NEWS DIGGY

क्या भारत जोड़ो न्याय यात्रा से मिलेगा अगला देश का पीएम?

भारत जोड़ो न्याय यात्रा

भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब राहुल गाँधी ने बीते रविवार भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आरम्भ कर दिया। इस बार इस यात्रा का आरम्भ मणिपुर से किया गया है। जो असम होते हुए बंगाल के रास्ते झारखण्ड होते हुए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से गुजरात के रास्ते महाराष्ट्र में संपन्न होगी।

 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा क्या है?

इस यात्रा के नाम से ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है। कि भारत जोड़ों न्याय यात्रा यानी भारत को न्याय दिलाना, एक पुकार न्याय के नाम। इस यात्रा के आरम्भ करने का जो स्थान है। मणिपुर की राजधानी इम्फाल से राहुल गाँधी का एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है।

 

क्योंकि अभी हाल ही में हमने मणिपुर में सामुदायिक दंगे देखे। जिस तरीके से विपक्ष सरकार मोदी और भाजपा सरकार पे निशाना सादते हुए कहा जा रहा था। कि मोदी मणिपुर पर ध्यान नहीं दे रहे है, और वहां की संवेदनशील स्थिति को नज़र अंदाज़ कर रहे है।

 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे

ऐसे में मणिपुर से आरम्भ करके एक राजनीतिक उपस्थिति देख के अपने आप को भी उभरते हुए राहुल गाँधी नज़र आए। इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गाँधी के साथ-साथ हमे मलिकार्जुन खरगे, अशोक गेहलोत, सचिन पायलट, जयराम रमेश, डेनिश अली भी नज़र आए।

भारत जोड़ों न्याय यात्रा
Rahul Gandhi

मलिकार्जुन खरगे ने शुरू करने से पहले जनता से बात करते हुए कहा की किस तरीके से भारत वासियों को और ख़ास तौर पर मणिपुर को मोदी ने नज़र अंदाज़ किया है। और उन्हें बहुत दुःख होता है। जब वो राहत शिविर में जाते है। और वह रह रहे लोगो की दयनीय स्थिति देखते है। 

 

ये भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी आर्थिक, अर्धनैतिक, सामाजिक और राजनीतिक संकटो पे प्रशांत डालेगी, और जिस तरीके से भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले राहुल गाँधी ने बतौर नेता अपनी छवि पुख्ता की है। तो उसका परिणाम हमने बीते साल विधान सभा चुनावों में भी देखा।

 

ये भी पढ़ें: भारत जोड़ो यात्रा: कन्याकुमारी में आखिर कितना है उत्साह?

 

क्या भारत जोड़ो न्याय यात्रा से सुधरेगी कांग्रेस की छवि?

हालंकि उसका असर इस बार हुए मध्य प्रदेश की विधान सभा चुनावों में नहीं दिखा पर तब भी एक बार ऐसी यात्रा करने से शायद राहुल गाँधी इस बार हुए विधान सभा चुनावों में हुई हार से अपनी और कांग्रेस की छवि सुधार पाए।

 

हालंकि इस बार भी भाजपा के नेता इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निशाना सादते नज़र आ रहे है। जैसा की उनका कहना है की राहुल गाँधी की राजनीति एक नकारात्मक परिवारवाद की निशानी है और राहुल गाँधी की इस यात्रा में एकता और मुद्दा भी है, वहीं महागठबंधन कितनी सक्रिय रहेगी, या फिर रहेगी भी नहीं?

भारत जोड़ों न्याय यात्रा
Bharat Jodo Nyay Yatra

इस बार मणिपुर की हिंसा, सांसदों के निलंबन, राम मंदिर के नाम पर होने वाली राजनीति, अडानी, अम्बानी का मुद्दा, औरतो के साथ हुए अत्याचार जैसे मुद्दों को भी पुकारेंगे। राहुल गाँधी का ये मानना है। कि इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भारत में शांति और सामंजस्य वापस ला पाएंगे। अगर सारे विपक्ष सरकारें इस यात्रा में अपने-अपने राज्य से जुड़ती है।

 

तो यह महागठबंधन और उनमे होने वाली एकता की एक छोटी मिसाल बन सकती है। सामाजिक इंसाफ के कमी की भी बात की जाएगी, और कल मणिपुर में 12 मिनट के भाषण में भारत में हो रहे अन्याय की बात करी। ख़ास तौर पे बीते कुछ महीनो से मणिपुर में हो रहे अन्याय की।

 

इस दौरान हज़ारो की तादात में लोगो को हुजूम भी उमड़ते देखा गया। उनमे से आधे से ज़्यादा कांग्रेस के कार्य करता शामिल थे। राहुल गाँधी ने राजनीतिक शासन के बुनियादी ढांचे का पूर्ण पतन भी किया। उन्होंने अपने वोटबैंक को बढ़ाने के लिए ख़ास तौर पर अपने भाषण में पिछड़ी जाति, दलित और आदिवासी समुदाय को ध्यान में रखते हुए भाषण दिया।