Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में जारी महाकुंभ में मंगलवार, यानि मौनी अमावस्या के दिन पावन स्नान के दौरान अचानक मची भगदड़ ने सबको सन्न कर दिया है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के इस विशेष दिन अमृत स्नान के लिए देशभर से करोड़ों लोग इस संगम पर जुटे थे। संगम नोज के पास देर रात भगदड़ मच गई। इस हादसे में 30 लोगों की जान चली गई और 90 श्रद्धालु घायल हो गए। आइए जानते हैं इस हादसे से जुड़ी घटनाक्रम की हर एक जानकारी…
प्रयागराज इन दिनों दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर के रूप में सुर्खियों में है। मौनी अमावस्या के मौके पर लगभग आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपनी आस्था अर्पित की। इस दिन की तैयारी एक-दो दिन पहले से शुरू हो गई थी, जब भारी संख्या में लोग संगम पहुंचने लगे थे। अमावस्या के विशेष दिन होने के चलते हर कोई संगम स्नान करना चाह रहा था, और इस वजह से मंगलवार शाम से संगम नोज पर लोगों की भीड़ लगने लगी थी। कई श्रद्धालु तो मध्य रात्रि में ही संगम पहुंच कर वहां आराम करने लगे थे।
इसी बीच रात करीब दो बजे संगम नोज के पास भगदड़ मचने की खबर आई। जिसमें 30 लोगों की जान चली गई, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए जिनका इलाज अभी भी जारी है। आइए, हम जानते हैं इस हादसे के पूरे घटनाक्रम को कैसे और कब ये हादसा हुआ और हादसे के बाद का पूरा रुख…
Mahakumbh में कैसे हुआ हादसा?
मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए संगम घाट पहुंचे थे। प्रशासन ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस दिन लगभग 8 से 10 करोड़ लोग महाकुंभ में शिरकत करेंगे। इसी दौरान घाट पर मौजूद बैरिकेडिंग अचानक टूट गई, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।
डीआईजी महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने बताया कि, “अखाड़ा क्षेत्र में बैरिकेड्स लगे हुए थे, जिनमें से कुछ बैरिकेड्स भीड़ के दबाव में टूट गए। कई श्रद्धालु घाट पर ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार करते हुए लेटे हुए थे, जब अचानक बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाट की ओर बढ़े और नीचे सो रहे लोगों पर चढ़ गए, जिससे यह हादसा हुआ।”
Mahakumbh Stampede के प्रमुख कारण:
1. होल्डिंग एरिया से संगम की ओर भेजे गए लाखों श्रद्धालु: मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए थे, लेकिन पुलिस ने श्रद्धालुओं को रात में ही संगम की ओर भेजना शुरू कर दिया। इससे संगम पर भीड़ जमा हो गई।
2. संगम पर निकासी-प्रवेश का वन-वे प्लान फेल हुआ: संगम पर वन-वे प्लान को सही से लागू नहीं किया गया। इससे लोगों का आना-जाना बना रहा और भीड़ नियंत्रण मुश्किल हो गया।
3. पांटून पुलों को बंद रखना: 30 पांटून पुलों में से 12-13 बंद थे, जिससे श्रद्धालुओं को लंबी दूरी तय करनी पड़ी और संगम पर भीड़ जमा हो गई।
4. प्रशासन की लापरवाही: सड़कों को चौड़ा किया गया था, लेकिन कई सड़कों को बंद रखा गया, जिससे श्रद्धालु थक गए और संगम किनारे ही सो गए। बैरिकेडिंग के कारण भी भीड़ नियंत्रण नहीं हो सका।
5. सीआईएसएफ का देर से पहुंचना: राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात सीआईएसएफ कंपनी को सेक्टर 10 से सेक्टर 3 तक आने में समय लगा, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने कहा, “30 मृतकों में से 25 की पहचान हो चुकी है और घायलों का इलाज मेडिकल अस्पताल में चल रहा है। कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया और कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है। इसकी न्यायिक जांच कराई जाएगी और एक न्यायिक आयोग गठित किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस स्तर पर भी जांच होगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है।”
सीएम योगी और पीएम मोदी की सक्रियता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की और राहत कार्यों में तेजी लाने की दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मदद देने की बात की। सीएम योगी ने भी खुद स्थिति पर निगरानी रखी और घायलों के इलाज, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
घायलों और मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से हादसे की न्यायिक जांच की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
जांच और सुधारात्मक कदम
जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया गया, जिसने घटना स्थल का निरीक्षण किया और सुरक्षा उपायों में सुधार की दिशा में काम करना शुरू किया। इसके साथ ही संगम में भीड़ नियंत्रित करने के लिए नई व्यवस्था की जा रही है। बैरिकेडिंग को और मजबूत किया जा रहा है, और श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए नए मार्ग तैयार किए जा रहे हैं।
भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े सुरक्षा उपाय
हादसे के बाद प्रशासन ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। अब 4 फरवरी तक पूरे मेला क्षेत्र को “नो व्हीकल ज़ोन” घोषित कर दिया गया है।
प्रशासन द्वारा उठाए गए 5 प्रमुख कदम:
1. VVIP गाड़ियों और पास पर रोक: सभी VVIP पास 4 फरवरी तक रद्द कर दिए गए हैं। अब केवल एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम की गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी।
2. वन-वे रास्ते लागू: सभी प्रवेश और निकास मार्गों को एकतरफा किया गया है ताकि भीड़ नियंत्रित हो सके।
3. वाहनों की एंट्री पर रोक: प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
4. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती: मेला क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल बढ़ा दिए गए हैं।
5. बैरिकेडिंग और मार्ग परिवर्तन: भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और यातायात व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं।
Mahakumbh Stampede के बाद अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का स्नान रद्द किया
इस हादसे के बाद सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान को स्थगित कर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “जो कुछ भी हुआ, उसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं होगा। जनहित में यह फैसला लिया गया है।”
चश्मदीदों ने बताई आपबीती
हादसे के दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने प्रशासन की लापरवाही के आरोप लगाए। एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “हमने पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई हमारी मदद के लिए नहीं आया।”
एक अन्य महिला ने कहा, “भगदड़ इतनी तेज़ी से मची कि लोगों को भागने का भी मौका नहीं मिला।”
मेला क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश
प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
1. रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर अतिरिक्त बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
2. सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात सुचारू रखने के लिए पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है।
3. स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है ताकि रास्ते में अवरोध न हो।
4. 3 फरवरी को बसंत पंचमी के ‘अमृत स्नान’ के लिए विशेष सुरक्षा तैयारियां की जा रही हैं।
अब क्या हैं हालात?
प्रयागराज महाकुंभ में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। प्रशासन ने संगम क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है। यहां की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रत्येक सेक्टर और जोन में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी न हो।
पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार का ट्रैफिक जाम न हो और लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।