देखिये एक बात तो साफ़ है जहां एक तरफ भारत मोदी के नेतृत्व में विश्वगुरु बन कर पूरी दुनिया और अन्य देशो पे कारोबार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में हावी होता नज़र आ रहा है, वही दूसरी तरफ कुछ ऐसे देश भी है जो आये दिन भारत विरोधी गतिविधियों की वजह से चर्चे में बने रहते है। चाहे वो अभी हाली में हुए कनाडा खालिस्तान का मुद्दा हो या फिर आये दिन अमेरिका के अखबारों द्वारा छापे जाने वाला भारत विरोधी आर्टिकल हो, मगर इस बार महज एक सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से इस बार जो मुद्दा छेड़ा है वो सीधा-सीधा पर्यटन उद्योग पे असर डालता है।
पूरा ट्विटर, सोशल मीडिया, अखबार और न्यूज चैनल पे आज हम मालदीव मालदीव पढ़ और देख रहे है। मगर ये मामला शुरू कैसे हुआ और इसके पीछे की असलियत क्या है आज हम इस लेख में समझेंगे।
दरअसल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के राज्यों में दौरा करने से पहले लक्षद्वीप गए थे, और वहा से उन्होंने ने अपने सारे सोशल मीडिया पेज पे कुछ तसवीरें और वीडियो शेयर करके भारतवासियों के लिए लक्षद्वीप को एक पर्यटक स्थल के तौर पर बढ़ावा देते नज़र आये। लेकिन इस पोस्ट के अपलोड होने क बाद ही अचानक से मालदीव के मिनिस्टर ने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी और भारत के लिए आपत्तिजनक टिप्पिणियां पोस्ट करनी शुरू कर दी। नरेंद्र मोदी के इस केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप जाने और से पर्यटक स्थल के तौर पर बढ़ावा देने से मालदीव के इन् नागरिको व् सरकार की नाराज़गी का कारण बताया जा रहा है।
मोदी ने लक्षद्वीप को द्वीप की आश्चर्यजनक सुंदरता का एक प्रतीक बताया और इससे आगे कही ऐसा कुछ नहीं कहा। जिससे ये न लगे की किसी अन्य देश व उसके पर्यटन को निशाना बना रहे है बस, मगर ना जाने कहा से मालदीव के लोग और अधिकारियों ने सोचा कि उनका उपयोग संदर्भ के रूप में किया जा रहा है।
इन टिप्पिणियों की शुरुआत
मोदी के पोस्ट के वायरल होने के बाद मालदीव उपयोगकर्ताओं ने राष्ट्र के रूप में भारत के लिए अपमानजनक नस्लवादी और आक्रामक टिप्पणियों का इस्तेमाल किया। अब आम नागरिको द्वारा इस्तेमाल करना एक समय पे मान भी लिया जाए। मगर ये विवाद हद्द तब पार करता है जब मालदीव सरकार के युवा सशक्तिकरण, शिक्षा और कला की मंत्री मरियम शिउना ने नरेंद्र मोदी को जोकर और इजराइल की कठपुतली बोल दिया। जोकि राजनीतिक तौर पर एक बड़े ही शर्म की बात है। शिउना के एक सहयोगी मालशा शरीफ ने भी ऐसे ही शर्मनाक भाषा का प्रयोग कर मोदी पे और लक्षद्वीप आइलैंड को निशाना बनाने की कोशिश करी।
मगर बहुत सारे मालदीव के समाचार वेबसाइट ने भ्रामक खबरे फैलाने की कोशिश की और भारत सरकार मालदीव के खिलाफ और उसमे हो रहे पर्यटन के खिलाफ ये मुहीम शुरू की और यही नहीं मालदीव के सरकारी और बड़े अधिकारी तो भारत को गोबर देश तक बोल चुके है। वो भी सोशल मीडिया पे और ना जाने ऐसे कितने विवादास्पक, भद्दी और शर्मनाक टिप्पणियां करी। काफी बार तो मालदीव के नेताओ के प्रवक्ताओं द्वारा ये भी झूठ फैलाने की कोशिश की गई। कि लक्षद्वीप भारत का हिस्सा ही नहीं है और लक्षद्वीप भी मालदीव का एक अंग है।
मोदी की तस्वीरो ने छेड़ दी नई जंग
अगर हम सरकारी आकड़ों की माने तो मात्र 2023 वर्ष में मालदीव में सबसे ज़्यादा पर्यटक भारत से गए थे। करीब 2 लाख पर्यटक और आपको पता ही है की मालदीव की आधे से ज़्यादा अर्थव्यवस्था में पर्यटक क्षेत्र का सबसे ज़्यादा योगदान है।
All these images and memes making me super FOMO now ?
Lakshadweep has such pristine beaches and coastlines, thriving local culture, I’m on the verge of booking an impulse chhutti ❤️
This year, why not #ExploreIndianIslands– Shraddha January 7, 2024
भारत की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया
Make the corals of Lakshadweep the canvas of your adventures!?
Book Now! #travelwitheasemytrip #LakshadweepTourism #Lakshadweep #EaseMyTrip
– EaseMyTrip.com January 8, 2024
सबसे पहले तो जवाब में भारत के ट्विटर यूजर्स ने मालदीव न जाने और न घूमने का ऑनलाइन प्रण लिया, और Ease My Trip ने तो मालदीव से जुड़े सारे फ्लाइट्स और होटल्स की सूची को हटा दिया। और बहुत से भारतीयों ने बताया की किस तरीके से भारत मालदीव के बीच के द्विपक्षीय सहयोग से मालदीव में आतिथ्य, सहिष्णुता, शांति और सद्भाव और व्यापार में निवेश इतना सहयोग और योगदान देता है।
Incredible India is not just a tag, our beautiful country has some of the most incredible and stunning locales and #Lakshadweep is an example of it- a heaven like place in India itself! Can’t wait to explore this beautiful Indian island. #ExploreIndianIslands
– Kartik Aaryan January 7, 2024
फिलहाल मोदी के लिए गलत व आपत्तिजनक टिपनियां देने वाले अधिकारिओं और मंत्रिओं को निलंबित कर दिया गया। आज सुबह मालदीव के हाई कमिशन इब्राहिम शाहिब भारतीय विदेश मंत्रालय भी गए थे। उन्हें विदेश मंत्रालय से सम्मन भेजा गया था।