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  • गुजरात में 1 से 5 दिसंबर को वोट; हिमाचल के साथ आएंगे 8 को परिणाम।

    गुजरात में 1 से 5 दिसंबर को वोट; हिमाचल के साथ आएंगे 8 को परिणाम।

    गुजरात में हाई-वोल्टेज विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को, चुनाव आयोग ने आज घोषणा की। हिमाचल प्रदेश चुनाव के साथ ही चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

    बहुप्रतीक्षित घोषणा मोरबी में हाल ही में हुए पुल के ढहने की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें 135 लोग मारे गए थे। दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भयावह त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ मीडिया से बातचीत की शुरुआत की।

    चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, राजपत्र अधिसूचना कब जारी की गई?

    चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, राजपत्र अधिसूचना परसों जारी की जाएगी और चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर है। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 17 नवंबर है। पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होगा जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा।

    पोल पैनल ने किन आरोपो को खारिज करा?

    पोल पैनल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि मतदान में देरी हुई, यह कहते हुए कि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है। श्री कुमार ने कहा कि तिथियों को अंतिम रूप देने से पहले मौसम सहित कई कारकों को ध्यान में रखा गया था।

    मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “शब्दों से ज्यादा काम और नतीजे बोलते हैं। कई बार आयोग की आलोचना करने वाली पार्टियों को चुनाव में चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं। कुछ ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं, लेकिन जब वे उसी ईवीएम से चुनाव जीतते हैं तो वे चुप रहते हैं।“

    गुजरात एक रोमांचक चुनावी मुकाबले के लिए तैयार है, जो अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के राजनीतिक परिदृश्य में प्रवेश के साथ त्रिकोणीय मुकाबला बन सकता है ।

    लगभग 25 वर्षों से राज्य में शासन कर रही भाजपा, मोरबी पुल के ढहने के बाद की भयावह खामियों को उजागर करने के बाद बैकफुट पर है, जिसने भूपेंद्र पटेल सरकार को मुश्किल में डाल दिया हइस साल की शुरुआत में पंजाब में अपनी प्रचंड जीत से उत्साहित आप इस बार गुजरात में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, क्योंकि इसके पहले के प्रयासों में थोड़ी सफलता मिली थी।

    2017 के राज्य चुनावों में कांग्रेस ने भिन्न भिन्न दशकों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

    2017 के राज्य चुनावों में कांग्रेस ने दशकों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके भाजपा के प्रदर्शन में सेंध लगाई थी। हालांकि, सत्ताधारी पार्टी फिर भी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही।

    इस बार, कांग्रेस को आप से भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसने श्री केजरीवाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एक व्यापक अभियान शुरू किया है। हालांकि, सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि उन्हें जीत का पूरा भरोसा है और इसके डोर-टू-डोर अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। पार्टी ने मतदाताओं को आप और असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के खिलाफ चेतावनी दी है, उन्हें भाजपा की “बी टीम” कहा है।

    हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के पास अभी भी एक मजबूत चुनाव तंत्र और व्यापक जनाधार का लाभ है। गुजरात चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई है और भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी कि वह राज्य में जीत हासिल

    एग्जिट पोल में गुजरात चुनाव में बीजेपी की जीत, हिमाचल में कि भविष्यवाणी।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने के बाद गुरुवार को सभी सात एग्जिट पोल ने दिखाया कि भाजपा गुजरात में जीत की ओर बढ़ रही है। अपराध ने पहली भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस इस बार  22 साल से सत्ता में आने से भाजपा को टक्कर दे सकती है।

    गुजरात में विकास, नोटबंदी और रजिस्ट्री को लेकर रोजगार और ग्रामीण संकट तक के मुद्दों पर दोनों तरफ से कटु और सख्त अभियान देखा गया है। अंतिम सप्ताह में व्यक्तिगत हमले हुए, कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर नरेंद्र मोदी को “नीच किसान का आदमी” कहा और प्रधान मंत्री ने ‘पाकिस्तान की मिलीभगत’ का आरोप लगाया।

    मोदी के गृह राज्य गुजरात में होने वाले मोदी की कुछ क्रांतिकारी आर्थिक पूर्वाग्रहों के प्रति प्रतिक्रिया की प्रतिक्रिया की भूमिकाओं पर ध्यान देंगे, जो व्यापार करना कहीं अधिक जटिल बना दिया गया और सहयोग की लागत बढ़ गई। कांग्रेस के लिए, शेयर कभी नहीं जुड़ा – गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की पहली परीक्षा होगी।

    Read – https://newsdiggy.com/indianairforce-transportfleetadvancement-%e0%a4%b8%e0%a5%80-295/

