आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय और सभी एचओडी के कार्यालयों को अमरावती से कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
मंगलवार को आंध्र प्रदेश की राजधानी को अमरावती से बदलकर विशाखापत्तनम कर दिया गया। इसकी घोषणा स्वयं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने करी।
आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य में तीन राजधानी बनाने की पेशकश रखी थी जिसमे अमरावती को स्थान मिला था विधयी राजधानी का, विशाखापत्तनम को स्थान मिला कार्यकारी राजधानी का और कुरनूल को मिला न्यायिक राजधानी का स्थान। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी दिक्षिणी अफ्रीकी मॉडल की तरह तीनों राजधानियों को केंद्रीय स्थान या प्राधिकारी से हटाकर पुनः विभाजित करने के प्रयास में थी आम बोल चाल की भाषा में इसे विकेंद्रीकरण में के सकते हैं।
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कार्यालयों को जल्दी ही विशाखापत्तनम करा जाएगा स्थानांतरित।
मौजूदा राज्य विधानमंडल परिसर गुंटूर जिले के वेलागापुडी में रहेगा और इस क्षेत्र को विधायी राजधानी कहा जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय और सभी एचओडी के कार्यालयों को अमरावती से कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
गुंटूर जिले के नेलापडु में स्थित आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य सीट को भी न्यायिक राजधानी कुरनूल में स्थांतरित किया जाना हैं।
राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन की रजामंदी में, प्रासंगिक बिल जुलाई 2020 में पास किए गए थे। लेकिन बाद में 2021 में निरस्त कर दिया गया और रेड्डी ने कहा कि वो इससे बेहतर बिल पेश करेंगे।
उच्च न्यायालय में इस अधिनियम को किसानों द्वारा चुनौती दी गई। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेके माहेश्वरी ने अपने तबादले से पहले कुछ सुनवाई की अध्यक्षता की। अरूप कुमार गोस्वामी के पदभार ग्रहण करने पर मामला फिर से पटरी पर आ गया। कथित तौर पर, तीन राजधानी वाले प्रस्ताव का विरोध किसानों ने इसलिए किया क्योंकि ग्रीन फ़ील्ड योजना के चलते किसान अपनी भूमि पहले ही सरकार के हवाले कर चुके थे और अब इस योजना के तहत फिर से उन्हें दर था कि उनकी भूमि को फिर से छीन लिया जाएगा।
एचसी ने राज्य सरकार को राजधानी शहर अमरावती विकसित करने का निर्देश दिया
उच्च न्यायालय ने 3 मार्च, 2022 को निर्देश दिया था कि राज्य सरकार छह महीने के भीतर राजधानी शहर अमरावती और राजधानी क्षेत्र का विकास करे। जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में एचसी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद ये बड़ा फैसला आज लिया गया।