दिल्ली स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन (DSC) ने अपने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन कम्युनिकेशन (PGDPC-31) का उद्घाटन समारोह लोदी गार्डन स्थित एलायंस फ्रांसेज़ सभागार में आयोजित किया। यह समारोह नए छात्रों, फैकल्टी, उद्योग विशेषज्ञों और DSC के पूर्व छात्रों (अलुमनी) के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का एक अनूठा मंच साबित हुआ। इस लेख में हम इस समारोह के मुख्य बिंदुओं और डिजिटल युग में कम्युनिकेशन स्किल्स की महत्ता को SEO-अनुकूल तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं।
डिजिटल मार्केटिंग और पब्लिक रिलेशन: भविष्य की कुंजी
उद्घाटन समारोह में डिजिटल मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशन (PR) और ऑनलाइन प्रेज़ेंस पर गहन चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि आज के डिजिटल युग में व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट ब्रांडिंग के लिए मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य है।
एक वक्ता ने एयरटेल के डिजिटल विस्तार का उदाहरण देते हुए कहा:
“डिजिटल मार्केटिंग में ट्रेंड्स तेजी से बदलते हैं। आज लोकप्रिय ट्रेंड कल अप्रासंगिक हो सकता है। इसलिए लगातार सीखना और अपडेट रहना इस क्षेत्र में सफलता की कुंजी है।”
संघर्ष से सफलता: प्रेरणादायक कहानियां
समारोह में एक महिला वक्ता ने अपनी प्रेरक यात्रा साझा की। हॉस्पिटैलिटी से असंबंधित बैकग्राउंड के बावजूद, उन्होंने डिजिटल कम्युनिकेशन में अपनी पहचान बनाई और आज एक विदेशी कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा:
“आपका अतीत या डिग्री आपकी सफलता को परिभाषित नहीं करती। मेहनत, ईमानदारी और सीखने की ललक के साथ आप किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।”
यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि कम्युनिकेशन स्किल्स और डिजिटल ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती।
प्रैक्टिकल नॉलेज: DSC कोर्स की खासियत
एक युवा वक्ता ने DSC के PGDPC कोर्स स्ट्रक्चर की विशेषताओं पर प्रकाश डाला:
- चार सेमेस्टर: प्रत्येक सेमेस्टर 6 महीने का।
- पहले 4 महीने: थ्योरी (संचार सिद्धांत, डिजिटल मीडिया, मार्केटिंग मूल तत्व)।
- अंतिम 2 महीने: इंडस्ट्री-बेस्ड प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, जिसमें लाइव प्रोजेक्ट्स और असाइनमेंट्स शामिल हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा: “कंपनियां चाहती हैं कि आप पहले दिन से काम के लिए तैयार हों। इसलिए DSC में प्रैक्टिकल नॉलेज पर विशेष ध्यान दिया जाता है।”
कम्युनिकेशन स्किल्स: हर क्षेत्र की जरूरत
वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि कम्युनिकेशन स्किल्स किसी भी प्रोफेशन के लिए आधारभूत हैं। चाहे आप इंजीनियरिंग, आर्ट्स या कॉमर्स से हों, प्रभावी संचार के बिना प्रोफेशनल सफलता संभव नहीं।
“भारत के किसी भी हिस्से से हों, आपकी डिग्री कुछ भी हो, प्रभावी कम्युनिकेशन हर जगह जरूरी है।”
DSC अलुमनी की प्रेरक कहानियां
पहली अलुमनी (कोविड बैच, कोलकाता):
- DSC जॉइन करने से पहले उन्हें PR की बुनियादी जानकारी नहीं थी।
- आज वे एक विदेशी कंपनी में कार्यरत हैं।
- संदेश: “स्पष्ट लक्ष्य, ईमानदारी और मेहनत के साथ कोई भी सपना पूरा हो सकता है।”
दूसरी अलुमनी:
- सफलता का राज़: फोकस और निरंतर प्रयास।
- “लक्ष्य पर ध्यान दें, सफलता निश्चित है।”
निष्कर्ष: डिजिटल युग में तैयारी ही सफलता की गारंटी
DSC का PGDPC-31 उद्घाटन समारोह एक प्रेरणादायक रोडमैप साबित हुआ। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि थ्योरी और प्रैक्टिकल का संतुलन ही छात्रों को इंडस्ट्री में आगे ले जाएगा। डिजिटल मार्केटिंग की तेज गति में लगातार सीखना और अपडेट रहना अब अनिवार्य है।
मुख्य संदेश:
- कम्युनिकेशन स्किल्स हर प्रोफेशन का आधार।
- प्रैक्टिकल नॉलेज इंडस्ट्री में तुरंत काम शुरू करने की कुंजी।