    भारत में ओपिनियन और एग्जिट पोल का इतिहास क्वॉलैक्शन है। जद (यू), राजद और कांग्रेस के महागठबंधन ने 2015 में सभी एक्जिट पोल को गलत साबित कर दिया था क्योंकि इसे बिहार विधानसभा चुनावों में एक तीखे और सीधे तौर पर विजेता घोषित किया गया था।

  • ट्रांसपोर्ट फ्लीट को आधुनिक बनाएगी वायुसेना, सोवियत काल के AN-32 एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे यूरोपीय सी-295

    ट्रांसपोर्ट फ्लीट को आधुनिक बनाएगी वायुसेना, सोवियत काल के AN-32 एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे यूरोपीय सी-295

    आइए विस्तार से जानते हैं।

    भारतीय वायु सेना (IAF) के सोवियत काल के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 की जगह अब यूरोपीय कंपनी एयरबस के सी-295 विमान लेंगे। हालांकि, इन विमानों का निर्माण भारत में ही किया जा रहा है। वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायु सेना अपने परिवहन बेड़े को आधुनिक बनाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत यह अहम बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है।

    वायु सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, सी-295 मध्यम परिवहन विमान को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और यूरोपीय फर्म एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा भारत में निर्मित किया जाएगा। बता दें, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के वडोदरा में सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्लांट की नींव रखी थी।  देश का पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट गुजरात के इसी प्लांट में बनकर तैयार है। 

    सी-295 पर बन रही आम सहमति

    वायुसेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, वायु सेना के इस कदम को 1960 में परिवहन बेडे में शामिल एवरो-748 विमानों के बदलाव के रूप में भी देखा जा रहा है। वहीं, अधिकारियों का यह भी कहना है कि एएन-32 की जगह सी-295 विमान पर आम सहमति बन रही है।

    90 AN-32 का संचालन कर रही वायु सेना

    भारतीय वायु सेना वर्तमान में 90 एएन-32 विमानों को संचालित कर रही है। ये विमान लद्दाख व पूर्वोत्तम समेत देश के कई हिस्सों में तैनात सैनिकों की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वायु सेना के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सी-295 विमान एएन-32 की भूमिकाओं को पूरा करने में सक्षम है और यह एक बेहतर बदलाव साबित हो सकता है।

    96 प्रतिशत होगी भारत की हिस्सेदारी

    बीते साल, सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना ने यूरोप की एयरबस के साथ करार किया था। इस करार के तहत 40 एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में ही टाटा कंपनी के साथ मिलकर निर्माण किया जाना तय हुआ था। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया, एयरक्राफ्ट के निर्माण में 96 हिस्सेदारी भारत की होगी।

    क्या 2026 से 31 तक होगी आपूर्ति?

    रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 के बीच होगी। वहीं पहले के 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे। यह डील पूरी होने के बाद भारतीय वायु सेना C-295 परिवहन विमान की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी।

  • कैलिफोर्निया से पकड़ा गया, सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड गैंगस्टर गिरफ्तार

    कैलिफोर्निया से पकड़ा गया, सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड गैंगस्टर गिरफ्तार

    बड़ी कामयाबी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड मामले में हाथ लगी है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ को भारत की खुफिया एजेंसियों के सूत्रों मुताबिक गिरफ्तार कर लिया गया है। कैलिफोर्निया से सूत्रों के अनुसार गोल्डी बराड़ को गिरफ्तार किया गया है। कैलिफोर्निया में 20 नवंबर को गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को सूत्रों की मानें तो उससे पहले डिटेन कर लिया गया है। हालांकि, भारत सरकार को कोई आधिकारिक जानकारी गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी के बारे में नहीं मिली है। लॉरेंस बिश्नोई का करीबी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ माना जाता है।

    सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर पंजाबी स‍िंगर शुभदीप सिंह सिद्धू को पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सिद्धू मूसेवाला के हत्या करने की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य के गोल्‍डी बराड़ ने ली थी।

    गोल्डी बराड़ पर क्या- क्या आरोप है

    पिछले दिनों इंटरपोल ने गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। बता दें कि सिद्धू मूसेवाला की कनाडा में बैठकर गोल्डी बराड़ ने हत्या की साजिश रची थी, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इस मामले में भी पूछताछ की जा रही है। गोल्डी बराड़ के करीबियों में से एक लॉरेंस बिश्नोई हैं। कॉलेज के समय से ही दोनों साथ में हैं। गोल्डी बराड़ पर कई आरोप है हत्या करना, हत्या की कोशिश करना, साजिश रचने में आपराधिक और हथियारों की तस्करी करने का आरोप है।

