्रम और तेजी से नीचे गिरने की घटना को उजागर करती है। हालांकि ब्लैक बॉक्स डेटा ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है, लेकिन जांच अभी पूरी नहीं हुई है। एयर इंडिया, बोइंग और वैश्विक विमानन प्राधिकरण सच्चाई का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। एकमात्र जीवित बचे विश्वकुमार रमेश और 241 पीड़ितों के परिवार जवाब, जवाबदेही और सुरक्षित उड़ानों की गारंटी के हकदार हैं।