Mirabai Chanu: मीराबाई चानू बन गयी भारत की गोल्डन गर्ल। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने शनिवार को इतिहास रच दिया जब उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता। चानू ने महिलाओं की 49 किलो वेट्लिफ़्टिंग स्पर्धा में कुल 201 किलो भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। विशेष रूप से, संकेत सरगर (सिल्वर) और गुरुराजा (ब्रॉन्ज) के बाद, यह खेल से दिन का भारत का तीसरा पदक है।
मीराबाई चानू – गोल्डन गर्ल
क्लीन और जर्क के पहले प्रयास में चानू ने 109 किलो उठाया था फिर 197 किलो,यानी (109+88) उठाकर चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बना दिया उसके बाद दूसरी कोशिश में मीराबाई ने 113 किलो उठाया। ये कॉमनवेल्थ गेम्स का एक नया रिकॉर्ड है। तीसरे प्रयास में मीराबाई चानू ने 115 किलो का टार्गेट रखा पर वो फाउल लिफ्ट रहा। मीराबाई ने कुल 201 किलो उठाकर इंडिया को पहला गोल्ड मेडल जिता दिया औरआपको बता दे की इससे पहले मीराबाई चानू ने 2018 ऑस्ट्रेलिया कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
क्या कहा पीएम नरेंद्र मोदी ने ?
मीराबाई चानू को बधाई देते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, असाधारण मीराबाई चानू ने एक बार फिर भारत को गौरवान्वित किया है! हर भारतीय इस बात से खुश है कि उसने बर्मिंघम खेलों में एक स्वर्ण पदक जीता और एक नया राष्ट्रमंडल रिकॉर्ड बनाया। उनकी सफलता कई भारतीयों को प्रेरित करती है, विशेषकर नवोदित एथलीटों को। राष्ट्रमंडल खेलों के इस संस्करण में अब तक भारत ने 3 पदक जीते हैं एक स्वर्ण (गोल्ड), एक रजत (सिल्वर) और एक कांस्य(ब्रॉन्ज)।
कैसे मीराबाई चानू ने की करियर की शुरुआत
मीराबाई चानू ने करियर की शुरुआत ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स से शुरु हुई जहां उन्होंने 48 किलो वर्ग में रजत पदक जीता। मीरा ने रियो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया लेकिन किसी भी सफल लिफ्ट के साथ समाप्त नहीं कर सकी। 2017 में उन्होंने एनाहिम, सीए, यूएसए में विश्व वेट्लिफ़्टिंग चैंपियनशिप में महिला वर्ग वेट्लिफ़्टिंग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कुल 194 किलो वजन और 109 किलो क्लीन एंड जर्क वजन उठाकर एक रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक भी जीता।
2019 विश्व वेट्लिफ़्टिंग चैंपियनशिप में, मीराबाई चानू ने कुल 201 किलो भार उठाया, लेकिन चौथे स्थान पर रही। 2021 में, उसने ताशकंद में 2020 एशियाई वेट्लिफ़्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और टोक्यो में 2020 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में चानू ने 49 किलो वर्ग में कुल 202 किलो भार उठाकर रजत पदक जीता।
बड़े–बड़े गट्ठर उठाती थी मीराबाई
मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को भारत के नार्थईस्ट राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फाल में जन्म हुआ था। मीराबाई चानू की माता जी का नाम साइकोहं ऊँगबी तोम्बी लीमा हैं जो दूकान पर काम करती हैं और मीरा के पिता का नाम साइकोहं कृति मैतेई जो लोक निर्माण विभाग में कर्मचारी हैं। ये छोटी उम्र में ही अपने भाई के साथ पहाड़ी क्षेत्रों से लकड़ियों के गट्ठर लाने में मदद करती थी। 12 वर्ष की आयु में यह लकड़ी के बड़े गट्ठर उठाने में सक्षम थी, एक तरह से यह अनौपचारिक रूप से वेट लिफ्टिंग की प्राकृतिक माहौल में प्रशिक्षण ले रही थी।
क्या मिल चुका है खेल रत्न ?
मीराबाई चानू को सम्मानित किया गया है: (i) राजीव गांधी खेल रत्न, भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान (2018) (ii) पद्म श्री, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (2018) ओलंपिक 2020 में रजत पदक जीतने के बाद उन्हें मणिपुर सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये का इनाम भी दिया गया। उन्हें मणिपुर राज्य पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के रूप में भी नियुक्ति दी गई है। उन्हें मणिपुर सरकार की ओर से 20 लाख रुपये और भारतीय रेलवे की ओर से 2 करोड़ रुपये से सम्मानित किया जा चुका है।