    दो करोड़ का इनाम रखे सरकार

    बलकौर सिंह ने बेटे के हत्यारों को न पकड़ पाने पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पिता ने पंजाब सरकार पर सवाल उठाए। बेटे की हत्या करने वाले को सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने गोल्डी बराड़ को सरकार से मांग की है कि उन्हें गिरफ्तार करें।दो करोड़ रुपये का गिरफ्तारी पर इनाम रखा जाए।वह खुद यह इनाम की राशि देने को तैयार हैं। अपनी जमीन ही क्यों ना इसके खातिर चाहे बेचनी पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार दो करोड़ रुपये शुभदीप से टैक्स के रूप में वसूलती थी। उसका टैक्स सरकार को मरने के बाद भी गया। उसके हत्यारों को पकड़ने के लिए अब सरकार को चाहिए कि दो करोड़ रुपये का ईनाम रखा जाए।

    न्याय की खातिर आवाज मेरा बुलंद रहेगा, सिद्धू मूसेवाला के पिता

    गुरुवार को अमृतसर के गांव गुमटाला के नजदीक स्थित सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने गुरुद्वारा साहिब मे एक अखंडपाठ साहिब में आयोजित के लिए शामिल होने पहुंचे थे। वहीं उन्होंने कहा कि खुलेआम उनके बेटे के अभी भी हत्यारे घूम रहे हैं। जब तक सजा नहीं मिलेगी हत्यारों को तब तक वह शांत नहीं बैठेंगे। न्याय की खातिर जबतक आवाज मेरा बुलंद रहेगा तबतक अपने बेटे के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए आवाज बुलंद करते रहेंगे।

    बलकौर सिंह ने कहा कि अपनी प्रत्येक कोशिश अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए वह अंतिम सांस तक जंग जारी रखेंगे। उन्हें चाहे सुरक्षा दे या ना दे सरकार लेकिन बेटे के हत्यारों को जरूर गिरफ्तार करे। पंजाब पुलिस पर बलकौर सिंह ने सवाल उठाया और पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर कहा कि अब हत्यारों को पकड़ने में ढीली हो रही है। इससे पहले भी कई बार सिद्धू मूसेवाला के पिता ने पंजाब पुलिस को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। वीआईपी ट्रीटमेंट देने पर भी लॉरेंस बिश्नोई पर उन्होंने सवाल उठाया था।

    गोल्डी बरार आखिर कौन है

    श्री मुक्तसर साहिब के यहा 1994 में पंजब में जन्मा सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार BA की डिग्री गोल्डी हासिल कर चुका है। छात्र वीजा पर साल 2017 में कनाडा गया था। गैंगस्टर की कैटगरी में गोल्डी A+ है, गोल्डी बरार पर आपराधिक के 16 से अधिक मामलों में तलाश है। और उसे भगोड़ा घोषित कोर्ट ने किया हुआ है। वह तब भारत से कनाडा भाग गया था।

    सिद्धू मूसेवाला की हत्या केसे और कहा हुई

    29 मई को मानसा के गांव जवाहरके में सिद्धू मूसेवाला की इसी साल हत्या कर दी गई थी। यह हत्याकांड जिस समय हुआ, अपनी थार जीप में मूसेवाला सवार होकर कहीं जा रहे थे। उनकी गाड़ी को इसी दौरान छह हमलावरों ने घेर लिया और फायरिंग शुरू कर दी। चार शूटर इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं, और वहीं एनकाउंटर में दो मारे जा चुके हैं।

  • JNU: जेएनयू फिर विवादों में, परिसर में दीवारों पर लिखे ब्राह्मण-बनिया विरोधी नारे, कई संगठनों ने की निंदा

    JNU: जेएनयू फिर विवादों में, परिसर में दीवारों पर लिखे ब्राह्मण-बनिया विरोधी नारे, कई संगठनों ने की निंदा

    देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया विरोधी नारे दीवारों पर लिखे होने की तस्वीरें वायरल हुई हैं। इसके बाद विभिन्न छात्र संगठनों में आक्रोश है। 

    आपको बता दें कि इससे पहले भी JNU कई बार विवादों में रहा है, JNU में 9 फरवरी, 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारे लगाए जाने की घटना ने पूरे देश में उबाल ला दिया था। दरअसल, यह अपने आपमें अनूठी और हैरान करने वाली घटना थी, जिसमें देश में पहली बार इस संस्थान में तथाकथित देश विरोधी नारे लगे।

    वहीं इस प्रकरण में मुख्य आरोपित कन्हैया कुमार, सैयद उमर खालिद व अनिर्बान को बनाया गया था, जबकि स्पेशल सेल ने कुल 90 लोगों को गवाह बनाया था। 

    वहीं 10 वीडियो क्लिप जो फोरेंसिक साइंस लैब में जांच करवाई गईं थी और उन वीडियो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन्हीं वीडियो में देशद्रोही नारे लगाते आरोपियों को देखा गया। कन्हैया कुमार के खिलाफ देश विरोधी नारे का वीडियो पुलिस को नहीं मिला। लेकिन, पुलिस के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारेबाजी की तसदीक कई लोगों ने अपनी गवाही में दी थी। इसके अलावा सबूत और गवाह के तौर पर कार्यक्रम के बैनर पोस्टर स्लोगन, प्रशासन के बयान, सुरक्षा गार्ड, एवीबीपी छात्रों के बयान शामिल किये गए थे।

    फ़िलहाल अब तक मामला अदालत में चल रहा है, और कन्हैया कुमार को छोड़कर बाकि अन्य मुख्य आरोपी अभी भी जेल में हैं।

    दूसरी तरफ इस प्रकरण पर छात्रों ने दावा किया कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-II की इमारत की दीवारें ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ नारेबाजी से भर दी गई हैं। जेएनयू की कुछ दीवारों पर ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो’, ‘खून होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’, ‘ब्राह्मणों, बनियों हम आएंगे। हम बदला लेंगे।’

    अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसके लिए वामपंथियों पर आरोप लगाया! 

    एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि एबीवीपी इसकी कड़ी निंदा करता है। कम्युनिस्टों ने जेएनयू की दीवारों पर ऐसी अभद्र बातें लिखीं। हमें विश्वास है कि शिक्षण संस्थानों को सिर्फ चर्चा और बहस के लिए उपयोग किया जाएगा ना कि समाज और छात्रों के समुदाय में जहर घोलने में। 

    जेएनयू के शिक्षकों के एक संघ ने भी इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया है। संगठन ने इसके लिए ‘लेफ्ट-लिबरल गैंग’ को जिम्मेदार ठहराया है।

    वहीं जेएनयू प्रशासन ने कहा कि कुलपति ने कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों में लिखे गये नारों को गंभीरता से लिया है। डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी को जल्द से जल्द पूछताछ करने और वीसी को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।

    JNU ने एक बयान जारी करते हुए कहा- “प्रशासन परिसर में इस तरह की हरकतों की निंदा करता है। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि JNU सबका है। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी के डीन को जल्द से जल्द जांच करने और वीसी को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। JNU समावेश और समानता के लिए खड़ा है। वीसी कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस को दोहराते हैं।”

    फिलहाल अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किसकी तरफ से दीवारों पर ये आपत्तिजनक नारे लिखे गए। आरोप जरूर लेफ्ट पर लग रहा है, लेकिन स्पष्टता से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

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  • अब भुगतान करना और भी सरल..देश में लॉन्च हुई डिजिटल करेंसी।

    अब भुगतान करना और भी सरल..देश में लॉन्च हुई डिजिटल करेंसी।

    भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने गुरुवार (1 दिसंबर) से खुदरा उपयोगकर्ताओं के लिए भारत की बहुप्रतीक्षित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), एक प्रकार की आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने की घोषणा की है।

    खुदरा सीबीडीसी का उपयोग कौन कर सकता है?

    1 दिसंबर को जो लॉन्च किया गया हैं, वह एक पायलट प्रोजेक्ट का पहला चरण है, जिसमें भाग लेने वाले ग्राहकों और व्यापारियों के एक बंद उपयोगकर्ता समूह (CUG) में चुनिंदा स्थानों और बैंकों को शामिल किया गया, आरबीआई ने कहा है।

    भारत का डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया: यह क्या है और यह कैसे काम करेगा?

    शुरू में चार बैंक – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक – चार शहरों – मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में – कागजी मुद्रा के समान मूल्यवर्ग में डिजिटल टोकन जारी करेंगे, जिसका उपयोग भुगतान और रकम प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

    पायलट शुरू में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर के चार शहरों को कवर करेगा, जहां ग्राहक और व्यापारी डिजिटल करेंसी (ई-आर) या ई-रुपये का उपयोग करने में सक्षम होंगे। इन चार शहरों में डिजिटल मुद्रा के नियंत्रित लॉन्च में चार बैंक शामिल होंगे: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक।

     

    सेवा को बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला शहरों में विस्तारित किया जाएगा। चार और बैंक – बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक – पायलट में शामिल होंगे, आरबीआई ने कहा।

    डिजिटल रुपया क्या है?

    सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी करेंसी नोटों का एक डिजिटल रूप है। डिजिटल करेंसी या रुपया पैसे का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग संपर्क रहित लेनदेन में किया जा सकता है। केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल मुद्रा शुरू करेगा।

     

    सीबीडीसी को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है

    • खुदरा (सीबीडीसी-आर): खुदरा सीबीडीसी संभावित रूप से सभी के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा

     

    • होलसेल (CBDC-W) चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया है।

     

    डिजिटल रुपया और क्रिप्टोकरंसी में अंतर

    क्रिप्टोक्यूरेंसी एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल संपत्ति और ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित विनिमय का एक माध्यम है। हालांकि, यह मुख्य रूप से अपनी विकेंद्रीकृत प्रकृति के कारण विवादास्पद रहा है, जिसका अर्थ है कि बैंकों, वित्तीय संस्थानों या केंद्रीय अधिकारियों जैसे किसी मध्यस्थ के बिना इसका संचालन। इसके विपरीत, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल रूप में एक कानूनी निविदा होगी।

    “डिजिटल रुपया बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से इस मायने में अलग होगा कि यह सरकार द्वारा समर्थित होगा। दूसरे, सरकार के समर्थन के कारण आंतरिक मूल्य होने के कारण, डिजिटल रुपया एक भौतिक रुपये के समकक्ष रखने के बराबर होगा,” प्रोसेट्ज़ एक्सचेंज के संस्थापक और निदेशक मनोज डालमिया ने कहा।

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  • दूसरी तिमाही में हुई धीमी, भारत की जीडीपी की रफ्तार, दुनिया में सबसे तीव्र फिर भी वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था

    दूसरी तिमाही में हुई धीमी, भारत की जीडीपी की रफ्तार, दुनिया में सबसे तीव्र फिर भी वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था

    जीडीपी – देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था को लेकर वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की नए आंकड़े जारी हुए हैं, जो ये बताते हैं कि दूसरी तिमाही में धीमी पड़कर 6.3 प्रतिशत रही. जब की दुनियाभर में आर्थिक मंदी का खतरा मंडरा रहा है वहीं भारत दुनिया में सबसे तीव्र वृद्धि दर हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है

     

    जबकि, अमेरिका और चीन जैसे देशों की विकास दर घट रही है, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के मुख्य रूप से कमजोर प्रदर्शन से वृद्धि दर सुस्त पड़ी है. वहीं भारत की जीडीपी में तेजी बरकरार है. भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट दूसरी तिमाही में यानी जुलाई से सितंबर के बीच 6.3 प्रतिशत रहा है. वहीं नए आंकड़ों क मुताबिक, 2022 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पड़ोसी देश चीन की वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रही है।

    चीन भी नहीं है आसपास, भारत की ग्रोथ रेट के समाने

    अगर वृद्धि दर की बात करें तो भारत की विश्व की सबसे बड़ी दूसरे नंबर पर काबिज चीन अर्थव्यवस्था वाले देशों के मामले में आसपास भी नहीं है। चीन की वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 0.4 प्रतिशत रही है। भारत के मुकाबले में सालाना आधार पर भी वहीं कई अन्य अनुमान बताते हैं कि चीन पीछे रह सकता है।

     

    दूसरी तिमाही में 38.17 लाख करोड़ रुपए 2022-23 जीडीपी की रही

    2022-23 की देश की जीडीपी दूसरी तिमाही में 38.17 लाख करोड़ रुपए रही, एनएसओ के बयान के अनुसार, (2011-12) के अनुसार स्थिर मूल्य पर वास्तविक यानी जबकि 2021-22 की वित्त वर्ष में दूसरी तिमाही में यह 35.89 लाख थी. यह वृद्धि को 6.3 प्रतिशत दर्शाता है. वहीं 2020 की जीडीपी को स्थिर मूल्य पर 33.10 लाख करोड़ रुपए की जुलाई-सितंबर तिमाही में थी।

     

    कोविड-19 लॉकडाउन के महामारी में गिरावट आई थी

    2020-21 की वित्त वर्ष में जीडीपी की दूसरी तिमाही में गिरावट 6.6 प्रतिशत की आई थी. आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के सकल में महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य वर्धन (जीवीए) 5.6 प्रतिशत बढ़कर 35.05 लाख करोड़ रुपये रहा।

     

    जीवीए में वृद्धि दर कृषि क्षेत्र में बढेगी

    जीवीए वृद्धि दर में कृषि क्षेत्र में बढेगी वहीं 4.6 प्रतिशत दूसरी तिमाही में रही, जबकि इसी तिमाही में एक साल पहले यह 3.2 प्रतिशत थी. हालांकि जीवीए वृद्धि दर में विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट 4.3 प्रतिशत की आई जबकि दूसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत की एक साल पहले वृद्धि हुई थी. वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीवीए वृद्धि दर में खनन क्षेत्र में भी 2.8 प्रतिशत चालू घटी जबकि इसी तिमाही में 14.5 प्रतिशत की एक साल पहले वृद्धि हुई थी।

     

    सेवा क्षेत्र में जीवीए वृद्धि दर 14.7 प्रतिशत बढ़ी

    जीवीए वृद्धि दर में सेवा क्षेत्र…होटल, व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाओं में 14.7 प्रतिशत वृद्धि दर रही, जबकि 2021-22 की दूसरी तिमाही में एक साल पहले यह 9.6 प्रतिशत थी. पेशेवर सेवाओं और रियल एस्टेट की वित्तीय में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही जो इससे पहले 6.1 प्रतिशत की थी।

     

    जीवीए वृद्धि दर निर्माण क्षेत्र में घटी

    जीवीए वृद्धि दर निर्माण क्षेत्र में घटकर 6.6 प्रतिशत रही जो 2021-22 की दूसरी तिमाही में एक साल पहले 8.1 प्रतिशत थी. जीवीए वृद्धि आलोच्य तिमाही में अन्य जन-केंद्रित सेवाओं और बिजली, गैस, जल-आपूर्ति की 5.6 प्रतिशत रही जबकि वहीं दूसरी तिमाही में यह एक साल पहले की 8.5 प्रतिशत थी।

     

    दूसरी तिमाही में 65.31 लाख करोड़ का 2022-23 की जीडीपी रहने का अनुमान

    वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर चालू में अन्य सेवाओं, लोक प्रशासन और रक्षा की 6.5 प्रतिशत रही जो वित्त वर्ष की बीते इसी तिमाही में 19.4 प्रतिशत थी. 2022-23 की जीडीपी दूसरी तिमाही में वर्तमान मूल्य पर एनएसओ ने कहा कि 65.31 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, इसी तिमाही में जो 2021-22 की 56.20 लाख करोड़ थी. यानी इसमें वृद्धि 16.2 प्रतिशत की हुई, जबकि इसी तिमाही में एक साल पहले इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

  • IIT Gandhinagar will host a pre-event of the India Internet Governance Forum (IIGF) on December 2nd

    IIT Gandhinagar will host a pre-event of the India Internet Governance Forum (IIGF) on December 2nd

    Open to all, the IIT Gandhinagar virtual event will be accompanied by a host of lectures by renowned experts in the fields of industrial and scientific computer science and engineering, data science, and artificial intelligence (AI).

    New Delhi: 

    The Indian Institute of Technology Gandhinagar (IIT Gandhinagar) will host a pre-session for the India Internet Governance Forum (IIGF) 2022 tomorrow, 2nd December. The India Internet Governance Forum pre-session will run from 3am to 5pm. The theme of his Pre-event IIGF event this year is “Multilingual Internet”. The institute invites computer science students, professionals, researchers, and Internet enthusiasts from around the country to its events. 

    A related statement from IIT Gandhinagar said: According to a statement from IIT Gandhinagar, this virtual and open event will be complemented by several scientific lectures given by eminent experts in field computing. Science and Engineering, Data Science, and Artificial Intelligence (AI) from industry and academia.

    Dr. Ajay Data, Founder and CEO of Data Ingenious Global Limited, gave a lecture on “Universal Acceptance (UA) and its Coverage” and Mahesh Kulkarni, Founder and CTO of Evaris Systems LLP, gave a presentation on “Universal Acceptance – A Basic Requirement for Multilingual Internet”. Professor Rajat Moona, director of IIT Gandhinagar and a leading computer scientist, will deliver a lecture “Empowering Communities through the Internet and Slang,” the statement added.

    Read – https://newsdiggy.com/the-legacy-of-ottomans-returns-to-india-with-its-4th-edition-of-india-international-furniture-fair-iiff/

  • The Legacy of Ottomans returns to India with its 4th edition of India International Furniture Fair (IIFF)

    The Legacy of Ottomans returns to India with its 4th edition of India International Furniture Fair (IIFF)

    Organised by EFEEXIM, and Managed by Trescon, Supported by Association of Furniture Manufacturers & Traders (AFMT), and Association Partners Kreate Cube & New Timber Market Dealers Association (Regd.), the 4th edition of the India International Furniture Fair (IIFF) will pave the way for global brands into the Indian market. The three-day exclusive furniture exhibition will take place on 2nd, 3rd & 4th December 2022, at the International Expo Centre in Noida. 

    Delhi: Thursday, December 1, 2022: India’s biggest & most-exclusive furniture fair will see Ottomans Furniture Manufacturers Association along with the cream of the Turkish furniture manufacturing industry, coming together with their Indian counterparts to set footprints into the burgeoning Indian furniture market.

    The three-day fair taking place from 2nd, 3rd & 4th December 2022, at the International Expo Centre, Noida, will be open for all visitors for free from 9 AM to 6 PM on all three days. IIFF is an excellent platform for facilitating Turkey-India trade relations and it can play an important role in introducing Turkey’s furniture expertise to the Indian market.

    At IIFF, Mr.Osman Aybil Chairman of Inegol Furniture Manufacturer Association, talked at length about the uniqueness of Ottomans furniture’s,”Inegöl has two million square meters production area with the highest production technology, 20 thousand specialist persons and more than 2 thousand producer companies in the furniture sector. Inegöl has the capacity to meet about 40 percent of Turkey’s furniture exports and it exports to 150 countries.”

    Mr. Oguz Gurdamar, Chairman of Efeexim Fze said, “The designs of the Ottomans Empire had a great influence on the Western world. In the 17th century, Western designers began to use Turkish inspiration in their work. In the 18th century, Europe experienced a craze for all things Turkish. The most well-known Turkish style furniture was the Ottomans which was used in various homes and palaces across Europe. Many Westerners were fascinated by the intricate designs and craftsmanship of Turkish furniture.

    Today, Ottomans  furniture is still very popular in the West. What sets us apart from our competitors in Europe and the world is that we make furniture at half the cost without compromising on our very high standards of quality. We see a great potential in India, a fastest-growing major economy, surpassing China in the next 10 years, and IIFF is the platform which will herald our entry into the Indian market.”

    IIFF is the most-coveted and recognized furniture show in the country with an estimated 5,000+ pre-approved physical buyers expected. Especially for Indian furniture & interior businesses, it is an exclusive opportunity to explore over 50+ brands that meet international standards under one roof. People can also discover newly launched products and innovations in the furniture sector, and get industry previews from market leaders and subject matter experts. All of this makes IIFF an ideal place to explore potential business opportunities and collaborations. 

    India’s furniture industry, the 14th largest market in the world, is primarily driven by the tourism, hospitality and corporate sectors. The rise of hotels, shops, offices, co-working spaces and e-marketplaces continues to fuel domestic demand for furniture. 

    The Indian furniture market was worth $17.77 billion in 2020, will surpass $27 billion by 2022 and grow to $37.72 billion by the end of 2026, growing at a double-digit CAGR of 13.37% from 2020 to 2026 is projected to grow. 

    “In the modern scenario, the finest approach to invent something is to combine skill with technology. It has been a boon for the constantly changing demands of the average consumer and has been well understood by the emerging furniture businesses. The world of furniture will always be timeless, regardless of era. The furniture industry has been fusing traditional style in innovative ways that are more functional. This has been the most significant factor to indulge different classes of people together,” Mithun Shetty, CEO, Trescon Global. 

    Visitor’s Profile: 

    • Importers
    • Marketing Managers 
    • Interior Designers 
    • Wholesalers 
    • Retail Chain Stores 
    • Promotional Managers 
    • E-Retailers 
    • Retailers 
    • Institutional Buyers 
    • Distributors 
    • Traders 
    • Bulk Buyers 
    • Proprietors 
    • General Audience 

    Product Categories showcased at IIFF:

    • Furniture 
    • Carpet 
    • Upholstery Fabrics 
    • Curtain 
    • Lighting

    Some of the biggest furniture manufacturers, dealers, importers, exporters, and architects from Turkey & India will grace the IIFF arena. They include:

    About Trescon: 

    Trescon is a global business events and consulting firm specialised in producing highly focused B2B events that connect businesses with opportunities through conferences, road shows, expos, investor connect and consulting services. 

    For more information visit: https://iiffglobal.com/ 

    For further details about the announcement, please contact: Nupur Aswani

    Head – Media, PR, and Corporate Communications, Trescon media

    @tresconglobal.com  

    This story is provided by Trescon. ANI will not be responsible in any way for the content of this article. (NewsDiggy/Trescon)

    This story is auto-generated from a syndicated feed. NewsDiggy holds no responsibility for its content.

    Read – https://newsdiggy.com/elections-nepal-%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82/

  • नेपाल में सत्ताधारी गठबंधन की चुनाव में बढ़त जारी, 148 सीटों के रिजल्ट में 77 पर जीते

    नेपाल में सत्ताधारी गठबंधन की चुनाव में बढ़त जारी, 148 सीटों के रिजल्ट में 77 पर जीते

    नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने शनिवार को नेपाल में संसदीय चुनाव में अपनी बढ़त बनाए रखी. अभी तक 148 सीट के परिणाम घोषित हुए हैं जिनमें से नेपाली कांग्रेस ने 77 सीट पर जीत हासिल की है. देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा की 165 सीट का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान से होता है, जबकि शेष 110 सीट का चुनाव आनुपातिक चुनाव प्रणाली के जरिये होता है।

     

    बहुमत के लिए किसी पार्टी को 138 सीट की जरूरत होती है.

    सदन में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 138 सीट की जरूरत होती है. नेपाली कांग्रेस ने प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली के तहत अकेले 48 सीट जीती हैं. इसके सहयोगी दल सीपीएन-माओवादी सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट ने 16 तथा 10 सीट जीती हैं. लोकतांत्रिक समाजवादी और राष्ट्रीय जनमोर्चा को क्रमश: दो और एक सीट मिली है. ये सभी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं.

    पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल नीत विपक्षी गठबंधन को 46 सीट मिली हैं. सीपीएन-यूएमएल की सहयोगी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी ने क्रमश: पांच और तीन सीट जीती हैं. नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने सात सीट पर जीत हासिल की है. नागरिक उन्मुक्ति पार्टी, नेपाल वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी और जनमत पार्टी को क्रमश: 3, 1 और 1 सीट मिली हैं. निर्द लीय और अन्य को 13 सीट मिली हैं

  • प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस में हुए शामिल

    प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस में हुए शामिल

    आज संविधान दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजीत समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम ने ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया। इसी के साथ अब स्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल एप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट शुरू की गईं।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि 1949 में यह आज का ही दिन था, जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नई भविष्य की नीव डाली थी, इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी विशेष है क्योंकि भारत ने अपने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में कानूनों को सरल बनाया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के प्रस्तावना ही भारत की मूल भावना है। भारत की मजूबत होती अंतरराष्ट्रीय क्षवि के बीच दुनिया हमें उम्मीद की नजरों से देख रही है। यह देश जिसके बारे में कहा जाता था कि वह बिखर जाएगा। आज यह देश पूरे सामर्थ्य से आगे बढ़ रहा है। इन सबके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है।

    हमारे संविधान की प्रस्तावना की शुरुआत में जो ‘वी द पीपुल’ लिखा है, यह शब्द नहीं एक भावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले का दिन भी है। 14 साल पहले भारत जब अपने संविधान का पर्व मना रहा था, उसी दिन मानवता के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया था। मैं इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

    कानूनों को किया जा रहा सरल

    प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के संविधान ने देश की सभी सांस्कृतिक और नैतिक भावना को समाहित किया है। मुझे संतोष है कि आज देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में अपने आदर्शों और संविधान की भावना को मजबूत कर रहा है। देश की माताएं-बहनों का सशक्तीकरण हो रहा है। सामान्य मानवी के लिए आज कानूनों को सरल बनाया जा रहा है। समय से न्याय के लिए हमारी न्यायिक प्रणाली कई कदम उठा रही है। मैं इन प्रयासों के लिए सभी को बधाई देता हूं।

    एक सप्ताह के बाद भारत को क्या मिलने वाली है?

    अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए ही हम देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाते हैं। आज भारत के सामने नित नए अवसर बन रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक सप्ताह के बाद भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने वाली है। यह बहुत बड़ा अवसर है। हम सभी टीम इंडिया के रूप में विश्व में भारत की प्रतिष्ठा को बढाएं। यह हम सभी का सामूहिक दायित्व है। भारत की मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में पहचान है, इसे और सशक्त करना है।

    युवा संविधान को समझें, यह देश की अहम जरूरत

    पीएम ने कहा, युवाओं को देश के संविधान को समझना चाहिए। जब हमारा संविधान बना, तब देश के सामने क्या परिस्थितयां थीं? संविधान सभा की बहसों में उस समय क्या हुआ था? इसकी जानकारी युवाओं को होनी चाहिए। इससे उनकी समझ और बढ़ेगी। उन्होंने कहा, हमारी संविधान सभा में 15 महिला सदस्य थीं। इन महिलाओं के योगदान की चर्चा कम ही हो पाती है। जब युवा इसे जानेंगे तो उन्हें अपने सवालों का जवाब खुद ही मिलेगा। आजादी के अमृत काल में यह भी देश की एक अहम जरूरत है। मुझे आशा है कि संविधान इस दिशा में हमारे संकल्पों को और अधिक ऊर्जा देगा।

    Read – https://newsdiggy.com/rahulgandhi-bombthreatening-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b/